Thursday , November 21 2024

देश

IAF के 92वीं वर्षगांठ-कारगिल विजय के 25वें वर्ष का जश्न मनाने कार रैली पहुंची तेजपुर, आज जाएगी तवांग

तेजपुर: वायु वीर विजेता कार रैली, जो भारतीय वायु सेना की 92वीं वर्षगांठ और 1999 के कारगिल संघर्ष में भारत की विजय के 25वें वर्ष का जश्न मना रही है, एयर फोर्स स्टेशन, तेजपुर पहुंची। यहां पहुंचने पर इस टीम का स्वागत स्टेशन कमांडर एयर फोर्स स्टेशन तेजपुर ग्रुप कैप्टन वीके गुप्ता और स्टेशन के अन्य कर्मियों ने किया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अतुल श्रीधरन ने बताया कि यह रैली लद्दाख के थोइसे से अरुणाचल के तवांग तक 7000 किमी की दूरी तय करेगी। इससे पहले रैली पहले 23 को गुवाहाटी पहुंची थी। इसका मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है।

रैली टीम ने 24 अक्टूबर को गुवाहाटी विश्वविद्यालय और 25 को तेजपुर विश्वविद्यालय का दौरा किया। दोनों विश्वविद्यालयों में टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान छात्रों को एयर वारियर्स, आर्मी अधिकारियों और एयर वेटरन्स की टीम से बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। श्रीधरन ने बताया कि इस टीम में एयर वेटरन्स रिटायर ग्रुप कैप्टन आरसी त्रिपाठी वीएम भी शामिल हैं, जो एक पूर्व-पैराजंप प्रशिक्षक हैं। उन्हें एक अनोखा सम्मान हासिल है। उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई की और नेपाल में एवरेस्ट बेस कैंप के पास गोरखशेप (17,500 फीट) पर स्काईडाइव किया। वे प्रत्येक महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाले पहले आईएएफ कर्मी भी हैं, जिन्हें “सेवन समिट्स” के नाम से जाना जाता है।

श्रीधरन ने बताया कि इस रैली में एक अन्य रिटायर्ड अधिकारी, ग्रुप कैप्टन एमके शर्मा भी शामिल हैं, जो एक उत्साही और साहसी हैं, जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान कार और बाइक रैलियों में भाग लिया। कार रैली 26 को अरुणाचल प्रदेश के दिरांग के लिए रवाना होगी और अंततः तवांग में जाकर समाप्त होगी।

दोषियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस का उपयोग क्यों नहीं हो रहा? अदालत का महाराष्ट्र गृह सचिव से सवाल

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के गृह सचिव को यह बताने का निर्देश दिया है कि अदालत में आरोपियों को सबूत दर्ज करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है। जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने सचिव को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

पीठ ने कहा, “महाराष्ट्र के गृह सचिव को एक हलफनामा दाखिल करना चाहिए कि सबूतों की रिकॉर्डिंग और आरोपियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है? हलफनामे में यह भी बताना होगा कि महाराष्ट्र में ऐसी सुविधाएं मौजूद है भी या नहीं? हलफनामे में यह भी बताना पड़ेगा कि अदालतों और जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध करने के लिए कितनी राशि जारी की गई थी?”

सुनवाई के दौरान जब अदालत ने राज्य के वकील से पूछा कि आरोपी को पेश क्यों नहीं किया गया तो वे कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाए। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश एक आरोपी द्वारा याचिका दायर करने के बाद आया। आरोपी ने बताया था कि उसके मामले में सुनवाई 30 बार स्थगित की गई थी, क्योंकि उसे पेश ही नहीं किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के स्कूलों की दयनीय स्थिति पर एनजीओ की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की ओर से मध्यप्रदेश के स्कूलों की दयनीय स्थिति को लेकर दायर की गई याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने एनजीओ को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए स्वतंत्र है। एनजीओ ने अपनी याचिका में खजुराहो जिले के पांच स्कूलों की जर्जर इमारतों सहित खराब स्थितियों को उजागर किया था।

‘दाना’ के कारण बंगाल में अबतक चार की मौत; ओडिशा में डेढ़ लाख एकड़ भूमि पर उपजी फसलें नष्ट

भुवनेश्वर: चक्रवात दाना ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाई मचा दी। कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। पश्चिम बंगाल में चक्रवात के कारण अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि कुल 5,84,888 लोगों को क्षतिग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ये लोग फिलहाल 6,008 चक्रवात आश्रयों में रह रहे हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और दवाओं समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य 10 लाख लोगों को बचाना है। ओडिशा सरकार ने चक्रवात दाना से संबंधित कार्य के दौरान कर्तव्य में लापरवाही और लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में चार अधिकारियों को निलंबित भी किया।

सीएम माझी ने जानकारी दी कि राहत-बचाव शिविरों में स्थानांतरित किए गए 4431 गर्भवती महिलाओं में से 1600 ने बच्चे को जन्म दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा, “4431 गर्भवती महिलाओं में से 1600 ने बच्चे को जन्म दिया। मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हैं। 24 घंटे स्थिति पर नजर रखी जा रही है। भगवान जगन्नाथ की कृपा से हम चक्रवात दाना पर सफलतापूर्वक काबू पा लेंगे।”

10 लाख लोगों को बचाने का लक्ष्य
सीएम मोझी ने बताया कि बालासोर जिले में सबसे अधिक संख्या में लोगों को बचाया गया है। इस क्षेत्र से 1,72,916 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। इसके अलावा मयूरभंज से 100,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। भद्रक से 75,000, जजपुर से 58,000 और केंद्रपाड़ा से 46,000 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 10 लाख लोगों को निकालने का लक्ष्य रखा था। सीएम माझी ने कहा, हमने लगभग सभी को जोखिम वाले स्थान से निकाल लिया है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चक्रवात दाना के लिए राज्य का तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों पर संतुष्टि जताई।

1.75 लाख एकड़ भूमि पर उपजी फसलें नष्ट
चक्रवात दाना के कारण पश्चिम बंगाल में दो और लोगों की मौत हो गई। इसी के साथ मरने वालों की संख्या चार हो गई है। 31 वर्षीय चंदन दास की मौत बिजली के तार को छूने के कारण हुई। शुक्रवार को बिजली के झटके लगने से दो लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार को लगभग 12.05 बजे ओडिशा के केंद्रपाड़ा में भितरकनिका और भद्रक जिले में धामरा के बीच लगभग 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। इस दौरान भूस्खलन भी हुआ।

50-50 करोड़ में विधायकों को खरीदने की कोशिश का आरोप, एनसीपी विधायक को लेकर गरमाई केरल की सियासत

तिरुवनंतपुरम: केरल के वन मंत्री और एनसीपी नेता ए के ससीन्द्रन ने शनिवार को कहा कि पार्टी विधायक थॉमस के थॉमस के खिलाफ लगे आरोपों पर पार्टी नेतृत्व उचित कार्रवाई करेगा। एनसीपी विधायक थॉमस के थॉमस पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश के आरोप लगे हैं। आरोपों की न्यायिक जांच की मांग पर ससींद्रन ने कहा कि इस संबंध में संबंधित व्यक्ति यानी सीएम पी. विजयन ही फैसला लेंगे।

क्या है विवाद
वन मंत्री की यह प्रतिक्रिया केरल की मीडिया रिपोर्टों पर उठे विवाद के एक दिन बाद आई है, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य के एनसीपी विधायक थॉमस के थॉमस, जो शरद पवार की पार्टी से संबंधित हैं, उन्होंने दो अन्य वामपंथी विधायकों को अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल होने के लिए 50-50 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एनसीपी विधायक थॉमस के थॉमस ने दो वामपंथी विधायकों एंटनी राजू (जनाधिपत्य केरल कांग्रेस) और कोवूर कुंजुमन (आरएसपी-लेनिनवादी) को पैसे की पेशकश की।

हालांकि, कुट्टानाड सीट से विधायक थॉमस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया और मीडिया रिपोर्ट्स को निराधार बताया। थॉमस के थॉमस पर अपनी पार्टी के नेता और वन मंत्री ससींद्रन को हटाकर खुद पी. विजयन की कैबिनेट में शामिल होने की कोशिश का भी आरोप है। गौरतलब है कि अजित पवार, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं।

कांग्रेस ने सीएम को घेरा
वहीं विपक्षी कांग्रेस ने एलडीएफ विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों पर सीएम विजयन पर निशाना साधा। कांग्रेस ने गंभीर आरोपों की जानकारी होने के बावजूद जांच का आदेश न देने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की। पत्रकारों से बात करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने आरोप लगाया कि विजयन केवल वही काम करते हैं जिससे संघ परिवार का नेतृत्व संतुष्ट हो। मुख्यमंत्री पर संघ परिवार के डर से शासन करने का आरोप लगाते हुए सतीशन ने कहा कि विजयन केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मामलों की जांच किए जाने से परेशान हैं।

जयशंकर ने की जर्मनी की विदेश मंत्री से मुलाकात, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली:  केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को जर्मनी समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने बताया कि उनकी जर्मन वाइस चांसलर और आर्थिक मामले और जलवायु कार्रवाई मंत्री रॉबर्ट हैबेक के साथ भी अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 7वीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक को एक सफल बैठक बताया। उन्होंने बैठक की तस्वीरें भी साझा की।

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। शोल्ज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी के साथ उन्होंने 7वीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “आज आईजीसी की सफल बैठक के बाद जर्मनी के विदेश मंत्रालय एनालेना बेयरबॉक से मिलकर खुशी हुई। इस दौरान कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई। जैसे-जैसे यह अपने 25वें साल में प्रवेश कर रही है, हमारी रणनीतिक साझेदारी और गहरी होती जा रही है।”

एक अन्य पोस्ट में मंत्रालय ने जर्मन वाइस चांसलर के साथ बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जर्मन वाइस चांसलर और आर्थिक मामले और जलवायु कार्रवाई मंत्री रॉबर्ट हैबेक के साथ अच्छी बातचीत हुई। रणनीतिक और आर्थिक दोनों तरह की समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।”

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के वक्फ बोर्ड पर दावे से गरमाई राजनीति, मंत्री बोले- डर फैलाना चाहते हैं

बंगलूरू:  भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के वक्फ को लेकर किए गए दावे से कर्नाटक की राजनीति गरमा गई है। दरअसल तेजस्वी सूर्या ने कहा है कि वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक में किसानों की 1500 एकड़ जमीन पर दावा किया है। भाजपा सांसद के इस दावे को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला है और कहा है कि भाजपा सांसद डर का माहौल बनाना चाहते हैं।

‘डर फैलाना चाहते हैं तेजस्वी सूर्या’
भाजपा सांसद के आरोपों पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मंत्री दिनेश गुंडु राव ने कहा कि तेजस्वी सूर्या हमेशा डर फैलाते हैं। वे डर का माहौल बनाकर उसका फायदा उठाते हैं। जब वन भूमि, वक्फ भूमि की बात आती है तो दस्तावेजों के आधार पर नोटिस जारी किए जाते हैं। सरकार किसी की जमीन नहीं छीन रही है और इसका सवाल ही नहीं है। अगर जमीन किसानों की है तो ये उन्हें मिलेगी और अगर वक्फ की जमीन है तो ये वक्फ को मिलेगी। किसी के अधिकार का हनन नहीं होगा। मुझे यकीन है कि इस मामले में न्याय होगा। हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। हम ही हैं, जिन्होंने जमीन सुधार किए थे।’

तेजस्वी सूर्या के दावे पर कर्नाटक सरकार के मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि मैंने जिलाधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया है। मैं खुद किसानों से बात करूंगा और अगर जमीन किसानों की है तो एक इंच जमीन भी उनसे नहीं ली जाएगी। वक्फ संपत्ति की भी सुरक्षा की जाएगी। जिले का प्रभारी होने के नाते किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा। बता दें कि एमबी पाटिल विजयपुरा जिले के प्रभारी हैं और तेजस्वी सूर्या ने विजयपुरा के किसानों की जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावा जताने का आरोप लगाया है।

लापरवाही तभी मानी जाएगी जब डॉक्टर के पास योग्यता की कमी हो, सुप्रीम कोर्ट ने NCDRC का आदेश किया खारिज

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी डॉक्टर को लापरवाही के लिए तभी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जब उसके पास अपेक्षित योग्यता और कौशल न हो या उपचार के दौरान उचित विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने में विफल हुआ हो। जस्टिस पीएस नरसिम्हा व जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि अगर चिकित्सा पेशेवर से अपेक्षित उचित देखभाल रोगी को दी गई हो, तो यह कार्रवाई योग्य लापरवाही का मामला नहीं होगा।

शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के एक आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। एनसीडीआरसी ने अपने आदेश में एक डॉक्टर को लापरवाह माना था। शिकायतकर्ता के अनुसार, उनके नाबालिग बेटे की बाईं आंख में जन्मजात विकार का पता चला था, जिसके लिए एक छोटी सी सर्जरी की जरूरत थीा। 1996 में चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में डॉ. नीरज सूद ने यह सर्जरी की थी।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे में पाई गई शारीरिक विकृति को मामूली ऑपरेशन से ठीक किया जा सकता था। हालांकि, डॉक्टर ने प्रक्रिया में गड़बड़ी की, जिससे सर्जरी के बाद लड़के की हालत बिगड़ गई। इसलिए, शिकायतकर्ता ने डॉ. सूद और पीजीआईएमईआर के खिलाफ चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाया, जिसे राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 2005 में खारिज कर दिया था।

शीर्ष कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ताओं ने डॉ. सूद या पीजीआईएमईआर की ओर से लापरवाही साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं पेश किया है। पीठ ने कहा, सर्जरी के बाद मरीज की हालत में गिरावट का मतलब जरूरी नहीं कि सर्जरी अनुचित या अनुपयुक्त थी। पीठ ने कहा, सर्जरी या ऐसे उपचार के मामले में यह जरूरी नहीं है कि हर मामले में मरीज की हालत में सुधार हो और सर्जरी मरीज की संतुष्टि के लिए सफल हो।

यह बहुत संभव है कि कुछ दुर्लभ मामलों में ऐसी प्रकृति की जटिलताएं उत्पन्न हों, लेकिन यह अपने आप में चिकित्सा विशेषज्ञ की ओर से किसी कार्रवाई योग्य लापरवाही को साबित नहीं करता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि चूंकि शिकायतकर्ता डॉक्टर या पीजीआई की ओर से किसी लापरवाही को साबित करने में असफल रहे हैं, इसलिए वे किसी भी मुआवजे के हकदार नहीं हैं।

जयशंकर ने की जर्मनी की विदेश मंत्री से मुलाकात, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली:  केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को जर्मनी समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने बताया कि उनकी जर्मन वाइस चांसलर और आर्थिक मामले और जलवायु कार्रवाई मंत्री रॉबर्ट हैबेक के साथ भी अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 7वीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक को एक सफल बैठक बताया। उन्होंने बैठक की तस्वीरें भी साझा की।

 

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। शोल्ज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी के साथ उन्होंने 7वीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “आज आईजीसी की सफल बैठक के बाद जर्मनी के विदेश मंत्रालय एनालेना बेयरबॉक से मिलकर खुशी हुई। इस दौरान कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई। जैसे-जैसे यह अपने 25वें साल में प्रवेश कर रही है, हमारी रणनीतिक साझेदारी और गहरी होती जा रही है।”

एक अन्य पोस्ट में मंत्रालय ने जर्मन वाइस चांसलर के साथ बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जर्मन वाइस चांसलर और आर्थिक मामले और जलवायु कार्रवाई मंत्री रॉबर्ट हैबेक के साथ अच्छी बातचीत हुई। रणनीतिक और आर्थिक दोनों तरह की समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।”

ओडिशा में तबाही के बीच पांच लाख से ज्यादा लोगों को बचाया गया, सीएम बोले- लक्ष्य 10 लाख से ज्यादा

भुवनेश्वर:  चक्रवात दाना ने ओडिशा में भारी तबाई मचा दी। कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि कुल 5,84,888 लोगों को क्षतिग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ये लोग फिलहाल 6,008 चक्रवात आश्रयों में रह रहे हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और दवाओं समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य 10 लाख लोगों को बचाना है। सीएम माझी ने जानकारी दी कि राहत-बचाव शिविरों में स्थानांतरित किए गए 4431 गर्भवती महिलाओं में से 1600 ने बच्चे को जन्म दिया।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा, “4431 गर्भवती महिलाओं में से 1600 ने बच्चे को जन्म दिया। मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हैं। 24 घंटे स्थिति पर नजर रखी जा रही है। भगवान जगन्नाथ की कृपा से हम चक्रवात दाना पर सफलतापूर्वक काबू पा लेंगे।”

सीएम मोझी ने बताया कि बालासोर जिले में सबसे अधिक संख्या में लोगों को बचाया गया है। इस क्षेत्र से 1,72,916 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। इसके अलावा मयूरभंज से 100,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। भद्रक से 75,000, जजपुर से 58,000 और केंद्रपाड़ा से 46,000 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 10 लाख लोगों को निकालने का लक्ष्य रखा था। सीएम माझी ने कहा, हमने लगभग सभी को जोखिम वाले स्थान से निकाल लिया है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चक्रवात दाना के लिए राज्य का तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों पर संतुष्टि जताई।

आदित्य ठाकरे के खिलाफ मिलिंद देवड़ा लड़ सकते हैं चुनाव, मनसे की वजह से त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

मुंबई: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना वर्ली विधानसभा सीट से मिलिंद देवड़ा को टिकट दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो मिलिंद देवड़ा का वर्ली सीट पर शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे से मुकाबला होगा। मिलिंद देवड़ा वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं और दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मिलिंद देवड़ा को ही वर्ली की कमान दी गई थी। वर्ली सीट शिवसेना यूबीटी के प्रभाव वाली मानी जाती है और इसके बावजूद वर्ली से शिवसेना यूबीटी को महज 6500 वोट की ही बढ़त हासिल हुई थी।

जनवरी में ही कांग्रेस से शिवसेना में शामिल हुए थे देवड़ा
मिलिंद देवड़ा ने जनवरी में ही कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामा था। मिलिंद देवड़ा को राजनीति विरासत में मिली है और उनके पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। वह दो बार लोकसभा सांसद रह चुके है और अभी राज्यसभा सदस्य हैं। जून में उन्होंने शिवसेना सांसद के तौर पर संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर पहला भाषण दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि मुझे पिता ने पार्टी के प्रति वफादारी से पहले देश के प्रति वफादारी सिखाया है।

वर्ली सीट पर त्रिकोणीय हो सकता है मुकाबला
वर्ली सीट से राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे ने संदीप देशपांडे को टिकट दिया है। ऐसे में अगर शिवसेना मिलिंद देवड़ा के नाम पर मुहर लगाती है तो वर्ली सीट पर मुकाबला रोचक हो जाएगा। आदित्य ठाकरे ने गुरुवार वर्ली सीट से नामांकन भर दिया। इस दौरान उन्होंने रोड शो कर अपनी ताकत दिखाई। आदित्य ठाकरे ने इस दौरान कहा कि ‘मुझे विश्वास है कि जनता मुझे अपना आशीर्वाद जरूर देगी क्योंकि इस बार महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनने जा रही है।’ शिवसेना यूबीटी के नेता अरविंद सावंत ने भी विश्वास जताया कि वर्ली सीट पर जनता आदित्य ठाकरे को ही चुनेगी।