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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान हुए हादसे का शिकार, दीप प्रज्वलन के दौरान शॉल में लगी आग

तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मंगलवार को एक हादसे का शिकार हो गए। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान दीप जलाते समय राज्यपाल के शॉल में आग लग गई। हालांकि तुरंत ही इस आग को बुझा लिया गया। राज्यपाल मंगलवार को पलक्कड़ में सबरी आश्रम के शताब्दी समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान कार्यक्रम में दीप जलाने के लिए राज्यपाल जैसे ही झुके तभी उनके शॉल के सिरे में आग लग गई। हालांकि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आग बुझा दी। इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ।

सोने के तस्करों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से पूछा कि राज्य में सोने की तस्करी करने वाले और उससे प्राप्त धन का इस्तेमाल ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ के लिए करने वाले समूहों के खिलाफ सत्तारूढ़ वाम सरकार या मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने क्या कार्रवाई की है। राज्यपाल ने कहा कि ‘उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में अखबार से जानकारी मिली, लेकिन सीएम के पास इस बारे में सारी जानकारी है।’ राज्यपाल ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री सत्ता की बागडोर संभाल रहे हैं। वह सिर्फ मीडिया से बातें करें औऱ कोई कार्रवाई न करें, ऐसे नहीं चल सकता। इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? अगर कार्रवाई नहीं हो रही है तो इसमें किसकी गलती है? यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने आगे कहा कि जब वह तिरुवनंतपुरम लौटेंगे तो इस मुद्दे पर सरकार से रिपोर्ट मांगेंगे।’

मुख्यमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान दी थी जानकारी
राज्यपाल की यह टिप्पणी विजयन के एक अंग्रेजी दैनिक को दिए साक्षात्कार के बाद सामने आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मलप्पुरम जिले में करीपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से सोने की तस्करी और हवाला लेनदेन से प्राप्त धन का उपयोग ‘राज्य विरोधी’ और ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ के लिए किया जा रहा था।

तिरुपति प्रसादम मामले की SIT जांच 3 अक्तूबर तक स्थगित; ब्रह्मोत्सव के लिए मंदिर में सफाई अनुष्ठान

अमरावती:  आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसादम मामले में एसआईटी जांच तीन अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। दरअसल, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। एसआईटी का गठन तिरुपति लड्डू प्रसादम मामले की जांच के लिए किया गया था। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), द्वारका तिरुमाला राव ने बताया कि यह निलंबन जांच की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एक एहतियाती कदम है। बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की पुष्टि होने के बाद से ही यह मंदिर विवादों में है। मंगलवार को मंदिर में सफाई अनुष्ठान कोइल अलवर तिरुमंजनम धार्मिक उत्साह के साथ किया गया। मंदिर के बाहर मीडिया से बात करते हुए टीटीडी ईओ जे. श्यामला राव ने कहा कि तिरुमंजनम 4 से 12 अक्टूबर तक होने वाले वार्षिक ब्रह्मोत्सव के मद्देनजर किया गया था।

जे. श्यामला राव ने कहा, “तिरुमंजनम 4 से 12 अक्तूबर तक होने वाले वार्षिक ब्रह्मोत्सव के मद्देनजर किया गया था। आमतौर पर यह तिरुमाला मंदिर में तेलुगु उगादि, अनिवारा अस्थानम, वार्षिक ब्रह्मोत्सव और वैकुंठ एकादसी से पहले एक साल में चार बार मनाया जाता है।” इस अनुष्ठान के दौरान पूरे मंदिर के साथ देवता और पूजा के बर्तनों की सफाई की जाती है। छत, दीवारों और मंदिर परिसर में परमलम नामक एक सुगंधित मिश्रण डाला जाता है। यह कार्य सुबह के छह बजे से 10 बजे तक किया जाता है। इस दौरान मुख्य देवता को सफेद पर्दे से ढक दिया जाता है और सफाई कार्यक्रम खत्म होने के बाद पर्दा हटाया जाता है।

सफाई कार्यक्रम के बाद देवताओं को पूजा जाता है। 12 बजे के बाद भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाती है। कोइल अलवर तिरुमंजनम के मद्देनजर टीटीडी ने मंगलवार को अस्तादाला पद पद्माराधना वीआईपी ब्रेक रद्द कर दिया। टीटीडी के अतिरिक्त ईओ वेंकैया चौधरी, एचईओ (एच एंड ई) गौतमी, सीवीएसओ श्रीधर, डीईईओ लोकनाथम, पेशकर रामकृष्ण और अन्य अधिकारी भी मंदिर में उपस्थित थे।

मां की हत्या के दोषी की मौत की सजा बरकरार, कड़ाही में पकाकर खाए थे शव के टुकड़े

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कोल्हापुर अदालत के 2017 के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी मां की हत्या करने और फिर उसके शव के कुछ अंगों को खाने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि वह दोषी सुनील कुचकोरवी की मौत की सजा की पुष्टि कर रही है। खंडपीठ ने कहा कि उसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है। पीठ ने कहा कि यह नरभक्षण और दुर्लभतम श्रेणी का मामला है।

‘उम्रकैद दी तो फिर यही अपराध करेगा’
उच्च न्यायालय ने कहा, यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है। दोषी ने न केवल अपनी मां की हत्या की, बल्कि उसके शरीर के अंगों मस्तिष्क, हृदय, यकृत, गुर्दे और आंत को भी हटा दिया और उन्हें तवे पर पका रहा था। अदालत ने कहा, उसने मां की पसलियां पका ली थीं और उसका हृदय पकाने वाला था। यह नरभक्षण का मामला है। खंडपीठ ने कहा, अगर दोषी को उम्रकैद की सजा दी गई तो वह जेल में भी इसी तरह का अपराध कर सकता है। कुचकोरवी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के फैसले की जानकारी दी गई।

शराब के लिए पैसे न मिलने पर की थी मां की हत्या
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, सुनील कुचकोरवी ने 28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर शहर में अपने घर पर अपनी मां यल्लामा रमा कुचकोरवी (63 वर्षीय) की जघन्य हत्या कर दी थी। बादमें उसने शव के टुकड़े किए और कुछ अंगों को कड़ाही में भूनकर खा लिया। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि मां ने आरोपी को शराब खरीदने के लिए पैसे देने से इनकार किया था।

2021 में कोल्हापुर की अदालत ने सुनाई थी सजा-ए-मौत
सुनील कुचकोरवी को 2021 में कोल्हापुर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वह पुणे की यरवदा जेल में बंद है। सत्र अदालत ने उस समय कहा था कि यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है और इस जघन्य हत्या ने समाज की सामाजिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है। दोषी ने अपनी दोषसिद्धी और मौत की सजा को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी।

कैबिनेट मीटिंग आज, दो निजी विवि को मिल सकती है मान्यता, नवरात्र पर महिलाओं को मिलेगा तोहफा

लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को शाम चार बजे कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें दो निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। पूर्व में खुले निजी विवि को प्रोत्साहन राशि का प्रस्ताव भी पास हो सकता है। इसके अलावा औद्योगिक विकास विभाग के दो प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिलने की संभावना है।

मुख्य सचिव ने गांधी जयंती की तैयारियों को लेकर दिए निर्देश
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दो अक्तूबर पर 155वें गांधी जयंती समारोह को वैभवपूर्ण मनाने के लिए निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी राजकीय भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही कार्यालयों व विद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, गांधीजी के जीवन संघर्ष, उनकी देश सेवा और जीवन मूल्यों पर व्याख्यानों के साथ अन्य कार्यक्रमों के बारे में निर्देश दिए। साथ ही शांति व सद्भाव का वातावरण बनाने के लिए जनमानस की सहभागिता और जागरूकता के बारे में भी चर्चा के लिए कहा।

नवरात्र पर महिलाओं को स्वास्थ्य लाइन का उपहार
महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीन अक्तूबर को महत्वाकांक्षी मिशन शक्ति कार्यक्रम के पांचवें चरण की शुरुआत करेगी। इसके तहत महिलाओं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन को लांच किया जाएगा।महिला पावर लाइन 1090 की तर्ज पर स्वास्थ्य हेल्पलाइन को शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य उन महिलाओं को सुलभ स्वास्थ्य सेवा सहायता देना है जिन्हें अक्सर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने में बाधा का सामना करना पड़ता है। इस हेल्पलाइन के जरिये महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ टेली परामर्श की सुविधा दी जाएगी। इससे ग्रामीण महिलाओं को सुदूर अस्पताल के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। यह हेल्पलाइन महिलाओं को गोपनीय चिकित्सा सहायता देने में मदद करेगी। इससे ग्रामीण यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी।

महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अनुसार नई स्वास्थ्य हेल्पलाइन महिलाओं को मातृ स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में भी मदद करेगी। मिशन शक्ति की शुरुआत 17 अक्तूबर 2020 को हुई थी। इसके बाद 26 फरवरी 2021 को दूसरा चरण, 21 अगस्त 2021 को तीसरा चरण और 14 अक्तूबर 2022 को चौथा चरण शुरू हुआ था। अब पांचवें चरण में महिलाओं के स्वास्थ्य पर फोकस किया गया है।

अनुपम खेर की तस्वीर वाले नोट थमा 2.1 किलो सोना ले उड़े ठग, 1.60 करोड़ में तय हुआ था सौदा

अहमदाबाद: गुजरात में दो अज्ञात व्यक्ति अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर वाले जाली नोट थमाकर सराफा कारोबारी का 2.1 किलो सोना लेकर रफूचक्कर हो गए। कारोबारी मेहुल ठक्कर ने यहां नवरंगपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

मेहुल ने बताया कि उन्हें 500 रुपये के जाली नोटों के 26 बंडल थमाकर धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। घटना 24 सितंबर की है। नोटों पर रिसोल बैंक ऑफ इंडिया लिखा था। शिकायत के अनुसार ठक्कर के पास आभूषण की एक दुकान के मालिक और परिचित प्रशांत पटेल का फोन आया। पटेल ने 2.1 किलो सोना खरीदने की बात कही, जिसके लिए 1.60 करोड़ रुपये की रकम तय हुई। ठक्कर ने 24 सितंबर को अपने कर्मचारियों को पटेल से अंगड़िया पेढ़ी (हवाला) कार्यालय में मिलने का निर्देश दिया। जब कर्मचारी वहां पहुंचे तो उन्हें तीन लोग मिले, जिन्होंने उन्हें 500 रुपये के नोटों के बंडल थमा दिए।

मशीन से गिने नोट
तीनों व्यक्तियों ने कर्मचारियों को मशीन उपलब्ध कराई और पैसे गिनने के लिए कहा। इसके बाद उनमें से दो लोग शेष 30 लाख रुपये लाने के बहाने सोने के बिस्कुट लेकर चले गए, जबकि तीसरा व्यक्ति वहीं रुक गया। ठक्कर के कर्मचारियों ने गिनती के लिए जब प्लास्टिक की पन्नी से नोटों को बाहर निकाला तो देखा कि नोट जाली हैं, जिसके बाद उन्होंने तीसरे व्यक्ति से पूछताछ की। तीसरे व्यक्ति ने उन्हें बताया कि वह तो बस अंगड़िया पेढ़ी के लिए नोट गिनने की मशीन देने आया था।

एकाकी जीवन जी रहे 15 फीसदी बुजुर्ग, इनमें 47% संतुष्ट; 41% ने कहा- मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर

नई दिल्ली:  देश में करीब 14.3 फीसदी बुजुर्ग अपने घर-परिवार और बच्चों के बिना अकेले जीवन बिता रहे हैं। लेकिन आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता को तरजीह देने का ही नतीजा है कि इनमें से अधिकतर ने अकेले हैं तो क्या गम है…को अपने जीवन का सूत्र बना लिया है।

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (1 अक्तूबर) के मौके पर एक ताजा सर्वेक्षण में अकेले रहने वाले बुजुर्गों में से 46.9 फीसदी ने माना कि तमाम चुनौतियों के बावजूद वे अपने जीवन से संतुष्ट हैं। सर्वे में 41.5 फीसदी ने असंतुष्ट होने की बात स्वीकार की है। एजवेल फाउंडेशन ने अकेले रहने वाले वृद्धजनों की स्थिति पर सितंबर में किए गए सर्वे में पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों (13.4 प्रतिशत) की तुलना में शहरी क्षेत्रों (15 प्रतिशत) में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की तादाद ज्यादा है।

सर्वे के मुताबिक, अकेले रहने वालों में से 41.9 प्रतिशत बुजुर्गों में 46.5 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वह पांच साल से अधिक समय से स्वतंत्र रूप से रह रही हैं। 21.5 फीसदी उत्तरदाताओं ने बुढ़ापे में अकेले रहने को निजता और पर्सनल स्पेस मिलने के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया। सामाजिक प्रभाव के संदर्भ में 51.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि बुढ़ापे में अकेले रहने की बढ़ती प्रवृत्ति का नकारात्मक असर हुआ है, जबकि 28.5 प्रतिशत इसे सकारात्मक मानते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर
सर्वे में 41 फीसदी बुजुर्गों ने बताया कि अकेले रहने की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ा, जबकि करीब 32 प्रतिशत का मानना है कि इसमें सुधार हुआ। वहीं, 10.4 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें हमेशा अकेलापन महसूस होता जबकि 21.2 फीसदी की राय थी कि कई बार उन्हें इससे दिक्कत होती है।

भावनात्मक सहारा देने की जरूरत
एजवेल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष हिमांशु रथ परिवार की अलग-अलग पीढ़ियों के बीच संवाद की जरूरत पर बल देते हैं। इससे बुजुर्गों को भावनात्मक सहारा मिल सकेगा और दोनों पीढ़ियां बेहतर कल के लिए तैयार हो सकेंगी। अध्ययन में बुजुर्गों के लिहाज से स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने और उनकी सुरक्षा और वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करने वाले कानून बनाए जाने की जरूरत भी बताई गई है।

एयर मार्शल एपी सिंह बने वायुसेना के नए प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सौंपा कार्यभार

भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख के तौर पर एयर मार्शल एपी सिंह ने कमान संभाल ली है। उन्हें एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कार्यभार सौंपा है। बता दें कि आज एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सुबह वायु भवन में पारंपरिक ‘वॉक थ्रू’ करने से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दिवंगत वीरों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्हें वायुसेना के वायु योद्धाओं की तरफ से विदाई सलामी के रूप में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

एपी सिंह को 40 वर्षों का अनुभव
बता दें कि 27 अक्टूबर, 1964 को जन्मे एयर मार्शल एपी सिंह को दिसंबर 1984 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू पायलट स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने कई कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है।

5 हजार घंटे से ज्यादा समय तक विमान उड़ानें का अनुभव
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र, एयर ऑफिसर एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं, जिनके पास कई प्रकार के फिक्स्ड और रोटरी विंग विमानों पर 5,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।

सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता की डॉक्टर वाले केस पर सुनवाई, पीड़िता की पहचान उजागर होने पर अदालत सख्त

नई दिल्ली पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर (प्रशिक्षु) के दुष्कर्म-हत्या मामले से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश की गई कि पीड़िता के नाम और फोटो का खुलासा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट बहुत सारे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश को दोहराया कि आरजी कर अस्पताल मामले में किसी भी मध्यस्थ को पीड़िता का नाम और फोटो प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है।

पीड़िता के माता-पिता ने जताई आपत्ति
इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि मृतक पीड़िता के माता-पिता सोशल मीडिया पर उसके नाम और फोटो का खुलासा करने वाले बार-बार क्लिप से परेशान हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर पहले ही आदेश पारित कर दिया है और आदेश को लागू करना कानून प्रवर्तन एजेंसियों का काम है। इसने अपने पहले के आदेश को स्पष्ट किया और कहा कि यह सभी मध्यस्थों पर लागू होता है। पीठ ने कहा कि सीबीआई जांच में पर्याप्त सुराग मिले हैं और उसने दोनों पहलुओं – कथित बलात्कार और हत्या और वित्तीय अनियमितताओं पर बयान दिए हैं।

पहले शीर्ष अदालत ने क्या की थी टिप्प्णी
शीर्ष अदालत ने 17 सितंबर को कहा था कि वह बलात्कार-हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से दायर स्थिति रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है, लेकिन उसने विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि कोई भी खुलासा चल रही जांच को खतरे में डाल सकता है।

9 सितंबर को, शीर्ष अदालत ने कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार जूनियर डॉक्टर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने वाले एक महत्वपूर्ण दस्तावेज चालान के उसके समक्ष प्रस्तुत रिकॉर्ड से गायब होने पर चिंता व्यक्त की थी और पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी थी।

सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कानून का शासन जरूरी, प्रशिक्षु IPS अधिकारियों से बोलीं राष्ट्रपति

नई दिल्ली:  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि आर्थिक व सामाजिक विकास केवल तभी संभव है, जब कानून का शासन स्थापित हो। यह बात राष्ट्रपति ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के प्रशिक्षुओं के एक समूह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिक अधिकारों की रक्षा किए बिना प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाता है।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है, जिसकी एक बीमार मानसिकता के साथ-साथ घृणित सामाजिक पूर्वाग्रहों में गहरी जड़ें हैं। यह सबसे पहले एक अपराध है। इसलिए, इससे लड़ने के लिए कई स्तरों पर कार्रवाई की आवश्यकता होती है। लेकिन पहली प्रतिक्रिया पुलिस बल की ओर से आती है।

कानून का शासन आधुनिक राज्य की आधारशिला
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को पीड़ित के साथ संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ काम करना चाहिए। उनसे न्याय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के प्रति अधिक प्रतिबद्धता की अपेक्षा की जाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था केवल शासन की नींव नहीं बल्कि, आधुनिक राज्य की आधारशिला भी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे कुशल, संवेदनशील और निर्भीक हों।

गांधी जयंती के दिन झारखंड का दौरा करेंगे पीएम, 83300 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्तूबर यानी गांधी जयंती के दिन झारखंड के हजारीबाग का दौरा करेंगे। इस दौरान वह दोपहर करीब 2 बजे 83,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, इस दौरान प्रधानमंत्री 59,150 करोड़ रुपये से अधिक के धरती आबा जनजातीय ग्रामीण उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ करेंगे।

पांच करोड़ आदिवासियों को मिलेगा सीधे लाभ
पीएमओ के मुताबिक, यह अभियान 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉक के 63,000 गांवों को कवर करेगा, जिससे करीब पांच करोड़ से अधिक आदिवासियों को सीधे लाभ मिलेगा। इसमें किया जाएगा। यह पहल सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खामियों को दूर करने के लिए 25 लक्ष्यों पर आधारित है, जिसे भारत सरकार के 17 मंत्रालयों और विभागों द्वारा चलाया जाएगा।

एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का उद्घाटन करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री 40 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वह 2,800 करोड़ रुपये की लागत से 25 और स्कूलों की आधारशिला रखेंगे। ये स्कूल आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इसके अलावा, पीएम मोदी ‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखें, जिनकी कुल लागत 1,360 करोड़ रुपये से अधिक है। इन परियोजनाओं में 1,380 किलोमीटर से अधिक की सड़कें, 120 आंगनवाड़ी केंद्र, 250 बहुद्देशीय केंद्र और 10 स्कूल छात्रावास का निर्माण शामिल है।