Sunday , November 24 2024

देश

उड़ानों में देरी पर शशि थरूर-ज्योतिरादित्य सिंधिया में जुबानी जंग; कांग्रेस नेता पर मंत्री का पलटवार

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच कोहरे के कारण उड़ान में देरी और दिल्ली हवाईअड्डे पर अव्यवस्था को लेकर विवाद हो गया। कांग्रेस नेता ने इसे मोदी सरकार द्वारा निर्मित आपदा बताकर केंद्र पर निशाना साधा। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनपर पलटवार करते हुए कहा कि थरूर थिसॉरस (शब्द भंडार) की अपनी गूढ़ दुनिया में खोए हुए हैं। उनके इंटरनेट से चुनिंदा प्रेस लेखों का डेटा संकलन शोध के रूप में उपयोगी है।

थरूर ने कसा केंद्र पर तंज
उन्होंने एक के बाद एक छह एक्स पोस्ट कर केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर अराजकता नागरिक उड्डयन मंत्रालय की उपेक्षा और अक्षमता का परिणाम है। विश्व के अन्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों जैसी आधुनिक सुविधाएं यहां स्थापित करने में नागरिक उड्डयन मंत्रालय विफल रही है। थरूर ने आरोप लगाया कि भारत का विमानन क्षेत्र खस्ता हालत में है। नागरिक मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में फेल साबित हुआ है कि दिल्ली और अन्य भारतीय शहरों में हवाई अड्डे ऐसे वैश्विक मानक के हों कि शून्य दृश्यता में भी विमान वहां उतर सकें।

अपनी पोस्ट में उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की तस्वीरें भी साझा की। साथ ही कहा कि दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर नया सीएटी III-बी (श्रेणी III) रनवे बनाया गया है। इस रनवे पर उन्नत लैंडिंग सिस्टम बनाया गया है। कोहरा होने या दृश्यता 50 मीटर से भी कम होने पर भी पायलट इस पर उतार सकते हैं। इसे 2008 में 1,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, दिल्ली में चार रनवे हैं, जिनमें से दो CAT III-B हैं। मोदी सरकार ने सितंबर 2023 में दो CAT III-B रनवे में से एक पर रखरखाव का काम शुरू कर दिया। जबकि उन्हें पता था कि सर्दी शुरू होने से पहल यह पूरा नहीं हो पाएगा। अगली पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पायलटों को भी सीएटी III-B इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग के साथ उतरने के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। बावजूद इसके उन्हें ट्रेनिंग नहीं दी गई। इतना ही नहीं, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA को यह तक नहीं पता है कि एयरलाइंस के पास पर्याप्त प्रशिक्षित पायलट हैं या नहीं।

ज्योदिरादित्य सिंधिया ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता के इन आरोपों पर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए है जो थिसॉरस की गूढ़ दुनिया में खो गए हैं। यहां आर्म-चेयर आलोचक शशि थरूर और कांग्रेस आईटी सेल के लिए कुछ जरूरी तथ्य दिए गए हैं। जो नागरिक उड्डयन जैसे तकनीकी क्षेत्रों की समझ में उनकी कमी से निपटने में मदद कर सकते हैं।

सिंधिया ने कहा कि रनवे के रखरखाव का काम विमानों की उड़ान और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। रनवे के रखरखाव के साथ कोई भी समझौता सीधे यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। इसी क्रम में रनवे के रखरखाव का काम कोहरे के मौसम की शुरुआत से पहले 15 दिसंबर तक पूरा करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया गया था। हालांकि दिल्ली में GRAP-IV के लागू होने के कारण, रीकार्पेटिंग में देरी हुई। ट्रेंड पायलटों के आरोपों पर उन्होंने कहा कि आपका दावा हमेशा की तरह गलत और निराधार है! 2014 में केवल 2416 CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलटों की तुलना में आज हमारे पास 6191 CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलट हैं।

लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मात देने के लिए भाजपा बड़ा प्लान, 10 फीसदी वोट बैंक और छोटे दलों पर फोकस

लोकसभा चुनाव-2024 में भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में दस प्रतिशत वोट बढ़ाने में ताकत लगाएगी। पार्टी ने नए मतदाताओं के साथ फ्लोटिंग मतदाताओं को साधने की रणनीति बनाई है। मंगलवार को नई दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में हुई पार्टी के बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्लस्टर प्रभारियों को चुनाव का रोडमैप सौंपा। बैठक में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कहा कि सभी लोकसभा क्षेत्रों में विपक्षी दलों के ऐसे नेता जो अपने दल में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, उन्हें भाजपा से जोड़ना है। लेकिन शामिल करने से पहले कोई आश्वासन नहीं देना है।

बताया गया कि आगामी दिनों में यूपी में गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के क्लस्टर वार प्रवास शुरू होंगे। इनमें वह क्लस्टर की चुनावी तैयारी की समीक्षा के साथ चुनावी बैठकें, शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम भी करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

इस बार बदली रणनीति
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने लोकसभा चुनाव में रणनीति बदली है। जातीय सम्मेलन करने की जगह पार्टी युवाओं, महिलाओं और लाभार्थियों पर फोकस करेगी। पार्टी महिलाओं को साधने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से संपर्क और संवाद बढाएगी।

अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं और महिलाओं से भी लगातार संवाद कसेगी। पार्टी का पूरा जोर नए मतदाताओं पर है, हर विधानसभा क्षेत्र में दो नवमतदाता सम्मेलन कर युवाओं को भाजपा की विचारधारा से जोड़ने की योजना है।
पार्टी मजदूर वर्ग से लेकर प्रबुद्ध वर्ग, खिलाड़ियों, भूतपूर्व सैनिकों सहित प्रत्येक वर्ग के बीच जाएगी। राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने सभी लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव कार्यालय 31 जनवरी तक खोलने और वहां सभी व्यवस्थाएं करने को कहा।

लोस चुनावों में हर बूथ पर वोट बढ़ाने का लक्ष्य, क्लस्टर प्रभारियों के साथ शाह-नड्डा ने की मैराथन बैठक

लोकसभा चुनाव की रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटी भाजपा ने हर बूथ पर बीते चुनाव के मुकाबले अधिक वोट हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में क्लस्टर प्रभारियों के साथ हुई बैठक में अलग-अलग वर्गों के प्रभावी लोगों को साथ लाने के लिए व्यापक अभियान चलाने पर सहमति बनी। पार्टी ने चुनाव प्रचार को धार देने वाले अभियानों में तेजी लाने और इन अभियानों के लक्ष्य को जल्द हासिल करने की रणनीति बनाई।

पार्टी महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि बैठक में नया मतदाता संपर्क, गांव चलो, लाभार्थी संपर्क, पिछड़ा-दलित और महिला संपर्क अभियानों की समीक्षा की गई। इन अभियानों के तहत इन वर्गों तक घर-घर संपर्क स्थापित करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए रिवर्स टाइम टेबल बनाया गया है।

उपलब्धियों को भुनाने की भी रणनीति
बैठक में अर्थव्यवस्था, गरीब कल्याण सहित विभिन्न क्षेत्रों में मोदी सरकार की उपलब्धियों को चुनाव में भुनाने की रणनीति पर भी मंथन हुआ। तय हुआ कि अलग-अलग क्षेत्रों की उपलब्धियां भुनाने के लिए अलग-अलग अभियानों के तहत जनसंपर्क अभियानों में तेजी लाई जाएगी। बैठक में राममय माहौल और गरीब कल्याण योजना को भुनाने के लिए जनसंपर्क अभियान में युद्ध स्तर पर जुटने की भी रणनीति तैयार की गई।

सभी वर्गों को जोड़ें
इस दौरान शाह ने वोट बैंक बढ़ाने के लिए समाज के अलग-अलग वर्गों के प्रबुद्ध लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेता अलग-अलग क्षेत्रों में नए मतदाताओं को ही नहीं, समाज के सभी वर्गों के प्रभावशाली लोगों को पार्टी से जोड़ें। इस दौरान सहयोगी दलों से जुड़ी सीटों की भी रणनीति तैयार की गई।

पार्टी के पक्ष में सकारात्मक बयार
नड्डा ने कहा कि जिस प्रकार गरीबी में कमी आई है, अर्थव्यवस्था में मजबूती के कारण लोगों के जीवनस्तर में सुधार आया है, इससे पार्टी के पक्ष में सकारात्मक बयार बह रही है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए हमें वोट प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए।

पिनाका में दिलचस्पी दिखा रहे दक्षिण अमेरिकी देश, लंबी दूरी के रॉकेट विकसित कर रहा डीआरडीओ

रक्षा क्षेत्र में भारत तेजी से ‘आत्मनिर्भर’ हो रहा है। दुनिया के कई देश अब भारत की हथियार प्रणाली में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण ‘पिनाका’ मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) है। इसमें दो दक्षिण अमेरिकी देशों ने इसमें रुचि दिखाई है। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ऐसे भी रॉकेट विकसित कर रहा है, जो 120 और 200 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेद सकेंगे।

पहले आर्मेनिया को भी निर्यात हो चुका पिनाका एमबीआरएल
पिनाका हथियार प्रणाली का नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है। इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। रक्षा अधिकारियों ने बताया, ‘हम पहले ही आर्मेनिया को पिनाका एमबीआरएल निर्यात कर चुके हैं। इसकी क्षमताओं को देखते हुए दो दक्षिण अमेरिकी देशों ने भी पिनाका हथियार प्रणाली में दिलचस्पी दिखाई है।’ उन्होंने बताया कि डीआरडीओ ने अब दो तरह के लंबी दूरी के रॉकेट को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। जिसमें 120 किलोमीटर और 200 किलोमीटर तक के लक्ष्य भेदने वाले संस्करण शामिल हैं।

75 से 80 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकते मौजूदा रॉकेट
डीआरडीओ निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के उद्योगों में अपनी भागीदारी बढ़ाकर नए रॉकेटों का उत्पादन और विकास करेगा। मौजूदा रॉकेट 75 से 80 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकते हैं। रक्षा अधिकारियों ने कहा, डीआरडीओ अब लंबी दूरी के रॉकेटों पर काम कर रहा है। जिन्हें उन्हीं लॉन्चर से दागा जा सकेगा, जो पहले से ही भारतीय सेना में सेवा में हैं। यह लागत को बचाने में भी मदद करेंगे।

परियोजना में निजी क्षेत्र की कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद
पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर डीआरडीओ द्वारा निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ साझेदारी में विकसित स्वदेशी हथियार प्रणाली है। लॉन्चर वाहन टाटा समूह टाटा समूह और लार्सन एंड टुब्रो द्वारा बनाए जाते हैं। जबकि, रॉकेट सौर उद्योग और मुनिशन इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाए जाते हैं। नए रॉकेट की परियोजना में निजी क्षेत्र की कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।

सैन्य शक्ति में अमेरिका नंबर-1, जानें चीन और भारत में कितना अंतर, पाकिस्तान की रैंकिंग क्या?

भारत सैन्य तौर पर दुनिया का चौथा सबसे ताकतवर देश है। दरअसल ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग जारी हुई है। इस रैंकिंग में अमेरिका को सैन्य तौर पर दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना गया है। वहीं रूस और चीन क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। ग्लोबल फायरपावर की रैंकिंग के अनुसार, भारत को 0.1023 स्कोर मिला है। वहीं अमेरिका को 0.0699, रूस को 0.0702 और चीन को 0.0706 स्कोर मिला है। इस रैंकिंग के अनुसार 0.0000 स्कोर को परफेक्ट माना जाता है।

लिस्ट में कुल 145 देशों को किया गया शामिल
ग्लोबल फायरपावर की 2024 की इस लिस्ट में कुल 145 देशों को उनकी सैन्य ताकत के आधार पर शामिल किया गया है। भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस लिस्ट में नौंवे स्थान पर है। वहीं इटली को 10वां स्थान मिला है। दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, जापान और तुर्किए भी शीर्ष 10 ताकतवर देशों में शामिल हैं। कई पैरामीटर को ध्यान में रखकर ग्लोबल फायरपावर ने यह लिस्ट तैयार की है, जिनमें सैनिकों की संख्या, सैन्य उपकरण, वित्तीय स्थायित्व, सैन्य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग और भौगोलिक परिस्थितियों का भी ध्यान रखा गया है।

शीर्ष 20 में ये देश शामिल
ग्लोबल फायरपावर ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि हमारा फार्मूला छोटे, तकनीकी तौर पर आधुनिक देशों को बड़े और कम विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है। इस बहुआयामी दृष्टिकोण का उद्देश्य मारक क्षमता से परे सैन्य क्षमताओं की अधिक संपूर्ण तस्वीर पेश करना है।’ इस इंडेक्स में फ्रांस को 11वें स्थान पर रखा गया है। वहीं फ्रांस के बाद ब्राजील, इंडोनेशिया, ईरान, मिस्त्र, ऑस्ट्रेलिया, इस्राइल, यूक्रेन, जर्मनी और स्पेन को शीर्ष 20 ताकतवर देशों में स्थान दिया गया है।

भूटान सैन्य तौर पर सबसे कमजोर देश
दुनिया में सैन्य तौर पर सबसे कमजोर देश ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, भूटान है, जिसे 145 देशों पर रखा गया है। भूटान के बाद मालदोवा, सूरीनाम, सोमालिया, बेनिन, लाइबेरिया, बेलिज, सिएरा लियोन, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, आइसलैंड और कोसावा से कमजोर देश बताए गए हैं।

‘हमें जिम्मेदारी के साथ परंपरा को बचाए रखना है’, भैंसों की लड़ाई का खेल देख बोले मुख्यमंत्री सरमा

असम में लगभग नौ वर्षों के बाद मंगलवार को ‘मोह जूज’ यानी भैंसों की लड़ाई का पारंपरिक खेल आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आनंद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी लिया। वह मोरीगांव जिले के अहोतगुरी में पहुंचे थे।

सदियों से असम की परंपरा का हिस्सा
बता दें, भैंसों की लड़ाई का खेल सदियों से असम के अहोतगुरी और शिवसागर आदि जिलों की संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग रही है। यह कार्यक्रम अहोम शासन के दौरान विशेष रूप से रंग घर में औपचारिक रूप से आयोजित किया गया था। यह मुख्य रूप से माघ बिहू उत्सव के दौरान मनाया जाता है। हालांकि, साल 2014 से इसे बंद कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों को पहुंचने वाली चोटों को ध्यान में रखते हुए इस तरह की प्रथाओं को अस्वीकार कर दिया था।

यह बोले मुख्यमंत्री सरमा
सीएम ने कहा, ‘राज्य में आठ-नौ साल बाद बुलबुली (बुलबुल पक्षी) और मूह जूज हो रहे हैं। इन्हें फिर से देखकर गर्व हो रहा है।उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में इन पर रोक लगा दी थी, लेकिन हम अपने पारंपरिक कार्यक्रम को बहुत खुशी के साथ फिर से शुरू कर रहे हैं। मैं आयोजकों और भैंस मालिकों से एसओपी का पालन करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि जानवरों को कोई नुकसान न पहुंचे।’  सरमा ने कहा, ‘अपनी विरासत को संरक्षित करना और आगे ले जाना हमारा कर्तव्य है। पर जिम्मेदारी के साथ हमें आगे ले जाना है।’

बुलबुल पक्षी की लड़ाई भी पारंपरिक
भैंसों की लड़ाई के अलावा बुलबुल पक्षी की लड़ाई भी पारंपरिक माघ बिहू उत्सव का हिस्सा है और इस अवधि के दौरान इसे भी स्थगित कर दिया था। दोनों कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के पालन में इस साल फिर से शुरू हुए, जिसमें सोमवार को परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति के साथ बुलबुल पक्षी लड़ाई हुई।

’22 जनवरी को राम मंदिर में समारोह नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम’, राहुल का बड़ा आरोप

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज तीसरा दिन है। मंगलवार की सुबह यात्रा नगालैंड की राजधानी कोहिमा के विसवेमा इलाके से शुरू हुई। राहुल गांधी सोमवार की शाम नगालैंड पहुंचे थे। सुबह राहुल गांधी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और मुलाकात के बाद कोहिमा से अपनी यात्रा आगे बढ़ाई।

जयराम रमेश ने केंद्र पर साधा निशाना

कोहिमा से यात्रा शुरू होने से पहले मीडिया से बातचीत में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि ‘यह नेशनल हाइवे 29 है और आप इसकी हालत देख सकते हैं। प्रधानमंत्री और नितिन गडकरी बहुत कुछ बोलते हैं, लेकिन इस सड़क में सिर्फ गड्ढे हैं और यह नेशनल हाइवे है। राहुल गांधी दोपहर एक बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।’ नगालैंड में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी जगह-जगह स्थानीय लोगों से मिल रहे हैं। लोगों में भी राहुल गांधी से मिलने और उन्हें देखने का उत्साह है।

कोहिमा में युद्ध स्मारक पर पहुंचे राहुल गांधी

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी मंगलवार को नगालैंड की राजधानी कोहिमा में स्थित युद्ध स्मारक पहुंचे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना को खदेड़ने वाले सहयोगी देशों के सैनिकों की याद में यह स्मारक बना है। यहां कई सैनिकों का अंतिम संस्कार हुआ था। कोहिमा में राहुल गांधी ने लोगों के जनसमूह को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘अगर आप एक छोटे राज्य से हैं तो भी आपके पास देश के अन्य राज्यों जितने ही अधिकार हैं। भारत जोड़ो न्याय यात्रा का विचार यही है।’

‘भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही आया था इस यात्रा का ख्याल’
राहुल गांधी ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा ‘बीते साल हमने भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की थी और देश के लोगों, विभिन्न संस्कृतियों, विभिन्न धर्मों और अलग-अलग भाषाई लोगों को साथ लाने की कोशिश की थी। तभी हमें पूर्व से पश्चिम की यात्रा करने का भी विचार आया था।

राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर ये बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कहा ‘आरएसएस और भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी कार्यक्रम बना दिया है। यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष इस कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। यहां तक की हिंदू धर्म के सबसे बड़े गुरुओं ने भी अपने विचार सार्वजनिक किए हैं और कहा है कि 22 जनवरी का कार्यक्रम राजनीतिक कार्यक्रम है। ऐसे में हमारा ऐसे कार्यक्रम में जाना मुश्किल है, जिसे प्रधानमंत्री और आरएसएस के इर्द-गिर्द बनाया गया है।’

कोहिमा में राहुल गांधी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बोले- यह एक हाइब्रिड यात्रा होगी
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मंगलवार को नगालैंड की राजधानी कोहिमा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, ‘वह चाहते थे कि वह पैदल ही यह पूरी यात्रा करें, लेकिन तब यह बहुत लंबी होती और इतना समय भी नहीं था। इसलिए हम हाइब्रिड यात्रा कर रहे हैं।’

इंडो-नगा मुद्दे पर क्या बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने इंडो-नागा राजनीतिक विवाद पर कहा ‘मैंने कई नगा नेताओं से इस मुद्दे पर बात की है और उनका कहना है कि वह भी हैरान हैं कि बात आगे क्यों नहीं बढ़ी। हमें ये भी नहीं पता कि पीएम मोदी इसका हल निकालने के लिए क्या कर रहे हैं। यह मुद्दा एक समस्या है और इसे सुलझाने के लिए चर्चा की जरूरत है। जहां तक प्रधानमंत्री की बात है तो इसकी साफ कमी है। पीएम बिना सोचे वादे करते हैं और मुझे पता है कि लोग इसे लेकर नाराज हैं क्योंकि बीते नौ सालों से कुछ नहीं हुआ है।’

विपक्षी गठबंधन पर राहुल ने कही ये बात
विपक्षी गठबंधन पर राहुल गांधी ने कहा कि ‘2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन मजबूती से काम कर रहा है। यह यात्रा भी एक विचारधारा की यात्रा है। देश में काफी अन्याय हुआ है और हम इसे लेकर ही यात्रा निकाल रहे हैं। विपक्षी गठबंधन की स्थिति बहुत अच्छी है। हम सहयोगियों से बात कर रहे हैं और सीट बंटवारे पर बात हो रही है। सबकुछ अच्छा चल रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि यह मुश्किल नहीं है और उन्हें विश्वास है कि जल्द ही सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।’

हिंदू धर्म को लेकर राहुल गांधी ने कही ये बात
भाजपा के विपक्षी गठबंधन को हिंदू विरोधी होने के आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा ‘जो भी धर्म में विश्वास रखता है, उसका यह रिश्ता निजी होता है। जो लोग धर्म के साथ सार्वजनिक रिश्ता रखते हैं, वही इसका फायदा लेने की कोशिश करते हैं। मैं अपने धर्म का फायदा लेने की कोशिश नहीं करता और मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है। मैं धर्म के सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीता हूं, लोगों से अच्छा व्यवहार करता हूं, उनका सम्मान करता हूं। जब कोई मुझे कुछ बोलता है तो मैं अहंकार से जवाब नहीं देता, उनकी बात सुनता हूं। मैं नफरत नहीं फैलाता, मेरे लिए यही हिंदू धर्म है। मैं जीवन में इसका पालन करता हूं लेकिन मुझे इसे अपनी शर्ट पर पहनने की जरूरत नहीं है। जो इसमें विश्वास नहीं करते, उन्हें ही दिखावा करने की जरूरत होती है।’

कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी को अदालत ने किया बरी, 2017 में रेल अवरुद्ध करने का लगा था आरोप

गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और 30 अन्य को 2017 के एक मामले में बरी कर दिया है। उनके ऊपर साल 2017 में राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में एक ट्रेन को अवरुद्ध करने का आरोप लगा था।

जिग्नेश मेवाणी समेत 30 अन्य को अदालत ने किया बरी
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी की अदालत ने कांग्रेस के दलित नेता मेवाणी को बरी किया है। अहमदाबाद पुलिस ने 2017 में मेवाणी और अन्य के खिलाफ रेल रोको प्रदर्शन के तहत राजधानी ट्रेन को 20 मिनट तक कालूपुर रेलवे स्टेशन पर अवरुद्ध करने के लिए मामला दर्ज किया था। यह प्रदर्शन राज्य सरकार के नीतियों के खिलाफ किया गया था।

मेवाणी और अन्य 30 के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। 31 में से 30 आरोपी महिला थी। उनके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया था। साल 2021 में एक सत्र अदालत ने मेवाणी को बरी करने से इनकार कर दिया था। पिछले साल नवंबर में मेवाणी और छह अन्य को अहमदाबाद के इनकम टैक्स चौराहे पर 2016 में दंगा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी जमावड़ा करने के मामले से बरी किया गया था।

10 से अधिक राज्यों में तीन दिन बारिश के आसार; 400 उड़ानें प्रभावित,100 ट्रेनें भी लेट

उत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी धूप के बावजूद शीतलहर के कारण ठंड में कमी नहीं आई। घने कोहरे की वजह से दिल्ली में 400 से अधिक घरेलू, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें व 100 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। 68 उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जबकि मार्ग बदलकर चार उड़ानों को जयपुर व एक को अहमदाबाद भेजा गया।

अगले तीन दिन चलेगी शीतलहर
मौसम विज्ञान विभाग ने बताया, उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अगले तीन दिन शीतलहर चलेगी। एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को 16 जनवरी को प्रभावित कर सकता है। इसके असर से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख में 16-17 जनवरी व उत्तराखंड में 17-18 जनवरी को कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पूर्वोत्तर के राज्यों में भी कुछ जगह बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल व सिक्किम के ज्यादातर क्षेत्रों में सोमवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। दिल्ली में लगातार चौथे दिन पारा गिरकर 3.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं, पंजाब के नवांशहर में न्यूनतम तापमान माइनस 0.2 डिग्री, हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कश्मीर में बर्फ का सूखा
जनवरी में बर्फ से लकदक रहने वाला कश्मीर नए साल के 15 दिन बीत जाने के बाद भी सूखा है। चिल्ल-ए-कलां (अत्यधिक ठंड) के बीस दिन गुजरने के बाद भी घाटी में बर्फबारी नहीं हुई।

दिल्ली में सोमवार की सुबह सबसे ठंडी
उत्तर-पश्चिम दिशाओं से चल रही ठंडी हवाओं से सुबह गलन महसूस हुई। सोमवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम रहा। यह इस सीजन का सबसे ठंडी सुबह रही। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री कम है। रविवार के मुकाबले 0.2 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

विमान की रफ्तार को कुहासे ने थाम तो ट्रेन के पहिए पर लगाया ब्रेक
वहीं, कोहरे की वजह से उड़ानों की जानकारी नहीं मिलने से यात्री परेशान रहे। नाराज यात्री सुरक्षा कर्मियों और एयरपोर्ट प्रशासन से भी उलझ रहे है। साथ ही विमानन कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे है। विमान में बैठने के बाद उड़ान नहीं भरने की स्थिति में क्रू मेंबर से भी झगड़ पड़ रहे है। मिलान जाने वाले एक यात्री सुधीर चड्ढा ने बताया कि विमान संख्या एयू 137 एयर इंडिया की फ्लाइट रविवार दो बजे के लिए निर्धारित थी। लेकिन शाम छह बजे तक विमान की स्थिति का पता नहीं था। बाद में यह कहा गया कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई है।

आम लोगों के दर्शन, प्राण प्रतिष्ठा की रूपरेखा…हर सवाल का मिला जवाब

अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर है। कल से पूजा विधि प्रारंभ हो जाएगी जो 21 जनवरी तक चलेगी। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को पत्रकार वार्ता कर समारोह की तैयारियों और कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्भगृह में मौजूद रहेंगे। आइए जानते हैं पत्रकार वार्ता जुड़ी दस बड़ी बातें।

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मनोभाव प्रकट करेंगे। इस कार्य में संभवतः 65 से 75 मिनट का समय लगेगा। मानसरोवर, अमरनाथ, गंगोत्री, हरिद्वार, प्रयागराज का संगम तट, नर्मदा, गोदावरी, नासिक, गोकर्ण (कर्नाटक) अनेक स्थानों का जल आया है। इसके अलावा तमाम लोग अपने-अपने स्थानों का जल और रज (मिट्टी) यहां ला रहे हैं।

2. दक्षिणी नेपाल से एक हजार टोकरियों में भेंट आई है, जिसमें फल, अनाज, फल, मेवे, वस्त्र और सोना-चांदी आदि आया हुआ है। माता जानकी का जन्म स्थान है वहां से लोग आए हैं, भगवान श्रीराम की ननिहाल छत्तीसगढ़ है, वहां से भी भेंट आई हुई है। एक साधू बैलगाड़ी में घी लेकर जोधपुर से आए। ऐसे तमाम लोग श्रद्धापूर्वक अपने आराध्य के लिए भेंट लेकर आ रहे हैं और यह सिलसिला जारी है।

3. 20 जनवरी से 21 जनवरी तक रामलला के दर्शन बंद रहेंगे, फिलहाल अभी इस पर विचार चल रहा है। मंदिर के आचार्य और पुजारी ही अंदर मौजूद रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को लेकर कोई असुविधा न हो।

5. प्रधानमंत्री के निवेदन को दोहराते हुए चंपत राय बोले कि 22 जनवरी को समाज के लोग अपने-अपने मंदिरों की सफाई करें। मंदिर छोटा हो या बड़ा दोनों ही भगवान के घर हैं, इसलिए सभी में पूजन-भजन हो। टेलीविजन या एलईडी स्क्रीन लगाकर खुद और अपने-अपने आसपास के लोगों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दिखाएं।

4. चंपत राय ने समाज के लोगों से अपील की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद लोग शंख बजाएं, शंख की ध्वनि शुभ ध्वनि है। साथ ही प्रसाद वितरण करें, प्रसाद क्या बंटा, इससे अधिक महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोगों तक प्रसाद पहुंचे। हमारे आयोजन मंदिर केंद्रित होने चाहिए। सूर्य अस्त होने के बाद अपने घरों के मुख्य द्वार पर पांच दीये जलाएं।

5. चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भारतीय परंपरा के सभी तरह के वाद्ययंत्र जैसे, उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्य प्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावण हत्ता, बंगाल का श्रीखोल, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलानाडु का नागेशर, मृदंग, और उत्तराखंड का हुड़का का वादन होगा। बस मंत्रोच्चार और विशिष्ट जनों के मनोभाव प्रकट करने के दौरान इन वाद्ययंत्रों का वादन नहीं होगा।

6. चंपत राय मंदिर परिसर की विशेष साज-सज्जा होगी। प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो जाने के बाद दोपहर ढाई बजे के बाद संत, महापुरुष और आमंत्रित गण दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश करेंगे। आमंत्रित लोगों को प्रातः 10 और साढ़े 10 बजे मंदिर में प्रवेश करना होगा और वापस जाने में शाम को पांच या छह भी बज सकते हैं। मंदिर में आने वाले आमंत्रित लोगों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था रहेगी। 22 तारीख को 25 से अधिका चार्टड प्लेन आने की संभावना है।

7. चंपत राय ने कहा कि 18, 19 और 20 को जोड़ लें तो हेलीकॉप्टर से आने वालों की संख्या 100 हो सकती है। महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे के अधिकारियों से इस संबंध में निवेदन किया गया है, और उन्होंने अच्छी से अच्छी सुविधा देने का आश्वासन दिया है। 26 तारीख से विहिप, आरएसएस की तिथियां निर्धारित की गई हैं और ये कार्यकर्ता उन्हीं तिथियों के हिसाब से आएंगे। सामान्यतः प्रतिदिन साढ़े चार हजार से पांच हजार तक कार्यकर्ता एक दिन रुकेंगे और उनसे वापस जाने का निवेदन किया जाएगा। यह योजना फरवरी के अंत तक ही चलेगी।

8. चंपत राय ने कहा कि 23 या 24 फरवरी तक इसके पूरा होने की संभावना है। जिन लोगों को निमंत्रित किया गया है उनके ठहरने के लिए कारसेवकपुरम, मणिरामदास छावनी का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र और मणि पर्वत के बगल में तीर्थक्षेत्रपुरम में व्यवस्था की गई है। कुछ आश्रमों, धर्मशालाओं और व्यक्तिगत होमस्टे, होटल में भी कमरे लिए गए हैं।

9. ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि हॉगकॉग से एक टीम आ रही है, अमेरिका से भी एक टोली आ रही है। हमने पचास देशों से एक-एक व्यक्ति का चयन करने का निवेदन किया था। एक देश, एक प्रतिनिधि के तौर पर संगठन के लोग आ रहे हैं। ऐसे पचास देशों के 53 लोग आ रहे हैं। प्रयास रहेगा कि जो व्यक्ति आ रहा है वह उसी दिन दर्शन कर अपने गतंव्य की ओर जा सके। सर्दी को देखते यह प्रयास हो रहा है।
23 जनवरी से ही आमजन कर सकेंगे दर्शन

10. चंपत राय ने बताया कि 22 जनवरी को सभी गृहस्थों और संतों के दर्शन के बाद पत्रकारों को कैमरों के साथ दर्शन की व्यवस्था पर काम हो रहा है। शायद उत्तर भारत में अभी तक सौ-दो सौ सालों में इतना बड़ा स्टोन स्ट्रक्चर कोई नहीं बना होगा। स्वतंत्र भारत में अभी तक ऐसा आयोजन नहीं हुआ होगा, जिसमें नामों का चयन करके संतों और समाज को आमंत्रित किया गया होगा। कोई विद्या छूट नहीं, ऐसे शीर्ष पुरुष एक साथ होंगे। साथ ही सवालों के जवाब के दौरान उन्होंने कहा कि 22 जनवरी की तारीख के बाद 23 जनवरी से सभी लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे।