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9.4 करोड़ किसानों के खाते में आएंगे 20000 करोड़; महाराष्ट्र को 32800 करोड़ की सौगात देंगे पीएम मोदी

मुंबई:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह लगभग 9.4 करोड़ किसानों के खाते में 20,000 करोड़ रुपये की ‘पीएम-किसान सम्मान निधि’ की 18वीं किस्त भी जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, पीएम मोदी वाशिम का दौरा करेंगे। यहां वे दोपहर लगभग सवा 11 बजे जगदंबा माता मंदिर, पोहरादेवी में दर्शन करेंगे। वह संत सेवालाल महाराज और संत रामराव महाराज की समाधियों पर भी श्रद्धांजलि देंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री बंजारा समुदाय की समृद्ध विरासत का जश्न मनाते हुए बंजारा विरासत संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। वह दोपहर करीब 12 बजे कृषि और पशुपालन क्षेत्र से जुड़ी लगभग 23,300 करोड़ रुपये की कई पहलों की शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी शाम करीब चार बजे ठाणे में 32,800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे। वे मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के लाभार्थियों को सम्मानित भी करेंगे।

इसके बाद पीएम मोदी शाम करीब छह बजे बीकेसी मेट्रो स्टेशन से बीकेसी से आरे जेवीएलआर, मुंबई के बीच चलने वाली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। वह बीकेसी और सांताक्रूज स्टेशन के बीच मेट्रो में सवारी भी करेंगे।

किसानों को देंगे तोहफा

  • पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री लगभग 9.4 करोड़ किसानों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये की पीएम-किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी करेंगे। इसके साथ ही सम्मान निधि के तहत किसानों को जारी कुल धनराशि लगभग 3.45 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
    प्रधानमंत्री ‘नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना’ की 5वीं किस्त भी जारी करेंगे। इसके तहत लगभग 2,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
  • प्रधानमंत्री मोदी कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत 1,920 करोड़ रुपये से अधिक की 7,500 से अधिक परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इनमें ‘कस्टम हायरिंग सेंटर’, प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयां, गोदाम, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, ‘कोल्ड स्टोरेज’ परियोजनाएं और फसल कटाई के बाद प्रबंधन परियोजनाएं शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री लगभग 1,300 करोड़ रुपये के संयुक्त कारोबार वाले 9,200 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
  • इसके अलावा प्रधानमंत्री मवेशियों और स्वदेशी ‘सेक्स-सॉर्टेड वीर्य प्रौद्योगिकी’ के लिए विकसित एकीकृत ‘जीनोमिक चिप’ भी जारी करेंगे। इसका मकसद किसानों को ‘सेक्स-सॉर्टेड वीर्य’ की सस्ती कीमत पर उपलब्धता में वृद्धि करना और लागत को लगभग 200 रुपये प्रति खुराक कम करना है।
  • मोदी मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना-2.0 के तहत महाराष्ट्र में 19 मेगावाट की कुल क्षमता वाले पांच सौर पार्क भी समर्पित करेंगे।

केजरीवाल ने छोड़ा मुख्यमंत्री आवास…. परिवार के साथ निकले; जानें क्या होगा उनका नया पता

दिल्ली:  आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को लुटियंस जोन में स्थित अपने नए पते पर जाने के लिए पुराना आवास छोड़कर चले गए हैं। केजरीवाल परिवार समेत मंडी हाउस के पास 5, फिरोजशाह रोड स्थित पार्टी के सदस्य अशोक मित्तल के आधिकारिक आवास के लिए रवाना हुए। इससे पहले केजरीवाल परिवार को उनके पुराने घर के कर्मचारियों द्वारा भावभीनी विदाई दी गई, पूर्व सीएम ने भावपूर्ण तरीके से उन्हें गले लगाया। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आवास की चाबियां एक अधिकारी को सौंपी।

आप का कहना है, अब जब तक जनता की अदालत में जनता उनकी ईमानदारी पर मुहर लगाकर उन्हें फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाती तब तक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री आवास में नहीं रहेंगे। अरविंद केजरीवाल का नया पता 5, फिरोजशाह रोड होगा। शुक्रवार से वह आप के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के आवास पर रहेंगे। यह दूसरी बार है जब वे नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे। इससे पहले साल 2014 में उन्हें तिलक लेन में आवास आवंटित हुआ था। इसके बाद वे सिविल लाइन में शिफ्ट हो गए थे।

गुरुवार को आप मुख्यालय में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि केजरीवाल शुक्रवार को आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास खाली करेंगे। कई सांसदों, विधायकों और मंत्रियों सहित दिल्लीभर के समर्थकों ने उन्हें अपने घर में रहने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन केजरीवाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में ही रहने का फैसला किया है। यहां से उन्हें लोगों ने चुना था। अब वे परिवार के साथ नई दिल्ली में 5, फिरोजशाह रोड पर अशोक मित्तल के आधिकारिक आवास में रहेंगे। जब केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी, तो उन पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का कोई दबाव नहीं था, लेकिन उन्होंने निजी फैसले के तहत इस्तीफा दिया।

एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान में अचानक उठने लगा धुआं; तिरुवनंतपुरम वापस लौटी फ्लाइट

तिरुवनंतपुरम:  एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक विमान में शुक्रवार सुबह उड़ान भरने के दौरान संदिग्ध धुआं देखने को मिला। इसके बाद विमान तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर वापस लौट आया। एयरलाइन और हवाई अड्डे के सूत्रों के मुताबिक, घटना सुबह करीब 10.30 बजे मस्कट जाने वाली उड़ान पर हुई। विमान में 142 यात्री सवार थे। यात्रियों को जांच के दौरान विमान से उतार दिया गया था।

एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों की आगे की यात्रा के लिए एक वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की गई है। मामले की वास्तविकता का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। हम अपने परिचालन के हर पहलू में सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं।

एआर डेयरी को अपना पक्ष रखने का मौका मिला, मद्रास हाईकोर्ट ने FSSAI को दिया निर्देश

चेन्नई:तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद को लेकर जारी विवाद में अब मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को निर्देश दिया है कि वे मंदिर को घी की सप्लाई करने वाली एआर डेयरी को अनुपूरक नोटिस जारी करे। साथ ही उच्च न्यायालय ने एआर डेयरी को जवाब देने के लिए तय समय देने का भी निर्देश दिया है। इस तरह न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार की पीठ ने एआर डेयरी फूड को अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। उच्च न्यायालय ने एआर डेयरी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। याचिकाकर्ता ने कंपनी को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी थी।

कंपनी ने कारण बताओ नोटिस को दी चुनौती
गौरतलब है कि, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, क्योंकि कंपनी गुणवत्ता मापदंडों को पूरा करने में विफल रही थी और फर्म को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। एफएसएसएआई के कारण बताओ नोटिस में कहा गया कि ‘आपकी फर्म द्वारा निर्मित उत्पाद घी, मानकों को पूरा नहीं करता है। आपने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006, के तहत बनाए गए नियमों और विनियमों का उल्लंघन किया है।’

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, ‘आपकी फर्म द्वारा निर्मित उत्पाद ‘घी’ के उपरोक्त गैर-अनुरूपता के कारण, जो मानकों को पूरा नहीं करता है, आपने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006, इसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों का उल्लंघन किया है’। एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड पिछले चार वर्षों से तिरुपति प्रसाद बनाने के लिए घी के आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। खाद्य मंत्रालय ने भी एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड से 23 सितंबर तक जवाब मांगा था। नोटिस में कहा गया, ‘खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन, 2011 के उपरोक्त प्रावधानों के उल्लंघन के लिए आपके केंद्रीय लाइसेंस को निलंबित क्यों न किया जाए.

विधानसभा चुनाव के लिए AIMIM ने किया एमवीए से संपर्क, 28 मुस्लिम बहुल्य सीटों पर दावा ठोका

मुंबई:  महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इस चुनाव को देखते हुए एआईएमआईएम ने 28 मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के लिए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ गठबंधन की मांग करते हुए कांग्रेस और राकांपा-एसपी से संपर्क किया। पूर्व सांसद और पार्टी नेता इम्तियाज जलील ने शुक्रवार को बताया कि एआईएमआईएम ने कांग्रेस और राकांपा-एसपी के अध्यक्षों को 28 सीटों का प्रस्ताव भेजा।

मराठी न्यूज चैनल को साक्षात्कार देते हुए इम्तियाज जलील ने कहा, “एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से सलाह लेने के बाद हमने एक पत्र तैयार किया। इसे कांग्रेस और राकांपा-एसपी को भेजा गया। शिवसेना (यूबीटी) धर्मनिरपेक्ष बनी है और विभिन्न मुद्दों पर हम उनका रुख जानते हैं।” उन्होंने सवाल किया कि जब कांग्रेस और राकांपा-एसपी उस पार्टी से हाथ मिला सकती है जो हाल ही में धर्मनिरपेक्ष बनी है तो एआईएमआईएम महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन क्यों नहीं बना सकती?

जलील ने कहा, “हमने उन्हें 28 मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का प्रस्ताव दिया है। हम इन क्षेत्रों में मजबूती से टक्कर दे सकते हैं। हमने उनसे (कांग्रेस और राकांपा-एसपी) कहा कि अगर बहुत सारे उम्मीदवार मैदान में हैं तो इससे भाजपा को लाभ होगा।” उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम ने केवल निर्वाचन क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया है, और वह कम सीटों पर भी चुनाव लड़ सकती है।

बता दें कि इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। वर्तमान समय में विधानसभा में 103 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा शिवसेना की 40, राकांपा की 41, कांग्रेस की 40 शिवसेना (यूबीटी) की 15, राकांपा-एसपी की 13 और निर्दलीय की 29 विधायक हैं। कुछ सीटें खाली भी हैं।

महाराष्ट्र में चुनाव से पहले BJP को झटका; हर्षवर्धन पाटिल समर्थकों के साथ शरद गुट में शामिल होंगे

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अपने समर्थकों के साथ एनसीपी (सपा) में शामिल होंगे। इससे एक दिन पहले उन्होंने मुंबई में पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। मुलाकात गुरुवार को पवार से दक्षिण मुंबई में उनके सिल्वर ओक्स आवास पर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि शरद पवार ने उनसे उनकी पार्टी में शामिल होने और विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अगले महीने होने की संभावना है।

इंदापुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं हर्षवर्धन
इंदापुर सीट से चार बार विधायक चुने जा चुके हर्षवर्धन पाटिल फिर से इंदापुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। फिलहाल इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के गठबंधन सहयोगी एनसीपी के पास है। पार्टी स बार फिर से मौजूदा विधायक दत्तात्रेय भरणे को मैदान में उतार सकती है।

फडणवीस के आश्वासन के बाद भी नहीं माने
हर्षवर्धन ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैंने अपने राजनीतिक रुख को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। हमने ढाई घंटे से अधिक समय तक विस्तृत चर्चा की। चूंकि, इंदापुर सीट महायुति के मौजूदा विधायक के पास जा रही है, इसलिए उन्होंने मुझे दूसरे विकल्प का आश्वासन दिया। हालांकि, यह विकल्प मेरे लिए संभव होता, लेकिन यह मेरे समर्थकों और मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और उनके साथ एनसीपी (सपा) में शामिल होने का फैसला किया।

राजनीतिक करियर
हर्षवर्धन पाटिल 1995-99 के दौरान शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में कृषि और विपणन राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने 1995 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। वे 1999 से 2014 तक कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार के दौरान मंत्री थे। वे 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए और सहकारिता और संसदीय मामलों के मंत्री बने थे।

कैदियों को भी गरिमा के साथ जीने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘सम्मान के साथ जीने का अधिकार कैदियों को भी है’ और कैदियों को इससे वंचित करना उपनिवेशवादियों और उपनिवेश-पूर्व तंत्र दर्शाता है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने गुरुवार को दिए गए ऐतिहासिक फैसले में यह टिप्पणी की। पीठ ने कैदियों के प्रति जाति आधारित भेदभाव, जैसे शारीरिक श्रम का विभाजन, बैरकों का विभाजन आदि पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने कई राज्यों के जेल मैनुअल नियमों को बताया असंवैधानिक
पीठ ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश सहित 10 राज्यों के कुछ आपत्तिजनक जेल मैनुअल नियमों को असंवैधानिक करार दिया। सीजेआई ने 148 पन्नों का फैसला लिखते हुए संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 15 (भेदभाव का निषेध), 17 (अस्पृश्यता का उन्मूलन), 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और 23 (जबरन श्रम के खिलाफ अधिकार) के तहत मौलिक अधिकारों का जिक्र किया।

कैदियों को सम्मान न देना उपनिवेश काल की पहचान
अपने फैसले में पीठ ने कहा कि, ‘सम्मान के साथ जीने का अधिकार कैदियों का भी है। कैदियों को सम्मान न देना उपनिवेशवादियों और पूर्व-औपनिवेशिक तंत्रों का अवशेष है, जहां दमनकारी व्यवस्थाएं राज्य के नियंत्रण में रहने वाले लोगों को अमानवीय और अपमानित करने के लिए डिज़ाइन की गई थीं। संविधान से पहले के युग के सत्तावादी शासन ने जेलों को न केवल कारावास के स्थान के रूप में देखा, बल्कि वर्चस्व के उपकरण के रूप में भी देखा। संविधान द्वारा लाए गए कानूनी ढांचे के आधार पर इस न्यायालय ने माना है कि कैदियों को भी सम्मान का अधिकार है।’

लड्डू विवाद के बीच सनातन धर्म पर रार, उदयनिधि स्टालिन के बयान पर एक साल बाद पवन कल्याण का पलटवार

अमरावती:  आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली घी में पशु चर्बी पाए जाने के मामले में विवाद बढ़ चुका है। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सनातन धर्म का विस्तार करते हुए तमिलनाडु के अपने समकक्ष उदयनिधि स्टालिन पर निशाना साधा। दरअसल, उन्होंने उदयनिधि के एक साल पहले सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी पर हमला किया। हालांकि, उदयनिधि स्टालिन पर पवन कल्याण की तरफ से किए हमले का तुरंत पलटवार किया गया। द्रमुक प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने किसी भी धर्म, विशेष रूप से हिंदू धर्म को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि वे जातिगत अत्याचार और छूआछूत के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे।

उदयनिधि स्टालिन पर साधा निशाना
गुरुवार को तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी पाए जाने के आरोपों का वर्णन करते हुए पवन कल्याण ने कहा, “पांच वर्षों तक वाईएसआरसीपी की सरकार ने कुशासन किया। हमें नहीं मालूम कि उन्होंने कितने करोड़ रुपये (रिश्वत) जमा किए। बाद में इसकी जांच होनी चाहिए।” पवन कल्याण सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री जनग मोहन रेड्डी को दोषी ठहराने से पीछे हट गए। उन्होंने कहा, “यह केवल मुख्यमंत्री के बारे में नहीं है। कभी नहीं, आज तक मैंने कभी उनकी ओर इशारा करके नहीं कहा कि यही अपराधी हैं। मैं अभी भी उन्हें दोषी नहीं कह रहा हूं।”

पवन कल्यान ने यह हमला तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन द्वारा पिछले साल सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी पर किया गया था। दरअसल, स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी वायरल बीमारियों से किया था। हालांकि, इस टिप्पणी को लेकर काफी विवाद हुआ था। गुरुवार को एकबार फिर पवन कल्याण ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “सनातन धर्म को वायरस मन कहिए। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जिसने भी सनातन धर्म को मिटाना चाहा, वह खुद मिट गया।”

आंदोलन को लेकर जूनियर डॉक्टरों की अहम बैठक, प्रदर्शन वापस लेने पर कर सकते हैं विचार

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार देर रात बैठक कर आंदोलन के भविष्य की रणनीति तय की। दरअसल वरिष्ठ चिकित्सकों के एक वर्ग ने जूनियर डॉक्टरों से आम मरीजों की परेशानियों को देखते हुए ‘पूरी तरह काम बंद करने’ के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।

पिछले महीने राज्य द्वारा संचालित सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज के परिवार द्वारा चिकित्सकों पर हमला किए जाने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को अपना ‘काम बंद’ आंदोलन फिर से शुरू कर दिया था। जिसके चलते राज्यभर में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।

आज बैठक में हो सकता है अहम फैसला
आंदोलनकारी डॉक्टरों में से एक अनिकेत महतो ने कहा कि, हम शीघ्र ही आरजी कर अस्पताल में आम सभा की बैठक करेंगे। इसमें समय लग सकता है, लेकिन हम कल सुबह तक आपको अपने निर्णय से अवगत करा देंगे। आंदोलन कर रहे डॉक्टर से जब यह पूछा कि, क्या वे मरीजों की मौजूदा परेशानियों, बाढ़ की स्थिति और आगामी दुर्गा पूजा उत्सव के कारण आंदोलन को आंशिक रूप से वापस लेने पर विचार करेंगे? तो इस पर महतो ने जवाब दिया कि, हम हर चीज पर चर्चा करेंगे।

हमें वर्तमान स्थिति का आकलन करने की आवश्यकता है क्योंकि सुरक्षा के लिए हमारी मांगों पर सरकार ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि, कई वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा ओपीडी जैसी सेवाओं को फिर से बहाल करने का अनुरोध किया है, जिस पर हम विचार कर रहे हैं, लेकिन “पूर्ण कार्य विराम” तब तक जारी रहेगा जब तक पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट औपचारिक रूप से अपने अगले कदम की घोषणा नहीं कर देता है।

वरिष्ठ डॉक्टरों ने ओपीडी शुरू करने की अपील की थी
आरजी कर अस्पताल में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख वरिष्ठ डॉक्टर मैत्रेयी बंद्योपाध्याय ने कहा कि, हम सभी बलात्कार-हत्या की शिकार हुई महिला डॉक्टर के लिए न्याय चाहते हैं। मेरा सुझाव है कि जूनियर डॉक्टर आंशिक रूप से काम बंद कर दें और आपातकालीन और ओपीडी सेवाएं जारी रखें। आंदोलन और काम एक साथ जारी रह सकते हैं।

इससे पहले 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक साथी चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिनों तक पूर्ण रूप से काम बंद रखा था। राज्य के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने 21 सितंबर को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी थी।

तिरुपति लड्डू मामले की सुप्रीम सुनवाई आज; पिछली सुनवाई में आंध्र सरकार को दी थी नसीहत

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट तिरुपति में प्रसादम लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल के मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका समेत अन्य पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि मामले को शुक्रवार सुबह 10:30 बजे सुना जा सकता है।

पहले इस मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार दोपहर 3:30 बजे होनी थी। मेहता ने जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि यदि आप अनुमति दें तो क्या मैं शुक्रवार सुबह 10:30 बजे जवाब दे सकता हूं? पीठ ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया और कहा कि वह शुक्रवार को मामले में सुनवाई करेगी।

पीठ ने 30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए मेहता से यह तय करने में मदद करने को कहा था कि राज्य के नियुक्त एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए।साथ ही सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने पूछा था कि यह दिखाने के लिए क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था। हम कम से कम इतनी उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा। अगर जांच के आदेश दिए गए थे तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? तिरुपति लड्डू विवाद पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि यह आस्था का मामला है। अगर मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है।

आंध्र प्रदेश सरकार से पूछे थे कई सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि प्रसाद के लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था या नहीं? टीडीपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि लोगों ने शिकायत की थी कि लड्डू का स्वाद ठीक नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी, आपने सिर्फ बयान दिया है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि प्रसाद के लिए दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था।