Friday , November 22 2024

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लद्दाख में चीनी फौज के सामने जब DSP ने मिट्टी हाथ में उठाकर कहा, ये जमीन हमारी है

चीनी सैनिकों के धोखे की बात सामने आते ही ‘होट स्प्रिंग’ के जांबाज सोनम वांग्याल का मन कड़वाहट से भर जाता है। सीआरपीएफ से रिटायर्ड और उस मिशन के एकमात्र जीवित नायक सोनम वांगयाल ने बताया कि 1959 में चीनी सैनिकों ने लेह-लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ की थी। भले ही भारतीय नायकों की संख्या मुट्ठीभर रही थी, लेकिन उन्होंने चीन की फौज का जमकर मुकाबला किया था।

लद्दाख में चीनी फौज के सामने डीएसपी करमसिंह (आईटीबीएफ) ने मिट्टी हाथ में उठाकर कहा था, ये जमीन हमारी है। इसके बाद चीन की फौज की तरफ से एक पत्थर फेंका गया। बतौर वांगयाल, जब चीन की इस हरकत का विरोध किया गया तो उनके सैनिकों ने चारों तरफ से फायरिंग शुरू कर दी। भारत के कई जवान शहीद हुए। भारत के उन्हीं शहीदों के सम्मान में हर वर्ष 21 अक्तूबर को देश में पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है।

‘चीन की फौज’ के धोखे की कहानी
सीआरपीएफ से रिटायर्ड और उस मिशन के एकमात्र जीवित नायक सोनम वांगयाल ने एक खास बातचीत में ’21 अक्तूबर’ और ‘चीन की फौज’ के धोखे को लेकर कई खुलासे किए। उन्होंने कहा, हमारे जवान चीनी सैनिकों के साथ बहादुरी से लड़े थे। 21 अक्तूबर 1959 का दिन और 16,300 फुट की ऊंचाई पर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने वाली चीन की फौज ने हमारे जवानों को धोखे से मार डाला था। उस वक्त लद्दाख में कई फुट बर्फ पड़ी थी।

उन्होंने कहा, ‘मैं अकेला था। मेरे सामने 10 जवानों के शव पड़े थे। शवों को लाने के लिए मैंने लकड़ी और तिरपाल का स्ट्रेचर बनाया। भारतीय जवानों के शवों को घोड़ों की मदद से खींचते हुए सिलुंग नाले के रास्ते होट स्प्रिंग (लेह में चीनी सैनिकों के कब्जे से मुक्त कराई गई भारतीय चौकी) तक लाया। शव इतने क्षत-विक्षत हो चुके थे कि उन्हें आगे ले जाना मुश्किल था। नतीजा, वहीं पर लकड़ियां एकत्रित कीं और बर्फ में ही अपने साथियों का अंतिम संस्कार कर दिया।’

25 साल की उम्र में बने थे एवरेस्ट विजेता
बता दें कि 1965 में मात्र 25 साल की आयु में वांग्याल एवरेस्ट विजेता बने थे। 1962 की लड़ाई से पहले 1959 में चीनी सैनिकों ने लेह-लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ की थी। मुट्ठीभर जवानों को होट स्प्रिंग पर चौकी स्थापित करने का आदेश मिला। भारतीय जवान चौकी स्थापित करने में तो कामयाब हो गए, लेकिन अपने लापता साथियों की तलाश के दौरान सैकड़ों चीनी सैनिकों ने उन्हें निशाने पर ले लिया। दर्जनभर जवानों को धोखे से मार डाला। जो बच गए उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

शिंदे गुट के MLA पर पुलिस ने दर्ज किया केस, घर से बाहर रह रहे वोटर्स को पैसों की पेशकश का आरोप

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनेताओं की तरफ से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास जारी है। वहीं राज्य के छत्रपति संभाजीनगर जिले में शिंदे गुट एक विधायक पर घरों से बाहर रह रहे मतदाताओं को धन की पेशकश करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। मामले में छत्रपति संभाजीनगर पुलिस ने एक वीडियो सामने आने के बाद शिवसेना के विधायक संतोष बांगर के खिलाफ गैर-संज्ञेय मामला दर्ज किया है जिसमें कथित तौर पर उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि घर से दूर रह रहे उनके विधानस क्षेत्र के मतदाता, वोट देने के लिए अगर अपने घर पर आते हैं तो उन्हें ऑनलाइन पैसे दिए जाएंगे।

विधायक ने कहा- फोनपे समेत सभी सुविधा मिलेगी
मामले में एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि यह मामला हिंगोली जिले में दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना के नेता संजय बांगर हिंगोली जिले की कलमनुरी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, जो भी मतदाता बाहर हैं, उनकी सूची हमें अगले दो-तीन दिन में दे दी जाए। उनसे कहिए वाहन किराए पर लें और उन्हें वो सब कुछ मिलेगा जो वे चाहते हैं। उन्हें फोनपे (ऑनलाइन भुगतान ऐप) समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्हें बताएं कि वे हमारे लिए आ रहे हैं।

मामले में चुनाव आयोग ने मांगा था स्पष्टीकरण
बता दें कि इस वीडियो को कुछ क्षेत्रीय समाचार चैनलों ने भी प्रसारित किया है। निर्वाचन आयोग ने पिछले सप्ताह यह वीडियो सामने आने के बाद संजय बांगर से स्पष्टीकरण मांगा था जो उन्होंने पेश कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को कलमनुरी पुलिस ने बांगर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 170 (1) (1) (किसी चुनावी अधिकार का प्रयोग करने के लिए किसी व्यक्ति को प्रेरित करने की खातिर रिश्वत देना या ऐसे किसी अधिकार का प्रयोग करने के लिए किसी व्यक्ति को पुरस्कृत करना) और 173 (रिश्वत) के तहत गैर-संज्ञेय मामला दर्ज किया।

कानून में बदलाव की तैयारी, कठोर सजा के साथ जुर्माने का होगा नियम

नई दिल्ली:देश भर की तमाम एयरलाइन कंपनियों के विमानों में बम की धमकी मिलने का सिलसिला पिछले कई हफ्तों से जारी है। रविवार को भी 25 विमानों में बम होने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद 25 विमानों में बम होने की धमकी दी गई। इन धमकियों को लेकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक आरएस भट्टी और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस बैठक के दौरान गृह मंत्रालय को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर धमकी भरे फर्जी कॉल के बारे में अवगत कराया गया। केंद्र सरकार इस मामले में सख्त हो गई। उन्होंने कानून में बदलाव करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही अपराधी को जुर्माने के साथ सजा भी दी जाएगी।

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने विमानों को बम से उड़ाने की धमकी पर बात की। उन्होंने कहा, “अगर आवश्यक हुआ तो हमने मंत्रालय की तरफ से कुछ विधायी कार्रवाई के बारे में सोचा है। हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ऐसे दो क्षेत्र हैं जिन पर हम काम कर सकते हैं। 1. विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन। एन नियमों को बदलकर हम जो करना चाहते हैं , वह यह है कि अपराधी जब पकड़ा जाएगा तो हम उन्हें नो-फ्लाइंग सूची में डालना चाहते हैं। 2. नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम के विरुद्ध गैरकानूनी कार्यों को खत्म करना।” उन्होंने आगे कहा, “हम इसे संज्ञेय अपराधों की सूची में डाल रहे हैं और उस संशोधन के आधार पर जुर्माने के साथ सजा भी दी जाएगी।”

लगातार मिल रहे इन धमकियों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने हवाईअड्डों पर एहतियातन सतर्कता बढ़ा दी है। उन्होंने इन झूठी धमकियों की रिपोर्ट भी मांगी है। रविवार को इंडिगो, विस्तारा, एयर इंडिया और अकासा समेत 20 से अधिक भारतीय विमानों में बम की धमकी मिली। इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया की छह-छह उड़ानों में बम होने की धमकी दी गई। इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि इंडिगो की 6E 58 जेद्दा से मुंबई, 6E87 कोझिकोड से दम्मम, 6E11 दिल्ली से इस्तांबुल, 6E17 मुंबई से इस्तांबुल, 6E133 पुणे से जोधपुर और 6E112 गोवा से अहमदाबाद फ्लाइट में बम होने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विमानों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले हैंडल को ब्लॉक कर दिया गया। पिछले हफ्ते से अब तक 100 से अधिक उड़ानों में बम की धमकियां मिल चुकी हैं। सभी धमकियां अफवाह निकली हैं

सम्मानजनक समझौते के बिना उपचुनाव में नहीं उतरेगी कांग्रेस, अखिलेश की गलतफहमी दूर करने पर भी है निशाना

यूपी में नौ सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव से कांग्रेस ने फिलहाल किनारा कर लिया है। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर की दो विधानसभा सीटें दी है, जबकि कांग्रेस अपने लिए पांच सीटों पर दावेदारी कर रही है। कांग्रेस गाजियाबाद और खैर की बजाय अपने लिए सीसामऊ, फूलपुर और मझवां सीटों पर दावेदारी कर रही है। इन सीटों पर समाजवादी पार्टी से बात न बनते देख कांग्रेस ने दबाव बढ़ा दिया है। पार्टी ने कहा है कि यदि उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो वह चुनाव से दूर रहेगी।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी पेंच गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटों को लेकर है। ये दोनों सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस लंबे समय से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। यदि उपचुनाव में वह इन सीटों पर उतरती है तो भी उसके लिए जीत की संभावनाएं बहुत कम रहेंगी। जबकि यदि फूलपुर और मझवां सीटों पर वह उतरती है तो न केवल उसको जीत मिल सकती है, बल्कि इन क्षेत्रों में उसकी कमजोर होती पकड़ को भी मजबूती मिल सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस ने इन सीटों को लेकर अपना दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके अखिलेश यादव के लिए पीछे हटना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि दोनों दलों में पेंच फंस गया है।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, यूपी अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश में पार्टी की स्थिति को देखते हुए अपनी ओर से मजबूत दावेदारी करने के अपने निर्णय से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया है। अब सपा और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस पर अंतिम निर्णय लेगा। लेकिन ज्यादा संभावना इसी बात की है कि यदि सपा कांग्रेस को उसके मन मुताबिक सीटें नहीं देती है तो कांग्रेस उपचुनाव में नहीं उतरेगी। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, सपा को सीटों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार करना पड़ेगा।

अखिलेश की गलतफहमी दूर करना भी लक्ष्य
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन को किन कारणों से सफलता मिली थी, इसको लेकर अखिलेश यादव के मन में कुछ गलतफहमी है। उन्हें लगता है कि उन्होंने जो पीडीए समीकरण बनाया था, वह उनके पक्ष में गया है। जबकि कांग्रेस नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी ने संविधान और आरक्षण को लेकर जो माहौल बनाया था, उसके कारण पिछड़े, दलित और मुसलमान कांग्रेस-सपा गठबंधन के साथ आए और उसे जीत मिली।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका, टिकट कालाबाजारी के खिलाफ दिशा-निर्देश जारी करने की मांग

मुंबई:  ब्रिटिश बैंड कोल्डप्ले के जनवरी 2025 में नवी मुंबई में होने वाले बहुप्रतीक्षित कॉन्सर्ट के लिए ऑनलाइन टिकट बिक्री के दौरान कथित गड़बड़ी की मामले में, प्रमुख आयोजनों में टिकट कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए दिशा-निर्देश मांगने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

टिकटों की बिक्री के दौरान कई अनियमितताएं
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया गया। वकील अमित व्यास की तरफ से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में कहा गया है कि कॉन्सर्ट, लाइव शो आदि जैसे प्रमुख आयोजनों के लिए टिकटों की बिक्री के दौरान कई अनियमितताएं और अवैधताएं हैं। उन्होंने याचिका में दावा किया, कि इस तरह की अनियमितता और अवैधता पिछले महीने देखी गई थी जब कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट बुक माय शो प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए गए थे।

वकील अमित व्यास की ओर से पेश हुए एक वकील ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि कुछ माध्यमिक वेबसाइट अभी भी कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट अत्यधिक कीमतों पर बेच रही हैं। इस पर पीठ ने कहा कि पुलिस जांच चल रही है और मामले की सुनवाई दिवाली की छुट्टियों के बाद नवंबर में तय की गई है।

कालाबाजारी के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देश तय करने की मांग
इस याचिका में अदालत से ऐसे बड़े आयोजनों के लिए कालाबाजारी, टिकट दलाली और ऑनलाइन टिकटों की बिक्री रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश तय करने की मांग की गई है। पीआईएल में दावा किया गया है कि आईपीएल मैचों, 2023 में होने वाले क्रिकेट विश्व कप मैचों और गायक टेलर स्विफ्ट और दिलजीत दोसांझ के संगीत समारोहों के दौरान इस तरह के अवैध तरीके अपनाए गए। इस तरह के आयोजनों के दौरान आयोजक और टिकटिंग पार्टनर्स टिकटों को दूसरी टिकट वेबसाइटों पर बहुत अधिक कीमत पर सूचीबद्ध करके प्रशंसकों का शोषण करते हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट से प्रज्वल रेवन्ना को झटका, जमानत अर्जी खारिज; दुष्कर्म और यौन शोषण के हैं आरोप

बंगलूरू: कर्नाटक हाईकोर्ट से दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोपी जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रज्ज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उन पर कई महिलाओं से दुष्कर्म का भी आरोप है। पूर्व सांसद के खिलाफ मामले दर्ज होने के बाद जेडी-एस ने उन्हें पार्टी से भी निलंबित कर दिया था।

दरअसल प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। उन्होंने इस साल हासन से एनडीए उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले सोशल मीडिया पर कई अश्लील वीडियो वायरल हुए थे। प्रज्वल पर ये भी आरोप हैं कि वे महिलाओं का यौन शौषण करते वक्त खुद ही वीडियो रिकॉर्ड करते थे और बाद में रिकॉर्डिंग दिखाकर महिलाओं को ब्लैकमेल कर बार-बार उनका शोषण करते थे।

हासन में मतदान के ठीक एक दिन बाद 27 अप्रैल को प्रज्वल जर्मनी चले गए थे। सीबीआई ने उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था। यौन शोषण और दुष्कर्म के मामले में विशेष अदालत ने हासन सांसद के खिलाफ 18 मई को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। 31 मई को जैसे ही प्रज्वल बंगलूरू के कैंपेगौड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचे, तो एसआईटी ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

इससे पहले 19 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि पीड़िताओं के नाम न उजागर किए जाएं। सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका नामंजूर कर दी।

प्रज्वल रेवन्ना की मां को मिल चुकी है जमानत
हाईकोर्ट ने मामले में प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दे दी थी। भवानी रेवन्ना पर प्रज्वल रेवन्ना के शोषण का शिकार हुई एक महिला का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। इसे लेकर कर्नाटक एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

गिरती जनसंख्या पर चंद्रबाबू नायडू की सलाह से एक कदम आगे निकले CM स्टालिन, बोले- 16 बच्चे पैदा करें

चेन्नई: आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में विकास दर की वृद्धि के लिए प्रत्येक परिवार को दो या उससे ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दी। उनके बयान के तुरंत बाद तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने प्रतिक्रिया दी। सीएम स्टालिन ने जो कहा वह चंद्रबाबु नायडू के बयान से भी एक कदम आगे था। उन्होंने सभी को 16 बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखने को कहा। तमिलनाडु हिंदू रिलिजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट्स विभाग द्वारा 31 जोड़ों के लिए आयोजित विवाह समारोह में सीएम स्टालिन ने यह बयान दिया।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने समारोह के दौरान कहा, “तमिल में एक पुरानी कहावत है, पधिनारुम पेत्रु पेरु वज्वि वज्गा, जो दंपतियों को संतान समेत 16 संपतियों की कामना करता है। लेकिन अब ऐसे हालात बन रहे हैं कि लोकसभा क्षेत्र घटते जा रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि हमें खुद को कम बच्चे पैदा करने तक ही सीमित क्यों रखना चाहिए। हम 16 बच्चे पैदा करने का लक्ष्य क्यों नहीं रखते हैं?”

चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा?
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबु नायडू ने भविष्य के लिए जन्म दर बढ़ाने की जरूरत पर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने जनसंख्या नियंत्रण की वकालत की, लेकिन अब हमें भविष्य के लिए जन्म दर बढ़ाने की जरूरत है। राज्य सरकार एक कानून लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत केवल दो या उससे अधिक बच्चों वाले लोग ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे।” बता दें कि देश में औसत प्रजनन दर जहां 2.1 है (ये चिंता का विषय नहीं है), वहीं दक्षिणी राज्यों में यह आंकड़ा गिरकर 1.6 तक (ये चिंता का विषय है) पहुंच गया है।

भारत में घट रही युवा आबादी
केंद्र की यूथ इन इंडिया-2022 रिपोर्ट के अनुसार 2036 तक देश की 34.55 करोड़ आबादी ही युवा होगी, जो अभी 47 फीसदी से ज्यादा है। इसके अनुसार अभी देश में 25 करोड़ युवा 15 से 25 साल के बीच के हैं। लेकिन अगले 15 साल में यह और तेजी से गिरेगी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 की मानें तो साल 2011 में भारत में युवा आबादी की औसत उम्र 24 साल थी, जो अब 29 साल हो गई है। वहीं 2036 तक भारत में बुजुर्गों जनसंख्या का 12.5 फीसदी, 2050 तक 19.4 फीसदी और सदी के अंत तक ये 36 फीसदी तक पहुंच जाएगी।

‘हिंदुत्व’ शब्द को ‘भारतीय संविधानवाद’ से बदलने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ‘हिंदुत्व’ शब्द को ‘भारतीय संविधानवाद’ से बदलने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस मुद्दे पर जनहित याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, यह पूरी तरह से प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

बता दें कि यह जनहित याचिका दिल्ली के विकासपुरी निवासी एस एन कुंद्रा ने दायर की थी। इस पर सुनवाई से इनकार करते हुए सीजेआई ने कहा, हम इस पर विचार नहीं करेंगे।

अंकलेश्वर में कारखाने पर छापा, 14 लाख की एमडी के साथ 400 किलो से ज्यादा मादक पदार्थ जब्त, एक गिरफ्तार

अहमदाबाद:  विशेष अभियान समूह (एसओजी) के पुलिस निरीक्षक आनंद चौधरी ने बताया कि जिले के एसओजी और सूरत पुलिस की एक टीम ने रविवार की रात कारखाने में छापेमारी की। इस दौरान उन्होंने 14.10 लाख रुपये मूल्य की 141 ग्राम एमडी जब्त की। उन्होंने आगे कहा कि अबतक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

इससे पहले 13 अक्टूबर को गुजरात और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर अंकलेश्वर में अवकर ड्रग्स लिमिटेड फैक्टरी से पांच हजार करोड़ रुपये मूल्य की 500 किलोग्राम से अधिक कोकीन जब्त की थी। इस कार्रवाई के एक हफ्ते बाद यहां छापेमारी की गई। इससे कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने राजधानी में एक गोदाम पर छापेमारी कर 562 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना जब्त की थी। दिल्ली के रमेश नगर स्थित एक दुकान पर छापा मारा गया था, जहां से 208 किलोग्राम कोकीन मिला। पुलिस ने बताया कि जांच में मालूम चला है कि यह प्रतिबंधित मादक पदार्थ फार्मा सॉल्यूशन सर्विसेज नाम की एक कंपनी का था जो अंकलेश्वर के अवकार ड्रग्स लिमिटेड कंपनी से आया था।

दिल्ली कोचिंग सेंटर मौत मामले में ‘सुप्रीम’ सुनवाई कल, हादसे में गई थी तीन छात्रों की जान

नई दिल्ली: दिल्ली में आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। अदालत की वेबसाइट पर बताया गया कि 21 अक्तूबर को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।इससे पहले शीर्ष अदालत ने 20 सितंबर को मौत की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उच्च स्तरीय समिति को निर्देश दिया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए चार सप्ताह के अंदर अंतरिम उपाय पेश करे।

यह है मामला
गौरतलब है कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई को एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली राव एकेडेमी के बेसमेंट में पानी में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में 27 जुलाई की शाम अचानक हुई बारिश के कारण लाइब्रेरी में पानी भर गया था। मृतकों दो छात्र और एक छात्रा शामिल थे। तीनों यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। मृतकों की पहचान तेलंगाना निवासी तान्या सोनी, केरल निवासी नेविन डाल्विन और यूपी निवासी श्रेया यादव के रूप में हुई।

यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली: सुप्रीम कोर्ट
पांच अगस्त को पीठ ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में घटी यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है। अदालत ने कहा था कि ये जगहें (कोचिंग सेंटर) ‘डेथ चैंबर (मौत का कुआं)’ बन गई हैं। कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

हादसे की वजह क्या पता चली?
29 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग संस्थान ने ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था। साथ ही संस्थान में बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं।