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उत्तराखंड चुनाव 2022: दो दशक के चुनावी इतिहास में पहली बार चुनाव नहीं लड़ेंगे हरक सिंह रावत, ये हैं वजह

उत्तराखंड की राजनीति के चर्चित नेता हरक सिंह रावत राज्य गठन के बाद दो दशक के चुनावी इतिहास में पहली बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस में जाने के बाद उनके चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी।

भाजपा से निकाले जाने से पहले से ही हरक सिंह रावत लगातार यह बयान दे रहे थे कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते। हालांकि भाजपा ने जब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया तो यही वजह बताई कि हरक सिंह अपने लिए, अपनी पुत्र वधू के लिए और एक अन्य टिकट की मांग कर रहे थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडौन से तो टिकट मिल गया। 2012 में उन्होंने रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ा और जीता। 2017 में वह कोटद्वार विस से चुनाव जीते। 2022 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह की डोईवाला, केदारनाथ, यमकेश्वर या लैंसडौन विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने चर्चाएं गरमा रही थीं। हरक खुद बयान दे रहे थे कि वह इन चारों सीटों में से कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं।

भाजपा से विदाई और कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ने की अटकलें शुरू हो गईं। चर्चा उनके डोईवाला से चुनाव लड़ने को लेकर भी थी।

तो इस वजह से हरीश रावत को छोड़ना पड़ा रामनगर विधानसभा का रण, क्या इस बार हाथ लगेगी जीत

कांग्रेस के चुनाव अभियान के सेनापति हरीश रावत को रामनगर  विधानसभा का रण छोड़ना पड़ा है। इस सीट पर कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें चुनाव मैदान में उतार दिया था। लेकिन टिकट के दूसरे प्रबल दावेदार रणजीत सिंह रावत के बागी तेवरों के आगे पार्टी आलाकमान को अपने फैसले को बदलना पड़ा।

प्रदेश में जिस चेहरे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है, उनका अनायास टिकट बदल दिया जाना सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक टिकट के चक्कर में कांग्रेस को नैनीताल जिले की चुनावी चौसर पर उतारे गए एक नहीं चार-चार मोहरों को उलट पलट और अदल बदल करना पड़ा गया। टिकट बदले जाने से हरीश रावत व्यथित हैं।

उन्होंने अपनी व्यथा कुछ यूं बयान की। मैं भले ही चुनाव नहीं लड़ पा रहा हूं, मगर रामनगर हमेशा मेरे हृदय में रहेगा। खुद को अपराधी बताते हुए उन्होंने लिखा कि पार्टी का आदेश मानना उनका कर्तव्य है। हरीश की व्यथा से यही प्रतीत होता है कि उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि पार्टी रामनगर से उनका टिकट बदल कर उन्हें लालकुआं विधानसभा सीट से उतार देगी।
 

बीएसएफ को मिली एक बड़ी सौगात, सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए मिली तीन नई फ्लोटिंग-बीओपी

बीएसएफ को एक बड़ी सौगात मिली है.पाकिस्तान से सटे सर क्रीक एरिया और बांग्लादेश से सटे सुंदरबन में सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए बीएसएफ को तीन नई फ्लोटिंग-बीओपी मिल गई हैं. कोच्चिन शिपयार्ड ने इन जहाज-नुमा फ्लोटिंग बीओपी का निर्माण किया है

बीएसएफ के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने कोच्चिन शिपयार्ड को कुल नौ फ्लोटिंग-बीओपी यानी पानी में तैरने वाली बॉर्डर आउट पोस्ट (सीमा-चौकी) बनाने का ऑर्डर दिया था. तीन-तीन के खेप में इन बीओपी का निर्माण होना था. 26 जनवरी को शिपयार्ड ने दूसरी खेप बीएसएफ को सौंप दी.

26 जनवरी को मिली खेप के बाद बीएसएफ के पास अब कुल 12 फ्लोटिंग बीओपी हो गई हैं. जल्द ही तीन और फ्लोटिंग बीओपी मिलने की उम्मीद है. ये सभी 12 फ्लोटिंग बीओपी सुंदरबन और सर क्रीक एरिया में तैनात करने के लिए तैयार कराई गई थीं. इनमें से 06 सुंदरबन के लिए हैं और छह ही सर क्रीक एरिया के लिए.

फ्लोटिंग बीओपी नदी, नालों और समंदर में चलने वाली बीओपी होती हैं, जो एक जगह से दूसरी जगह मूव कर सकती हैं. बांग्लादेश से सटे दक्षिणी बंगाल (पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी हिस्सा) का एक बड़ा इलाका मैनग्रोव-जंगल, सुंदरबन में आता है.

बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच तेज़ हुई जुबानी जंग, सीएम योगी ने कहा-“हम कानून का राज लाए…”

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले दौर की वोटिंग से पहले बीजेपी और समाजवादी पार्टी के नेताओं में जुबानी जंग तेज होती जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमलावर हैं.

सीएम योगी ने कहा, ‘वे अंधेरा लाए थे, हम उजाला लाए, वे गुंडाराज लाए थे, हम कानून का राज लाए. वे अवैध तमंचों की फैक्ट्री लगवाते थे, हम डिफेंस कॉरिडोर लाए और वो हज हाउस लाए थे, हम रामलला का मंदिर लाए.’

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैफई महोत्सव और दीपोत्सव की तुलना कर अखिलेश यादव को निशाने पर लिया था. योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर कहा, “प्रदेश की पहचान अब ‘दिव्य कुंभ’ और ‘भव्य दीपोत्सव’ से है, वही रहेगी…प्रदेश की पहचान ‘सैफई महोत्सव’ से बनाने की लालसा रखने वाले अब इतिहास हैं, इतिहास ही रहेंगे.”

पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी यूपी के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी यूपी पर जाकर समाप्त होगा. यूपी में इस बार भी चुनाव पिछली बार की तरह वेस्ट यूपी से शुरू होंगे.

दिल्ली में अब खत्म होगा वीकेंड कर्फ्यू, केजरीवाल सरकार ने जारी की New Guidelines डाले एक नजर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. घटते कोरोना केस के बीच गुरुवार को डीडीएमए की बैठक में वीकेंड कर्फ्यू को खत्म करने समेत ये महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं.  बाजारों में दुकानों से Odd-Even नियम हट जाएगा.

इसके साथ ही, बैठक में दिल्ली के अंदर 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमा हॉल खोलने की भी इजाजत दी गई है. शादी समारोह में भी 200 लोगों के शामिल होने पर छूट मिलेगी.

स्कूलों को खोलने पर फैसला अगली बैठक में किया जाएगा. इसके साथ ही, रेस्टुरेंट्स और बार भी पचास फीसदी क्षमता के साथ खुल सकेंगे. दिल्ली में लगातार कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है.

सत्येन्द्र जैन ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 के लगातार केस कम आ रहे हैं और आज इसके करीब पांच हजार नए केस आने की संभावना है. इससे पहले, बुधवार दिल्ली में कोरोना के 7 हजार 498 मामले सामने आए थे.

बीजेपी ने मयंक जोशी को टिकट देने से किया इंकार व नेता Rita Bahuguna Joshi ने किया संन्यास का एलान

भारतीय जनता पार्टी पार्टी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं देगी. बीजेपी ने रीता जोशी के बेटे को टिकट देने से इनकार कर दिया है.

बीजेपी सांसद ने कहा कि साल 2024 में संसद का कार्यकाल पूरा होने के बाद अब वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि अब भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ना है. बेटे को लेकर रीता जोशी ने कहा कि मयंक खुद समझदार हैं और वह अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं.

बीजेपी नेता ने कहा कि मयंक जोशी जो चाहें वह फैसला ले सकते हैं. रीता जोशी ने संकेत दिए हैं कि उनके बेटे मयंक जोशी पाला बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि मयंक पिछले 12 साल से राजनीति में सक्रियता के साथ काम कर रहे थे.

हालांकि रीता जोशी ने यह भी कहा कि वह बीजेपी नहीं छोड़ेंगी. वह पार्टी में ही रहेंगी. सांसद ने कहा कि पार्टी अगर प्रचार के लिए कहेगी तो उसके लिए प्रचार भी करेंगी. उन्होंने कहा कि बेटे को टिकट ना मिलने के बावजूद बीजेपी छोड़कर जाने का कोई इरादा नहीं है.

उत्तराखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले किशोर उपाध्याय कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल

उत्तराखंड फिर सियासी संग्राम छिड़ गया है। टिहरी विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए हैं।

गुरुवार को देहरादून में चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजदूगी में किशोर उपाध्याय भाजपा में शामिल हुए। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

टिहरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने किशोर उपाध्याय को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं राज्य में केवल डोईवाला सीट पर भाजपा को अपना प्रत्याशी घोषित करना है। टिहरी के वर्तमान भाजपा विधायक डॉ. धन सिंह नेगी भी आज कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।

भाजपा से उनकी नजदीकियों की खबरों के बीच पार्टी ने उन्हे सभी पदों से पिछले दिनों हटा दिया था। वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद राज्य की विभिन्न सीटों पर कार्यकर्ताओं में उबाल देखने को मिला। जिसके बाद बुधवार देर रात सूची में कई बदलाव भी किए गए।

Uttarakhand Election 2022: खटीमा विधानसभा सीट के लिए आज नामांकन दाखिल कर सकते हैं सीएम पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन करेंगे। वहीं 28 जनवरी को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है।

आज गुरुवार को अधिक संख्या में प्रत्याशी नामांकन भर सकते हैं।विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को कलक्ट्रेट में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा समेत विभिन्न दलों और निर्दलीय प्रत्याशी अपने नामांकन पत्र जमा कराएंगे।

धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली, कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल और निर्दलीय प्रत्याशी बीर सिंह पंवार ने नामांकन दाखिल किया। हल्द्वानी विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी सुमित हृदयेश ने नामांकन भरा है।

टिहरी में प्रतापनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नेगी ने और टिहरी विधानसभा सीट से यूकेडी प्रत्याशी उर्मिला महर ने नामांकन दाखिल किया। मसूरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी गोदावरी थापली नामांकन भरा।

वहीं विधानसभा चकराता से एक, विकासनगर से दो, सहसपुर से चार, धर्मपुर से 11, रायपुर से दो, कैंट से पांच, डोईवाला से दो और ऋषिकेश से छह नामांकन पत्रों की बिक्री हुई।

Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस और भाजपा में बस एक सीट पर पत्ते खुलना बाकी, पढ़े पूरी खबर

पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को टिहरी से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब पार्टी की केवल एक सीट पर पत्ते खुलना बाकी रह गए हैं। वहीं कांग्रेस की भी एक सीट शेष रह गई है।

भाजपा ने दूसरी सूची में केदारनाथ से शैला रानी रावत, झबरेड़ा (अजा) से राजपाल सिंह, पिरंकलियार से मुनीश सैनी, कोटट्वार से रीतू भूषण खंडूरी, रानीखेत से प्रमोद नौनवाल, जागेश्वर से मोहन सिंह मेहरा, लालकुआं से मोहन सिंह बिष्ट, हल्दवानी से जोगेंद्रपाल सिंह रौतेला और रुद्रपुर से शिव अरोड़ा को उम्मीदवार घोषित किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत लाल कुआं से, पूर्व विधायक रणजीत रावत सल्ट से, महेश शर्मा कालाढूंगी से और पूर्व सांसद महेंद्र पाल रामनगर से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।

उन्होंने बताया कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। गौरतलब है कि रामनगर विधानसभा सीट पर हरीश रावत के कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर घोषित किए जाने के बाद ही इस सीट पर बगावत होने लगी थी।

State Assembly Election 2022: वर्चुअल रैली संबोधित करने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वर्ण मंदिर में टेका माथा

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी पार्टियों ने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। बची हुई कुछ सीटों पर भी जल्द ही उम्मीदवारों के नाम घोषित हो जाएंगे।
ऐसे में राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। राहुल गांधी ने स्वर्ण मंदिर के दर्शन किए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के दर्शन किए।
राहुल के साथ पार्टी के बाकी उम्मीदवारों ने भी मंदिर में माथा टेका। चुनाव प्रचार के लिए पंजाब पहुंचे राहुल गांधी का जालंधर में एक वर्चुअल रैली को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है।
देहरादून में हरीश रावत की मौजूदगी में नेगी ने पार्टी ज्वाइन की। कांग्रेस टिहरी से धन सिंह को उम्मीदवार बना सकती है। आज ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से उनका मुकाबला हो सकता है।