Sunday , November 24 2024

देश

‘ईसी, अदालत और गृह मंत्रालय सभी एक पार्टी के लिए कर रहे काम’, भाजपा पर फिर भड़के संजय राउत

चुनाव आयोग द्वारा अजित पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ही असली एनसीपी करार देने पर सियासी बवाल मचा हुआ है।एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार को मिलने के फैसले पर उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा पर नेता साधा। कहा कि देश में भाजपा के अलावा कोई और पार्टी न रहे, इस दिशा में हर कोई काम कर रहा है।

एनसीपी के साथ वही हुआ, जो…
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ‘शिवसेना के साथ जो हुआ, वही एनसीपी के साथ हुआ है। ऐसा होता है कि कोई 10-12 लोगों को अलग ले जाए और कहे पार्टी हमारी है। क्या किसी देश में कुछ लोग हथियार लेकर घुस जाएं और बोले ये देश हमारा है तो ऐसा होता है क्या? नहीं ना। लेकिन चुनाव आयोग, अदालत, गृह मंत्रालय सभी एक ही दिशा में काम कर रहे हैं कि देश में भाजपा के अलावा कोई अन्य पार्टी न रहे। अगर कोई रहे भी तो इनका गुलाम बनकर रहे।’

हम देश को नहीं बनने देंगे हिंदू पाकिस्तान
शिवसेना सांसद संजय राउत ने समुदायों को लेकर की जा रही राजनीति पर कहा, ‘आज देश और खासकर महाराष्ट्र के मुसलमान हमारे साथ हैं। वो कहते हैं कि हम आपके साथ हैं क्योंकि आपका हिंदुत्व हमारे घर में चूल्हा जलाता है और भाजपा का हिंदुत्व घर को जलाता है। हम देश को हिंदू पाकिस्तान या हिंदू ईरान नहीं बनने देंगे।’

यह है मामला
गौरतलब है, छह महीने से अधिक समय तक चली 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि मेरे नेतृत्व वाली एनसीपी को राज्य के अधिकांश विधायकों के साथ-साथ जिला अध्यक्षों का भी समर्थन प्राप्त है।

महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री जल्द करेंगे अयोध्या का दौरा, डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने दी जानकारी

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पुणे में गीता भक्ति अमृत महोत्सव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य कैबिनेट के मंत्री जल्द ही उत्तर प्रदेश के अयोध्या का दौरा करेंगे। फडणवीस ने इसे लेकर ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ था।

काशी-मथुरा मंदिर विवाद पर बोले फडणवीस
काशी और मथुरा में मंदिर विवादों पर सवाल पूछने पर फडणवीस ने कहा, ‘जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवाया है, उसी तरह कानून के अंतर्गत इसके लिए भी समाधान निकाला जाएगा।’

उन्होंने आगे कहा कि मथुरा, काशी और अयोध्या सभी पवित्र स्थल है। राम मंदिर के निर्माण के बाद लोगों के मन में मथुरा में भी विवाद के समाधान की उम्मीद होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि जैसे पीएम मोदी के प्रयासों से राम मंदिर का निर्माण हुआ है, वैसे ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए भी कोई समाधान जरूर निकाला जाएगा।’

कानून के मुताबिक हो रहा काम: फडणवीस
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने आगे कहा, ‘काशी विश्वनाथ में नया कॉरिडोर बनाया गया है और वहां पूजा करने की इजाजत भी दे दी गई है। फिलहाल वहां अनुकूल महौल देखने को मिल रहा है। आसान शब्दों में कहें तो ये सभी चीजें कानून के मुताबिक हो रही है।’

हिंदूवादियों का कहना है कि मथुरा में शाही ईदगाह उस स्थान पर बनाया गया है जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। बता दें कि मस्जिद के बगल में एक कृष्ण मंदिर है।

हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट में बताया गया कि ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी (काशी) का निर्माण औरंगजेब के शासन के दौरान वहां एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था। वाराणसी की एक जिला अदालत ने पिछले महीने पुजारियों को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में मूर्तियों के सामने पूजा करने का फैसला सुनाया था।

आर्मी गार्ड बटालियन के बदलाव समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति मुर्मू, सैनिकों की सराहना की

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को राष्ट्रपति भवन में आर्मी गार्ड के रूप में तैनात सिख रेजिमेंट की 6वीं बटालियन के औपचारिक बदलाव समारोह में शामिल हुईं। समारोह के दौरान, सिख रेजिमेंट की 6वीं बटालियन ने औपचारिक आर्मी गार्ड बटालियन के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। उन्होंने अब 5वीं गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन को कार्यभार सौंप दिया।

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्र दिवस परेड में शामिल होती है आर्मी गार्ड बटालियन
बता दें कि सेना की विभिन्न पैदल इकाइयां बारी-बारी से राष्ट्रपति भवन में आर्मी गार्ड के रूप में काम करती हैं। आर्मी गार्ड बटालियन राष्ट्रपति भवन में औपचारिक गार्ड कर्तव्यों का पालन करने के अलावा विभिन्न कार्यक्रमों गणतंत्र दिवस परेड, स्वतंत्रता दिवस परेड और बीटिंग द रिट्रीट समारोह में भी शामिल होती है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने की सिख रेजिमेंट की छठी बटालियन के सैनिकों की तारीफ
समारोह के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने सिख रेजिमेंट की 6वीं बटालियन के सैनिकों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने 5वीं गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन का स्वागत किया। 5वीं गोरखा राइफल्स की आने वाली पहली बटालियन की स्थापना 22 मई 1858 में हुई थी। सेना की इस इकाई ने दोनों विश्व युद्धों में हिस्सा लिया था और बहादूरी के विभिन्न कार्यों के लिए उन्होंने हर तरफ से प्रशंसाएं अर्जित की थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रही सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से संविधान का पूरा वैभव प्रकट हुआ है। इससे संविधान निर्माताओं को खुशी हुई होगी। आज सामाजिक न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रही है। पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन यह बात कही।

पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि अगले 25 वर्षों के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि देश ने अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है। महात्मा गांधी की ओर से 1930 में शुरू किए गए नमक सत्याग्रह और स्वदेशी आंदोलन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये घटनाएं इसकी शुरुआत के समय महत्वहीन हो सकती थीं, लेकिन उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए नींव तैयार की, जिससे 1947 में भारत की आजादी हुई।

ऐसी ही भावना इस समय महसूस की जा सकती है, जहां हर व्यक्ति ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। पीएम ने मानवता पर आई सदी की सबसे बड़ी आपदा कोरोना महामारी का जिक्र किया। उन्होंने सांसद निधि को छोड़ने व महामारी के दौरान अपने वेतन में 30% की कटौती के लिए भी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सदस्यों के लिए सब्सिडी वाली कैंटीन सुविधाओं को हटाने के लिए भी लोकसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया, जिस पर लोगों की प्रतिकूल टिप्पणियों आती थीं।

बिरला की तारीफ…चाहें कुछ भी हो आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रही
स्पीकर ओम बिरला की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, आपके (बिड़ला) चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है। आपने इस सदन का निष्पक्ष तरीके से नेतृत्व किया और मैं इसके लिए आपकी सराहना करता हूं। कई बार गुस्से और आरोप-प्रत्यारोप का दौर आया, लेकिन आपने इन स्थितियों को धैर्य के साथ संभाला और सदन को समझदारी से चलाया। मोदी ने कहा,

कोरोना महामारी में भी बिरला ने सुनिश्चित किया कि संसदीय कार्य बाधित न हो। पहले भी नए भवन की जरूरत की बात होती थी लेकिन 17वीं लोकसभा के दौरान स्पीकर के फैसले ने इसे हकीकत बना दिया। उन्होंने अध्यक्ष की ओर से पेश की गई पेपरलेस संसद और डिजिटल प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

बुजुर्गों में न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर के हल्के लक्षण, 99 लाख बुजुर्गों में यह समस्या बेहद गंभीर

बुढ़ापे की मानसिक समस्याओं को समझने के लिए भारत में किए एक अध्ययन से पता चला है कि देश का हर चौथा बुजुर्ग न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर से जूझ रहा है। यानी देश में करीब 3.4 करोड़ बुजुर्ग इस समस्या से पीड़ित हैं। जो उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या को प्रभावित कर रहा है। यह जानकारी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए नए अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन के नतीजे जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित हुए हैं।

न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर कोई एक बीमारी न होकर मानसिक समस्याओं का एक समूह है। इसमें मनोभ्रंश (डिमेंशिया), याददाश्त कमजोर होना, सोचने, समझने, निर्णय लेने और सीखने की क्षमता पर असर पड़ने के साथ-साथ मानसिक रूप से कमजोरी आना जैसी समस्याएं शामिल हैं। आमतौर पर इसके लक्षणों में याददाश्त का चले जाना, भाषा के इस्तेमाल और रोजमर्रा के कामों में समस्या के साथ-साथ व्यक्तित्व में बदलाव और दिग्भ्रमित होना शामिल हैं।

18 राज्यों के 4,096 लोगों पर किया गया अध्ययन
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने आयु के आधार पर मनोभ्रंश के प्रसार को समझने के लिए इनमें से 4,096 प्रतिभागियों का चयन किया था। इसमें जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु समेत 18 राज्यों के प्रतिभागी शामिल थे।

उम्र के साथ बढ़ रही हैं समस्याएं
भारत में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या करीब 13.8 करोड़ है। यानी देश के करीब एक चौथाई बुजुर्ग इस समस्या से पीड़ित हैं। देश की कुल आबादी के करीब 10.5 फीसदी लोग उम्रदराज हैं। अनुमान है कि 2050 तक देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़कर 34.7 करोड़ हो जाएगी और कुल आबादी का 20.8 फीसदी हिस्सा 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का होगा।

कम पढ़े-लिखे व अशिक्षितों में ज्यादा समस्या
शोधकर्ताओं के अनुसार 2.4 करोड़ बुजुर्गों में न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर के हल्के लक्षण दिखे। जबकि 99 लाख बुजुर्गों में यह समस्या अधिक गंभीर पाई गई। यानी देश के 17.6 फीसदी बुजुर्गों में न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर के हल्के लक्षण हैं जबकि 7.2 फीसदी बुजुर्गों में यह समस्या बेहद गंभीर है। 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और उन लोगों में जिन्होंने कम शिक्षा हासिल की है उनमें इन विकारों का प्रसार कहीं अधिक था।

सेना से बर्खास्त किए गए 4 कर्मियों की बहाली का सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- बर्खास्तगी गलत

सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अथॉरिटी से कहा कि 2013 में कथित तौर पर जाली रिलेशनशिप सर्टिफिकेट पेश करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त चार कर्मियों को बहाल किया जाए। क्योंकि उन्होंने इन जाली प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह की रियायत हासिल करने के लिए नहीं किया था।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने कहा कि भर्ती के तीन साल बाद अपीलकर्ताओं को सेवा से बर्खास्त करना उनके विशिष्ट मामले पर विचार न किए जाने के कारण गलत है।कोर्ट ने कहा, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) ने इस महत्वपूर्ण बिंदु को भी नजरअंदाज कर दिया कि अपीलकर्ताओं ने सामान्य श्रेणी के तहत आवेदन किया है न कि सैनिकों/पूर्व सैनिकों के रिश्तेदारों के रूप में। पीठ ने कहा, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है कि क्या यह पता लगाने के लिए कोई जांच की गई थी कि अपीलकर्ताओं ने सेना में भर्ती के लिए रिलेशनशिप सर्टिफिकेट पेश किया था। एएफटी ने मुख्य मुद्दे को संबोधित किए बिना बर्खास्तगी के आदेश को बरकरार रखा।

रिकॉर्ड पेश नहीं कर सके
अदालत ने पाया कि केंद्र सरकार और सेना अथॉरिटी कोई रिकॉर्ड पेश नहीं कर सके कि मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर में दिसंबर, 2009 की भर्ती सामान्य वर्ग के लिए खुली नहीं थी। इसके विपरीत अपीलकर्ताओं ने अपने फॉर्म की फोटो कॉपी प्रस्तुत की, जिससे पता चला कि उन्होंने भर्ती के लिए सैनिकों या पूर्व सैनिकों के साथ किसी भी संबंध का दावा नहीं किया था। इसके साथ कोर्ट ने 9 मई 2013 के बर्खास्तगी आदेश और 18 नवंबर 2015 के ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया।

‘मुझे विश्वास है हम जल्द UN में स्थायी सदस्य होंगे’, हिंद महासागर सम्मेलन में बोले जयशंकर

दो दिवसीय हिंद महासागर सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमें 100 प्रतिशत विश्वास है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिलेगी, लेकिन ऐसा आसान नहीं होगा क्योंकि वहां बहुत सारे देश हैं, जो हमें रोकना चाहते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब वह दुनियाभर में जाते हैं तो उन्हें यह बदलाव नजर आता है।

मुझे विश्वास यूएन में भारत होगा स्थायी सदस्य- जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब मैं दुनियाभर में जाते हैं तो उन्हें यह बदलाव नजर आता है। अब दुनिया भारत को एक अलग नजर से देखती है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे 100 फीसदी यकीन है कि हम वहां पहुंचेंगे। हालांकि यह आसान नहीं है। कई देश रोकने की कोशिश करेंगे। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम वहां पहुंचेंगे और मैं पांच साल पहले या 10 साल पहले के मुकाबले आज ज्यादा आश्वस्त हूं।

कई देशों को अब भारत पर भरोसा- जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दुनिया के कई देशों को भारत पर भरोसा है। ऐसे कई मुद्दे थे जिनमें कई देशों के हित शामिल थे लेकिन वैश्विक बहस पर कुछ ही लोगों का दबदबा था। कई देश आज कर्ज की स्थिति में है। आज का भारत भरोसेमंद और अच्छा है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई देश हैं जो भारत को वहां देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकायों में हुए कई चुनावों में भारत लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है।

एस ईश्वरप्पा की टिप्पणी के खिलाफ कर्नाटक पुलिस ने दर्ज किया मामला, जानें क्या बोला था भाजपा नेता ने

भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री के एस ईश्वरप्पा के खिलाफ एक कार्यक्रम के दौरान उनकी ‘दो नेताओं को गोली मारो’ टिप्पणी पर मामला दर्ज हो गया है। उन्हें पुलिस ने एक नोटिस भी थमाया है। हनुमनथप्पा की शिकायत के आधार पर दावणगेरे एक्सटेंशन पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था। बता दें यह कार्रवाई तब की गई जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नेता के बयान के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला
गुरुवार को कार्यक्रम में एस ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहता हूं कि वे दो गद्दारों को गोली मारने के लिए एक कानून लाएं, जो दक्षिण भारत को एक अलग देश बनाना चाहते हैं। अपने खिलाफ एफआईआर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईश्वरप्पा ने शिवमोग्गा में कहा कि वह इस तरह की एफआईआर से नहीं डरते।ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं राष्ट्रवाद और हिंदुत्व से संबंधित सिद्धांतों पर मेरे खिलाफ 100 ऐसी एफआईआर से नहीं डरता। वहीं ईश्वरप्पा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह बयान भाजपा नेता की बुद्धि के स्तर को दर्शाता है।

उनके बयान को अलग तरीके से लिया गया- येदियुरप्पा
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग पूर्व मंत्री के एस ईश्वरप्पा की ‘गद्दारों को गोली मारो’ वाली टिप्पणी को अलग अर्थ देने के लिए उसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। येदियुरप्पा ने शिवमोग्गा में कहा कि ईश्वरप्पा ने केवल देशद्रोहियों को गोली मारने के लिए कानून बनाने की मांग की थी।

ईश्वरप्पा के बयान और उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों के बीच कोई संबंध नहीं है। येदियुरप्पा ने कहा कि ईश्वरप्पा अपने खिलाफ एफआईआर का सामना करने में सक्षम हैं। वहीं भाजपा के पूर्व विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने ईश्वरप्पा का समर्थन करते हुए कहा कि देश के विभाजन पर कोई चुप नहीं रह सकता।

राज्यसभा में हुई इस घटना से आहत जगदीप धनखड़ देना चाहते थे इस्तीफा, जयराम रमेश पर जमकर बरसे

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि उन्होंने तब इस्तीफा देने के बारे में सोचा, जब जयराम रमेश और अन्य कांग्रेस सांसदों ने जयंत सिंह को परेशान किया। बता दें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के सरकार के फैसले पर बोलने के लिए जयंत सिंह खड़े हुए थे।

धनखड़ बोले- ये व्यवहार ठीक नहीं
जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए धनखड़ ने कहा कि वह एक ऐसे व्यक्ति है जो श्मशान घाट पर दावत करते हैं। साथ ही कहा कि ऐसे कदाचार के कारण उच्च सदन का सदस्य बनने के लायक नहीं है। समस्या तब शुरू हुई जब सदन की बैठक शुरू होते ही धनखड़ ने जयंत सिंह को बोलने की अनुमति दी गई। कांग्रेस सांसदों का तर्क दिया कि न तो सभापति ने यह संकेत दिया कि वह कब जयंत सिंह को मंच दे रहे थे और न ही सदन के कागजात में पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित करने के सरकार के फैसले पर किसी के बयान की सूची थी।

जयराम रमेश सदन का हिस्सा बनने के लायक नहीं-धनखड़
इस दौरान जयराम रमेश ने कुछ टिप्पणियां कीं और जयंत सिंह से पूछा कि वह कहां जाना चाहते हैं, यह संकेत देते हुए कि उनका राष्ट्रीय लोक दल विपक्ष के साथ संबंध तोड़ने और लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने के करीब है। इससे धनखड़ नाराज हो गये। उन्होंने जयराम रमेश को सदन में रहने के लिए अयोग्या कहा। अर्थव्यवस्था पर सरकार के श्वेत पत्र पर चर्चा के बाद सभापति ने फिर कांग्रेस नेता पर हमला बोला और उनके व्यवहार की निंदा की। शुरुआती हंगामे के बाद उन्होंने कहा कि मैंने सुना कि जयराम रमेश ने जयंत सिंह से क्या कहा। जयराम रमेश पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह सच है आप सदन का हिस्सा बनने के लायक ही नहीं है।

‘मैं न्याय की मांग करती हूं’, प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने राहुल को लिखा खुला खत

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके समर्थक उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके पिता के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। बता दें कि शर्मिष्ठा की नई किताब का हाल ही में विमोचन हुआ है। इस किताब में उन्होंने दावा किया है कि प्रणब का मानना था कि राहुल को अभी परिपक्व होना बाकी है।

शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दो पन्नों का खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि उनके लिए खासतौर पर एक सोशल मीडिया यूजर नवीन शाही ने अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया है। जिसे कांग्रेस के कई नेता फॉलो करते हैं।

‘कांग्रेस से न कोई प्रतिक्रिया मिली, न कार्रवाई की गई’
इसमें उन्होंने आगे लिखा है कि शाही ने उन्हें और उनके पिता के लिए अपशब्दों और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और यौन प्रकृति की अपमानजक टिप्पणी पोस्ट की है। शर्मिष्ठा ने लिखा, मैं पूरी तरह से हैरान हूं। मैं (कांग्रेस महासचिव) जयराम रमेश और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और आपको एक्स पर टैग करके इस मुद्दे को आपके ध्यान में लायी। लेकिन मुझे लगता है कि इस इस पत्र को लिखने तक मुझे न तो कोई प्रतिक्रिया मिली है और न ही उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

‘एक महिला के रूप में न्याय की मांग करती हूं’
उन्होंने कहा, आप (राहुल गांधी) न्याय (भारत जोड़ो न्याय यात्रा) की बात कर रहे हैं। भारत में एक आम नागरिक के रूप में मैं आपसे न्याय मांग करती हूं। यह नफरती व्यवहार एक ऐसे व्यक्ति की ओर से किया गया है, जो आपके संगठन के साथ औपचारिक या अनौपचारिक रूप से संबंध रखता है। मैं एक महिला के रूप में न्याय की मांग करती हूं, जिसके पिता के लिए यौन अर्थों वाले घृणित शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

‘अपने सोशल मीडिया प्रमुख पर भी करें कार्रवाई’
शर्मिष्ठा ने आगे लिखा, आप न्याय को लेकर गंभीर हैं, यह दिखाने के लिए कृपया नवीन शाही और उसके अपशब्दों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने वाले अन्य लोगों को इस तरह की भाषा और अपशब्दों की अनुमति देने के लिए अपने सोशल मीडिया प्रमुख और अपने संवाद प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करें। आप यह साबित कीजिए कि न्याय का आपका वादा सिर्फ एक खोखला चुनावी नारा नहीं है।

‘मिस्टर राहुल गांधी, ये आपके समर्थक हैं….’
उन्होंने ‘एक्स’ पर शाही और अन्य लोगों की टिप्पणियों के कई स्क्रीनशॉट पोस्ट किए हैं। इसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को भी टैग किया गया है। शर्मिष्ठा ने लिखा, बहुत हो गया। जयराम रमेश सर, क्या यह मेरे सवालों के लिए आपका जवाब है। मैं कांग्रेस की मौजूदा विचारधारा या कामकाम पर क्यों सवाल उठा रही हूं? मिस्टर राहुल गांधी- ये आपके समर्थक हैं। भारत की सबसे पुरानी पार्टी को इस स्तर तक ले जाने के लिए आपको सलाम। शर्म करो।

राहुल की नेतृत्व क्षमता पर उठाया था सवाल
उन्होंने अपने पत्र की शुरुआत यह कहते हुए की कि उन्होंने इस मीहने की शुरुआत में आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं पर टिप्पणी की थी। पिछले हफ्तों जयपुर साहित्य महोत्सव में जयललिता ने कहा था कि उनकी पूर्व पार्टी को पिछले दो लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी की पार्टी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाया था।