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‘इनसैट-3डीएस’ उपग्रह श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने को तैयार, 17 फरवरी की शाम प्रक्षेपण, जानें सब कुछ

इसरो ने श्रीहरिकोटा लॉन्चिंग क्षेत्र पर ‘इनसैट-3डीएस’ को तैनात कर दिया है। 17 फरवरी को शाम 5:30 बजे इस उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा। गौरतलब है कि इस उद्देश्य मौसम विज्ञान और आपदा चेतवानी की जानकारी उपलब्ध कराना है। यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। दूसरी ओर, भारत के अंतरिक्ष नियामक इन-स्पेस ने गुरुवार को कहा कि अगले 14 महीनों में करीब 30 उपग्रहों के प्रक्षेपण की तैयारी चल रही है। इसमें सात मिशन गगनयान से जुड़े होंगे।

इसरो के नए रॉकेट एसएसएलवी (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के अलावा वारहार्स पीएसएलवी को भी लॉन्च किया जाएगा, जिसे एक उद्योग संघ ने विकसित किया है। अंतरिक्ष नियामक ने 2023 की अंतिम तिमाही से लेकर अगले वित्त वर्ष तक प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सात स्पेस लॉन्च निजी स्टार्टअप स्काईरूट और अग्निकुल की तरफ से किए जाएंगे।

पूर्वानुमानों को सटीक बनाने पर जोर
चेन्नई स्थित अग्निकुल कॉसमॉस अगले दो महीनों के भीतर अपना पहला 3-डी प्रिंटेड रॉकेट अग्निबाण-एसओआरटीईडी लॉन्च करने वाला है। अग्निबाण रॉकेट की पहली उड़ान एक उप-कक्षीय मिशन होगी। इसी वित्तीय वर्ष में होने वाले अन्य प्रक्षेपणों में जीएसएलवी-एफ14 को लॉन्च करना भी शामिल है जिसके जरिये इनसैट-3डीएस उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ14 से मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन और संबंधित मौसम संबंधी सेवाओं से जुड़े पूर्वानुमानों को और अधिक सटीक बनाया जा सकेगा। वहीं, विकास क्रम में एसएसएलवी की तीसरी उड़ान भी मार्च तक होने की उम्मीद है जिसमें इसरो के एक प्राथमिक उपग्रह और दो अन्य पेलोड, स्पेस रिक्शा और आआईटीएमसैट को भेजा जाएगा।

‘विक्रम’ के अगले वर्ष लॉन्च की उम्मीद
अगले वर्ष एयरोस्पेस की तरफ से स्वदेश निर्मित रॉकेट विक्रम 1-1 के चार लॉन्च की भी उम्मीद है, जबकि अग्निकुल कॉसमॉस ने अग्निबाण के दो लॉन्च की योजना बनाई है। 2024-25 में इसरो की पीएसएलवी और जीएसएलवी के तीन-तीन मिशन और परीक्षण वाहन सहित गगनयान परियोजना से जुड़े सात लॉन्च की तैयारी है। इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड द्वारा पीएसएलवी के चार प्रक्षेपण, एक एलवीएम-3 मिशन और एसएसएलवी के दो प्रक्षेपण किए जाने की उम्मीद है।

भारत की बेटियों का सऊदी अरब में परचम, देश की मेजबानी कर रहीं तीन महिला सैन्य अधिकारी

सऊदी अरब के रियाद में पांच दिवसीय ‘वर्ल्ड डिफेंस शो’ आयोजित किया गया है। इसमें भारत की बेटियां अपना परचम लहरा रही हैं। स्क्वाड्रन लीडर भावना कांत, कर्नल पोनुंग डोमिंग और लेफ्टिनेंट कमांडर अन्नू प्रकाश उन सैन्य अधिकारियों में शामिल हैं, जो इस भव्य आयोजन में देश की मेजबानी कर रही हैं। ‘वर्ल्ड डिफेंस शो’ का शुभारंभ चार जनवरी को हुआ था। इसमें रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल की जा रही नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन किया जा रहा है। डिफेंस शो में कई रक्षा कंपनियां भाग ले रही हैं। इसलिए, यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम कर रहा है।

वहीं, रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘वर्ल्ड डिफेंस शो’ में इन तीन असाधारण अधिकारियों की भागीदारी रक्षा क्षेत्र में भारतीय महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रमाण है। एक दिन पहले लड़ाकू पायलट भावना कांत ने पैनलिस्ट के रूप में एक सेमिनार में भाग लिया। इस सेमिनार का विषय ‘रक्षा में अंतरराष्ट्रीय महिलाएं- समावेशी भविष्य में निवेश’ (इंटरनेशनल वीमेन इन डिफेंस- इंवेस्टिंग इन एन इनक्लूसिव फ्चूचर) रखा गया था। इस सेमिनार की मेजबानी अमेरिका में सऊदी अरब की राजदूत प्रिंसेस रीमा बिंत बंदर अल-सऊद ने की। स्क्वाड्रन लीडर भावना कांत 2021 के गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने वाली देश की पहली महिला लड़ाकू पायलट हैं।

वही, कर्नल डोमिंग पोनुंग उत्तरी क्षेत्र में पंद्रह हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर बॉर्डर टास्क फोर्स की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। उन्होंने बीस साल से ज्यादा की सेवा में कई बार पहला स्थान हासिल किया है। एक इंजीनियरिंग अधिकारी होने के नाते वह कई चुनौतीपूर्ण कार्यों में आगे रही हैं।

इसके अलावा, नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर अन्नू प्रकाश भी इस डिफेंस शो में भारत की मेजबानी कर रहीं हैं। उन्होंने समुद्री सुरक्षा और संचालन में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने भारत की की विशाल तटरेखा की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने की संभावना पर अखिलेश ने दिया बयान, बोले- वो बहुत सुलझे हैं..

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी बहुत सुलझे हुए इंसान हैं। वो बहुत पढ़े लिखे हैं। वे राजनीति को समझते हैं। मुझे उम्मीद है कि किसानों की लड़ाई के लिए जो संघर्ष चल रहा है, वे उसे कमज़ोर नहीं होने देंगे। इसके पहले शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जयंत चौधरी हमारे साथ हैं। वो कहीं नहीं जा रहे हैं। भाजपा के लोग अफवाह उड़ा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक रालोद ने भाजपा से कैराना, अमरोहा, बागपत, मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट मांगी थी। भाजपा इनमें से कैराना, अमरोहा और बागपत सीट देने के लिए तैयार है। मथुरा व मुजफ्फरनगर की सीट पर पेच फंसा है। भाजपा पश्चिमी यूपी में मुस्लिम बहुल सीटों के लिए रालोद को साधना चाहती है।

भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ेबंदी की तैयारी, मैतई संगठनों ने जताई खुशी; नगा-कुकी समूह ने किया विरोध

भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ेबंदी करने के केंद्र के फैसले का इंफाल घाटी स्थित मैतई संगठनों ने स्वागत किया है। वहीं दूसरी ओर, मणिपुर में नगा और कुकी निकायों ने इसको लेकर विरोध दर्ज कराया है। गौरतलब है कि मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार अभेद्य सीमाएं बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरी 1643 किलोमीटर की लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर फेंसिंग करने का फैसला किया है। इसके साथ ही बेहतर निगरानी सुविधा, सीमा पर एक गश्ती ट्रैंक बनाने भी बनाया जाएगा। इस बाड़ेबंदी का उद्देश्य म्यांमार से हो रही घुसपैठ को रोकना है।

राज्य के भूमि क्षेत्र से कोई समझौता न हो- COCOMI
घाटी स्थित नागरिक निकायों की एक संयुक्त संस्था, समन्वय समिति (COCOMI) ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के फैसले का स्वागत किया, लेकिन आगाह किया कि इस प्रक्रिया के दौरान राज्य के किसी भी भूमि क्षेत्र से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। COCOMI के सहायक मीडिया समन्वयक एम धनंजय ने कहा कि अगर यह 30 साल पहले किया गया होता, तो हमें वह हिंसा नहीं देखने को मिलती, जो हम आज देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की तस्करी होती है, जिससे युवाओं को खतरा है।

बाड़ेबंदी से रुकेगी नशीले पदार्थों की तस्करी- एम धनंजय
एम धनंजय ने कहा कि देश की सीमा को फेंसिंग के जरिए बंद किया जाना चाहिए। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि इस काम को इस तरह से किया जाना चाहिए, कि हमारे भूमि क्षेत्र न छूटे। इंफाल घाटी स्थित मैतेई समूहों की लागातर मांग रही है कि म्यांमार से सटी सीमा को बाड़ लगाकर बंद किया जाए। मैतेई समूहों का यह भी आरोप है कि बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा का फायदा उठाकर भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है।

राहुल ने राउरकेला में मंदिर के दर्शन किए, बोले- ओडिशा में भाजपा-बीजद का गठजोड़

कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बुधवार को ओडिशा के राउरकेला स्थित सुंदरगढ़ से शुरू होगी। इससे पहले सुबह-सुबह ही राहुल गांधी यहां के वेदव्यास मंदिर पहुंच गए। राहुल ने यहां पूजा-अर्चना की और अनुष्ठान को लेकर जानकारी हासिल की। यहां पढ़ें भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़े अपडेट्स… राहुल ने यहां ओडिशा के इस्पात शहर के रूप में प्रसिद्ध राउरकेला में अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ फिर शुरू की।

राहुल बोले- बीजद-भाजपा के बीच है गठजोड़
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बीजू जनता दल (बीजद) के बीच ‘‘गठजोड़’’ है और कांग्रेस राज्य के लोगों के हितों की रक्षा के लिए बीजद-भाजपा गठजोड़ का विरोध करती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते ही हैं कि ओडिशा में नवीन पटनायक और नरेन्द्र मोदी की साझा सरकार है। दोनों ने हाथ मिलाया है और मिलकर काम करते हैं। मुझे संसद में पता चला कि बीजद, भाजपा का समर्थन करती है। बीजद के लोग भी भाजपा के इशारे पर हमें परेशान करते हैं।’’

राहुल बोले- बाहर के 30 करोड़पति राज्य की संपदा लूटने आए
राहुल ने रैली के दौरान कहा, ‘‘मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए ओडिशा आया हूं।’’ कांग्रेस नेता ने ओडिशा में बीजद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के 30 लाख लोग आजीविका की तलाश में दूसरे राज्यों में विस्थापित हो गए हैं क्योंकि राज्य सरकार ‘‘उनके लिए काम नहीं कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘30 लाख लोगों के अपनी आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में विस्थापित होने के साथ ही ओडिशा से बाहर के 30 करोड़पति राज्य की संपदा को लूटने के लिए यहां आए हैं।’’

राहुल ने कहा कि ओडिशा में आदिवासियों की बड़ी आबादी है लेकिन सरकार राज्यों में दलितों के साथ ही उनकी भी ‘‘उपेक्षा’’ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां छह-सात घंटे आपके ‘मन की बात’ सुनने आया हूं और केवल 15 मिनट अपनी बात रखूंगा’’ उन्होंने कहा कि ओडिशा में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है क्योंकि उद्योग सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं।

पाकिस्तान के साथ अभी भी हो रहा कुछ व्यापार, सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी

सरकार ने बुधवार को बताया कि पाकिस्तान के साथ अभी भी जलमार्ग और हवाई मार्ग से थोड़ा व्यापार हो रहा है, लेकिन सीमा से दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह से बंद है। सरकार ने ये भी कहा कि ये व्यापार पाकिस्तान ने एकपक्षीय तरीके से भारत के साथ व्यापार बंद किया है। वाणिज्य और उद्योग केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को लोकसभा में ये जानकारी दी।

लोकसभा में केंद्रीय राज्यमंत्री ने दी जानकारी
अनुप्रिया पटेल ने कहा यह पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय उत्पादों को सेंट्रल एशिया के देशों तक जाने के लिए अपने क्षेत्र से रास्ता दे। पटेल ने कहा इससे पहले पाकिस्तान के साथ व्यापार अटारी-वाघा बॉर्डर और कराची पोर्ट के द्वारा होता था। अब जमीन के रास्ते कोई व्यापार नहीं हो रहा है और सिर्फ जलमार्ग और हवाई मार्ग के रास्ते ही कुछ व्यापार हो रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, इनलैंड कंटेंडर डिपो, तुगलकाबाद, मुंद्रा एसईजेड, एयर कार्गो कॉम्पलेक्स मुंबई और एयर कार्गो कॉम्पलेक्स हैदराबाद और अन्य अन्य के माध्यम से पाकिस्तान से व्यापार हो रहा है।

पाकिस्तान ने एकतरफा तरीके से रोका व्यापार
पटेल ने कहा हमने पाकिस्तान के साथ व्यापार नहीं रोका है और पाकिस्तान की तरफ से ऐसा किया गया है। साल 2019 में जब जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाया गया तो पाकिस्तान ने भारत के हाई कमिश्नर को वापस भेज दिया था और द्विपक्षीय व्यापार को रद्द कर दिया था। भारत ने अभी भी पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्ते रखने की कोशिश की है। अब यह इस्लामाबाद पर है कि वे आतंकवाद खत्म करके बातचीत का माहौल बनाए।

‘अजित पवार को NCP मिलना मोदी की गारंटी’, चुनाव आयोग के फैसले पर भड़के संजय राउत

चुनाव आयोग ने अजित पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ही असली एनसीपी करार दिया है। एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार को मिलने पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अजित को पार्टी मिलना मोदी की गारंटी है।

पूरा फैसला गलत और पक्षपातपूर्ण
राउत ने कहा, ‘आपके पास विधायक या संसद सदस्य हो सकते हैं। अगर ये विधायक और सांसद कल चुनाव हार जाते हैं, तो पार्टी का क्या होगा? पूरा फैसला गलत और पक्षपातपूर्ण है। लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वाला फैसला है।’ उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार अभी भी पार्टी के संस्थापक हैं। वह चुनाव आयोग के सामने बैठते थे। चुनाव आयोग जानता है कि वह संस्थापक हैं, फिर भी पार्टी अजित पवार को दी गई है, यह मोदी की गारंटी है।

यह है मामला
गौरतलब है, छह महीने से अधिक समय तक चली 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा था कि मेरे नेतृत्व वाली एनसीपी को राज्य के अधिकांश विधायकों के साथ-साथ जिला अध्यक्षों का भी समर्थन प्राप्त है।

अजित पवार ने कहा था कि लोकतंत्र में बहुमत को ही प्राथमिकता दी जाती है। तकरीबन 50 विधायक हमारे साथ हैं। यहां तक की ज्यादातर जिला अध्यक्ष और पार्टी प्रकोष्ठों के प्रमुख भी हमारे साथ ही खड़े हैं। अजित पवार ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। शरद पवार द्वारा चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाले बयान पर अजित पवार ने कहा कि हर किसी को ऐसा करने का अधिकार है।

‘गांधी-नेहरू परिवार ने मेरे पिता को दान में..’, प्रणब मुखर्जी की बेटी ने कांग्रेस पर फिर साधा निशाना

पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को कांग्रेस की मौजूदा विचारधारा पर सवाल उठाया। साथ ही उन्होंने कहा कि गांधी-नेहरू परिवार ने उनके पिता को कोई पद दान में नहीं दिया था। दरअसल, शर्मिष्ठा ने एक दिन पहले भी कांग्रेस को नसीहत दी थी कि समय आ गया है कि नेतृत्व के लिए कांग्रेस पार्टी गांधी-नेहरू परिवार से बाहर देखे। इसी पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गांधी-नेहरू परिवार ने प्रणब मुखर्जी को कोई पद दान में नहीं दिया।

शर्मिष्ठा ने कही ये बात
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस या गांधी-नेहरू परिवार ने मेरे पिता को कोई पद दान में नहीं दिया था। उन्होंने इसे अर्जित किया और इसके हकदार थे। क्या गांधी परिवार के लोग उन सामंतों की तरह हैं, जिनसे उम्मीद की जाती है कि उन्हें चार पीढ़ियों तक श्रद्धांजलि दी जाएगी?’ शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि वैसे वर्तमान कांग्रेस पार्टी की विचारधारा क्या है? चुनाव से ठीक पहले शिव भक्त बन रहे हैं?।

एक दिन पहले भी दी थी नसीहत
इससे पहले, सोमवार को 17वें जयपुर साहित्य महोत्सव से इतर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि पार्टी में लोकतंत्र की बहाली, सदस्यता अभियान, पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव और नीतिगत निर्णयों की प्रक्रिया में हर स्तर पर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल करने की जरूरत है, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी डायरी में लिखा है। इसके अलावा कोई जादू की छड़ी नहीं है।

राहुल को परिभाषित करना मेरा काम नहीं
उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को परिभाषित करना मेरा काम नहीं है। किसी व्यक्ति को परिभाषित करना संभव नहीं है। अगर कोई मुझसे मेरे पिता को परिभाषित करने के लिए कहता है, तो मैं अपने पिता की व्याख्या भी नहीं कर सकती। नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस की पूर्व नेता ने कहा था कि पार्टी नेताओं को इसका जवाब देना होगा।

लगातार दो बार हार चुके
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि साल 2014 और 2019 में राहुल गांधी बेहद बुरे तरीके से हारे थे। वह कांग्रेस का चेहरा थे। दो लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। अगर किसी नेता विशेष के नेतृत्व में कोई पार्टी लगातार हार रही है तो उसके बारे में सोचना जरूरी है। कांग्रेस को सोचना चाहिए कि पार्टी का चेहरा कौन होना चाहिए।

लोकतंत्र में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं
पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने आगे कहा था कि लोकतंत्र में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, आप उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उस विचारधारा का अस्तित्व गलत है। इसलिए बातचीत होना जरूरी है। जब मेरे पिता सक्रिय राजनीति में थे, तो उन्हें आम सहमति बनाने वाला माना जाता था, क्योंकि संसद में गतिरोध के दौरान पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ चर्चा करने का उनका गुण था। लोकतंत्र सिर्फ बोलने का मतलब नहीं है, दूसरों को सुनना भी बहुत जरूरी है। उनकी विचारधारा थी कि लोकतंत्र में संवाद होना चाहिए।

डीएमके सांसद टीआर बालू की टिप्पणी पर लोकसभा में हंगामा, भाजपा ने की माफी की मांग

लोकसभा में मंगलवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। दरअसल द्रमुक नेता टी आर बालू ने केंद्रीय राज्य मंत्री एल. मुरुगन पर निशाना साधते हुए कुछ टिप्पणी की। जिस पर भाजपा सांसदों ने कड़ी नाराजगी जताई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि बालू ने मुरुगन के खिलाफ टिप्पणी करके पूरे दलित समाज का अपमान किया है। उन्होंने द्रमुक के वरिष्ठ नेता से माफी की मांग की।

टीआर बालू ने दी सफाई
संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए टीआर बालू ने कहा ‘संसद के लिए उपयुक्त नहीं है, ये कोई असंसदीय टिप्पणी नहीं है।’ डीएमके सांसद ए राजा ने बताया कि ‘मैंने गृह राज्य मंत्री से पूरक प्रश्न किया था कि क्या राष्ट्रीय आपदा फंड के तहत कोई पैसा जारी किया गया है। इस पर गृह राज्यमंत्री ने गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया, जिससे हम थोड़ा नाराज थे। इसी बातचीत के दौरान टीआर बालू भी सवाल पूछना चाहते तो केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन ने उन्हें रोक दिया, तो हमने कहा कि आप संसद सदस्य बनने के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि आप राज्य के हितों के खिलाफ हैं।’

एल मुरुगन ने डीएमके पर लगाए आरोप
वहीं इस पूरे विवाद पर केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन ने कहा ‘डीएमके एक शोषित वर्ग के व्यक्ति को बतौर मंत्री स्वीकार नहीं कर पा रही है। यही वजह है कि उन्होंने मेरे और मेरे समुदाय के खिलाफ असंसदीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।’

क्या है मामला
सदन में प्रश्नकाल के दौरान डीएमके सांसद टीआर बालू तमिलनाडु में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के संदर्भ में सवाल पूछ रहे थे, तभी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने उन्हें टोका। इससे टीआर बालू नाराज हो गए और उन्होंने मुरुगन के खिलाफ एक शब्द का इस्तेमाल किया। इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘बालू एक वरिष्ठ सांसद हैं। उन्होंने एक एससी मंत्री के खिलाफ टिप्पणी की है। उनको माफी मांगनी चाहिए।’ मेघवाल ने कहा, ‘बालू जी, आप इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। यह दलित समाज का अपमान है। आपको माफी मांगनी चाहिए।’

इसके बाद द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने प्रतिवाद किया और आरोप लगाया कि तमिलनाडु के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बालू ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ देर तीखी नोकझोंक चलती रही। हंगामा थमने पर बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज ओडिशा में करेगी प्रवेश, जानें पूरा कार्यक्रम

लोकसभा चुनाव शुरू होने में कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर से मुंबई तक 6,700 किलोमीटर से ज्यादा की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर दी है। उनकी यात्रा आज ओडिशा में प्रवेश करेगी। बता दें, यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई थी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। असम में यह यात्रा 25 जनवरी तक जारी रहेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को ओडिशा में प्रवेश करेगी। यह यात्रा झारखंड से ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक छोटे-से औद्योगिकी शहर बीरमित्रपुर से होते हुए राज्य में प्रवेश करेगी। इस शहर की सड़कें राहुल गांधी के बैनर, कटआउट और होर्डिंग से पटी हुई हैं।

लोगों में उत्साह
कांग्रेस के सुंदरगढ़ जिले की अध्यक्ष रश्मि पाधी ने बताया कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता बीरमित्रपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर राउरकेला इस्पात शहर में एकत्रित हो गए हैं और राहुल गांधी की एक झलक पाने के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह है। स्थानीय लोग उन्हें ‘पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते’ के रूप में देखते हैं।

दोपहर में पहुंचेंगे बीरमित्रपुर
बीरमित्रपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) करती है, लेकिन पहले इस सीट पर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के उम्मीदवार निर्वाचित हो चुके हैं। राहुल गांधी के दोपहर को बीरमित्रपुर पहुंचने की संभावना है। उनका भव्य स्वागत करने के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई यात्रा की कमान संभालेगी। यह यात्रा रात को बीजा बहल इलाके में रुकने से पहले करीब 10 किलोमीटर का सफर तय करेगी।

3.4 किमी लंबी पदयात्रा करेंगे
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि राहुल अगले दिन यात्रा फिर से शुरू करेंगे और राउरकेला में उदितनगर से पानपोश चौक तक 3.4 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करेंगे। इसमें कहा गया है कि उनका रानीबांध में बिरसा मुंडा मैदान में दोपहर का भोजन करने से पहले पानपोश चौक में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है। वह सुंदरगढ़ शहर में भी एक पदयात्रा करेंगे जिसके बाद वह एक और जनसभा को संबोधित करेंगे। वह झारसुगुड़ा के अमलीपाली मैदान में रात्रि विश्राम करेंगे।

आठ को करेंगे एक रैली को संबोधित
राहुल आठ फरवरी को झारसुगुड़ा में पुराने बस अड्डे से अपनी यात्रा फिर शुरू करेंगे और बाद में एक रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर के भोजन के बाद वह झारसुगुड़ा में कनकतोरा से अपनी यात्रा बहाल करेंगे और फिर छत्तीसगढ़ में प्रवेश करेंगे। ओडिशा में दो पश्चिमी जिलों सुंदरगढ़ और झारसुगुड़ा में यात्रा के तहत करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।