Sunday , November 24 2024

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एयर मार्शल एपी सिंह बने वायुसेना के नए प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सौंपा कार्यभार

भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख के तौर पर एयर मार्शल एपी सिंह ने कमान संभाल ली है। उन्हें एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कार्यभार सौंपा है। बता दें कि आज एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सुबह वायु भवन में पारंपरिक ‘वॉक थ्रू’ करने से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दिवंगत वीरों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्हें वायुसेना के वायु योद्धाओं की तरफ से विदाई सलामी के रूप में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

एपी सिंह को 40 वर्षों का अनुभव
बता दें कि 27 अक्टूबर, 1964 को जन्मे एयर मार्शल एपी सिंह को दिसंबर 1984 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू पायलट स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने कई कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है।

5 हजार घंटे से ज्यादा समय तक विमान उड़ानें का अनुभव
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र, एयर ऑफिसर एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं, जिनके पास कई प्रकार के फिक्स्ड और रोटरी विंग विमानों पर 5,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।

सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता की डॉक्टर वाले केस पर सुनवाई, पीड़िता की पहचान उजागर होने पर अदालत सख्त

नई दिल्ली पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर (प्रशिक्षु) के दुष्कर्म-हत्या मामले से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश की गई कि पीड़िता के नाम और फोटो का खुलासा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट बहुत सारे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश को दोहराया कि आरजी कर अस्पताल मामले में किसी भी मध्यस्थ को पीड़िता का नाम और फोटो प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है।

पीड़िता के माता-पिता ने जताई आपत्ति
इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि मृतक पीड़िता के माता-पिता सोशल मीडिया पर उसके नाम और फोटो का खुलासा करने वाले बार-बार क्लिप से परेशान हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर पहले ही आदेश पारित कर दिया है और आदेश को लागू करना कानून प्रवर्तन एजेंसियों का काम है। इसने अपने पहले के आदेश को स्पष्ट किया और कहा कि यह सभी मध्यस्थों पर लागू होता है। पीठ ने कहा कि सीबीआई जांच में पर्याप्त सुराग मिले हैं और उसने दोनों पहलुओं – कथित बलात्कार और हत्या और वित्तीय अनियमितताओं पर बयान दिए हैं।

पहले शीर्ष अदालत ने क्या की थी टिप्प्णी
शीर्ष अदालत ने 17 सितंबर को कहा था कि वह बलात्कार-हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से दायर स्थिति रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है, लेकिन उसने विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि कोई भी खुलासा चल रही जांच को खतरे में डाल सकता है।

9 सितंबर को, शीर्ष अदालत ने कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार जूनियर डॉक्टर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने वाले एक महत्वपूर्ण दस्तावेज चालान के उसके समक्ष प्रस्तुत रिकॉर्ड से गायब होने पर चिंता व्यक्त की थी और पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी थी।

सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कानून का शासन जरूरी, प्रशिक्षु IPS अधिकारियों से बोलीं राष्ट्रपति

नई दिल्ली:  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि आर्थिक व सामाजिक विकास केवल तभी संभव है, जब कानून का शासन स्थापित हो। यह बात राष्ट्रपति ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के प्रशिक्षुओं के एक समूह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिक अधिकारों की रक्षा किए बिना प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाता है।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है, जिसकी एक बीमार मानसिकता के साथ-साथ घृणित सामाजिक पूर्वाग्रहों में गहरी जड़ें हैं। यह सबसे पहले एक अपराध है। इसलिए, इससे लड़ने के लिए कई स्तरों पर कार्रवाई की आवश्यकता होती है। लेकिन पहली प्रतिक्रिया पुलिस बल की ओर से आती है।

कानून का शासन आधुनिक राज्य की आधारशिला
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को पीड़ित के साथ संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ काम करना चाहिए। उनसे न्याय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के प्रति अधिक प्रतिबद्धता की अपेक्षा की जाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था केवल शासन की नींव नहीं बल्कि, आधुनिक राज्य की आधारशिला भी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे कुशल, संवेदनशील और निर्भीक हों।

गांधी जयंती के दिन झारखंड का दौरा करेंगे पीएम, 83300 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्तूबर यानी गांधी जयंती के दिन झारखंड के हजारीबाग का दौरा करेंगे। इस दौरान वह दोपहर करीब 2 बजे 83,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, इस दौरान प्रधानमंत्री 59,150 करोड़ रुपये से अधिक के धरती आबा जनजातीय ग्रामीण उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ करेंगे।

पांच करोड़ आदिवासियों को मिलेगा सीधे लाभ
पीएमओ के मुताबिक, यह अभियान 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉक के 63,000 गांवों को कवर करेगा, जिससे करीब पांच करोड़ से अधिक आदिवासियों को सीधे लाभ मिलेगा। इसमें किया जाएगा। यह पहल सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खामियों को दूर करने के लिए 25 लक्ष्यों पर आधारित है, जिसे भारत सरकार के 17 मंत्रालयों और विभागों द्वारा चलाया जाएगा।

एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का उद्घाटन करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री 40 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वह 2,800 करोड़ रुपये की लागत से 25 और स्कूलों की आधारशिला रखेंगे। ये स्कूल आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इसके अलावा, पीएम मोदी ‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखें, जिनकी कुल लागत 1,360 करोड़ रुपये से अधिक है। इन परियोजनाओं में 1,380 किलोमीटर से अधिक की सड़कें, 120 आंगनवाड़ी केंद्र, 250 बहुद्देशीय केंद्र और 10 स्कूल छात्रावास का निर्माण शामिल है।

गांधी जयंती के दिन झारखंड का दौरा करेंगे पीएम, 83300 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्तूबर यानी गांधी जयंती के दिन झारखंड के हजारीबाग का दौरा करेंगे। इस दौरान वह दोपहर करीब 2 बजे 83,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, इस दौरान प्रधानमंत्री 59,150 करोड़ रुपये से अधिक के धरती आबा जनजातीय ग्रामीण उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ करेंगे।

पांच करोड़ आदिवासियों को मिलेगा सीधे लाभ
पीएमओ के मुताबिक, यह अभियान 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉक के 63,000 गांवों को कवर करेगा, जिससे करीब पांच करोड़ से अधिक आदिवासियों को सीधे लाभ मिलेगा। इसमें किया जाएगा। यह पहल सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खामियों को दूर करने के लिए 25 लक्ष्यों पर आधारित है, जिसे भारत सरकार के 17 मंत्रालयों और विभागों द्वारा चलाया जाएगा।

एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का उद्घाटन करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री 40 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वह 2,800 करोड़ रुपये की लागत से 25 और स्कूलों की आधारशिला रखेंगे। ये स्कूल आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इसके अलावा, पीएम मोदी ‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखें, जिनकी कुल लागत 1,360 करोड़ रुपये से अधिक है। इन परियोजनाओं में 1,380 किलोमीटर से अधिक की सड़कें, 120 आंगनवाड़ी केंद्र, 250 बहुद्देशीय केंद्र और 10 स्कूल छात्रावास का निर्माण शामिल है।

‘ऐसे यंग टैलेंट को नहीं गंवा सकते है…’, IIT में दलित छात्र के एडमिशन पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

नई दिल्ली:  फीस जमा नहीं कर पाने की वजह से आईआईटी-धनबाद में प्रवेश से वंचित रह गए छात्र अतुल कुमार के प्रकरण पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए आईआईटी धनबाद को इस दलित छात्र को एडमिशन देने का निर्देश दिया। मामले पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, हम एक ऐसे युवा प्रतिभावान को नहीं गंवा सकते है।

दरअसल आईआईटी धनबाद में प्रवेश के लिए समय पर छात्र का परिवार 17500 रुपये का शुल्क जमा नहीं करा सका था। जिसके चलते वह एडमिशन से बंचित रह गया था। मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के टिटौड़ा गांव निवासी अनुसूचित जाति के मजदूर राजेंद्र कुमार के बेटे अतुल ने बताया कि इस बार जेईई की परीक्षा मद्रास आईआईटी ने कराई थी। उसकी रैंक 1455 के आधार पर आईआईटी धनबाद में प्रवेश लेना था। छात्र का सपना था कि वह इलेक्टि्कल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करें, लेकिन यह सपना अभी अधूरा है। असल में 24 जून की शाम पांच बजे तक शुल्क जमा करना था, लेकिन परिवार रुपये नहीं जुटा सका था।

‘ऐसे यंग टैलेंट को नहीं गंवा सकते है…’, IIT में दलित छात्र के एडमिशन पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

नई दिल्ली:  फीस जमा नहीं कर पाने की वजह से आईआईटी-धनबाद में प्रवेश से वंचित रह गए छात्र अतुल कुमार के प्रकरण पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए आईआईटी धनबाद को इस दलित छात्र को एडमिशन देने का निर्देश दिया। मामले पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, हम एक ऐसे युवा प्रतिभावान को नहीं गंवा सकते है।

दरअसल आईआईटी धनबाद में प्रवेश के लिए समय पर छात्र का परिवार 17500 रुपये का शुल्क जमा नहीं करा सका था। जिसके चलते वह एडमिशन से बंचित रह गया था। मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के टिटौड़ा गांव निवासी अनुसूचित जाति के मजदूर राजेंद्र कुमार के बेटे अतुल ने बताया कि इस बार जेईई की परीक्षा मद्रास आईआईटी ने कराई थी। उसकी रैंक 1455 के आधार पर आईआईटी धनबाद में प्रवेश लेना था। छात्र का सपना था कि वह इलेक्टि्कल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करें, लेकिन यह सपना अभी अधूरा है। असल में 24 जून की शाम पांच बजे तक शुल्क जमा करना था, लेकिन परिवार रुपये नहीं जुटा सका था।

‘क्या संघ प्रमुख दूसरे दलों को तोड़ने वाली भाजपा के हिंदुत्व से सहमत?’, उद्धव का भागवत से सवाल

रामटेक : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि बंद कमरे में हुई एक बैठक में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को विपक्षी खेमे में सेंध लगाने और उद्धव ठाकरे और राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोहन भागवत जी, क्या आप भाजपा के हिंदुत्व से सहमत हैं? इस भाजपा में गुंडे आ रहे हैं, भ्रष्ट लोग आ रहे हैं। क्या आप इससे सहमत हैं? अमित शाह मुझे और शरद पवार को खत्म करने आ रहे हैं, क्या आप हमें खत्म होने देंगे?

उन्होंने कहा कि मुझे मेरे लोग ही खत्म कर सकते हैं, अमित शाह नहीं। अगर मेरे लोग मुझे घर बैठने को कहेंगे तो मैं घर बैठ जाऊंगा, लेकिन अगर दिल्ली से कोई मुझे घर बैठने को कहेगा तो मेरे लोग उसे घर बैठा देंगे। हमारी सरकार आने के बाद मैं महाराष्ट्र में चल रही लूट को बंद कर दूंगा। सब कुछ गुजरात में है। जब मैं सीएम था, क्या आपने एक भी खबर सुनी कि यहां से कोई प्रोजेक्ट गुजरात गया? पिछले ढाई साल में जब से शिंदे वहां गए हैं, कितने सारे उद्योग गुजरात चले गए हैं। सब कुछ गुजरात ले जाया जा रहा है। मुंबई का आर्थिक केंद्र भी गुजरात ले जाया गया है। हम सिर्फ सत्ता के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि हमारी लड़ाई महाराष्ट्र की लूट के खिलाफ है।

पूर्वी महाराष्ट्र के रामटेक शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद ठाकरे ने कहा कि हाल ही में नागपुर के अपने दौरे के दौरान अमित शाह ने भाजपा नेताओं के साथ बंद कमरे में एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने उनसे विपक्षी दलों के नेताओं में फूट डालने और मुझे तथा शरद पवार को राजनीतिक रूप से रोकने के लिए कहा था। बंद कमरे में क्यों बोलें? उन्हें यह बात लोगों के सामने कहनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं…ताकि भाजपा महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने 2014 में शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही। ठाकरे ने सवाल किया कि कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भाजपा के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और (विपक्षी नेताओं को) अपने पाले में लाना शामिल है।

दिल्ली की सड़कों पर उतरी ‘आप’ सरकार, मनीष सिसोदिया ने कहा- अब होंगे सब काम

नई दिल्ली:  दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने रविवार को एक बैठक कर यह निर्णय लिया था कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्री सड़कों पर उतरेंगे। वे सड़कों का निरीक्षण करेंगे और जहां पर भी टूटी-फूटी सड़के दिखाई पड़ेंगी, उसे ठीक करवाने का काम करेंगे। आज सोमवार सुबह 6:00 बजे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज की सड़कों पर उतरे दिखाई पड़े। उन्होंने जगह-जगह घुमघुमकर टूटी-फूटी सड़कों का हाल देखा और मौके पर मौजूद अधिकारियों को सड़कों को ठीक करने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर मीडिया से मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली के कामकाज ठप हो गए थे, लेकिन अब उन्हीं के निर्देश पर सभी कैबिनेट मंत्री सड़कों पर उतरेंगे और सड़कों की हालत ठीक करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को जेल में डालकर दिल्ली की जनता का काम रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब यह कोशिश सफल नहीं होगी।

बीजेपी ने कहा, छवि चमकाने की नकली कोशिश
भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसे दिल्ली सरकार की ‘नकली तरीके से छवि चमकाने की कोशिश’ बताया है। रविवार को उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार उस कमजोर छात्र की तरह व्यवहार कर रही है जो पूरे साल पढ़ाई नहीं करता है, लेकिन परीक्षा के अंतिम दिनों में ज्यादा मेहनत कर कुछ अच्छा नंबर लाने की कोशिश करता है, लेकिन अक्सर इस तरह की कोई कोशिश सफल नहीं होती।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों की यह कोशिश भी सफल नहीं होगी क्योंकि जनता ने यह देखा है कि पूरे 5 साल आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कोई काम नहीं किया है। उन्होंने केवल दिल्ली को लूटने का काम किया है। यही कारण है कि अब दिल्ली की जनता उन्हें सत्ता से हटाने के लिए तैयार है।

बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त करेगी योगी सरकार, नवरात्रि में शुरू होगा अभियान

लखनऊ:  महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार अक्तूबर 2024 से ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण की शुरुआत करने जा रही है। मई 2025 तक चलने वाले इस चरण में जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस दौरान 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे। इतना ही नहीं, योगी सरकार के निर्देश पर होने वाले कार्यक्रमों और गतिविधियों के दौरान 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित कर उनके स्वास्थ्य और विद्यालय पहुंचकर नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करने की राह आसान की जाएगी।

इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा, जीवन कौशल और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही, बालिका शिक्षा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। मिशन शक्ति का यह चरण महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

नवरात्र पर बालिकाओं में शक्ति का भाव भरेगी योगी सरकार
भारतीय संस्कृति में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए, ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण के अंतर्गत नवरात्रि के दौरान, 3 से 10 अक्तूबर तक, विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनसे बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, गुड-टच, बैड-टच से परिचित होंगी बेटियां
प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में 3 से 10 अक्तूबर तक विद्यालयों में बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, छेड़छाड़ और गुड-टच, बैड-टच जैसे मुद्दों पर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही रैलियों और रोचक गतिविधियों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों की जानकारी भी दी जाएगी।

10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण
नवंबर 2024 से 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।

167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र
पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।