Sunday , November 24 2024

देश

लोकसभा चुनाव से पहले केरल की इस अहम पार्टी का BJP में विलय, पीसी जॉर्ज बोले- PM मोदी से प्रभावित

देश में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। जहां एक तरफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर मंथन कर रही है। वहीं भाजपा ने ‘400 पार’ के नारे के साथ चुनावी बिगुल फूंक दिया है। इसी बीच, दक्षिण की राजनीति में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। कुछ दिन पहले डीएमके और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई। केरल जनपक्षम(सेक्युलर) पार्टी के अध्यक्ष पीसी जॉर्ज ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी भाजपा में अपना विलय कर सकती है। आखिरकार बुधवार को उन्होंने इन संकेतों को सही साबित किया है।

केरल जनपक्षम (सेक्युलर) का भाजपा में विलय
बुधवार को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरकार पीसी जॉर्ज की पार्टी केरल जनपक्षम(सेक्युलर) का भाजपा में विलय हो गया है। केरल विधानसभा में लंबे समय तक पूंजर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जॉर्ज ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की। इस दौरान तारीफ में उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा प्रधानमंत्री कभी नहीं मिला, जो देश के विकास के लिए हर समय कार्य कर रहे हो। मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच भी यही राय है कि पीएम मोदी का साथ दिया जाना चाहिए। पीसी जॉर्ज अपने बेटे शॉन और अन्य केरल जनपक्षम (सेक्युलर) नेताओं के साथ भाजपा नेता प्रकाश जावडे़कर और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।

पीएम मोदी के मिशन पर जताया भरोसा- एंटनी
उनकी पार्टी का भाजपा में विलय पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी ने कहा कि आज पीसी जॉर्ज की पार्टी का भाजपा में विलय हुआ। पीएम मोदी के ‘विकसित भारत’ बनाने के दृष्टिकोण पर उन्होंने भरोसा जताया है। जॉर्ज की मौजूदगी में अनिल एंटनी ने कहा कि केरल जनपक्षम(सेक्युलर) का विलय एक ऐतिहासिक दिन है। इससे भाजपा को राज्य में मजबूती मिलेगी, जो भारत के विकास के लिए पीएम मोदी के मिशन को योगदान देगी।

1982 में पहली बार बने थे विधायक
कोट्टायम जिले के पूंजर विधानसभा सीट से पीसी जॉर्ज सात बार के पूर्व विधायक हैं। जॉर्ज ने कुल 33 वर्ष तक केरल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। खुद की पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) बनाने से पूर्व वह केरल कांग्रेस, केरल कांग्रेस(मणि), केरल कांग्रेस(जोसेफ) समेत कई राजनीतिक दलों से जुड़े थे।

’32 माह के गर्भ को खत्म नहीं कर सकती महिला’, शीर्ष अदालत का हाईकोर्ट के फैसले में दखल से इनकार

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महिला को 32 हफ्ते से ज्यादा समय के गर्भ को गिराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने भी इस बात को माना है कि इसे अब खत्म नहीं किया जा सकता है। छब्बीस वर्षीय महिला के पति की पिछले साल अक्तूबर में मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 23 जनवरी के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने अपने चार जनवरी के फैसले को वापस ले लिया था, जिसमें महिला को अपने 29 माह पुराने गर्भ को गिराने की अनुमति दी गई थी।

पीठ ने कहा, ‘गर्भ को 32 महीने पूरे हो चुके हैं, इसे अब कैसे खत्म किया जा सकता है? मेडिकल बोर्ड ने भी कहा है कि इसे खत्म नहीं किया जा सकता है। आप चाहें तो इसे गोद लेने के लिए दे सकते हैं।’ महिला की ओर से वकील अमित मिश्रा पेश हुए। उन्होंने कहा कि अगर वह बच्चे को जन्म देती हैं तो यह उनकी (महिला) इच्छा के खिलाफ होगा। उन्हें पूरी जिंदगी सदमे में गुजारनी होगी।

पीठ ने आगे कहा, उच्च न्यायालय ने हरेक बिंदु पर विचार किया है। इसमें मेडिकल बोर्ड का विचार भी शामिल है।अदालत ने कहा, हम मेडिकल बोर्ड की राय से आगे नहीं जा सकते। बोर्ड ने राय दी है कि इसमें कोई असमान्यता नहीं है और यह एक सामान्य भ्रूण है। पीठ ने कहा, बोर्ड की ओर से यह भी राय दी गई है कि अगर याचिकाकर्ता (महिला) गर्भावस्था जारी रखती हैं, तो उन्हें भी कोई खतरा नहीं है।

इसके बाद वकील अमित मिश्रा ने दलील दी कि महिला विधवा है और उसे जीवनभर इस सदमे को सहना होगा। अदालत को उसके हित पर विचार करना चाहिए। इसके बाद न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी ने पूछा, तो क्या हमें सिर्फ उसके हित पर विचार करना चाहिए? इसके बाद पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।

संसद में दर्शकों के एंट्री पास बनवाने का नियम बदला, QR कोड-बायोमेट्रिक के बगैर नहीं मिलेगा प्रवेश

संसद के शीत सत्र के दौरान हुई घटना के बाद अब संसद भवन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदल गई है। संसद भवन देखने आने वाले लोगों के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब दर्शकों को पहले से ज्यादा सुरक्षा घेरे से होकर गुजरना होगा। संसद में प्रवेश के लिए क्यूआर कोड अप्रूवल कराना होगी। ये प्रक्रिया तीन चरण में होगी।

जानकारी के अनुसार, अब दर्शकों को अंदर आने की इजाजत तभी दी जाएगी तब उनके पास एंट्री करवाने वाले स्मार्ट कार्ड होंगे। संसद सदस्यों के आनलाइन आवेदन मंजूर होने के बाद दर्शकों के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड आएगा। क्यूआर कोड और आधार कार्ड दर्शकों को बायोमेट्रिक इंप्रेशन देकर फोटो खिंचवाना होगा। इसके बाद उसे स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड को गेट पर दिखाने और बायोमेट्रिक की पुष्टि होने के बाद ही दर्शकों को अंदर प्रवेश मिलेगा।

दर्शकों को संसद भवन से लौटते समय से स्मार्ट पास जमा करवाने होंगे। अगर कोई दर्शक इन पास को जमा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद भविष्य में संसद परिसर में एंट्री नहीं होगी। सांसदों से भी कहा गया है कि, अपने विजिटर्स के पास के लिए कम से कम तीन दिन पहले आवेदन करें ताकि पुलिस वेरिफिकेशन हो सकें।

नई व्यवस्था में दर्शक दीर्घा की क्षमता के हिसाब से पास बनने के बाद तुरंत बंद कर दिया जाएगा। अब एक सांसद एक दिन में पांच दर्शकों के लिए अप्लाई कर सकते है। इसके पहले यह संख्या चार थी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विजिटर्स गैलेरी के ग्रुप पास और उसी दिन के पास बंद कर दिए गए है। इससे पहले सांसदों के हस्ताक्षर किए हुए आवेदन के साथ पेपर पास जारी किए जाते थे। दर्शकों के पास के लिए सांसदों को संसद की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। सदस्य के लॉगिन क्रेडेंशियल के जरिए लॉग इन किया जा सकता है। इसके बाद गैलेरी पास पर जाकर दी हुई प्रक्रिया पूरी करना होगी। पुलिस वेरिफिकेशन के लिए तीन दिन पहले विजिटर पास के लिए भेजना होगा।

दिल्ली में आप और यूपी में सपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, ऐसे होगा सीट बंटवारा

देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में सीट बंटवारे पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है। आप और कांग्रेस दिल्ली के लिए चार और तीन के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला कांग्रेस और सपा दोनों के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत के बाद लिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अब तक यूपी में कांग्रेस पार्टी के लिए 13 सीटें चिन्हित की जा चुकी हैं।

मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र का विरोध, महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जारांगे की अगुवाई में आंदोलन हो रहा है। बीते करीब सात महीने से आंदोलन के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल ) दायर हुई है। दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ पीआईएल दायर कर इस फैसले को निरस्त करने की मांग की गई है। मामले में छह फरवरी को सुनवाई हो सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक 30 जनवरी को ‘ओबीसी वेलफेयर फाउंडेशन’ के अध्यक्ष ने जनहित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता मंगेश ससाने खुद को ‘ओबीसी वेलफेयर फाउंडेशन’ का प्रमुख बताते हैं। जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र देकर अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को ‘प्रभावित’ कर रही है।

सपा ने जारी की 16 उम्मीदवारों की पहली सूची; मैनपुरी से डिंपल तो लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को टिकट

समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी पहली सूची जारी कर दी है। मैनपुरी से डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री लालजी वर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा छोड़कर वे सपा में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें कटेहरी विधानसभा सीट से टिकट दिया था। वे चुनाव जीतकर विधायक भी बने। विधायक रहते अब सपा ने उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी अधिकृत तौर पर घोषित किया है। बसपा सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके लालजी टांडा सीट से भी विधायक रह चुके हैं।

प्रत्याशियों की सूची इस प्रकार है-

  • संभल से शफिकुर्ररहमान बर्क
  • फिरोजबाद से अक्षय यादव
  • मैनपुरी से डिंपल यादव
  • एटा से देवेश शाक्य
  • बंदायू से धर्मेंद्र यादव,
  • खीरी से उत्कर्ष वर्मा
  • धौरहरा से आनंद भदौरिया
  • उन्नाव से अन्नु टंडन
  • लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा
  • फर्रुखाबाद से डॉ नवल किशोर शाक्य
  • अकबरपुर से राजाराम पाल
  • बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल
  • फैजाबाद से अवधेश प्रसाद
  • अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा
  • बस्ती राम प्रसाद चौधरी
  • गोरखपुर से काजल निषाद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है।

इंडिया गठबंधन को लेकर स्थिति बहुत साफ नहीं
लोकसभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी पिछले कुछ समय से काफी सक्रिय नजर आ रही है। अभी कुछ दिन पहले ही पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था कि उत्तर प्रदेश में ‘INDIA’ में सीट बंटवारे को लेकर सहमति गई है। लोकसभा की 11 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। हालांकि इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा था कि सपा को बड़ा दिल दिखाना चाहिए। सूत्रों की माने तो कांग्रेस 20 सीटों की मांग कर रही है।

सपा की रणनीति में पीडीए को प्रमुखता
पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) सरकार का नारा बुलंद करने वाली सपा अगड़ों को भी जोड़ने की मुहिम शुरू करने जा रही है। समाजवादियों की रणनीति है कि पीडीए को उनके अधिकार दिलाएंगे, पर किसी का भी साथ लेने से कोई परहेज नहीं है। यही वजह है कि क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य और कायस्थ समाज के बीच पैठ बढ़ाने की योजना पर भी पार्टी काम कर रही है।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव परिणाम को लेकर केजरीवाल का बीजेपी पर प्रहार, बोले- ये तो गुंडागर्दी है, बेईमानी की

आज लोकतंत्र के लिए काला दिन है जिस तरह से इन्होंने (बीजेपी) गुंडागर्दी करके सारे आम बेईमानी करके चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अपना मेयर बनाया है और उनकी यही बेईमानी वीडियो में कैप्चर हो गई। पूरा देश आज वो वीडियो सोशल मीडिया पर देख रहा है। इन्होंने गुंडागर्दी करके ये चुनाव जीता। अगर इसे पूरे देश ने मिलकर नहीं रोका गया तो आने वाले समय में ये देश के लिए बहुत खतरनाक है।

केजरीवाल ने कहा कि सत्ता पाने के लिए भाजपा आज कुछ भी करा सकती है। ये तो बहुत छोटा चुनाव था लेकिन जब देश में लोकसभा चुनाव होंगे और करोड़ों लोग वोट डालेंगे तब सोचिए क्या होगा। ये कुर्सी पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, यहां तक की गुंदागर्दी तक। आज का परिणाम इनकी गुंदागर्दी का नमूना है। चंडीगढ़ में 36 पार्षद सीटें हैं जिनमें से 14 सीटें बीजेपी और 13 सीटें आप और सात सीटें कांग्रेस की हैं। इंडिया गठबंधन की 20 सीटें हैं, बीजेपी के पास 14 सीट हैं तो 14 सीट वाला कैसे जीत जाएगा और 20 सीट वाला कैसे हार जाएगा।

भगवंत मान ने बताया काला दिन
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज का दिन हमारे देश के लोकतंत्र में काले दिन के रूप में लिखा और याद किया जाएगा। दुर्भाग्य से, यह वही महीना है जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। आज संविधान को तार-तार किया गया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को मीडिया के सामने, कैमरे के सामने भाजपा ने लूटा लिया। उन्होंने इसके पहले मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर राज्यों में भी ऐसा किया था। तो ये उनकी पुरानी आदत है।

अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव से पहले लगा बड़ा झटका, मैनपुरी के इस दिग्गज नेता ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश का मैनपुरी जिला जिसे समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है, यहां से जब खबर आई कि अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेता मनोज यादव ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है, तो हर कोई हैरान रह गया। मनोज यादव सपा के टिकट पर ब्लॉक प्रमुख रहे। इतना ही नहीं जिले की राजनीति में उनकी भूमिका भी काफी अहम मानी जाती है।

बताई ये वजह
सपा नेता और देश की नामी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में शामिल राज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मालिक मनोज यादव ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मनोज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि सपा में पारिवारिक विवाद के साथ ही गुटबाजी बढ़ गई है। नेता एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हैं। इससे आहत होकर वे सपा का दामन छोड़ रहे हैं।

मोदी सरकार की तारीफये भी पढ़ें –
उन्होंने इस दौरान मोदी सरकार में हो रहे कार्यों की भी तारीफ की। बता दें कि मनोज यादव अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। साथ ही दिसंबर 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्होंने डिंपल यादव की मदद की थी। उनके इस्तीफे से अलग-अलग चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। मनोज यादव सपा के टिकट पर घिरोर से ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं।

पुणे की दीघि हिल्स पर दिखा आकर्षक नजारा, बॉम्बे सैपर्स के पैराटूपर्स ने किया फ्री फॉल जंप

बॉम्बे सैपर्स का नाम आपने कम ही सुना होगा। लेकिन, इसका 200 वर्षों का गौरवशाली इतिहास रहा है। इसे भारतीय सेना के ‘बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप’ के नाम से भी जाना जाता है। मंगलवार को पुणे की दीघि हिल्स में आकर्षक नजारा देखने को मिला, जब तेज गति से विमान ने बॉम्बे सैपर्स के कई सेवारत और अनुभवी कर्मियों को काफी ऊंचाई से पैराशूट के साथ छोड़ा। यह आयोजन बॉम्बे सैपर्स के युद्ध स्मारक के 100 पूरे होने के मौके पर किया गया। एलीट 411 (इंडिपेंडेंट) पैरा फील्ड कंपनी के सौ से ज्यादा पैराट्रूपर्स ने फ्री फॉल जंप किया।

 

‘विकास के नाम पर लोगों की सुरक्षा से नहीं हो सकता समझौता’, हाईकोर्ट का अहम फैसला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि विकास नियमों में राहत तब तक नहीं दी जा सकती, तब तक यह लोगों की सुरक्षा को प्रभावित न करे। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में मुंबई की रिहायशी इमारत से सात मैकेनाइज्ड कार पार्किंग हटाने का आदेश दिया है। इन पार्किंग के खिलाफ रेजिडेंशियल बिल्डिंग के एक निवासी ने याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया।

क्या है मामला
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस कमल खाटा की पीठ ने माना कि मैकेनाइज्ड पार्किंग की वजह से बिल्डिंग में आग लगने की स्थिति में फायर टेंडर या एंबुलेंस के आने में परेशानी होगी। साथ ही इससे सोसाइटी में रहने वाले बच्चों, बुजुर्गों और सोसाइटी से गुजरने वाले लोगों की सुरक्षा भी प्रभावित होगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 18 जनवरी को यह आदेश दिया था, जो मंगलवार को उपलब्ध हुआ। मुंबई के बोरिवली में स्थित एक रिहायशी बिल्डिंग में रहने वाले राहुल जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका में राहुल जैन ने बिल्डर द्वारा सोसाइटी में सात मैकेनाइज्ड कार पार्किंग स्पेस बनाने के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया कि बिल्डर ने बिल्डिंग में दो अतिरिक्त फ्लोर बनाने का फैसला किया और इसके लिए ग्रेटर मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन से जरूरी मंजूरी भी ले ली थी। दो अतिरिक्त फ्लोर बनाने की वजह से बिल्डर ने कार पार्किंग के लिए सात मैकेनाइज्ड कार पार्किंग स्पेस बना दिए थे। इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी।

हाईकोर्ट ने मंजूरी देने वाले चीफ फायर ऑफिसर को भी लगाई फटकार
हाईकोर्ट ने मंजूरी देने के लिए चीफ फायर ऑफिसर को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि विशेष मामलों में नगर पालिका कमिश्नर अतिरिक्त काम करने की मंजूरी दे सकते हैं, लेकिन इससे लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा हो रहा है तो मंजूरी को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।