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भारत आने पर पहले एक लाख पर्यटकों को फ्री वीजा; इन राज्यों में हैं देश के सर्वश्रेष्ट पर्यटन स्थल

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार ‘चलो इंडिया’ अभियान के तहत भारत आने वाले पहले एक लाख विदेशी पर्यटकों को नि:शुल्क वीजा देगी। उनका वीजा शुल्क माफ कर दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार देशभर के हवाई अड़्डों और रेलवे स्टेशनों पर पर्यटक फीडबैक तंत्र भी स्थापित करेगी। इसका मकसद पर्यटकों परेशानियों और कमियों को दूर करना है। इसके अलावा देश के 6 पर्यटक स्थलों से पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी की भी शुरुआत की गई है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विज्ञान भवन में शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटक क्षेत्र को रफ्तार देने वाली कई योजनाएं लॉन्च कीं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश का आर्थिक विकास पर्यटन उद्योग के साथ जुड़ा हुआ है। पिछले दशक से हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी की जा चुकी है। कनेक्टिविटी के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा, राजमार्ग, एक्सप्रेसवे के माध्यम से पर्यटन को रफ्तार मिली है। मंत्रालय ने होटल प्रबंधन संस्थानों के लिए उद्योग भागीदार योजना भी शुरू की है। इसके अंतर्गत केंद्रीय होटल प्रबंधन संस्थान छात्रों को प्रशिक्षण देंगे।

महिलाओं व युवाओं के प्रशिक्षण पर जोर:
पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी के माध्यम से महिलाओं व युवाओं के प्रशिक्षण पर जोर रहेगा। इसमें उन्हें पर्यटन उत्पाद और अनुभव के आधार पर हेरिटेज वॉक, फूड टूर, क्राफ्ट टूर,नेचर ट्रेक, होमस्टे के बारे में जागरूक किया जाएगा। ट्रेनिंग के आधार पर उन्हें पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी का पहचान पत्र भी दिया जाएगा।

उत्तराखंड, यूपी और जम्मू-कश्मीर के गांव बने विजेता
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता 2024 के तहत आठ श्रेणियों में 36 गांव विजेता बने हैं। इसमें साहसिक पर्यटन में उत्तराखंड का जखोल, जम्मू-कश्मीर का अरु, कृषि पर्यटन में उत्तराखंड का सुपी, विरासत में यूपी का पुरा महादेव तो जीवांत गांव में उत्तराखंड को हरसिल व गुंजी का नाम शामिल है।

जनवरी-जून के बीच भारत आए 47 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी-जून की अवधि के दौरान भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए) लगभग 47 लाख से अधिक रहा, जिसमें बांग्लादेश और अमेरिका शीर्ष दो देश रहे।

भारतीय सेना चीन सीमा पर बढ़ा रही युद्धक क्षमता, हाइपरसोनिक मिसाइलें की जा रहीं तैयार

नई दिल्ली सेना चीन सीमा पर अपनी युद्धक क्षमता को बढ़ा रही है। तोपखाना यूनिटों की जंगी क्षमता को बढ़ाने के लिए सेना विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद कर रही है। इसमें 100 के-9 वज्र हॉवित्जर, स्वार्म ड्रोन, लोइटर हथियार और निगरानी प्रणालियां शामिल हैं।

सेना में तोपखाना महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अदोष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए तोपखाना यूनिटों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न भविष्योन्मुखी प्लेटफॉर्म और उपकरण खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने शनिवार को आर्टिलरी रेजिमेंट की 198वीं वर्षगांठ से पहले कहा कि हम अभूतपूर्व गति से और निर्धारित समयसीमा के अनुसार आधुनिकीकरण कर रहे हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास का कार्य भी प्रगति पर है।

पिनाक से मारक क्षमता का इजाफा
रॉकेटों के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल अदोष ने कहा कि अब पिनाक रॉकेट की मारक क्षमता को 300 किमी तक बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पिनाक मार्क-1 की अधिकतम मारक क्षमता 40 किमी है, जबकि पिनाक मार्क-2 की मारक क्षमता 90 किमी है।

निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ मिलकर काम
लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि सेना सेंसर फ्यूज्ड म्यूनिशन (एसएफएम) और विस्तारित रेंज गोला-बारूद के विकास के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और शिक्षाविदों के साथ मिलकर काम कर रही है।

जगन मोहन ने राक्षसों के राज से की एनडीए सरकार की तुलना, नायडू सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने राज्य की मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि राज्य में राक्षसों का राज जारी है। सरकार तिरुमाला मंदिर में मेरी आगामी यात्रा में बाधा डालने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने मंदिर यात्रा के संबंध में राज्य भर के वाईएसआरसीपी नेताओं को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि तिरुमाला मंदिर की यात्रा की अनुमति नहीं है और वाईएसआरसीपी की तरफ से आयोजित कार्यक्रम के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं है। नतीजतन, नेताओं को उस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं है।

‘लड्डू प्रसादम पर सरासर झूठ बोल रहे हैं नायडू’
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, एक तरफ वे मेरे मंदिर दर्शन में बाधा डालने के लिए नोटिस दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के कार्यकर्ता दूसरे इलाकों से राज्य में आ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि बीजेपी नेतृत्व को इस बारे में पता है या नहीं। राजनीतिक ध्यान भटकाने के लिए सीएम चंद्रबाबू नायडू ने लड्डू का मुद्दा उठाया है। सीएम चंद्रबाबू नायडू यह दिखा रहे हैं कि लड्डू प्रसादम के निर्माण में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है, जो तिरुमाला की पवित्रता और गौरव पर सवाल उठाता है। क्या यह उचित है? चंद्रबाबू नायडू टीटीडी लड्डू प्रसादम पर सरासर झूठ बोल रहे हैं।

घी खरीद ई-टेंडर एक नियमित प्रक्रिया है- जगन
उन्होंने कहा, सीएम चंद्रबाबू नायडू झूठ बोल रहे हैं। घी खरीद ई-टेंडर एक नियमित प्रक्रिया है जो दशकों से हर 6 महीने में होती आ रही है। तिरुपति लड्डू बहुत खास है। बचपन से ही मैं जानता हूं कि यह बहुत खास है। टेंडर प्रक्रिया हर 6 महीने में होती है, यह एक नियमित प्रक्रिया है। यह सालों से होती आ रही है। कोई भी व्यक्ति जो योग्य है, वह इसमें भाग ले सकता है।

टेंडर में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता- जगन
उन्होंने बताया कि लड्डू के लिए जो टेंडर निकाले जाते हैं और जो एल1 कम कीमत बताता है, उसे टीटीडी बोर्ड मंजूरी देता है। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। टीटीडी बोर्ड भी बहुत खास है। केंद्रीय मंत्री और दूसरे राज्यों के सीएम भी बोर्ड के सदस्यों की सिफारिश करते हैं। टीटीडी के टेंडर नियमित रूप से निकाले जाते थे और आपूर्तिकर्ताओं को टेंडर नीलामी के अनुसार दिए जाते थे। टीटीडी के पास एक मजबूत तंत्र है। तिरुमाला में आने वाले टैंकरों के पास एनएबीएल प्रमाणपत्र होना चाहिए। आपूर्तिकर्ताओं को टैंकरों को प्रमाणित करवाना चाहिए और प्रमाणपत्र दिखाना चाहिए।

योगी सरकार का दावा – पीड़ित एससी-एसटी परिवारों की मदद के लिए 1400 करोड़ से ज्यादा आवंटित किए

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की पीड़िताओं को साढ़े सात वर्ष में 1447 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। यह सहायता अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989) और नागरिक अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम के तहत प्रदान की जाती है। अपराध की गंभीरता के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़ितों और उनके परिवारों को जरूरत पर सरकार की तरफ से मदद मिले। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यह सहायता 85,000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक होती है।

पीड़ितों को समय पर आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती है प्रदेश सरकार
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य पीड़ितों और उनके परिवारों को समय पर आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उन्हें सहायता मिल सके। इस पहल के तहत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि परिवारों को जांच और परीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर आवश्यक सहायता मिले।

जनपद स्तर पर जिलाधिकारी व तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में गठित है समिति
विभिन्न अपराधों से पीड़ित एससी-एसटी की महिलाओं को न्याय मिले। इसके लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सतर्कता व मॉनीटरिंग समिति कार्य करती है, जबकि तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में उपखंड स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की व्यवस्था की गई है।

अपराध की प्रकृति के आधार पर निर्धारित की जाती है सहायता
हत्या या अत्याचार के कारण मृत्यु होने पर परिजनों को 8.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है। इसमें मुआवजा दो चरणों में वितरित किया जाता है। 50 प्रतिशत राशि पोस्टमार्टम के तुरंत बाद और शेष 50 प्रतिशत औपचारिक रूप से अदालत में चार्जशीट जमा होने के बाद प्रदान की जाती है।

बलात्कार या सामूहिक बलात्कार (धारा 375, भारतीय दंड संहिता) के मामले में, पीड़ित 5.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के हकदार हैं। कानूनी प्रक्रिया के दौरान यह सहायता चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जाती है। कुल 50 प्रतिशत राशि मेडिकल जांच और मेडिकल रिपोर्ट की पुष्टि के बाद दी जाती है, 25 प्रतिशत राशि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद दी जाती है और अंतिम 25 प्रतिशत राशि निचली अदालत में मुकदमा समाप्त होने के बाद दी जाती है।

इंद्राणी मुखर्जी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, विशेष अदालत से मिली विदेश यात्रा की मंजूरी खारिज

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा पारित उस आदेश को रद्द कर दिया। जिसमें शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी। इस मामले में सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें सीबीआई ने अंदेशा जताया था कि, गंभीर अपराध में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी विदेश से भाग सकती हैं।

न्यायमूर्ति श्याम चांडक की सिंगल बैंच ने विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका को इस आधार पर स्वीकार किया कि, इंद्राणी मुखर्जी एक गंभीर अपराध में मुकदमे का सामना कर रही हैं और उनके देश से भागने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि, याचिका स्वीकार की जाती है। विवादित आदेश को रद्द किया जाता है। इसे इंद्राणी के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है

इसलिए इंद्राणी जाना चाहती थीं विदेश
विशेष सीबीआई अदालत ने 19 जुलाई को इंद्राणी मुखर्जी को अगले तीन महीनों के दौरान बीच-बीच में दस दिनों के लिए एक बार यूरोप (स्पेन और यूके) की यात्रा करने की अनुमति दी थी। मुखर्जी ने विदेश यात्रा की परमिशन यह कहकर मांगी थी कि, पूर्व पति पीटर मुखर्जी से तलाक के बाद उन्हें बैंक से संबंधित कुछ दस्तावेजों में बदलाव करने और अन्य सहायक कार्यों की जरूरत है। इसके लिए उनका विदेश जाना जरूरी है।

न्यायमूर्ति चांडक ने कहा कि यदि इंद्राणी मुखर्जी भारत से काम करना चाहती हैं तो संबंधित वैधानिक प्राधिकारी उनकी मदद करेंगे। पीठ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। केवल इस बात का उल्लेख किया है कि विशेष अदालत का आदेश ठीक नहीं था और इसलिए टिकाऊ नहीं था।

सीबीआई अदालत ने इन शर्तों पर दी थी जमानत
वहीं अनुमति देते समय विशेष अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी के लिए कुछ शर्तें भी रखी थीं। अदालत ने कहा था कि अपनी विदेश यात्रा के दौरान, वह अपनी यात्रा के दौरान कम से कम एक बार भारतीय दूतावास या उसके संबद्ध राजनयिक मिशन के कार्यालय में उपस्थित होंगी और उपस्थिति प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगी। अदालत ने उन्हें 2 लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने का भी निर्देश दिया।

सिद्धारमैया के बाद मल्लिकार्जुन खरगे मुश्किल में; लोकायुक्त में दी गई शिकायत; धोखाधड़ी के लगे आरोप

बंगलूरू: कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कानूनी दांव पेंच में फंसते नजर आ रहे हैं। भाजपा नेता रमेश एनआर ने खरगे और अन्य के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है।

यह लगाए गए आरोप
भाजपा नेता एनआर रमेश ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। आरोपों में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, दस्तावेजों की जालसाजी, सरकारी जमीन को अवैध रूप से हासिल करने की साजिश और सरकारी संपत्ति को अवैध रूप से हड़पने में मदद करना शामिल है।

पांच एकड़ जमीन के मामले में घोटाला
आरोपों में से एक सरकारी संपत्ति को अवैध रूप से मंजूरी देने से जुड़ा हुआ है। शिकायत में यह भी दावा किया गया कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को संदिग्ध परिस्थितियों में पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। इसे लेकर खरगे, मंत्री प्रियांक एम. खरगे, राहुल एम. खरगे, राधाबाई एम. खरगे, राधाकृष्ण, मंत्री एम. बी. पाटिल और आईएएस अधिकारी डॉ. एस. सेल्वाकुमार का नाम शिकायत में दर्ज किया गया है।

साल 2014 में, बंगलूरू के बीटीएम चौथे स्टेज के दूसरे ब्लॉक में 8,002 वर्ग मीटर (86,133 वर्ग फीट) का सीए प्लॉट, साइट नंबर 05, बंगलूरू विकास प्राधिकरण के माध्यम से आवंटित किया गया था। इसके अतिरिक्त, बंगलूरू में हाई-टेक डिफेंस एंड एयरोस्पेस पार्क के हार्डवेयर सेक्टर में पांच एकड़ सीए जमीन, केआईएडीबी द्वारा 30/05/2024 को सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के राहुल एम. खरगे को आवंटित की गई थी।

सिद्धारमैया पर यह आरोप
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक महंगे इलाके में मुआवजा स्थल आवंटित किया गया था, जिसकी संपत्ति का मूल्य मुडा की ओर से अधिग्रहित की गई उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां मुडा ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया थ।

मानहानि केस में केजरीवाल, आतिशी की याचिका पर सुनवाई टली; सुप्रीम कोर्ट ने लॉन्च किया खास वेब पेज

नई दिल्ली:  आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी मार्लेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। अब इनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर को सुनवाई करेगा। दरअसल भाजपा नेता राजीव बब्बर ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस मामले में हाईकोर्ट से भी केजरीवाल और आतिशी मार्लेना को झटका लगा चुका है।

दरअसल साल 2018 में अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली में अग्रवाल समाज के आठ लाख वोट थे, लेकिन भाजपा ने अग्रवाल समाज के चार लाख वोट कथित तौर पर मतदाता सूची से कटवा दिए। केजरीवाल ने दावा किया कि अग्रवाल समाज भाजपा का कट्टर वोटर था, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी से नाराजगी की वजह से ये भाजपा से नाराज हैं और इसी वजह से भाजपा ने इनके वोट ही कटवा दिए। केजरीवाल के इस दावे पर भाजपा नेता राजीव बब्बर ने केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ मानाहानि का मुकदमा दायर कराया था। राजीव बब्बर का आरोप है कि केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लोगों को भाजपा के खिलाफ भड़काने की कोशिश की।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णयों के सारांश के साथ लॉन्च किया वेब पेज

सुप्रीम कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण निर्णयों के सारांश प्रदान करने के लिए एक नया वेब पेज लॉन्च किया है। एक बयान में कहा गया है कि वेब पेज – ‘ऐतिहासिक निर्णय सारांश’ – नागरिकों के लिए न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णयों को समझना आसान बनाता है, जो कि सूचित नागरिक सुनिश्चित करने, कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने और कानून के साथ सार्वजनिक जुड़ाव बढ़ाने के न्यायालय के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है। इसमें कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय देश भर में सार्वजनिक जीवन के विविध क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।

‘अक्षय शिंदे के शव को दफनाने के लिए जगह तलाशें’, उच्च न्यायालय ने पुलिस को दिए निर्देश

मुंबई: बदलापुर यौन शोषण मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को अक्षय के शव को दफनाने के लिए जगह तलाशने का निर्देश दिया है। जस्टिस रेवती मोहित डेरे और जस्टिस एमएम साठये की खंडपीठ ने कहा कि ‘जब जगह मिल जाए तो पुलिस अक्षय शिंदे के परिवार को इसकी सूचना दे ताकि शव को दफनाया जा सके।’ हालांकि कोर्ट ने कहा कि परिजन शव को शांति से दफनाएं और इस मौके को आयोजन न बनाएं। हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष के उस तर्क को नकार दिया, जिसमें कहा गया कि अक्षय शिंदे के समुदाय में शव के दाह संस्कार की प्रथा है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये परिजनों की इच्छा है।

दरअसल अक्षय शिंदे के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर की थी। इस याचिका में अक्षय शिंदे के पिता ने अपने बेटे को दफनाने के लिए जगह देने की मांग की है। शुक्रवार दोपहर में हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की। इससे पहले अक्षय शिंदे के पिता ने एक अन्य याचिका दायर कर पुलिस मुठभेड़ को फर्जी बताया था और उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

शव जलाने के बजाय दफनाना चाहता है परिवार
दरअसल गुरुवार को परिवार ने दावा किया कि अक्षय शिंदे ने उसका दाह संस्कार करने के बजाय उसके शव को दफनाए जाने की इच्छा जताई थी। अक्षय शिंदे के शव को ठाणे के कलवा इलाके में एक नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखा गया है। शिंदे के परिवार के मुताबिक, शव दफनाने की जगह ढूंढना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि स्थानीय निवासियों और संगठनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।

पुलिस मुठभेड़ पर भी उठे हैं सवाल
24 वर्षीय अक्षय शिंदे को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण करने का आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में, अक्षय की दूसरी पत्नी की शिकायत पर उसके खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर लाया जा रहा था। इसी दौरान उसने पुलिसकर्मियों की कथित तौर पर पिस्तौल छीनकर फायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अक्षय मारा गया था। हालांकि पुलिस की यह मुठभेड़ सवालों के घेरे में हैं और अक्षय के पिता ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने भी याचिका पर सुनवाई के दौरान मुठभेड़ में कई खामियों की तरफ इशारा किया था और पुलिस मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच करने का आदेश दिया था।

पराली प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने CAQM की लगाई फटकार, कहा- आप मूकदर्शक हैं

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को कड़ी फटकार लगाई है। आयोग की खिंचाई करते हुए कहा कि आयोग को और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर जमकर खिंचाई की है। न्यायमूर्ति आभा एस ओका और न्यायमूर्ति जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वायु गुणवत्ता पैनल को अपने दृष्टिकोण में और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है।

सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, पराली जलाने के वैकल्पिक उपकरणों का जमीनी स्तर पर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों की जरूरत है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पैनल को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा से कहा कि, आपने अबतक अधिनियम के एक भी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया है। आपका हलफनामा देखिए। कोर्ट ने पूछा कि क्या धारा 11 के अंतर्गत समितियां बनाई गई हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हर साल पराली जलाने की समस्या सामने आती है। आप पराली जलाने के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। आपकी तीन महीने में एक बार बैठक होती है। अब जब हम संकट के कगार पर खड़े हैं। तभी भी बैठकें के बीच में भारी अंतराल है। कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि, मुझे आयोग द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया कोई आदेश दिखाएं।

‘सिर्फ कागजों पर हो रहा है काम’
शीर्ष अदालत ने कहा कि, पराली से निपटने की सभी कार्रवाई सिर्फ कागजों पर हो रही हैं। हमें आपके कागज में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमें एक भी निर्देश दिखाओ जो उन्होंने जारी किया हो। कोर्ट ने कहा कि क्या सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कोई कार्रवाई की गई है? आप मूकदर्शक बने हुए हैं। यदि आप यह संदेश नहीं दे सकते हैं कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, तो ये प्रावधान केवल कागज पर ही रह जाएंगे।

देश के आठ राज्य बारिश से बेहाल, मुंबई में छह की मौत; मानसून वापसी में देरी के आसार

गांधीनगर: महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के आठ राज्यों के कई हिस्से भारी बारिश से बेहाल रहे। गुजरात में पिछले 24 घंटों के दौरान कई जिलों में भारी से बेहद बारिश दर्ज की गई। वहीं, 110 किलोमीटर की रफ्तार से चली हवाओं के कारण 300 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और कई जगह बिजली के खंभे भी गिर गए। उधर, वाणिज्यक राजधानी मुंबई में बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण छह लोगों की जान चली गई। महाराष्ट्र में मौसम इतना खराब रहा है कि पुणे में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को ही रद करना पड़ा।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद में कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। सूरत और वडोदरा में 3 इंच के कारण बारिश दर्ज की गई। अहमदाबाद में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन बाधित रहा। हालांकि, यहां पर बारिश की तीव्रता इतनी अधिक नहीं थी। तेज हवाओं से खंभे गिरने की वजह से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही।

14 उड़ानों को किया गया डायवर्ट
मुंबई में बुधवार देर शाम भारी बारिश के कारण बृहस्पतिवार को भी यातायात बुरी तरह बाधित हो गया। कई लोकल ट्रेनें नहीं चलीं और 14 उड़ानों को भी डायवर्ट करना पड़ा। हालांकि, बृहस्पतिवार को दिन में अधिकांश हिस्सों में बारिश थम गई लेकिन मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए स्कूल, कॉलेज बंद रखे गए। आसपास के जिलों ठाणे, पालघर, पुणे और रायगढ़ में भी यही स्थिति रही।

मानसून की वापसी में एक हफ्ते की देरी के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून की आमतौर पर 5 अक्तूबर तक वापसी हो जाती है। लेकिन राजस्थान से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई में देरी की वजह से इस बार इसकी वापसी 10-12 अक्तूबर तक होने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र बनने से अभी इसके उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, बंगाल, सिक्किम, यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल के कई हिस्सों में भारी से बेहद भारी बारिश का अनुमान जताया है।

थल-मुनस्यारी सड़क पर 18 घंटे थमी रही रफ्तार
पिथौरागढ़ में बारिश के बाद मलबा और बोल्डर गिरने से थल-मुनस्यारी सड़क 18 घंटे बंद रही। सैकड़ों वाहन और यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे रहे। उधर, गोपेश्वर में रातभर तेज बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग के पास पर्थाडीप में पहाड़ी से भारी मलबा आने से बंद हो गया। इससे करीब 40-50 वाहनों में 1000 लोग यहां फंस गए। दोपहर बाद वाहनों को वैकल्पिक मार्ग कोठियालसैंण-सैकोट व पोखरी से भेजा गया।