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देश

23 दिन के अंदर 40 बड़ी रैलियों के जरिए पीएम मोदी ने दिलाई BJP को जीत, ऐसा रहा मोदी जी का चुनावी रिजल्ट

उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। 23 दिन के अंदर यानी 10 फरवरी से लेकर पांच मार्च तक उन्होंने 40 बड़ी रैलियां कीं।

इसके जरिए 203 विधानसभा सीटों को कवर किया। पिछली बार इनमें से 143 सीटें भाजपा के कब्जे में थीं। इस बार इसमें बढ़ोतरी तो नहीं हुई, लेकिन ज्यादा घटा भी नहीं।

ओवरऑल आंकड़ों को देखें तो तमाम एंटीइनकंबेंसी के बावजूद इनमें से 128 सीटों पर जीत हासिल करने में भाजपा कामयाब हुई। इनमें भी कई सीटें ऐसी हैं, जिन्हें पिछली बार विपक्षी दलों ने जीता था।

प्रधानमंत्री ने जिन जिलों में रैलियां कीं उनमें सहारनपुर, कासगंज, कन्नौज, कानपुर देहात, सीतापुर, फतेहपुर, हरदोई, उन्नाव, बाराबंकी, कौशांबी, अमेठी, प्रयागराज, बस्ती, देवरिया, वाराणसी, बलिया, महाराजगंज, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली और मिर्जापुर शामिल थे। वाराणसी में मोदी ने दो रैली और एक रोड शो किया।इन तीनों जिलों में कुल 21 सीटें हैं। पिछली बार इनमें से 18 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इस बार इनमें से 14 सीटें भाजपा के खाते में गईं। इनमें भी दो ऐसी सीटें हैं, जो पिछली बार कांग्रेस के खाते में थी।

प्रधानमंत्री का सबसे कम फोकस मणिपुर और गोवा में रहा। पीएम ने दोनों राज्यों में एक-एक फिजिकल और एक-एक वर्चुअल रैली की। फजिकल रैली के जरिए पीएम ने मणिपुर की 11 सीटों को साधने की कोशिश की, वहीं नॉर्थ गोवा की 23 सीटों पर फोकस रहा। मणिपुर के हेंगंग में प्रधानमंत्री ने 22 फरवरी को रैली की। हेंगंग की 11 में से सात सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। पिछली बार के मुकाबले एक सीट का इजाफा हुआ।

उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में 46 हजार 837 मतदाताओं ने दबाया नोटा का बटन, हार-जीत का बिगाड़ा खेल

मतदाताओं को चुनाव आयोग ने कोई भी प्रत्याशी पसंद न होने पर नन ऑफ द अबव (नोटा) का विकल्प दिया हुआ है। उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में 46 हजार 837 मतदाताओं ने नोटा विकल्प को चुना। कुल मतदान करने वालों में से 0.87 प्रतिशत मतदाताओं को कोई भी दल या नेता इस लायक नहीं लगा कि वे उसे वोट देते।

अल्मोड़ा में हार-जीत का अंतर 141 वोटों का रहा।  यहां 398 लोगों ने नोटा का बटन दबाया है। इसी प्रकार कई और सीटों पर भी नोटा ने हार-जीत का खेल बिगाड़ा है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के रायपुर प्रत्याशी उमेश शर्मा काऊ की सबसे बड़ी 30052 वोटों के अंतर से जीत हुई। जबकि, अल्मोड़ा में कांग्रेस के प्रत्याशी की सबसे कम 141 वोटों से जीत हुई।

हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस की अनुपमा रावत, यमकेश्वर से भाजपा की रेनू बिष्ट, पौड़ी से भाजपा के राजकुमार पोरी, पिथौरागढ़ से कांग्रेस के मयूख मेहर, गंगोलीहाट से भाजपा के फकीर राम टम्टा, कपकोट से भाजपा के सुरेश गढ़िया,  नैनीताल से भाजपा की सरिता आर्य, हल्द्वानी से कांग्रेस के सुमित हृदयेश, काशीपुर से भाजपा के त्रिलोक सिंह चीमा,  खटीमा से कांग्रेस के भुवन कापड़ी पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष नए चेहरे होंगे।

रुझानों में बहुमत हासिल कर चुकी BJP को देख अखिलेश यादव ने इस तरह बढाया कार्यकर्ताओं का मनोबल

 उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है.रुझानों में भारतीय जनता पार्टी  बहुमत पा चुकी है और समाचार लिखे जाने तक सत्तारूढ़ दल 274 सीटों पर आगे थी और 123 पर समाजवादी पार्टी ने बढ़त बनाई थी.

सपा ने ट्वीट किया “समाजवादी पार्टी गठबंधन के पदाधिकारी गण कार्यकर्ता एवं नेता इस बात को ध्यान में रखकर सतर्कता में कोई कोताही ना बरतें कि अभी भी 60% मतों की गिनती बाकी है और 100 सीटों पर अंतर अभी भी 500 वोटों के आसपास है. आप सभी डटे रहे एवं अंतिम परिणाम तक सावधानी बरतें.”

इतना ही सपा ने आरोप लगाया कि सपा गठबंधन की लीड वाली सीटों पर काउंटिंग धीमी गति से हो रही है. सपा ने ट्वीट किया “गोरखपुर ग्रामीण में 1 लाख 32 हज़ार वोटों की गिनती हो चुकी है, जबकि ग़ाज़ीपुर में मात्र 16 हज़ार वोट ही अब तक गिने गए है. सपा गठबंधन की लीड वाली सीटों पर काउंटिंग धीमी गति से क्यों कराई जा रही है? चुनाव आयोग दे जवाब.”

वहीं अखिलेश यादव ने भी कुछ ऐसा ही संदेश दिया था. एक ट्वीट में सपा नेता ने कहा था “इम्तिहान बाकी है अभी हौसलों का वक़्त आ गया है अब ‘फ़ैसलों’ का मतगणना केंद्रों पर दिन-रात सतर्क और सचेत रूप से सक्रिय रहने के लिए सपा-गठबंधन के हर एक कार्यकर्ता, समर्थक, नेतागण, पदाधिकारी और शुभचितंक को हृदय से धन्यवाद! ‘लोकतंत्र के सिपाही’ जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें!”

Uttarakhand:लालकुआं विधानसभा सीट से हारे कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत लेकिन बेटी ने बनाई बढ़त

उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहा पार्टी के लालकुआं  विधानसभा सीट से उम्मीदवार और पूर्व सीएम हरीश रावत  चुनाव हार गए हैं. उनकी बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार में बढ़त बनाए हुए हैं.

उत्तराखंड में कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत को बड़ा झटका लगा है. वे अपनी लालकुआं सीट से चुनाव हार गए हैं. हरीश रावत को उत्तराखंड में पार्टी के सीएम चेहरा के रूप में देखा जा रहा था.  जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.

इससे पहले हरीश रावत लोकसभा चुनाव में भी अपनी सीट हार गए थे. तब वो कांग्रेस के टिकट पर नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा क्षेत्र से मैदान में थे.

उससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पार्टी ने हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ाया था. लेकिन तब भी वो दोनों ही सीटें हार गए थे.

पुलवामा में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने चलाया बड़ा ऑपरेशन, मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर

पुलवामा के नैना बटपोरा में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया है। इस दौरान एक आतंकी मारा गया। अभी भी मुठभेड़ जारी है। मौके पर अन्य आतंकियों के फंसे होने की जानकारी मिल रही है।

नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दरअसल पुलिस को नैना बटपोरा में कुछ संदिग्धों के एकत्र होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने मौके पर अभियान शुरू किया।

जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया। अन्य से सुरक्षाबल आत्मसमर्पण करवाने के लिए स्थानीय लोगों अन्य की मदद ले रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है।

वोटों की गिनती के बीच अखिलेश यादव ने दिया पहला रिएक्शन बोले-“मतगणना केंद्रों पर दिन-रात सतर्क…”

यूपी समेत 5 राज्यों के लिए वोटों की गिनती जारी है. इस बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया है. वहीं अखिलेश ने जीत का प्रमाणपक्ष लेकर लौटने को कहा है.  शायराना अंदाज में भी उन्होंने एक लाइन लिखी है.

अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा है कि इम्तिहान बाकी है अभी हौसलों का, वक़्त आ गया है अब ‘फ़ैसलों’ का. उन्होंने कहा है कि मतगणना केंद्रों पर दिन-रात सतर्क और सचेत रूप से सक्रिय रहने के लिए सपा-गठबंधन के हर एक कार्यकर्ता, समर्थक, नेतागण, पदाधिकारी और शुभचितंक को हृदय से धन्यवाद. साथ ही अखिलेश ने लिखा कि ‘लोकतंत्र के सिपाही’ जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें.

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर ईवीएम को हटाना है तो प्रत्याशी को बताएं. मतगणना में धांधली की कोशिश को नाकाम करने के लिए सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशी और समर्थक अपने-अपने कैमरों के साथ तैयार रहें. युवा लोकतंत्र और भविष्य की रक्षा के लिए मतगणना में सिपाही बने.

 

यूपी में यदि 2022 में खिला कमल तो 18 साल में पहली बार टूटेगा ये बड़ा मिथक, कोई मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर पाया

अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो यह एक नया इतिहास होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम चार रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे। इसके साथ कई मिथक भी टूटेंगे।

18 साल में यह पहली बार है, जब किसी मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले 2003 में सीएम रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा था। इस बार सीएम योगी गोरखपुर से चुनावी मैदान में हैं।भाजपा की जीत के बाद यह तय है कि योगी आदित्यनाथ ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। अगर ऐसा होता है तो देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई मुख्यमंत्री अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता पर काबिज होगा। प्रदेश के 70 साल के इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

मायावती से लेकर अखिलेश यादव और खुद योगी आदित्यनाथ तक विधान परिषद के जरिए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। मतलब इनमें से कोई भी नेता विधायक रहते हुए सीएम नहीं बना। 2003 में आखिरी बार मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के गुन्नौर से मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव लड़े थे। चुनाव जीतने के बाद वह विधायक बने और फिर 2007 तक सत्ता संभाली।

यूपी में अब तक माना जाता रहा है कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती है। उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती। इस कारण कुछ मुख्यमंत्री तो नोएडा जाने से बचते रहे।

उत्तर प्रदेश चुनाव में नहीं दिखा Congress और BSP का दबदबा, 3 दशक बाद बिना गठबंधन के चुनाव लड़ रही कांग्रेस

 उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दो राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी अब तक दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है. शुरूआती रुझानों में बसपा 5 और कांग्रेस सिर्फ 4 सीटों पर आगे हैं.

भाजपा-102, समाजवादी पार्टी-46, अपना दल-5, कांग्रेस-4 और बसपा सिर्फ 1 सीट पर आगे है. कांग्रेस और बसपा, दोनों राष्ट्रीय पार्टियां हैं. कांग्रेस ने यूपी में इस बार प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में चुनाव लड़ा था और बसपा मायावती के नेतृत्व में मैदान में थी.  साल 2012 में उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद से बसपा सत्ता में नहीं लौटी.

कांग्रेस की बात करें तो वह करीब 3 दशक बाद सभी 403 सीटों पर बिना गठबंधन के चुनाव लड़ रही थी . मतगणना के एक दिन पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार्यकर्ताओं के नाम एक चिट्ठी में कहा था कि परिणाम चाहे जो भी हों, वह और कांग्रेस जनता के मुद्दे उठाती रहेगी.

 

Uttarakhand: बीजेपी और कांग्रेस के बीच जारी काटे की टक्कर, राज्य में रुझानों के अनुसार बीजेपी को मिली बहुमत

भारत निर्वाचन आयोग  के आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड  में बीजेपी  और कांग्रेस  के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. हालांकि दस बजे तक के रुझानों में बीजेपी 25, कांग्रेस 17 और बसपा  दो सीटों पर आगे चल रही है.

उत्तराखंड में वोटों की गिनती जारी है. चुनाव आयोग के आंकडों के अनुसार उत्तराखंड में अभी तक 48 सीटों के रुझान आए हैं. आयोग के आंकड़ों के अनुसार बीजेपी 26 सीटों पर आगे चल रही है.

अगर वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को 43.49%, कांग्रेस को 39.46%, बसपा को 5.46% और आप को 4.81% वोट हासिल हुआ है. ऐसे मे देखा जाए तो राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बाद वोटिंग प्रतिशत के मामले में बसपा का नंबर आता है. बसपा के बाद राज्य में आम आदमी पार्टी चौथे नंबर पर है.

चुनाव आयोग ने अभी तक उत्तराखंड में बीजेपी नेता और राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी की खटीमा सीट पर कोई अपडेट जारी नहीं किया है.   निर्दलीय और एक उत्तराखंड जनएकता पार्टी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.

 

यूपी-उत्तराखंड में क्या इस बार खिलेगा कमल, पांचों राज्यों में मुख्यमंत्री पद के लिए वोटों की गिनती जारी

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में नई विधानसभा के गठन के लिए मतगणना जारी है. यूपी और उत्तराखंड के शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है.

पांचों राज्यों के मुख्यमंत्री की बात करें तो पंजाब, गोवा, उत्तराखंड के सीएम अपनी-अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं. हालांकि यूपी के गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ 4464 वोटों से आगे चल रहे हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 में से 240 सीटों पर प्राप्त शुरुआती रुझानों के मुताबिक 239 सीटों पर भाजपा आगे चल रही है. वहीं, सपा 105 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. बसपा पांच और कांग्रेस चार सीटों पर जबकि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक एक सीट पर आगे चल रहा है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लाल कुआं निर्वाचन क्षेत्र में मामूली अंतर से आगे चल रहे हैं. 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट पर 870 वोटों से आगे चल रहे हैं. लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से सपा के अभिषेक मिश्रा 175 वोटों से आगे चल रहे हैं.