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ड्रोन से AK-47 से फायरिंग, अग्रिम मोर्चे पर सेना की मदद के लिए SAMBHAV; स्वदेशी 5जी तकनीक पर जोर

भारतीय सेना लगातार स्वदेशी तकनीक को अपनाने के प्रयास कर रही है। ड्रोन का सैनिक कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं? इसका नमूना दिखाने के लिए सेना ने ड्रोन की मदद से अलग-अलग ऑपरेशंस का प्रदर्शन किया। ड्रोन की मदद से एके-7 राइफल से सटीक निशाना लगाने में भी सफलता मिली है। इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल कर अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों तक जरूरी हथियार और सामानों की डिलिवरी की जा सकती है। भौगोलिक रूप से जटिल इलाकों में हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ केबल बिछाने जैसे चुनौतीपूर्ण काम के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

5जी तकनीक की मदद से काम करेगा SAMBHAV इकोसिस्टम
भारतीय सेना ने राष्ट्रीय शिक्षा और उद्योग उत्कृष्टता केंद्रों के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित- सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत संस्करण यानी SAMBHAV नाम का इकोसिस्टम विकसित किया है। SAMBHAV अत्याधुनिक समकालीन 5G तकनीक पर काम करता है

ग्रेनेड से हमला करने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल
भारतीय सेना ने दिखाया है कि एके-47 राइफलों से लक्ष्य पर निशाना साधने, ठिकानों की पहचान के बाद उसे नष्ट करने के लिए ग्रेनेड गिराने और अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को हथियार, गोला-बारूद और रसद आपूर्ति जैसे अभियानों में ड्रोन का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।

दो चरणों में 35 हजार सेट विकसित करने का प्लान
संभव इकोसिस्टम के बारे में भारतीय सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इससे रक्षा क्षमता के मामले में भारत को महत्वपूर्ण छलांग लगाने में मदद मिलेगी। 35,000 सेट दो चरणों में कॉन्फ़िगर किए जाएंगे, शुरुआती 2,500 सेट 15 जनवरी तक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। बाकी 32,500 सेट अगले साढ़े चार महीनों में0- 31 मई 2024 तक कॉन्फ़िगर किए जाएंगे।

बहुस्तरीय एन्क्रिप्शन के साथ बना है सिस्टम
भारतीय सेना के मुताबिक SAMBHAV में पैन इंडिया सिक्योर इको सिस्टम होगा। यानी पूरे देश में इसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें बहुस्तरीय एन्क्रिप्शन भी होगा। यानी कोई तीसरा पक्ष इसे एक्सेस नहीं कर सकेगा। इनबिल्ट यानी पहले से ही इसमें सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए जाएंगे, जिससे इनका इस्तेमाल वाणिज्यिक नेटवर्क पर भी किया जा सकेगा।

दिल्ली से श्रद्धालु नहीं जा पाएंगे अयोध्या, रेलवे ने 22 जनवरी तक इसलिए रद्द की ये एक्सप्रेस

दिल्ली से अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बुरी खबर है। भारतीय रेलवे ने अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 22 जनवरी तक कैंसिल कर दिया है। इस ट्रेन को ट्रैक मेंटेनेंस की वजह से रद्द किया है। हाल ही में 30 दिसंबर को को पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या-आनंद विहार वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी।

यह ट्रेन 4 जनवरी से नियमित रूप से चलने लगी थी। लेकिन पटरियों के मरम्मत का कार्य चलने की वजह से इसे पहले सात जनवरी से 15 जनवरी तक कैंसिल किया गया। आईआरसीटीसी के एप पर अब यह ट्रेन 22 जनवरी तक कैंसिल दिखाई दे रही है। हालांकि, नॉर्दन रेलवे के सीपीआरओ का कहना है कि उनके पास अभी वंदे भारत के 15 जनवरी तक ही रद्द होने की सूचना है।

राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह को लेकर राजनीति तेज, जानिए न्योते को लेकर किसने क्या कहा

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारी तेज हो गई हैं। 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम के लिए तमाम हस्तियों को आमंत्रण दिया गया है। कार्यक्रम के न्योते पर अब सियासत तेज हो गई है। विपक्ष ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यक्रम के राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

शंकराचार्य नहीं जा रहे अयोध्या के कार्यक्रम में- श्रीनेत
कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि चारों शंकराचार्यों ने अयोध्या नहीं जाने का फैसला लिया है, लेकिन इस पर तो किसी को कोई नाराजगी नहीं है। क्या इससे धर्म को ठेस नहीं पहुंचा। धार्मिक अनुष्ठानों पर राजनीति करना बिल्कुल गलत है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि हम अयोध्या की यात्रा करने से मना नहीं कर रहे हैं। बस हम 22 जनवरी को होने वाले समारोह में शामिल नहीं होंगे, जहां पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मौजूद होंगे। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम बिल्कुल भी उस घृणित राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।

हमने कभी नहीं किया राम का विरोध- वीरप्पा मोइलाी
इसी बीच, कांग्रेस के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि हम अयोध्या और राम का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ उस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं, जिसका कमान पीएम मोदी संभाल रहे हैं। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम राज धर्म का पालन नहीं करते हैं। वे सिर्फ चुनावी उद्देश्य को पूरा करने के लिए इसे राजनीतिक कार्यक्रम में बदल रहे हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों के चलते समारोह में शामिल होने में असमर्थ हैं।

कांग्रेस में अब कोई समझ नहीं बची- सर्बानंद सोनोवाल
राम मंदिर कार्यक्रम में कांग्रेस के शामिल न होने पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि कांग्रेस विश्वास खो चुकी है। मेरा मानना है कि अगर उनमें थोड़ी सी भी समझ होती या भारती के लोगों के प्रति समर्पण की भावना होती, तो वे इस कार्यक्रम में जरूर शामिल होते। हम सब जानते हैं कि यह कार्यक्रम भारतीय के लिए सबसे बड़ा अवसर हैं।

कांग्रेस आलाकमान का फैसला अनुचित- लक्ष्मण सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह राम ने कांग्रेस के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने को लेकर पार्टी आलाकमान के फैसले को अनुचित करार दिया। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के बयान के बारे में पूछे जाने पर उनके भाई ने काह कि दिग्विजय सिंह ‘ज्ञानी महापुरुष’ हैं और मुझसे कहीं ज्यादा जानते हैं। मैं उनके बारे में कुछ नहीं बोल सकता।

अभूतपूर्व होगा श्रीराम का स्वागत, सीएम के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में चलेगा स्वच्छता महाअभियान

जिस प्रकार प्रतिवर्ष दीपावली से पहले हम साफ सफाई और रंग रोगन के बाद अपने अपने घरों को आकर्षक झालरों और दीपों से सजाते हैं, ठीक उसी तर्ज पर योगी सरकार 22 जनवरी से पहले पूरे प्रदेश को चमकाने, सजाने और संवारने जा रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मकर संक्रांति से इस महाअभियान की शुरुआत करेंगे। सीएम योगी अयोध्या से स्वच्छता अभियान की शुरुआत करेंगे, जिसके बाद प्रदेश के हर गांव, हर नगर और प्रत्येक मोहल्ले में वृहद स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। नगर विकास और पंचायती राज विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नगर विकास और पंचायती राज विभाग के लिए निर्देश जारी
अयोध्या में होने जा रहे भव्य मंदिर के उद्घाटन और प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से नगर विकास विभाग और पंचायती राज विभाग के लिए निर्देश जारी किये गये हैं। 14 जनवरी से शुरू होने जा रहे स्वच्छता के महाअभियान की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभालेंगे। इसके बाद अगले 9 दिन तक प्रदेश के हर हिस्से में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। यही नहीं प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर स्थानीय जनप्रतिनिधि विशेष सफाई अभियान की कमान संभालेंगे।

साफ होगी एक एक नाली, राम की पैड़ी भी होगी निर्मल
अयोध्या में ना केवल मुख्य मार्ग बल्कि रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से मंदिर तक के मार्ग पर गंदगी और धूल को पूरी तरह से साफ करने के निर्देश हैं। इसके अलावा अयोध्या की प्रत्येक नालियों की सफाई, ड्रेनेज और यूटिलिटी डस्ट की सफाई के साथ ही बड़े पैमाने पर सफाई कर्मियों की टीम को लगाने के भी निर्देश हैं। इसमें 3800 पुराने और 1500 नये सफाई कर्मियों की तैनाती की जानी है। वहीं खाद्य विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि अयोध्या के सभी पेट्रोल पंप और ग्रीन कॉरीडोर पर मौजूद शौचालयों की रेगुलर जांच कर उनकी स्वच्छता सुनिश्चित की जाए साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा नया घाट पर 1.37 किमी तक नदी पर बैरियर बनाकर राम की पैड़ी की सफाई सुनिश्चित की जाएगी।

हाईवे बनाए जाएंगे ग्रीन कॉरीडोर, लगेंगी रामचरित मानस की होर्डिंग्स
इसके अलावा लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी से अयोध्या के राजमार्गों को ग्रीन कॉरीडोर बनाते हुए इन मार्गों की समुचित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इन मार्गों पर रामचरित मानस की चौपाइयों की होर्डिंग्स भी लगाए जाएंगे साथ ही साथ प्रदेश के सभी सरकारी इमारतों और स्कूल कॉलेज को सजाने के भी निर्देश हैं। प्रदेश के सभी कार्यालयों को 22 से 26 जनवरी तक रंग बिरंगे झालरों और प्रकाश से सजाने के भी निर्देश दिये गये हैं।

अब संगीत की धुनें पूरी तरह स्वदेशी; विजय चौक के बीटिंग रिट्रीट पर रक्षा मंत्रालय ने कही यह बात

भारत के गणतंत्र बनने का जश्न इस बार 75वें साल भी धूमधाम से मनाया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुख्य राजकीय समारोह के दौरान बजने वाला संगीत इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का मुख्य आकर्षण होगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह 26 जनवरी की परेड से तीन दिन बाद होता है। सरकार के मुताबिक इस साल के बीटिंग रिट्रीट समारोह में संगीत की धुनें रोमांचिक करेंगी। खास बात ये कि सभी धुनें स्वदेशी ही होंगी। यानी भारत में कंपोज म्यूजिक और सैनिकों की देशभक्ति का रंग सिर चढ़कर बोलेगा।

75वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय संगीत की धुनें
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर भव्य परेड और झांकियों का प्रदर्शन होगा। सरकार के मुताबिक 29 जनवरी की शाम बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह समाप्त होता है। सरकार ने कहा कि इस साल 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के समापन समारोह- बीटिंग रिट्रट में शामिल होने वाले तमाम सुरक्षाबल भारत में कंपोज की गई म्यूजिक की धुनें बजाएंगे।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य मेहमान होंगे शामिल
सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल पर इस समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अन्य गणमान्य मेहमान भी मौजूद रहेंगे। 29 जनवरी की शाम विजय चौक पर आयोजित ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह में संगीत की सभी धुनें भारतीय ही होंगी। भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड में शामिल जवान संगीत की धुनों के साथ देशभक्ति का ज्वार पैदा करेंगे। बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले कर्तव्य पथ पर परेड के लिए चुनी गई झांकियों को लेकर भी बयान दिया था।

‘एक देश, एक चुनाव’ पर ममता बनर्जी को आपत्ति, पत्र में लिखा- यह संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ

तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक देश एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है। इस पत्र में ममता बनर्जी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर असहमति जताई और लिखा कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना भारत की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है।

यह संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ
पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि ‘साल 1952 में पहले आम चुनाव केंद्र के साथ राज्य स्तर पर भी हुए थे। कुछ साल तक ऐसे ही चला, लेकिन फिर यह सह अस्तित्व टूट गया। मुझे दुख है कि मैं इस एक देश-एक चुनाव के कॉन्सेप्ट के साथ सहमत नहीं हो सकती। हम आपके प्रस्ताव से असहमत हैं।’ पश्चिम बंगाल की सीएम के अनुसार, ‘वेस्टमिंस्टर सिस्टम में संघीय और प्रदेश स्तर के चुनाव अलग-अलग होना प्रमुख विशेषता है, जिसे बदला नहीं जाना चाहिए। इसी तरह भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में भी संघीय और प्रदेश स्तर के चुनाव अलग-अलग होना आधारभूत विशेषता है।’

ED के खिलाफ एफआईआर पर कलकत्ता हाईकोर्ट की रोक, 18 जनवरी तक देना होगा जवाब; 22 को अगली सुनवाई

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़- तृणमूल कांग्रेस (TMC) और केंद्रीय जांच एजेंसियों का टकराव अक्सर सुर्खियां बटोरता है। यह मामला टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और ईडी की टीम पर कथित तौर से हुए जानलेवा हमले का है। इस मामले में ईडी और शाहजहां शेख एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। ताजा घटनाक्रम में कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी (FIR) पर रोक लगा दी है। अदालत ने प्रतिवादियों से 18 जनवरी तक जवाब दाखिल कर सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर की।

एफआईआर पर स्थगन आदेश पारित करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की पीठ ने कहा, ‘प्रतिवादी को अगले गुरुवार यानी 18 जनवरी तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। इसके माध्यम से अदालत के रिकॉर्ड पर केस डायरी लाई जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा, केस डायरी रिकॉर्ड पर लाए जाने के बाद अगर जरूरत पड़ती है तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को तैयार रहना होगा। पीठ ने अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता के बशीरहाट पुलिस के पास दर्ज FIR में शाहजहां शेख की तरफ से ईडी अधिकारियों पर छेड़छाड़, चोरी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बशीरहाट पुलिस ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC- नए कानून का नाम भारतीय न्याय संहिता या BNS) की अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में जिक्र है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिसर से 1,35,000 रुपये चोरी हो गए।

पूर्वी कमान प्रमुख पहुंचे मणिपुर, सुरक्षा का लिया जायजा; विभिन्न समुदाय के प्रतिनिधियों से भी मिले

सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया। इस दौरान वे कई जिलों में गए और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। वे सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले स्थिति की जानकारी ली। यात्रा के दौरान तिवारी ने स्थानीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की और समस्याओं को जाना।

जानकारी के मुताबिक, जीओसी-इन-सी पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने वर्तमान सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए मणिपुर में कांगपोकपी, सेनापति, ज्वालामुखी और चुराचांदपुर में असम राइफल्स की संरचनाओं और इकाइयों का दौरा किया। उन्होंने शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में उनके अथक प्रयासों के लिए सभी रैंकों की सराहना की।

सेना कमांडर ने सभी समुदायों के नेताओं और सीएसओ के साथ भी बातचीत की और उनसे शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स को सीएसओ द्वारा प्रदान किए गए समर्थन की सराहना की।

‘इन्होंने प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का भी..’, कांग्रेस के न्योता ठुकराने पर भड़की भाजपा

कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता ठुकराने पर भाजपा भड़क गई है। पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अब बहिष्कार पार्टी बन गई है। इन्होंने भगवान राम तक को काल्पनिक कहा था, जबकि महात्मा गांधी खुद राम-राज्य की कल्पना करते थे। भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस अब गांधी की नहीं नेहरु की बन कर रह गई है। इन्होंने कुछ समय पहले ही कांग्रेस के नेता रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न सम्मान समारोह तक का बहिष्कार किया था।

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, “कांग्रेस ने इससे पहले हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी और अब द्रौपदी मुर्मू जी के संसद में अभिभाषण का बहिष्कार किया। 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था।

भाजपा ने कहा, “और तो और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी, जो इन्हीं की पार्टी के थे उनके भारत रत्न समारोह का भी कांग्रेस ने बहिष्कार कर दिया था। अभी कुछ महीने पहले उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया। जब GST लागू हुआ तो उसका भी बहिष्कार किया। G20 के समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे, उसमें भी महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए भोज का भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया।”

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी अच्छे से अच्छे अनुष्ठान में विघ्न उत्पन्न करके संतोष प्राप्त करने वाली प्रवृत्ति की परिचायक कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है? भारत का इतिहास जब-जब करवट ले रहा होता है, तब-तब वो उस अवसर के साथ खड़े न होकर उसका बहिष्कार करते हैं।

हत्या से जुड़े मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को राहत, HC का बरी करने का फैसला बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बरी किए जाने के खिलाफ 2004 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया गया था। मामला 2000 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में प्रभात गुप्ता की हत्या से जुड़ा है।

दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ और ट्रायल कोर्ट द्वारा दर्ज किए गए तथ्यों के निष्कर्षों में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। पीठ ने आठ जनवरी को पारित अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल को विस्तार से सुनने और रिकॉर्ड पर रखी की गई सामग्री को पढ़ने के बाद हम दोनों अदालतों द्वारा दर्ज किए गए तथ्यों में हस्तक्षेप के इच्छुक नहीं हैं। गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट ने 2004 में अजय मिश्रा को मामले से बरी कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता राजीव गुप्ता द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मई 2023 के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई गलती नहीं थी। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपील को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से प्रयागराज की मुख्य पीठ में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था। गौरतलब है कि हत्या के सिलसिले में लखीमपुर में दर्ज प्राथमिकी में अजय मिश्रा और अन्य का नाम शामिल था, जिनकी तिकुनिया इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लखीमपुर खीरी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 2004 में अपर्याप्त सबूतों के चलते अजय मिश्रा और अन्य को मामले से बरी कर दिया। मृतक के परिवार ने फैसले को चुनौती देते हुए एक अलग पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।