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नदियों के कटाव से दुनिया के लाखों लोगों पर खतरा, रास्ता बदलने से संपत्तियों को होता है बड़ा नुकसान

नई दिल्ली:नदियों से होने वाले विनाशकारी कटाव से दुनिया भर में लाखों लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। बाढ़ की घटनाओं का प्रभाव व्यापक, दीर्घकालिक और अत्यधिक महंगा हो सकता है। कटाव से खेत, बुनियादी ढांचे, आवास आदि जैसी संपत्तियों को बड़ा नुकसान हो सकता है।

एक नए शोध के जरिये शोधकर्ताओं ने नदियों से होने वाले कटाव की घटनाओं के बारे में अहम जानकारी हासिल की है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि नदियां कब और कहां अचानक अपना रास्ता बदल सकती हैं। यह महत्वपूर्ण अध्ययन उस प्रक्रिया पर प्रकाश डालता है जिसने विनाशकारी बाढ़ ने मानव इतिहास को आकार दिया और अब यह दुनियाभर में लाखों लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।

इंडियाना यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं के टीम ने उपग्रह तकनीकों का उपयोग करते हुए मानचित्रण किया कि किस प्रकार जमीन के कुछ हिस्से नदियों के उफान को तेज करते हैं। घनी वनस्पतियों के कारण नदी के चारों ओर के हिस्सों को मापना कठिन और समय लेने वाला है। अध्ययन के नतीजे नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

174 नदी के कटाव का किया गया विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने पिछले कई दशकों में नदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उपग्रह इमेजरी का उपयोग करते हुए दुनियाभर में 174 नदी कटावों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययनकर्ताओं ने खुलासा किया कि नदियों के मध्य हिस्सों की तुलना में पर्वत श्रृंखलाओं और तटीय क्षेत्रों के पास कटाव अधिक आम है। इनमें से 74 प्रतिशत कटाव पर्वतीय मोर्चों या तटरेखाओं के पास हुए।यह ऐसे क्षेत्र हैं जहां तलछट जल्दी से जमा हो जाती है। इसके अलावा स्थलाकृतिक के आंकड़ों का उपयोग करके शोधकर्ताओं ने एक नया मॉडल विकसित किया है, जिसे वे अवलशन कॉरिडोर कहते हैं।

विदेश में भी वंदेभारत का जलवा, कनाडा समेत कई देशों में भारी मांग; तेजस के बाद दूसरी बड़ी उपलब्धि

 नई दिल्ली:  वो दिन दूर नहीं, जब विदेशी धरती पर भी वंदे भारत ट्रेनें दौड़ेंगी क्योंकि विदेशों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। कनाडा, चिली, मलयेशिया जैसे देशों ने भारत से वंदे भारत ट्रेनों के आयात में रुचि दिखाई है। सूत्रों के मुताबिक, वंदे भारत में यूं तो बहुत सारी खूबियां हैं मगर इसकी कम लागत आकर्षण का सबसे बड़ा कारण है। दूसरे देशों में निर्मित ऐसी ट्रेनों की कीमत 160-180 करोड़ रुपये के आसपास है, जबकि वंदे भारत ट्रेन हमारे यहां 120-130 करोड़ रुपये तक में आ जाती है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की गति भी इसे बेहद आकर्षक बनाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया नीति की तेजस फाइटर जेट के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी सफलता है।

कम ऊर्जा खपत और विमान की तुलना में सौ गुना कम शोर
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का डिजाइन भी काफी आकर्षक है। इसकी खासियत यह है कि विमान की तुलना में इसमें 100 गुना कम शोर का अनुभव होता है और इसकी ऊर्जा खपत बहुत कम है।

जापान के बुलेट ट्रेन से कम समय में पकड़ती है रफ्तार
वंदे भारत ट्रेन रफ्तार पकड़ने के मामले में जापान के बुलेट ट्रेन से भी कम समय लेती है। सूत्रों के मुताबिक, वंदे भारत को 0 से 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने में सिर्फ 52 सेकेंड लगते हैं। जबकि जापान के बुलेट ट्रेन को 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 54 सेकंड का समय लगता है।

रेलवे तेजी से कर रहा ट्रैक का विस्तार
भारतीय रेलवे पर्याप्त संख्या में वंदे भारत ट्रेनों को बढ़ाने की दिशा में जहां काम कर रहा है वहीं ट्रैक नेटवर्क का भी विस्तार कर रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बीते 10 बरसों में 31,000 किलोमीटर से अधिक ट्रैक जोड़े गए हैं और उनका लक्ष्य 40,000 किलोमीटर अतिरिक्त ट्रैक जोड़ने का है।

ग्रेड तीन की भर्ती परीक्षा के लिए राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद, एक महीने में दूसरी बार हुआ ऐसा

गुवाहाटी: असम सरकार की ग्रेड-III पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा रविवार को राज्य भर में आयोजित की जा रही है। लिखित परीक्षा के दौरान गड़बड़ी रोकने के लिए सरकार ने आठ घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का फैसला किया है। सितंबर माह में यह दूसरी बार हो रहा है, जब राज्य में परीक्षा के चलते इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि असम सीधी भर्ती परीक्षा (एडीआरई) के दूसरे चरण के लिए कुल 7,34,080 उम्मीदवार पात्र हैं।

शाम साढ़े चार बजे तक निलंबित रहेगा मोबाइल इंटरनेट
सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक रविवार को मोबाइल इंटरनेट/मोबाइल डाटा और मोबाइल वाई-फाई कनेक्टिविटी सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर शाम साढ़े चार बजे तक निलंबित रहेगी। बयान में कहा गया है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती परीक्षा के लिए और राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लोग असुविधा को सहन करें और सहयोग करें। इससे पहले 15 सितंबर को ग्रेड-3 के लिए पहले चरण की लिखित परीक्षा के दौरान भी मोबाइल सेवाएं तीन घंटे के लिए बंद रखी गईं थी।

सरकार ने बताया क्यों बंद किया इंटरनेट
ADRE ग्रेड III पदों के दूसरे चरण की लिखित परीक्षा दो हिस्सों में आयोजित की जा रही है। पहली पाली में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक लिखित परीक्षा होगी और दूसरे चरण में दोपहर 1.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक लिखित परीक्षा होगी। सरकार के बयान में कहा गया है कि परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन असम के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी यह देखा गया है कि बेईमान तत्व सोशल मीडिया के विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके अनुचित साधनों का उपयोग कर रहे हैं।

बयान के अनुसार,, ‘इस बात की पूरी आशंका है कि असामाजिक तत्व या संगठित समूह सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने का सहारा लेकर स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं और परीक्षा की प्रक्रिया को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं।’ बयान में ये भी कहा गया है कि कुछ लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके नकली प्रश्नपत्र बेचने की कोशिश भी कर सकते हैं। ऐसे में मोबाइल इंटरनेट बंद करने का फैसला इसलिए किया गया है ताकि परीक्षा प्रक्रिया में कोई खामी न रहें, वरना इससे भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता पर लोगों के मन में संदेह पैदा हो सकता है।’

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट में लगी भीषण आग, भारी नुकसान की आशंका

चेन्नई: तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के होसुर में स्थित टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट में भीषण आग लगने की घटना हुई है। आग काफी भीषण है, जिसके चलते प्लांट में धमाके की खबर है। आग से प्लांट में भारी नुकसान की आशंका है। आग प्लांट के सेलफोन मैन्युफैक्चरिंग सेक्शन में लगी, जिसके बाद प्लांट के सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

आग से प्लांट में बड़े नुकसान की आशंका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। आग से प्लांट को भारी नुकसान हुआ है। आग शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे लगी। इसके बाद प्लांट से धुएं का गुबार उठता देखा गया। आग की सूचना पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने की कोशिश की। आग कंपनी के केमिकल गोदाम में लगी, जो धीरे-धीरे प्लांट के अन्य हिस्सों में भी फैल गई।

घटना के समय 1500 कर्मचारी काम कर रहे थे
घटना के समय प्लांट में 1500 के करीब कर्मचारी काम कर रहे थे। आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल सका है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी बयान जारी कर होसुर स्थित प्लांट में आग लगने की पुष्टि की है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि आग लगने पर आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन किया गया और सभी कर्मचारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई। आग लगने की वजह की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि आग की घटना के चलते तीन कर्मचारियों को सांस संबंधी परेशानी हुई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है। मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है।

आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर हुई सांप्रदायिक घटनाओं के बाद सरकार अलर्ट, भद्रक में इंटरनेट सेवाएं निलंबित

भुवनेश्वर:  सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर क्षेत्र में हुई हिंसक सांप्रदायिक घटनाओं के बाद ओडिशा के भद्रक जिले में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। दरअसल, जिला प्रशासन ने सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की थी, जिस पर सरकार ने निंलबित करने का आदेश दिया।

क्षेत्र में धारा 163 लागू
पूर्वी रेंज के उप महानिरीक्षक सत्यजीत नाइक ने इससे पहले बताया था कि पथराव की घटनाओं के बाद, बीएनएसएस की धारा 163 लागू की गई है। इसके तहत एक क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है।

घटना में कई पुलिसकर्मी घायल
भद्रक में हुई पथराव की घटना में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। बिगड़ते हालातों को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। डीआईजी नाइक ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और घटना में कथित रूप से शामिल लोगों की पहचान कर ली गई है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कोर्ट ने सीतारमण पर चुनावी बॉन्ड से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, CM ने कसा तंज

बंगलूरू:  बंगलूरू की एक अदालत ने चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं, इस मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब भाजपा नेता कब इस्तीफा मांगेंगे।

किसने दी शिकायत?
जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह अध्यक्ष आदेश अय्यर ने सीतारमण और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए डरा-धमकाकर जबरन वसूली की गई। इस मामले में बंगलूरू की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस ने वित्त मंत्री और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

क्या है चुनावी बॉन्ड?
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत सरकार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में नकद दान को खत्म करना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बनी रहे। इसके बाद एसबीआई के चुनावी बॉन्ड के जरिए लोग राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते थे। इसका खुलासा नहीं किया जाता था। पिछले साल विपक्षी दलों के आरोपों और इसके खिलाफ तमाम याचिकाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। अदालत ने कहा था कि यह नागरिकों के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करता है।

इन लोगों के खिलाफ शिकायत
अब आदर्श अय्यर ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉन्ड के जरिए धमकी देकर जबरन वसूली की गई। जन अधिकार संघर्ष परिषद ने पिछले साल अप्रैल में अदालत में याचिका दायर कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी अधिकारियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेताओं, भाजपा के तत्कालीन कर्नाटक अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत की थी। अदालत ने शिकायत पर सुनवाई करते हुए बंगलूरू के तिलक नगर पुलिस थाने को चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।

मरीज के परिजनों द्वारा पीटे जाने के बाद डॉक्टर्स ने दूसरे दिन भी रोका काम, सुरक्षा की मांग पर अड़े

कोलकाता:पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और अब राज्य के उत्तर 24 परगना जिले में भी एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को पीटे जाने का मामला गरमा गया है। अस्पताल के डॉक्टर्स की काम रोकों हड़ताल लगातार दूसरे दिन भी जारी है। दरअसल शुक्रवार को एक मरीज के परिजनों ने उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी इलाके में स्थित सागर दत्ता अस्पताल में डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के साथ मारपीट की। इस घटना के विरोध में डॉक्टर्स ने काम रोक दिया और हड़ताल शुरू कर दी। डॉक्टर्स की मांग है कि सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जाए।

मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने की मारपीट
एक नर्स ने बताया कि शुक्रवार को एक महिला को सांस की तकलीफ होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की हालत ठीक नहीं थी और जब तक उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश की जाती, तब तक उसकी मौत हो गई। महिला के परिजनों का आरोप है कि मरीज को समय पर इलाज नहीं मिला, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई। नर्स ने बताया कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मरीज के परिवार के 15-20 लोगों ने महिला मेडिसिन वार्ड में घुसकर वहां मौजूद डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के साथ मारपीट की। एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि इस घटना में तीन जूनियर डॉक्टर, तीन नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए।

सुरक्षा की मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का एलान
इस घटना के विरोध में डॉक्टर्स ने काम रोकों हड़ताल शुरू कर दी। शनिवार को दूसरे दिन भी यह हड़ताल जारी है। एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘हम बार-बार बाह्य रोगी विभाग और अस्पताल के वार्डों में उचित सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। लेकिन यह घटना साबित करती है कि राज्य प्रशासन अभी भी हमारी सुरक्षा की मांग के प्रति नहीं जागा है। जब तक पर्याप्त सुरक्षा की हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक ‘काम बंद’ हड़ताल जारी रहेगी।’ बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने कमरहाटी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अस्पताल के मुख्य द्वार के पास पुलिस गश्ती दल निगरानी कर रहा है।

मेक इन इंडिया की बड़ी छलांग, मोरक्को की सेना के लिए 150 WhAP बख्तरबंद गाड़ियां बनाएगी टाटा

नई दिल्ली:  भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल भारतीय कंपनी टाटा मोरक्को की सेना के लिए 150 व्हील आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) वाहनों का निर्माण करेगी। WhAP एक बख्तरबंद वाहन है, जिसे भारत के सरकारी रक्षा संस्थान डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि टाटा और मोरक्को के बीच 150 WhAP वाहन बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। व्हैप को डीआरडीओ की व्हीकल रिसर्च एंड डेवलेपमेंट विंग द्वारा टाटा कंपनी के साथ मिलकर बनाया गया है।

मोरक्को को अगले तीन साल में सप्लाई किए जाएंगे 150 व्हैप वाहन
समझौते के अनुसार, मोरक्को की सेना को ये बख्तरबंद गाड़ियां अगले तीन साल में सप्लाई की जाएंगी। बख्तरबंद गाड़ियों का यह भारत को मिला सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है। भारत की पैरामिलिट्री फोर्सेस ने भी इन बख्तरबंद गाड़ियों व्हैप का ऑर्डर दिया है। मोरक्को में व्हैप के परीक्षण बीते करीब सात माह चल रहे थे। भारत में डिजाइन और निर्मित किए गए आठ पहियों वाले इस बख्तरबंद वाहन को भारतीय सेना में भी शामिल किया जा चुका है।

टाटा व्हैप में जानिए क्या हैं खूबियां
टाटा व्हैप को डीआरडीओ प्रयोगशाला के साथ मिलकर विकसित किया गया है। यह वाहन कई परीक्षणों से गुजरा है जिसमें हाई एल्टीट्यूड टेस्ट (उच्च ऊंचाई परीक्षण) शामिल हैं। यह Tata Defence Combat Wheeled Armoured Amphibious Platform (टाटा डिफेंस व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म) पर आधारित है। टाटा व्हैप में Amphibious Drive Mode (एम्फीबियम ड्राइव मोड) दिया गया है, जिससे यह जमीन और पानी दोनों जगहों पर आसानी से चलाए जा सकते हैं। इसके साथ ही इसमें हाइड्रो-न्यूमैटिक स्ट्रट्स और स्वतंत्र सस्पेंशन मिलता है। टाटा व्हैप में 10 से 12 लोग सफर कर सकते हैं। इसे टोही वाहन, पैदल सेना वाहक, या रसद वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। टाटा व्हैप की खासियत ये है कि ये दलदली इलाकों में भी चल सकता है और मजबूत इतना है कि लैंड माइन के विस्फोट को भी झेल सकता है।

मुंबई में आतंकी हमले का खतरा, अलर्ट पर सुरक्षाबल, धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मुंबई: देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में आतंकी हमले का खतरा है। दरअसल मुंबई पर आतंकी हमले की खुफिया सूचना मिली है, जिसके बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल अलर्ट पर है और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर खास तौर पर नजर रखी जा रही है। शहर के धार्मिक स्थानों पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है और कोई भी संदिग्ध वस्तु दिखते ही पुलिस को सूचना देने की अपील की गई है।

रेलवे स्टेशन, मॉल आदि में विशेष चौकसी
आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए मुंबई के भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे क्रॉफर्ड मार्केट आदि में पुलिस ने मॉक ड्रिल भी की। त्योहारी सीजन को देखते हुए पुलिस अतिरिक्त सुरक्षा बरत रही है। देश की वित्तीय राजधानी होने के नाते मुंबई शहर आतंकियों के निशाने पर रहता है। ये भी वजह है कि आतंकी हमले की खुफिया सूचना को सुरक्षा एजेंसियां पूरी गंभीरता से ले रही हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। आतंकवाद निरोधक बल को भी सक्रिय कर दिया गया है।

‘न्याय व्यवस्था को दिव्यांग बच्चों की परेशानियों पर ध्यान देने की जरूरत’, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का बयान

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि पुलिस थानों से लेकर अदालतों तक पूरी न्याय व्यवस्था को दिव्यांग बच्चों की परेशानियों को समझने और उसके समाधान पर ध्यान देना चाहिए। बाल संरक्षण पर नौवें राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक चर्चा कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि दिव्यांग लोगों की चुनौतियां शारीरिक से भी ज्यादा हैं। उन्हें शारीरिक चुनौतियों के साथ-साथ समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों, रूढ़ियों और गलत धारणाओं से भी जूझना होता है।

‘न्याय व्यवस्था दिव्यांग बच्चों की परेशानियों को समझे’
मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुलिस थानों से लेकर न्यायालयों तक न्याय प्रणाली इन बच्चों की परेशानियों को समझें और उनका समाधान करें। किशोर न्याय अधिनियम दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सामुदायिक सेवा जैसे विभिन्न पुनर्वास और पुनः एकीकरण उपायों की रूपरेखा तैयार करता है। दिव्यांग बच्चों के लिए, इन उपायों को अनुकूलित किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें वह विशेष सहायता मिले जिसकी उन्हें सफल होने के लिए जरूरत है।’

‘राज्यों को सुनिश्चित करना चाहिए कि दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा मिले’
दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ, भारत के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट की किशोर न्याय समिति के तत्वावधान में किया गया था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘दिव्यांगता अक्सर लिंग, जाति, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जातीयता जैसी अन्य हाशिए की पहचानों के साथ जुड़ती है, जिससे बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव को बढ़ावा मिलता है।’ सीजेआई ने जोर देकर कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाए।