Friday , November 22 2024

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मंगलूरू में ट्रेन पलटने की साजिश, रेलवे ट्रैक से मिले पत्थर, सुनी गई तेज धमाके की आवाज

मंगलूरू:  देश में ट्रेनों को बेपटरी करने की कई साजिशों का खुलासा हो चुका है। ताजा मामला कर्नाटक के मंगलूरू का है, जहां रेलवे ट्रैक पर बजरी और पत्थर रखकर ट्रेन को पलटाने की नापाक साजिश रची गई। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि मंगलूरू में उल्लाल के पास रेलवे ट्रैक पर कुछ बदमाशों ने जानबूझकर बजरी और पत्थर रखे हैं, जिससे इस क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों को गंभीर खतरा पैदा हो गया। शनिवार रात को उल्लाल से करीब 3 किलोमीटर दूर कपिकाड और गणेशनगर के बीच टोक्कोट्टू के पास रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिखरे मिले। केरल की ओर आने वाली ट्रेन के उस स्थान से गुजरने पर स्थानीय लोगों ने तेज आवाज सुनी थी।

स्थानीय लोगों ने सुनी तेज धमाके की आवाज
तेज आवाज सुनने के बाद पहले स्थानीय निवासियों ने इसे वाहनों की आवाजाही के कारण होने वाली आवाज समझा, लेकिन आगे की जांच में पता चला कि ट्रैक को अवरुद्ध करने के लिए रखे गए पत्थरों से ट्रेन के टकराने से यह आवाज आई थी। गनीमत रही कि ट्रेन बेपटरी नहीं हुई और बड़ा हादसा नहीं हुआ। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत रेलवे पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस की जांच में पता चला कि ट्रैक पर पत्थर और बजरी रखकर ट्रेन को पलटने की साजिश रची गई थी।

पुलिस घटना की जांच में जुटी
घटना शनिवार रात करीब आठ बजे की है। पद्मा नाम की स्थानीय महिला ने शनिवार शाम को रेलवे ओवरब्रिज के पास कुछ अज्ञात संदिग्धों को घूमते भी देखा था। जब वह घर लौटी, तभी उसने तेज धमाके की सी आवाज सुनी। घटना के बाद दक्षिण कन्नड़ की रेलवे सलाहकार समिति के आनंद शेट्टी बागम्बिला और स्थानीय पुलिस के साथ ही जीआरपी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। स्थानीय लोगों ने घटना के बाद इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। वहीं घटना की जांच की जा रही है।

टीएमसी ने उपचुनावों के लिए जारी की 6 उम्मीदवारों की लिस्ट, मेदिनीपुर से सुजॉय को मिली टिकट

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ पार्टी ने अगले महीने होने वाले विधानसभा उपचुनावों को लेकर छह उम्मीदवारों की सूची जारी की है। आगामी 13 नवंबर को इन सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। उनमें कूच बिहार जिले में सीताई, अलीपुरद्वार जिले में मदारीहाट, उत्तर 24 परगना में नैहाटी और हरोआ, पश्चिम मिदनापुर जिले में मेदिनीपुर और बांकुरा जिले में तालडांगरा शामिल हैं।

टीएमसी ने उपचुनाव के लिए सिताई से संगीता रॉय को, मदारीहाट (अनुसूचित जाति) सीट से जय प्रकाश तोप्पो को, तालडांगरा से फाल्गुनी सिंघाबाबू, मेदिनीपुर से सुजॉय हाजरा, हरोआ से शेख रबिउल इस्लाम और नैहाटी से सनत डे को टिकट दिया है। इससे पहले शनिवार को बीजेपी ने सभी 6 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का एलान किया था।

बीजेपी ने कल जारी किए नाम
भाजपा ने दीपक कुमार रॉय को सीताई से, राहुल लोहार को मदारीहाट से, रूपक मित्रा को नैहाटी से, बिमल दास को हरोआ से, सुभाजीत रॉय को मेदिनीपुर से और अनन्या रॉय चक्रवर्ती को तालडांगरा से चुनाव मैदान में उतारा है।

विपक्षी वाम मोर्चा और कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। राज्य की छह सीटों पर 13 नवंबर को उप-चुनाव होंगे। पश्चिम बंगाल की इन उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को सामने आएंगे। जिन निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं, उनमें अलीपुरद्वार जिले का मदारीहाट, कूच बिहार का सीताई, उत्तर 24 परगना के नैहाटी और हरोआ, बांकुरा के तलडांगरा और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर हैं।

एक बार फिर विमानों में बम की धमकी, आपातकालीन लैडिंग प्रोटोकॉल सक्रिय, उतारी गईं फ्लाइट्स

नई दिल्ली:  देश भर की तमाम एयरलाइन कंपनियों के विमानों में बम की धमकी मिलने का सिलसिला कई दिनों से जारी है। रविवार को भी कई विमानों में बम होने की धमकी दी गई। इसे लेकर एयरलाइंस ने आपातकालीन लैंडिंग प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिया। धमकी मिलने के बाद कई विमानों की आपात लैंडिंग कराई गई। अकासा और विस्तारा एयरलाइंस के प्रवक्ताओं ने बताया कि फ्लाइट में बम की धमकी मिलने के बाद आपातकालीन लैंडिंग कराई गई।

रविवार को इंडिगो, विस्तारा, एयर इंडिया और अकासा समेत 20 से अधिक भारतीय विमानों में बम की धमकी मिली। इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया की छह-छह उड़ानों में बम होने की धमकी दी गई। इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि इंडिगो की 6E 58 जेद्दा से मुंबई, 6E87 कोझिकोड से दम्मम, 6E11 दिल्ली से इस्तांबुल, 6E17 मुंबई से इस्तांबुल, 6E133 पुणे से जोधपुर और 6E112 गोवा से अहमदाबाद फ्लाइट में बम होने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं।

वहीं विस्तारा एयरलाइन के प्रवक्ता ने बताया कि छह उड़ानों यूके25 दिल्ली से फ्रैंकफर्ट, यूके106 सिंगापुर से मुंबई, यूके146 बाली से दिल्ली, यूके116 सिंगापुर से दिल्ली, यूके110 सिंगापुर से पुणे और यूके107 मुंबई से सिंगापुर फ्लाइट में बम होने की धमकी मिली। प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया और सुरक्षा प्रक्रियाएं अपनाई गईं।

इसके अलावा अकासा एयर के प्रवक्ता ने कहा कि उसकी कुछ उड़ानों को रविवार को सुरक्षा अलर्ट मिले। इसके बाद आपातकालीन प्रतिक्रिया दल ने स्थिति की निगरानी की। साथ ही सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क किया। वहीं एयर इंडिया की कम से कम छह उड़ानों में बम होने की धमकी मिली। मगर एयर इंडिया की ओर से इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। इस सप्ताह अब तक 90 से अधिक उड़ानों में बम की धमकियां मिल चुकी हैं। सभी धमकियां अफवाह निकली हैं।

ग्रामीण इलाकों में पानी के कनेक्शन में पांच गुना की वृद्धि, जल जीवन मिशन पर सामने आयी अहम रिपोर्ट

नई दिल्ली:  पिछले पांच वर्षों में भारत में ग्रामीण परिवारों के लिए नल के पानी के कनेक्शन में पांच गुना की वृद्धि देखने को मिली। एसबीआई ने एक रिपोर्ट जारी कर इसकी जानकारी दी। रिपोर्ट में इस प्रगति का श्रेय जल जीवन मिशन (जेजेएम) को दिया गया है। इस मिशन की शुरुआत 15 अगस्त 2019 में की गई थी। इसका एकमात्र लक्ष्य 2024 तक ग्रामीण इलाकों के प्रत्येक घर में नल का पानी उपलब्ध कराना था।

नल के पानी के कनेक्शन में पांच गुना की वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर 2024 तक नल कनेक्शन वाले ग्रामीण परिवारों की संख्या बढ़कर 15.20 करोड़ हो गई। जेजेएम के लॉन्च के दौरान केवल 3.23 ग्रामीण परिवारों के पास ही नल का कनेक्शन था, लेकिन वर्तमान समय में इसमें पांच गुना वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में बताया गया, 10 अक्तूबर 2024 तक जेजेएम के तहत 11.96 अतिरिक्त घरों को नल का कनेक्शन प्रदान किया गया। इसी के साथ अब मौजूदा समय में 15.20 करोड़ ग्रामीण परिवार नल के कनेक्शन का लाभ उठा रहे हैं।

पिछले पांच वर्षों में इस मिशन ने शानदार तरक्की की है। इसका लक्ष्य 2024 तक 19.34 करोड़ परिवार को नल का कनेक्शन उपलब्ध कराना है। बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक पीने योग्य पानी की पहुंच के कारण जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। इससे स्वास्थ्य परिणामों में भी सुधार हुआ है और स्वच्छ पानी के कारण जल से होने वाले खतरे कम हो जाते हैं।

क्या है जल जीवन मिशन?
जल जीवन मिशन को 2019 में शुरू किया गया था। इसे 3.60 लाख करोड़ की लागत से कार्यांवित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 2.08 लाख करोड़ और राज्यों की तरफ से 1.52 लाख करोड़ का योगदान है। यह मिशन अपने लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है। जेजेएम का लक्ष्य केवल सभी के लिए सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है।

गैंगस्टर पर हर साल 40 लाख रुपये खर्च करता है परिवार, चचेरे भाई ने बताया कैसे पड़ा लॉरेंस नाम

नई दिल्ली:  सलमान खान को धमकी देने का मामला हो, या फिर एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या, पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, सभी मामलों में एक ही समान बात है और वो है जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई। लॉरेंस फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। अब लॉरेंस के एक चचेरे भाई ने खुलासा किया है कि परिवार लॉरेंस पर हर साल 40 लाख रुपये खर्च करता है ताकि जेल में उसे किसी तरह की तकलीफ न हो।

चचेरे भाई ने बताया- जेल में लॉरेंस पर हर साल 35-40 लाख रुपये खर्च करता है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉरेंस के चचेरे भाई रमेश बिश्नोई ने बताया कि उनके परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून का स्नातक लॉरेंस अपराधी बन जाएगा। रमेश ने कहा कि ‘हमारा परिवार हमेशा से ही संपन्न रहा है। लॉरेंस के पिता हरियाणा पुलिस में कॉन्सटेबल थे और उनके पास गांव में 110 एकड़ जमीन थी। लॉरेंस हमेशा से ही महंगे कपड़े और जूते पहनने का शौकीन रहा। अभी भी परिवार उस पर हर साल जेल में 35-40 लाख रुपये खर्च करता है।’

कैसे पड़ा लॉरेंस नाम?
रमेश ने बताया कि पंजाब के फिरोजपुर में जन्मे लॉरेंस का असली नाम बलकरण बरार है, लेकिन वह अपने स्कूल के दिनों में ही लॉरेंस बन गया था। बताया जाता है कि लॉरेंस की आंटी ने उसे लॉरेंस नाम रखने की सलाह दी थी और कहा था कि ये नाम ज्यादा बेहतर लगता है।

हाल के वर्षों में लॉरेंस बिश्नोई का नाम कई हाई प्रोफाइल मामलों से जुड़ा है। जिनमें फिल्म अभिनेता सलमान खान को धमकी देने और उनके घर पर फायरिंग का मामला हो या फिर मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हाल ही में की गई हत्या का मामला, सभी में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आया है। इससे पहले पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर ही लगा था। इतना ही नहीं कनाडा की सरकार ने भी आरोप लगाया है कि भारतीय एजेंट्स लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर खालिस्तानी कट्टरपंथियों को निशाना बना रहा है।

‘एच1बी वीजा अब बीती बात’, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर कही बड़ी बात

नई दिल्ली:  केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंधों में अब एच1बी वीजा की चर्चा बीते दिनों की बात हो गई है। नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में एक बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि अब भारत अमेरिका के बीच संबंधों का फोकस आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी है। पीयूष गोयल हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटे हैं। अपने दो दिवसीय अमेरिका दौरे में पीयूष गोयल ने न्यूयॉर्क में विभिन्न कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की।

अमेरिका में विभिन्न कंपनियों के सीईओ से मिले पीयूष गोयल
अमेरिका में सीईओ के साथ बैठक में केंद्रीय मंत्री ने मोदी सरकार द्वारा किए गए सुधारों, भारत में विदेशी निवेश बढ़ाने, खासकर फार्मास्यूटिकल और हीरा सेक्टर में निवेश बढ़ाने पर चर्चा हुई। भारत में हीरा उद्योग के लिए सूरत एक प्रमुख केंद्र है। ऐसे में सूरत में विदेशी निवेश पर भी चर्चा हुई।

अमेरिका दौरे पर पीयूष गोयल ने वहां के करीब 30 बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की। पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर वॉशिंगटन भी गए और वहां सीईओ फोरम के 17 सीईओ के साथ बैठक की। इस बैठक में फोरम के पुनर्गठन पर चर्चा हुई। पीयूष गोयल के अमेरिका दौरे पर विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर हुए।

इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
पीयूष गोयल ने अमेरिका दौरे पर लघु और मध्यम आकार के उद्यमों के साथ ही थिंक टैंक, शिक्षकों और सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के साथ भी बैठकें की। गोयल ने बताया कि उनकी बैठकों में नकारात्मक एजेंडा नहीं था और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने पर बात हुई। दोनों देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, डिजिटल दूरसंचार और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संभावित साझेदारी की भी चर्चा हुई। भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच एक स्थिर विनिमय दर निर्धारित करने के बारे में भी बातचीत हुई, जिससे द्विपक्षीय व्यापार को लाभ हो सकता है।

स्वास्थ्य सचिव को नहीं हटा सकते, डॉक्टर काम पर लौटें; चिकित्सकों को वार्ता का बुलावा

कोलकाता:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने से साफ इन्कार कर दिया है। साथ ही उन्होंने निगम को हटाने और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टरों से आमरण अनशन खत्म कर काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने आंदोलनकारी डॉक्टरों से बात करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को शनिवार को अनशनस्थल पर भेजा। डॉक्टरों को बातचीत के लिए सोमवार को सचिवालय भी बुलाया।

जूनियर डॉक्टर 15 दिनों से धर्मतला में अनशन पर बैठे हैं। मंच पर पहुंचे पंत ने डॉक्टरों की फोन पर ममता बनर्जी से बात कराई। बाद में फोन के जरिये मुख्यमंत्री ने अनशन मंच पर संदेश सुनाया। मुख्यमंत्री ने कहा, अनशन समाप्त करने की अपील कर रही हूं। बातचीत के लिए आइए। हम अपनी क्षमता अनुसार प्रयास कर रहे हैं। लगभग सभी मांगें पूरी हो गई हैं। 3-4 महीने का समय दीजिए। अस्पतालों में चुनाव कराएंगे। कृपया अनशन समाप्त करें। काम में शामिल हों।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सचिव निगम को हटाने को छोड़कर आंदोलनकारियों की सभी मांगों से वह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से एक साथ सभी अधिकारियों को नहीं हटाया जा सकता है। पहले ही कई अधिकारियों को हटाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए सोमवार को शाम 5 बजे नवान्न (सचिवालय) में बैठक का समय दिया। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि आंदोलनकारियों की तरफ से केवल दस ही प्रतिनिधि आएं।

बैठक के लिए सरकार ने रखी शर्त
हालांकि, मुख्य सचिव ने शनिवार शाम जूनियर डॉक्टरों को ईमेल भेजकर बैठक के लिए शर्त रखी। उन्होंने कहा है कि अनशन खत्म करने के बाद ही नवान्न (सचिवालय) में सोमवार की बैठक होगी। जूनियर डॉक्टरों की तरफ से अभी इस मेल का जवाब दिया गया नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन सीएम के नियमंत्र पर जूनियर डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो वह भी काम पर लौटना चाहते हैं।

घाटकोपर होर्डिंग मामले में मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को मिली जमानत, हादसे में 17 की हुई थी मौत

मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने के मामले के मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को जमानत दे दी। भावेश भिंडे विज्ञापन फर्म के निदेशक थे। यह घटना मई की है, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीएम पठाडे ने शनिवार को भिंडे की जमानत याचिका मंजूर कर ली। आरोपी ने अपनी वकील सना खान के माध्यम से दलील दी कि यह घटना भगवान का कृत्य है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में राजनीतिक प्रतिशोध के लिए फंसाया गया था।

वकील सना खान ने कहा कि घाटकोपर क्षेत्र में होर्डिंग हवा की गति के कारण ढह गई। इसके लिए होर्डिंग स्थापित करने वाले फर्म को दोष नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जब होर्डिंग स्थापित किया गया, तब भिंडे फर्म के निदेशक नहीं थे। बता दें कि भिंडे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप का मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने भिंडे की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में भिंडे सक्रिय रूप से शामिल थे, यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है।

क्या है पूरा मामला?
इस साल 13 मई को घाटकोपर छेदा नगर में एक पेट्रोल पंप पर आंधी-तूफान की वजह से 120 x 120 फीट का होर्डिंग गिर गया था। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 84 अन्य घायल हो गए थे। इस होर्डिंग को जीआरपी की जमीन पर अवैध रूप से लगाया गया था।

प्रभारी मंत्रियों से बोले सीएम योगी, जीतेंगे सभी सीटें, जरूरी है लोगों से संवाद और बूथ प्रबंधन

लखनऊ: प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री, जिलों के प्रभारी मंत्री और भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उपचुनाव को लेकर व्यापक विचार विमर्श हुआ और रणनीतियां तैयार की गईं। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी 9 सीटों पर उपचुनाव को जीतने के लिए मंत्रियों और पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां भी निर्धारित किया।

हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा से जुटें
बैठक के दौरान मंत्रियों और पदाधिकारियों के बीच आपसी समन्वय को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गया। यह भी तय हुआ कि उपचुनाव में पार्टी का कोई भी नेता अपने निर्धारित क्षेत्र में जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में कोई कमी न छोड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव जीतना केवल चुनावी सफलता नहीं बल्कि जनता के विश्वास की जीत होगी, इसलिए हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम किया जाना चाहिए।

बूथ स्तर पर सटीक प्रबंधन और निगरानी आवश्यक
सीएम योगी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक चुनाव प्रबंधन को मजबूती से संभालने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में हर सीट महत्वपूर्ण है और इसके लिए बूथ स्तर पर सटीक प्रबंधन और निगरानी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने नेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने और जमीनी स्तर पर लोगों के बीच जाकर चौपाल लगाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि चौपाल के माध्यम से जनता की समस्याओं को समझा जाए और उनका समाधान किया जाए जिससे लोगों का विश्वास पार्टी में बढ़े।

लोगों से सीधा संवाद स्थापित करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि प्रभारी मंत्री और पदाधिकारी उन जिलों में अधिक समय बिताएं जहां उपचुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में जाकर लोगों से सीधा संवाद स्थापित करें, उनकी समस्याओं को सुनें और त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। जिलों के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर चुनावी तैयारियों को और सुदृढ़ किया जाए।

जेडीएस नेता भवानी रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अग्रिम जमानत रद्द करने से इनकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जेडीएस नेता भवानी रेवन्ना को बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को बरकार रखा। हाईकोर्ट ने भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दी थी, जिसके खिलाफ कर्नाटक एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जेडीएस नेता की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

भवानी रेवन्ना जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां हैं। प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप हैं। प्रज्वल पर ये भी आरोप हैं कि वे महिलाओं का यौन शौषण करते वक्त खुद ही वीडियो रिकॉर्ड करते थे और बाद में रिकॉर्डिंग दिखाकर महिलाओं को ब्लैकमेल कर बार-बार उनका शोषण करते थे। प्रज्वल रेवन्ना की ये वीडियो अप्रैल में सार्वजनिक हो गईं, जिसके बाद कर्नाटक की राजनीति में भूचाल आ गया था। वीडियो वायरल होने के बाद प्रज्वल विदेश चले गए थे, लेकिन बाद में विदेश से लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। भवानी रेवन्ना पर प्रज्वल रेवन्ना के शोषण का शिकार हुई एक महिला का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। इसी मामले में हाईकोर्ट ने भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दी थी।

ओटीटी और अन्य प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की निगरानी के लिए स्वायत्त निकाय स्थापित करने की जनहित याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें केंद्र को भारत में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) और अन्य प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की निगरानी करने तथा वीडियो को विनियमित करने के लिए एक स्वायत्त निकाय स्थापित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये नीतिगत मामले हैं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इस तरह के मुद्दे कार्यपालिका के नीति निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और इसके लिए विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श की आवश्यकता होती है।

जनहित याचिका में नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ का भी हवाला दिया गया, क्योंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने दावा किया है कि यह वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। इसमें कहा गया है कि एक वैधानिक फिल्म प्रमाणन निकाय – केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) मौजूद है, जिसे सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन को विनियमित करने का काम सौंपा गया है। जनहित याचिका में कहा गया है, ‘हालांकि, ओटीटी सामग्री की निगरानी/विनियमन के लिए ऐसा कोई निकाय उपलब्ध नहीं है और वे केवल स्व-नियमन से बंधे हैं, जिन्हें ठीक से संकलित नहीं किया गया है और विवादास्पद सामग्री को बिना किसी जांच और संतुलन के बड़े पैमाने पर जनता को दिखाया जाता है।’