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राम मंदिर में आरती के दौरान सेना के हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा, मेहमानों को दी जाएंगी घंटियां

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तैयारियां पूरी हो गई है। अयोध्या की गलियां, सड़कों पर राम भक्तों का जमघट लगा हुआ है। रात से ही मंदिर परिसर और अयोध्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हो गया है। विदेश में भी इस कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह दिख रहा है। कई देशों में सुंदरकाण्ड, रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है। राम मंदिर में आरती के दौरान सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। साथ ही 30 कलाकार मंदिर परिसर में कई भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाएंगे। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि सभी मेहमानों को घंटियां भी दी जाएगी, जिन्हें वे आरती के दौरान बजाएंगे।

अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य करेंगे
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर करीब 12 बजे अयोध्या में राम मंदिर में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक सम्प्रदायों के प्रतनिधि शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सभा को संबोधित भी करेंगे। बता दें शास्त्रानुसार दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य करेंगे। गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की समस्त कार्यवाही की देखरेख, समन्वय और निर्देशन करेंगे और प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे।

नागर शेैली में हुआ मंदिर का निर्माण
भव्य राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।

बिलकिस बानो मामले में सभी 11 दोषियों ने किया सरेंडर, कोर्ट की डेडलाइन से ठीक पहले पहुंचे जेल

गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो मामले के सभी 11 दोषियों ने गोधरा की उप जेल में रविवार रात आत्मसमर्पण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इनकी सजा में छूट को 8 जनवरी को रद्द कर दिया था और 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा था। इंस्पेक्टर एनएल देसाई ने कहा, दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के सामने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों ने आत्मसमर्पण के लिए और वक्त की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दोषियों ने खुद की सेहत व परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारियों का हवाला दिया था, पर शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी और पहले से तय तिथि तक समर्पण करने को कहा था। 11 दोषियों में बकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवंत नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चांदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं। गुजरात सरकार ने इन सभी की सजा माफ कर दी थी।

राम मंदिर आंदोलन के अगुआ आडवाणी के अयोध्या न जाने की खबरें, प्राण प्रतिष्ठा के लिए मिला है न्योता

भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। दरअसल ऐसी खबरें चल रही हैं कि आडवाणी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या नहीं जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा बताया जा रहा है कि ठंडे मौसम की वजह से वह अयोध्या नहीं जा रहे हैं। राम मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे लालकृष्ण आडवाणी के साथ राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को भी आमंत्रित किया है। हालांकि बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को देखते हुए इन दोनों दिग्गजों के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने की स्पष्ट जानकारी नहीं थी।

लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही निकाली गई थी राम रथयात्रा
लालकृष्ण आडवाणी 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के अगुआ रहे थे। उन्हीं के नेतृत्व में साल 1990 में भाजपा ने गुजरात के सोमनाथ से राम रथयात्रा शुरू की थी। ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ के नारे से लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन को आम जनमानस में चर्चित कर दिया था। यही वजह रही कि विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार और अन्य पदाधिकारी खुद लालकृष्ण आडवाणी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता देने उनके आवास गए थे।

आज भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। एक समय भाजपा के लोकसभा में सिर्फ दो सांसद थे, लेकिन राम मंदिर आंदोलन और लालकृष्ण आडवाणी द्वारा निकाली गई रथयात्रा से भाजपा ने देश की आम जनता के बीच ऐसी जगह बनाई कि आज वह देश की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर राजनीतिक पार्टी है।

लक्षद्वीप के बाद पीएम मोदी ने फिर घरेलू पर्यटन बढ़ाने पर दिया जोर, देशवासियों से किए ये नौ आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात के खोडलधाम ट्रस्ट कैंसर अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा ‘यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मैं खोडलधाम की पवित्र धरती और इसके श्रद्धालुओं से जुड़ रहा हूं। समाज कल्याण के लिए श्री खोडलधाम ट्रस्ट आगे आया है। आज से यहां अमरेली में कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर का काम शुरू हो रहा है।’ इस दौरान पीएम मोदी ने जनता से नौ आग्रह भी किए, जिनमें घरेलू पर्यटन को बढ़ाने समेत कई अपील की गईं थी।

प्रधानमंत्री ने किए ये नौ आग्रह

कार्यक्रम में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लोगों से नौ आग्रह किए, जिनके तहत लोगों से पीएम मोदी ने अपील की कि-
वह पानी की एक-एक बूंद बचाने और पानी संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक करें।
गांव स्तर पर भी लोगों को डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए प्रेरित करें।
गांवों-कस्बों और शहरों को साफ रखें।
स्थानीय उत्पादों और मेक इन इंडिया उत्पादों को प्रोत्साहित करें।
देश में घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहित करें।
किसानों में जैविक खेती को बढ़ावा दें।
श्री अन्न को अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करें।
साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों से फिट रहने और किसी भी तरह के नशे से दूर रहने की अपील की।

सस्ती दवाओं से बचाए गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कैंसर के मरीजों के लिए परेशानी मुक्त इलाज सुनिश्चित कर रही है। बीते नौ सालों में देश में करीब 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए हैं। 10 नए कैंसर अस्पतालों में काम चल रही है। गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। आज गुजरात एक बड़े मेडिकल हब में तब्दील हो गया है। 2002 तक गुजरात में सिर्फ 11 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन आज इनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है। इन 20 सालों में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर पांच गुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘देश के विकास के लिए लोगों का स्वस्थ रहना जरूरी है। हमने आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए शुरू की है। इस योजना से अब तक छह करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं। सरकार ने 10 हजार जन औषधि केंद्र भी खोले हैं, जहां लोगों को 80% डिस्काउंट पर दवाइयाँ मिल रही हैं। सस्ती दवाइयों की वजह से ग़रीब के तीस हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं।’

क्या दान में आए हजारों करोड़ रुपयों को सरकार ले लेगी? सोशल मीडिया में चल रहे संदेशों का सच

राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही सोशल मीडिया में मंदिर को मिलने वाले चढ़ावे को लेकर एक नई बहस शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया में इस तरह के संदेश लगातार भेजे जा रहे हैं कि राम मंदिर में आए हजारों करोड़ रुपये के चढ़ावे को अंततः सरकार ले लेगी। इन पैसों से राम मंदिर या अयोध्या का नहीं, बल्कि किसी अन्य स्थल का विकास किया जाएगा। इन संदेशों में कहा जा रहा है कि सरकार बड़े हिंदू मंदिरों में आये हुए करोड़ों रुपये के चढ़ावे को अपने कब्जे में ले लेती है, जबकि मुसलमानों की मस्जिदों और ईसाइयों के गिरजाघरों में चढ़ाई गई धनराशि को वह छूती भी नहीं है।

सभी धर्म के पूजा स्थलों से एक समान व्यवहार की अपील
इन संदेशों में लोगों से राम मंदिर को नकद दान देने से भी मना किया जा रहा है। इसके स्थान पर लोगों से प्रसाद-माला या गरीबों को सीधे दान देने की अपील की जा रही है। लोगों को यह भी कहा जा रहा है कि वे सरकार से अपील करें कि वह हिंदू मंदिरों से दान की राशि लेना बंद करे और सभी धर्म के पूजा स्थलों से एक समान व्यवहार करे। कई बड़े हिंदू मंदिरों के नामों का उल्लेख करते हुए इन संदेशों में कहा जा रहा है कि सरकार इन मंदिरों को अपना खर्च चलाने के लिए कुल चढ़ावे का एक छोटा हिस्सा दे देती है, जबकि बाकी पैसा सरकार ले लेती है।

सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुकी है ये बात
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अमर उजाला को बताया कि उन्होंने 2020 में एक जनहित याचिका दाखिल कर सभी धर्मों के पूजा स्थलों के लिए एक समान कानून (सर्व धर्म स्थल समान कानून) की मांग की थी। इस समय देश के 18 राज्यों में 35 कानून चल रहे हैं जिसके सहारे हिंदुओं-जैन मंदिरों पर सरकार नियंत्रण करती है। इस समय देश के लगभग एक लाख मंदिरों पर सरकारों का नियंत्रण है, जबकि किसी मस्जिद-चर्च पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ दान बंदोबस्त कानून 1959 लागू है। इसके अंतर्गत राज्य के 45 हजार हिंदू मंदिरों (17 जैन मंदिरों सहित) को संचालित किया जा रहा है। इसी प्रकार के अलग-अलग कानून विभिन्न राज्यों में संचालित हैं।

एक ही राज्य में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग व्यवस्था
अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर पर सरकार का नियंत्रण है, उसके श्राइन बोर्ड का सबसे बड़ा अधिकारी वहां का उपराज्यपाल होता है, जबकि उसी राज्य में श्रीनगर की हजरत बल दरगाह पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। राजस्थान के पुष्कर मंदिर पर राजस्थान सरकार का नियंत्रण है, जबकि उसी राज्य की अजमेर शरीफ दरगाह पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। दिल्ली का कालकाजी मंदिर सरकार के नियंत्रण में है, जबकि जामा मस्जिद पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। देश के अनेक राज्यों में इसी तरह का भेदभाव पूर्ण कानून जारी है। राजस्थान की ब्राह्मण सभा ने एक बड़ा सम्मेलन कर सरकार से इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है।

दस सूत्रीय मांग
जनहित याचिका में केंद्र सरकार से कानून बनाकर सभी हिंदू-जैन मंदिरों पर से सरकार का नियंत्रण हटाने की मांग की गई है। याचिका में दस सूत्रीय मांग कर कहा गया है कि मंदिरों के पैसों से वेद विद्यालय, गोशाला, संस्कार शाला, वेदशाला और आयुर्वेद शाला खोली जानी चाहिए और इसका नियंत्रण पूरी तरह मंदिरों के पास होना चाहिए। इस मुद्दे पर अदालत ने सरकार से जवाब भी मांगा है, लेकिन अभी तक इस मामले पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।

इस मुद्दे पर राजनीति भी होती रही
विश्व हिंदू परिषद और भाजपा ने इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी की है। विश्व हिंदू परिषद कई बार यह अभियान चलाती रही है कि हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। भाजपा ने भी इस अभियान को पूर्ण समर्थन दिया है। पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा ने हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि काली माता मंदिर और संगरूर के प्रसिद्ध मंदिरों के साथ-साथ लगभग 200 हिंदू मंदिरों पर सरकार कब्जा करके बैठी है। उन्होंने सरकार से इन मंदिरों पर से अपना नियंत्रण वापस लेने की अपील की है।

भाजपा सरकारों ने भी किया वही काम
लेकिन एक तरफ जहां भाजपा दूसरे राज्यों में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान चलाती रही है, वहीं उत्तराखंड की उसकी पूर्ववर्ती सरकार ने एक कानून बनाकर राज्य के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने का प्रयास किया था। वहां के साधु-सन्यासियों के कड़े विरोध और चुनावी नुकसान को भांपते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इस कानून को स्थगित कर दिया है। इसी तरह हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर भी आरोप है कि उसने चंडी देवी के मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का निर्णय किया था।

अदालत ने भी माना गलत
इस मामले पर चल रही तमाम बहस के बीच सर्वोच्च न्यायालय के अनेक विद्वानों ने माना है कि इस तरह का भेदभाव पूर्ण व्यवस्था नहीं होना चाहिए। या तो सरकार को किसी भी धर्म के मंदिरों पर कोई नियंत्रण नहीं करना चाहिए, या सबके लिए एक समान व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति एसए बोब्डे ने 2019 में जगन्नाथ मंदिर के एक मामले में कहा था, उन्हें यह समझ नहीं आता कि सरकार को मंदिरों का संचालन क्यों करना चाहिए। उन्होंने माना था कि यदि इन मंदिरों का पूर्ण नियंत्रण मंदिरों भक्तों-पुजारियों के पास ही रहने दिया जाए तो कई अव्यवस्थाओं से बचा जा सकता है। 2014 में तमिलनाडु के नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का आदेश दिया गया था।

राम मंदिर में क्या होगी व्यवस्था
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने अमर उजाला से कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में आये किसी भी चढ़ावे या दान राशि पर केंद्र या राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा। इस पूरी धनराशि पर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अधिकार होगा। वह इन पैसों से मंदिर का प्रशासनिक खर्च चलाएगी और मंदिर में शेष निर्माण कार्य कराएगी। अभी मंदिर के कुछ हिस्सों के साथ छोटे-छोटे कई और मंदिर भी बनाए जाएंगे। यह धनराशि पूरी तरह इन्हीं कार्यों में खर्च होगी। डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि इस समय भी मंदिर का पूरा निर्माण कार्य मंदिर के लिए आये हुए चढ़ावे से हुआ है। आगे भी यही कार्य जारी रहेगा। केंद्र या राज्य सरकार का कार्य मंदिर और यहां आने-जाने वाले भक्तों की सुरक्षा का होता है, सरकार की भूमिका केवल वहीं तक सीमित रहेगी।

दुनियाभर के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह, सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन; होगा सीधा प्रसारण

अयोध्या में राम मंदिर के भव्य शुभारंभ पर दुनिया के अलग-अलग देशों में भी जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अमेरिका, यूके, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत दक्षिण अफ्रीका और गल्फ देशों में भी राम मंदिर के शुभारंभ पर पूजा पाठ, भजन कीर्तन और सुंदरकांड समेत रामचरितमानस के पाठ शुरू कर दिए गए हैं। अमेरिका में बसे भारतीयों के समूह ने यहां के सभी छोटे बड़े 1100 मंदिरों में सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ भी शुरू कर दिया है। अमेरिका के “सुंदरकांड परिवार समूह” ने मंदिरों में सुंदरकांड का पूरा आयोजन किया है।

अमेरिका के 1100 मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ
अमेरिका के सुंदरकांड परिवार समूह के तरुण शर्मा कहते हैं उनके ग्रुप ने अमेरिका के 1100 मंदिरों में सुंदरकांड और रामचरितमानस पाठ शुरू कराया है। वह कहते हैं कि अमेरिका के सभी छोटे-बड़े मंदिर जो उनके समूह से जुड़े हैं वहां पर इस तरीके की तैयारी शुरू हुई है। इसके अलावा यहां के अलग-अलग प्रांत के भी मंदिरों में तमाम तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। तरुण कहते हैं कि लॉस एंजेलिस के कुछ सार्वजनिक जगहों पर उनके समूह ने अनुमति लेकर राम मंदिर के शुभारंभ का लाइव प्रसारण करने की तैयारी की है। वह कहते हैं कि हालांकि उस वक्त लॉस एंजेलिस में रात के तकरीबन 11 बज रहे होंगे। लेकिन भारतीय समुदाय के बीच में राम मंदिर को लेकर जो उल्लास है उससे भारी भीड़ जमा होने का अनुमान है।

अमेरिका की सड़कों में दिखेगा लाइव प्रसारण
अमेरिका के अलग-अलग शहरों में भी इसी तरीके की तैयारी की गई है। न्यूयॉर्क में बसे भारतीय समुदाय ने तो टाइम्स स्क्वायर के बिल बोर्ड पर राम मंदिर के शुभारंभ का लाइव प्रसारण करने की पूरी तैयारी की है। न्यूयॉर्क स्थित एक प्रमुख भारतीय बैंक के कर्मचारी शुब्रांत बैनर्जी कहते हैं कि यहां के मंदिरों में 15 तारीख से ही सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है। शुब्रांत कहते हैं कि अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में लगातार राम मंदिर के शुभारंभ से पहले ही भजन पूजन और सुंदरकांड रामचरितमानस पाठ समेत हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। वह कहते हैं कि अयोध्या में जब राम मंदिर का शुभारंभ हो रहा होगा तो स्क्वायर के बिल बोर्ड पर उसका प्रसारण यहां रहने वाले लोग देख सकेंगे। वह बताते हैं कि जब राम मंदिर में शिलान्यास हुआ था तब भी न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर लाइव दिखाया गया था।

कनाडा में भी लोगों में खासा उत्साह
कनाडा के विनिपेग में रहने वाले हिमांशु शर्मा कहते हैं कि यहां के मंदिरों में जबरदस्त तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वह कहते हैं कि इन दिनों यहां पर तापमान माइनस में है बावजूद उसके लोगों का उत्साह इतना ज्यादा है कि मौसम की विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मंदिरों में राम नाम की धूम मची है। हिमांशु कहते हैं कि कनाडा के अलग-अलग मंदिरों में लगातार सुंदरकांड का पाठ हो रहा है। लोग भी अपने घरों में सुंदरकांड से लेकर हनुमान चालीसा का पाठ भी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि कनाडा के अलग-अलग प्रांतों में भी राम मंदिर शुभारंभ की तैयारी हुई हैं। भंडारे से लेकर लाइव शुभारंभ दिखाने की योजना है।

दुबई, ऑस्ट्रेलिया में भी राम मंदिर के भव्य शुभारंभ की धूम
दुबई में रह रहे दीपक शर्मा बताते हैं कि यहां के हिंदू समुदाय के लोगों ने राम मंदिर के भव्य शुभारंभ पर अपने घरों में दीपक जलाने से लेकर पूजा पाठ की तैयारी की है। दीपक कहते हैं कि अबू धाबी और दुबई में जो मंदिर हैं वहां पर भी राम मंदिर शुभारंभ का प्रसारण किया जा रहा है। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में रह रहे सनी पुंज कहते हैं कि यहां के हिंदू समुदाय के साथ-साथ पंजाबी और अन्य कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले राम मंदिर के शुभारंभ पर जश्र की तैयारी में जुट गए हैं। सनी कहते हैं कि “ग्लोबल सुंदरकांड परिवार” ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, पर्थ और सिडनी जैसे बड़े शहरों में सुंदरकांड का आयोजन कर रहा है। इसके अलावा यूके समेत यूरोप के प्रमुख देशों में भी राम मंदिर के शुभारंभ पर मंदिरों में तैयारी हो चुकी हैं।

ग्लोबल इंडियन संगठन के सचिव टीसी ठाकुर कहते हैं कि उनके संगठन से जुड़े दुनिया के सभी मुल्कों के लोग अपने-अपने देश और प्रांत के राम मंदिरों में पूजा अर्चना की तैयारी में जुटे हैं। केपटाउन में रहने वाले ठाकुर कहते हैं कि सिर्फ उनके देश ही नहीं बल्कि अफ्रीकी देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में ऑनलाइन जुड़कर राम मंदिर के शुभारंभ पर पूजा पाठ करेंगे। इसके अलावा उनके संगठन से जुड़े लोग राम मंदिर के शुभारंभ के बाद अयोध्या जाना भी शुरू करेंगे।

मोहन भागवत से रजनीकांत तक…जानें प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने के लिए कौन-कौन अयोध्या रवाना

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। भारत समेत दुनियाभर के लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर खुशी है। इस कार्यक्रम में कई जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी शिरकत करेंगे, जिसके लिए आज मोहन भागवत लखनऊ पहुंच चुके हैं। उनका तमाम कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में रजनीकांत करेंगे शिरकत
22 जनवरी को होने वाले अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से अभिनेता रजनीकांत और धनुष रवाना हो गए हैं। गौरतलब है कि उन्हें मंदिर ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।

अनुपम खेर बोले- लंबे समय से किया था इस दिन का इतंजार
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए मुंबई से अभिनेता अनुपम खेर अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम सभी ने इस दिन का बेसब्री से इंतजार किया था, यह एक बहुत अच्छा अहसास है। साथ ही उन्होंने जय श्री राम का नारा भी लगाया।

अयोध्या के लिए मुंबई से रवाना हुए विवेक ओबरॉय
भारत की जानी-मानी हस्तियों को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। तमाम हस्तियों ने भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर खुशी जाहिर की। अभिनेता विवेक ओबरॉय भी कल होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। एयरपोर्ट से जाते वक्त विवेक ओबरॉय ने लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाई।

कल होंगे राम लला के दर्शन- मधुर भंडारकर
फिल्मी जगत के कई लोग अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं। 22 जनवरी को रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए फिल्ममेकर मुधर भंडारकर भी रवाना हो गए हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहा हूं। राम लला के दर्शन करने के लिए मैं खासा उत्साहित हूं। इस दिन का हम कई वर्षों से इंतजार कर रहे हैं।

अखिलेश बोले, जयंत के साथ सात सीटों पर चर्चा की… कांग्रेस के साथ जीत की संभावना पर होगा निर्णय

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गठबंधन में सीटों का बंटवारा जीत की संभावना के आधार पर होगा।उन्होंने रालोद से सीटों के बंटवारे पर कहा कि हमारी और रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी की बात अच्छी बातचीत हुई। हमने मिलकर सात सीटों पर चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ भी गठबंधन की बात चल रही है। कई बैठकें दिल्ली में हो चुकी हैं। बहुत जल्द ही और बैठकें होंगी और जल्द ही रास्ता निकाल लिया जाएगा।उन्होंने कांग्रेस को कितनी सीटें देंगे? पूछने पर कहा कि सवाल सीटों का नहीं है। हम जीत की संभावना के आधार पर निर्णय लेंगे।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगी डिंपल यादव, बताई ये वजह…बाद में परिवार संग करेंगी दर्शन

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होने वाली है। इस आयोजन को लेकर निमंत्रण दिए जा चुके हैं। वहीं मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है। जब भगवान बुलाते हैं, तभी जाया जाता है।  मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ‘मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, जब भगवान बुलाते हैं तभी जाया जाता है। आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि मेरा पूरा परिवार अयोध्या जायेगा।’

श्रीलंकाई राष्ट्रपति की जयशंकर से मुलाकात, NAM शिखर सम्मेलन से इतर नेताओं के बीच चर्चा

कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन से इतर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से विदेश मंत्री जयशंकर ने मुलाकात की। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की प्रतिबद्धता नेबरहुड फर्स्ट हैं, जो सागर नीति में परिलक्षित होती है। द्विपक्षीय पहलों की प्रगति के लिए उनके निरंतर मार्गदर्शन की सराहन करते हैं।

21 से 23 जनवरी तक नाइजीरिया की यात्रा पर जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर 21-23 जनवरी तक आधिकारिक यात्रा पर नाइजीरिया जाएंगे। विदेश मंत्री अपने समकक्ष के साथ छठी भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री नाइजीरिया-भारत बिजनेस काउंसिल की बैठक के तीसरे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे। साथ ही नाइजीरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में भाषण देंगे। अपनी यात्रा के दौरान वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और महात्मा गांधी की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि भारत और नाइजीरिया के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक, बतौर विदेश मंत्री जयशंकर की नाइजीरिया की यह पहली यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।