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कांग्रेस में शामिल हुई वाईएस शर्मिला, बोलीं- इसी पार्टी ने किया भारत की बुनियाद का निर्माण

वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल हो गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में वाईएस शर्मिला गुरुवार को कांग्रेस के साथ जुड़ गई। कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही वाईएस शर्मिला ने अपनी पार्टी वाईएस तेलंगाना पार्टी (वाईएसटीपी) को भी कांग्रेस में विलय कर दिया। वाईएसटीपी के कांग्रेस में विलय होने पर शर्मिला ने कहा, ‘बहुत जल्द लोकसभा चुनाव के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा।’

कांग्रेस में शामिल हुई वाईएस शर्मिला

बता दें कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए शर्मिला बुधवार रात को ही दिल्ली पहुंच चुकी थी और गुरुवार की सुबह वह एआईसीसी मुख्यालय पहुंची। कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में एक नया पद दिया जाएगा। कांगेस में शामिल होने के बाद वाईएस शर्मिला ने कहा, हमारे देश में कांग्रेस अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है। इसने हमेशा भारत की सच्ची संस्कृति को बरकरार रखा है और भारत की बुनियाद का निर्माण भी इसी पार्टी ने किया है।

बता दें कि शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं। उन्होंने हाल में संपन्न हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था।

बाबरी विध्वंस मामले में हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर छिड़ी रार, धरने पर बैठे पूर्व मंत्री

बाबरी विध्वंस की घटना के बाद कर्नाटक में भड़के दंगों के मामले में कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में एक हिंदू कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया था। भाजपा इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है और जिस तरह से भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है, उससे लग रहा है कि यह मामला कर्नाटक में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। भाजपा इसे लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। अब पूर्व कैबिनेट मंत्री सीटी रवि भी हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं।

पुलिस स्टेशन में धरने पर बैठे पूर्व मंत्री
कर्नाटक के पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता सीटी रवि गुरुवार को चिकमगलूर में टाउन पुलिस स्टेशन में धरने पर बैठ गए। वह हुबली में गिरफ्तार किए गए हिंदू कार्यकर्ता को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। धरने प्रदर्शन के दौरान सीटी रवि राम भजन गाते नजर आए। भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। वहीं कांग्रेस भी इस मामले में झुकने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस भवन में गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नेता राज्य सरकार के खिलाफ झूठ फैला रहे हैं।

क्या है विवाद की वजह
दरअसल यह विवाद साल 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हुबली में भड़के सांप्रदायिक दंगों से जुड़ा है। आरोप है कि हुबली के श्रीकांत पुजारी समेत कई अन्य लोगों ने दंगे के दौरान एक मुस्लिम व्यक्ति की दुकान में आगजनी की थी। हाल ही में कर्नाटक पुलिस ने उस मामले में श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होने जा रहा है। ऐसे वक्त पर हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तार ने भाजपा को नाराज कर दिया है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने बदले की राजनीति के तहत हिंदू कार्यकर्ता को अब इतने सालों बाद गिरफ्तार किया है

कोविड सहित अन्य वायरल संक्रमणों से लड़ने में सक्षम है मशरूम, एंटीऑक्सीडेंट का स्तर काफी ज्यादा

मशरूम पोषण के साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है। यह इम्युनिटी बढ़ाने के साथ शरीर की वायरस से लड़ने में मदद करता है। इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं का अध्ययन जर्नल ऑफ फंगी में प्रकाशित हुआ है।

वैज्ञानिकों के अनुसार मशरूम में प्राकृतिक रूप से मौजूद यह बायोएक्टिव तत्व हमारे शरीर में होने वाले संक्रमण के साथ-साथ वायरस, सूजन और रक्त के थक्के को जमने से रोकने में मददगार साबित होते हैं। खास बात यह है कि यह तत्व मशरूम में प्राकृतिक तौर पर मौजूद होते हैं और ऐसे मशरूमों में भी पाए जाते हैं, जिन्हें ढूंढ़ना आसान है।

एंटीऑक्सीडेंट का स्तर काफी ज्यादा
कोविड के साथ-साथ अन्य संक्रमणों के प्रकोप के कारण मशरूम ने वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, क्योंकि इन्हें प्राप्त करना आसान है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट का स्तर काफी ज्यादा और पोषण संबंधी गुण मौजूद होते हैं। खास बात यह है कि इनके दुष्प्रभाव भी काफी कम होते हैं। इसके अलावा आहार के रूप में लोगों को मशरूम बेहद पसंद है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति की बैठक आज, पार्टी की रणनीति पर होगी चर्चा

कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए आज अहम बैठक कर रही है। इसमें राज्यों के पीसीसी अध्यक्ष, महासचिव, विधायक दल के नेता, पार्टी प्रभारी और संगठन के पदाधिकारी भाग लेंगे। दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में 32 राज्यों से मिले लोकसभा सीट वार आकलन की रिपोर्ट के आधार पर समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ चर्चा करेगी। इसके अलावा इस बैठक में भारत न्याय यात्रा पर भी चर्चा की जाएगी।

कांग्रेस की इस महत्वपूर्ण बैठक में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा होगी। बैठक के परिणाम को बाद में सहयोगी दलों के सामने रखा जाएगा। बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और झारखंड के पार्टी नेता प्रमुख रूप से बैठक में शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में 290 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। गठबंधन समिति ने पार्टी शीर्ष नेतृत्व को कांग्रेस नेताओं द्वारा जीती गई सीटों के साथ-साथ उन सीटों पर भी फीडबैक लिया, जहां 2019 के चुनावों में कांग्रेस पीछे रह गई थी।

पिछली बैठक में इंडिया गठबंधन के रोडमैप पर हुई थी चर्चा
इससे पहले 30 दिसंबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति की बैठक हुई थी। दिल्ली में कांग्रेस सांसद मुकुल वासनिक के आवास पर हुई बैठक में 28 विपक्षी पार्टियों के गठबंधन- INDIA की भावी सियासी रणनीति पर मंथन हुआ था। बैठक के बाद पार्टी महासचिव अविनाश पांडे ने बताया था कि वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बैठक में कई अहम बिंदुओं पर काफी सार्थक चर्चा हुई। पांडे ने कहा, हमने आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और इंडियन गठबंधन के रोडमैप पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आगामी चुनाव जीतने में गठबंधन को कांग्रेस की तरफ से कितनी मदद मिल सकती है? इसके अलग-अलग पहलुओं पर भी विचार किया गया।

पिछले वित्त वर्ष में चुनावी ट्रस्टों से भाजपा को मिला 71 फीसदी चंदा, 25% पहुंचा बीआरएस के खाते में

पिछले वित्त के दौरान चुनावी ट्रस्टों से प्राप्त कुल चंदे का लगभग 70 फीसदी भाजपा को मिला। चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने यह जानकारी दी है। एडीआर के मुताबिक, वर्ष 2022-23 के लिए चुनावी ट्रस्टों के योगदान के विश्लेषण में पाया गया है कि कुल चंदे का 25 फीसदी भारत राष्ट्र समिति (बीएसआर) को प्राप्त हुआ है। इस दौरान 39 कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घरानों ने चुनावी ट्रस्टों को 363 करोड़ रुपये से अधिक का योगदन दिया।

इनमें से चार कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घरानों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 360 करोड़, एक कंपनी ने समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2 करोड़, दो कंपनियों ने परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट को 75.50 लाख और दो कंपनियों ने ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये का योगदान दिया है।

क्या कहते हैं एडीआर के आंकड़े
एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा को 259.08 करोड़ रुपये का चंदा मिला है जो कुल प्राप्त योगदान का 70.69 फीसदी है। बीआरएस को कुल अनुदान का 24.56 फीसदी यानी 90 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों को मिलाकर 17.40 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

एनजीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में भाजपा को प्रूडेंट इकेक्टोरल ट्रस्ट से 336.50 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इस बार 256.25 करोड़ रुपये ही मिले हैं। समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने भाजपा को 1.50 करोड़ और कांग्रेस को 50 लाख रुपये का चंदा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने चार दलों-भाजपा, बीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और आप को चंदा दिया है।

‘सत्ता के लिए पार्टी के आदर्शों को कुचला गया’, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल का अजित पवार पर जुबानी हमला

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिरडी में शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी समाज सुधारकों छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और भीमराव अंबेडकर के आदर्शों पर मजबूती से खड़ी हुई हैं। इन्हीं आदर्शों के आधार पर पार्टी का निर्माण हुआ था। जयंत पाटिल ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि जब हम सत्ता में थे तो हमने आदर्शों पर ध्यान केंद्रित करने के विचार पर बहुत कम जोर दिया। यही वजह है कि कुछ लोग बिना इस पर विचार किए अलग-अलग सिद्धांतों की ओर आकर्षित हो गए हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं को लड़नी होगी वैचारिक लड़ाई- जयंत
अपने संबोधन में जयंत पाटिल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस वैचारिक लड़ाई को लड़ने का आग्रह किया हैं। गौरतलब है कि 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी के गठन के बाद से 2014 तक महाराष्ट्र में सत्ता में थी। पांच साल के अंतराल के बाद एनसीपी 2019 में फिर से राज्य सरकार का हिस्सा बन गई और जून 2022 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया। बता दें एनसीपी पिछले साल जुलाई में दो गुटों में बंट गई थी, जब पार्टी के एक वरिष्ठ नेता अजित पवार और आठ अन्य विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे, जिसका भाजपा भी एक हिस्सा हैं।

संजय राउत ने अजित पवार पर साधा था हमला
सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) संजय राउत ने अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने गुलामी को स्वीकार किया है, उन्हें महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नेताओं पर टिप्पणी करने का कोई अधिकारी नहीं हैं। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र का लगातार अपमान हो रहा है, लेकिन सत्ता में बैठें लोग चुप्पी साधे हुए हैं। इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच कोई खींचतान नहीं है।

कोलकाता में चाइनीज निमोनिया से संक्रमित पाई गई दस साल की बच्ची, नवंबर में इससे चीन में मचा था हाहाकार

कोलकाता के इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में एक दस वर्षीय बच्ची में चाइनीज निमोनिया का एक दुर्लभ प्रकार माइकोप्लाज्मा निमोनिया पाया गया है। दक्षिण कोलकाता के बांसद्रोणी में रहने वाली बच्ची को सांस लेने में समस्या, बुखार और खांसी की शिकायत के बाद 25 दिसंबर को पार्क सर्कस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान डॉक्टरों ने बच्ची में माइकोप्लाज्मा निमोनिया पाया।

एम्स-दिल्ली में सात मरीज संक्रमित
माइकोप्लाज्मा निमोनिया को चीनी निमोनिया या चाइनीज निमोनिया भी कहा जाता है, क्योंकि पिछले साल चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के कारण सांस में दिक्कत होने के कई मामले देखे गए थे। एम्स-दिल्ली के डॉक्टरों ने पिछले हफ्ते करीबन सात मरीजों में यह संक्रमण देखा, जिसमें ज्यादातर बच्चे थे। बता दें कि ‘माइकोप्लाज्मा निमोनिया’ बैक्टीरिया है जिससे मुख्य रूप से श्वसन पर असर पड़ता है। चीन के अलावा, अमेरिका सहित अन्य देशों में भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया के संक्रमण का प्रभाव देखा गया।

बच्ची पर हो रहा दवाओं का असर
कोलकाता के अस्पताल में बच्ची पर इलाज का असर हो रहा है। अस्पताल के बाल चिकित्सा प्रमुख जयदेब दे ने कहा, ‘दवाओं के कारण बच्ची में सुधार देखा जा रहा है। उसे फिलहाल किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है।’ बच्ची के एक्स-रे में डॉक्टरों ने बताया कि इस संक्रमण ने लड़की के फेफड़ों को प्रभावित किया है।

‘आकार में भले छोटा, लेकिन इसका दिल बड़ा’, मुस्लिम बहुल लक्षद्वीप में बोले प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लक्षद्वीप को करोड़ों की सौगात दी। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का गवाह बने मुस्लिम बहुल लक्षद्वीप के लोगों का दिल जीतने के प्रयास के तहत बुधवार को कहा कि यह द्वीपसमूह भले ही छोटा है, लेकिन इसका दिल बड़ा है।

प्रधानमंत्री ने यहां केंद्र शासित प्रदेश में 1,150 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद यह बात कही। बता दें, प्रधानमंत्री मंगलवार को लक्षद्वीप पहुंचे थे। उन्होंने आज एक समारोह में इन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। समारोह में महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों द्वीपवासियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘लक्षद्वीप का क्षेत्रफल भले ही छोटा हो, लेकिन इसका दिल बहुत बड़ा है। मैं यहां मिल रहे प्यार और आशीर्वाद से अभिभूत हूं। मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।’

पहले की सरकारों पर निशाना साधा
मोदी ने इस दौरान पहले की सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद दशकों तक केंद्र में जो सरकारें रहीं उनकी प्राथमिकता सिर्फ अपने राजनीतिक दल का विकास था। जो दूर-सुदूर के राज्य हैं, जो बॉर्डर पर हैं या जो समुद्र के बीच में हैं, उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया जाता था। बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने जो बॉर्डर के इलाके हैं जो समुद्र के छोर के इलाके हैं, हमने उन्हें अपनी प्राथमिकता बनाया है।’

तेज इंटरनेट सुविधा मिलेगी
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत के हर क्षेत्र और हर नागरिक का जीवन आसान बनाना और उसे सुविधा से जोड़ना ही केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। आज यहां लगभग 1200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये इंटरनेट, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और बच्चों से जुड़ी परियोजनाएं हैं। इन सभी स्वास्थ्य परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।’ उन्होंने कहा कि 2020 में, आपको गारंटी दी थी कि अगले 1,000 दिनों के भीतर तेज इंटरनेट सुविधा मिलेगी। आज कोच्चि-लक्षद्वीप पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर परियोजना का उद्घाटन किया गया है। अब लक्षद्वीप में इंटरनेट 100 गुना अधिक गति से उपलब्ध होगा। बता दें, प्रधानमंत्री ने अगस्त 2020 में लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में यह घोषणा की थी।

संचार बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव
इस पहल का उद्देश्य लक्षद्वीप पर धीमी इंटरनेट गति की चुनौती को दूर करना है। अधिकारियों के अनुसार, इससे द्वीपों में इंटरनेट की गति 100 गुना से अधिक बढ़कर, 1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस (गीगा बाइट प्रति सेकेंड) हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप अब एक पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जो संचार बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे द्वीपों में इंटरनेट सेवाओं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शिक्षा, डिजिटल बैंकिंग, मुद्रा उपयोग और साक्षरता में वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री ने कदमत में कम तापमान वाले थर्मल डी-सैलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का भी उद्घाटन किया, जो हर दिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन करेगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अगाती और मिनिकॉय द्वीपों पर सभी घरों में घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) राष्ट्र को समर्पित किए।

मोदी द्वारा शुरू की गई अन्य परियोजनाओं में कावारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र, लक्षद्वीप में पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना शामिल है। उन्होंने कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण और पांच द्वीपों एंड्रोथ, चेतलाट, कदमत, अगाती और मिनिकॉय में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) के निर्माण की आधारशिला भी रखी।

वीजा नियमों को आसान बनाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने हज यात्रियों की सहूलियत के लिए जो प्रयास किया है उसका भी लाभ लक्षद्वीप के लोगों को मिला। हज यात्रियों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाया गया है। हज से जुड़ी ज्यादातर कार्रवाई अब डिजिटल होती है। सरकार ने महिलाओं को बिना महरम हज जाने की भी छूट दी है। इन्हीं सब प्रयासों की वजह से उमराह के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।’

पिछले 24 घंटों में 602 कोरोनावायरस के नए मामले दर्ज; पांच की मौत, चार हजार से अधिक सक्रिय मामले

भारत में पिछले 24 घंटों में 602 नए कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए हैं। इस दौरान पांच की मौतहो चुकी है। इसी के साथ देशभर में सक्रिय मामलों की संख्या अब 4440 हो चुकी है। मंगलवार तक सक्रिय मामलों की संख्या 4,565 थी। बता दें कि मंगलवार को 573 नए मामले देखे गए थे और 24 घंटों में हरियाणा और कर्नाटक में कोविड के कारण एक-एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी। कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के कारण भारत सहित कई अन्य देशों में संक्रमण की रफ्तार में वृद्धि देखी जा रही है।

पिछले एक माह के भीतर देश के कई राज्यों में संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल दर्ज किया गया है। हालिया रिपोर्ट में ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट JN.1 के अब तक दस राज्यों में पुष्टि की खबर है। इन राज्यों में केरल और गोवा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केरल में JN.1 से 133 और गोवा में 51 लोगों को संक्रमित पाया गया है।

पीएम मोदी ने 14 जनवरी से मंदिरों के लिए इस अभियान के शुरुआत का किया आह्वान, अयोध्या के लिए कही ये बात

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनगरी को साफ-सुथरा बनाने का संकल्प लिया है। इसी के चलते उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा कर देश से अयोध्या को सबसे स्वच्छ शहर बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि देशभर के लोगों से प्रार्थना है कि मकर संक्रांति के दिन से छोटे-मोटे तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता का अभियान चलाया जाना चाहिए। ये अभियान 14 जनवरी से 22 जनवरी तक चलाया जाना चाहिए।

अब हर रोज अयोध्या आते रहेंगे लोग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरा अयोध्या के भाई-बहनों से है आपको देश और दुनिया के अनगिनत अतिथियों के लिए तैयार होना है। अब देश-दुनिया के लोग लगातार हर रोज अयोध्या आते रहेंगे। इसलिए अयोध्यावासियों को एक संकल्प लेना है कि रामनगरी को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का। ये स्वच्छ अयोध्या अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी है।’

14-22 तक चलाएं अभियान
उन्होंने आगे कहा, ‘देशभर के लोगों से मेरी प्रार्थना है कि भव्य राम मंदिर के निर्माण के निमित्त, एक सप्ताह पहले 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन से पूरे देश के छोटे मोटे सभी तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता का बहुत बड़ा अभियान चलाना चाहिए। हर मंदिर में सफाई का अभियान हमें 14 जनवरी से 22 जनवरी तक चलाना चाहिए।’

प्रभु राम सभी के
पीएम ने जोर देकर कहा, ‘प्रभु राम सभी के हैं। भगवान राम जब आ रहे हैं तो हमारा एक भी मंदिर, एक भी तीर्थ क्षेत्र गंदा नहीं होना चाहिए।’

पूरी होगी मोदी की तीन दशक पुरानी प्रतिज्ञा
गौरतलब है, 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दशक पुराना प्रण भी पूरा होगा। मोदी इस दिन नए मंदिर में मुख्य यजमान के रूप में रामलला की आंखों से पट्टी हटाए जाने के बाद पहला दर्शन करेंगे। इसी के साथ 14 जनवरी 1992 को जन्मभूमि में रामलला के सामने ली गई उनकी भावपूर्ण प्रतिज्ञा साकार हो जाएगी। 11 दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से शुरू हुई भाजपा की एकता यात्रा 14 जनवरी 1992 को अयोध्या पहुंची थी। इस यात्रा में मुरली मनोहर जोशी के साथ आरएसएस के पूर्व प्रचारक व गुजरात भाजपा के महासचिव के रूप में नरेंद्र मोदी भी आए थे। तब वह जन्मभूमि में दर्शन करने गए थे। इस दौरान प्रतिज्ञा ली थी कि अब मंदिर में विराजमान होने के बाद दर्शन करने आएंगे।