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देश

अखिलेश यादव द्वारा यूपी में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा के बाद गर्म हुई सियासत, शिक्षकों और कर्मचारियों की बढ़ी उम्मीद

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा को लेकर सियासत तेज हो गई है। शिक्षकों और कर्मचारियों का एक वर्ग इस घोषणा को उम्मीदों भरी नजर से देख रहा है।

साथ ही इसे कर्मचारी संघर्षों की जीत बता रहा हैं। वहीं बड़ी संख्या ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों की भी है, जो इसे महज चुनावी घोषणा मान रहे हैं।कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि अखिलेश यादव की घोषणा का हम स्वागत करते हैं.
इसलिए उम्मीद करते हैं कि यह व्यवस्था लागू होगी। वहीं शिक्षक नेता तथा भाजपा राष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियान के शैलेष पांडेय इसे सिर्फ चुनावी घोषणा मानते हैं। शैलेष का कहना है कि केंद्र में 2004 में एनपीएस लागू हुआ।शैलेष का यह भी कहना है कि शिक्षकों और कर्मचारियों की ओर से पुरानी पेंशन की लगातार मांग की जा रही है। इसी का दबाव है कि एनपीएस में जमा होने वाली सरकार की हिस्सेदारी को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है।

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने जारी की स्टार कैंपेनर्स की सूची, मुलायम सिंह यादव सहित ये नाम हैं शामिल

समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए स्टार कैंपेनर्स की सूची जारी कर दी है. लिस्ट में मुलायम सिंह यादव समेत कुल 30 लोगों के नाम शामिल हैं.

राजेन्द्र चौधरी का नाम स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं है. शिवपाल यादव का नाम भी स्टार प्रचारकों की पहली लिस्ट में नहीं है. वे प्रसपा के अध्यक्ष हैं ये भी इसकी एक वजह हो सकती है.

इनलोगों का नाम है शामिल

-मुलायम सिंह यादव ( संरक्षक , सपा)
-अखिलेश यादव ( राष्ट्रीय अध्यक्ष)
-किरनमय नन्दा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)
-प्रो. रामगोपाल यादव
-जया बच्चन
-डिम्पल यादव
-नरेश उत्तम पटेल
-रामगोविंद चौधरी
-रामजी लाल सुमन
-रमेश प्रजापति
-स्वामी प्रसाद मौर्य
-हरेन्द्र मलिक
-राजपाल कश्यप
-जावेद अली
-राजीव राय
-रामआसरे विश्वकर्मा
-जगपाल दास गुर्जर
-श्याम लाल पाल
-सुधीर पंवार
-तेजेन्द्र सिंह बिक्र
-मिठाईलाल भारती
-मो. फहद
-प्रदीप तिवारी
-सिद्धार्थ सिंह
-राहुल भारती
-किरनपाल कश्यप
-सुधांकर कश्यप
-बच्ची सैंनी
-हरिशचन्द्र प्रजापति
-विनय पाल

उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होगी. वहीं दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 14 फरवरी और 20 फरवरी को होगा.

उत्तराखंड: कांग्रेस ने 53 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की जारी, खटीमा सीट पर CM धामी के खिलाफ मैदान में उतरे ये नेता

उत्तराखंड में चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई हो है.सभी पार्टियां प्रत्याशियों की सूची जारी करने में लगे हैं. इसी क्रम में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें कुल 53 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है.

इन उम्मीद्वारों के नामों की सूची को ट्वीट करने के साथ ही कांग्रेस ने लिखा, “देवभूमि उत्तराखंड की सेवा करने के लिए पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव 2022 के लिए घोषित प्रत्याशियों को हार्दिक शुभकामनाएं. कांग्रेस का आना हुआ तय, अब उत्तराखंड में जनता की होगी विजय.

दरअ उत्तराखंड में आने वाले 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. इसके नतीजे 10 मार्च को आएंगे. चुनाव की तारीख नजदीक होने के साथ ही इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. 29 जनवरी को नामांकन की स्क्रूटनी होगी और 31 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे.

 

Uttarakhand Election 2022: हरिद्वार पुलिस ने कसी कमर, चुनाव गड़बड़ी फैलाने वाले हो जाएं सावधान

चुनाव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन ना हो और चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी की गई गाइडलाइन का अनुपालन भी सख्ती से हो सके, इसके लिए हरिद्वार पुलिस ने कमर कस ली है.

हरिद्वार के एसपी क्राइम/यातायात मनोज कत्याल ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर हरिद्वार में आचार संहिता लागू है और केंद्रीय स्तर पर भी कोरोना संक्रमण के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. वही निर्वाचन आयोग और शासन स्तर पर जो भी आदेश जारी हो रहे हैं

जो भी शिकायतें मिल रही हैं उनपर भी कार्रवाई की जा रही है. अभी चुनाव को देखते हुए हरिद्वार में जनपद स्तर की फोर्स लगाई गई है. अन्य विभागों से भी फोर्स के लिए बात जारी है. चुनाव के दौरान करीब 3,500 जवान विभिन्न रैंक के ड्यूटी के लिए जनपद में लगाए जाएंगे.

एसपी मनोज कत्याल का कहना है कि पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट में भी कार्रवाई की जा रही है. जो लोग चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं या जो असामाजिक गतिविधियों में लिप्त लोग हैं, उन सभी पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

इसके साथ ही मुख्य मार्गों के अलावा,अन्य छोटे मार्गों पर भी पुलिस द्वारा लगातार गश्त किए जा रहे हैं. आचार संहिता का किसी भी तरह कोई भी असामाजिक तत्व उल्लंघन ना कर सके इसके लिए हरिद्वार पुलिस लगातार सतर्क है.

हरीश रावत के “फॉर्म डाउन” वाले बयान पर बीजेपी सांसद का रिएक्शन कहा-“इस बयान में अर्धसत्य है”

हरीश रावत के कांग्रेस के आउट ऑफ फार्म वाले बयान पर बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है पर उनके इस बयान में अर्धसत्य है.

कांग्रेस की देश में ही नहीं उत्तराखंड में भी स्थिति काफी खराब है. कांग्रेस उत्तराखंड में तीसरे नंबर पर रहेगी. इसका आभास उनको हो चुका है इसलिये वो ऐसी बातें कर रहे हैं.

वहीं मायावती द्वारा उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी और कांग्रेस को वोट ना देने के ट्वीट पर उन्होंने कहा है कि बीजेपी की उत्तरप्रदेश में किसी से भी प्रतिद्वंद्विता नहीं है.

रावत ने कहा कि “अच्छी बात ये है कि लोग कांग्रेस की ओर एक बार फिर वापस आ रहे हैं. हर पार्टी के इतिहास में एक समय होता है. जैसे वे कभी-कभी कहते हैं कि एक बल्लेबाज फॉर्म से बाहर हो जाता है, वैसे ही अभी हमारी पार्टी का फॉर्म भी थोड़ा नीचे है लेकिन आउट नहीं है, हम देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि कांग्रेस इसे फिर से हासिल कर लेगी. ”

 

 

लखनऊ कैंट सीट इस वजह से बीजेपी के कई नेताओं की हैं पहली पसंद, क्या इस बार भी होगी BJP की नैया पार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में लखनऊ कैंट  सीट पर मतदान होगा. अभी सभी की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई हैं. लखनऊ कैंट सहित 60 विधानसभा सीटों के लिए चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होगा.

यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी, मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव, निवर्तमान विधायक सुरेश तिवारी समेत कई नेता लखनऊ कैंट सीट के प्रबल दावेदार हैं.

वहीं दूसरे मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के चुनाव लड़ने या न लड़ने पर अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन कहां यह जा रहा है कि चुनाल वड़ने की सूरत में दिनेश शर्मा भी लखनऊ कैंट सीट को अपने लिए सुरक्षित मान रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा बिष्ट यादव हाल ही में बीजेपी में शामिल हुईं हैं. वे भी लखनऊ कैंट से बीजेपी के टिकट की दावेदार हैं. साल 2017 के चुनाव में उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था.

UP Election 2022: सत्ता में आने के लिए इस पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे ओवैसी कहा-“2 सीएम होंगे, 3 डिप्टी सीएम”

 उत्तर प्रदेश में तारीखों के नजदीक आते ही सियासी गलियारो में चुनावी बयार कुछ अलग ढंग से बहने लगी है. पार्टियां सत्ता में आने के लिए बड़े से बड़ा एलान करने से नहीं चूक रही हैं.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन का एलान किया है. जिसके बारे में शायद इससे पहले आपने कभी नहीं सुना होगा. ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाबू सिंह कुशवाहा और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन का एलान करते हुए कहा कि, अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो राज्य मे 2 मुख्यमंत्री होंगे.

 मरहूम कल्याण सिंह, हिंदू युवा वाहिनी के सुनील, स्वामी प्रसाद और अब ये. उम्मीद है के मुस्लिम एसपी नेता इनकी गुल-पोशी करेंगे और इनके ‘सामाजिक न्याय’ के लिए अपनी ‘जवानी क़ुर्बान’ करेंगे. बाक़ी बी-टीम का ठप्पा तो सिर्फ़ हम पर लगेगा.

इसकी वजह है यूपी के मुसलमान. यूपी में मुसलमान कुल आबादी का 20 प्रतिशत है. उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में से 107 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता हार और जीत तय करने की ताकत रखते हैं.

इंडिया गेट पर लगाईं जाने वाली ‘नेताजी’ की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का ग्रेनाइट पत्थर से होगा निर्माण

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गडनायक ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इंडिया गेट पर लगाए जाने वाली नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रस्तावित प्रतिमा को लेकर बड़ी जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा 25 फीट ऊंची होगी और इसका निर्माण ग्रेनाइट पत्थर से किया जाएगा। गडनायक ने कहा कि बतौर मूर्तिकार मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री ने मुझे इस जिम्मेदारी देने के लिए चुना। उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा की डिजाइन संस्कृति मंत्रालय ने तैयार किया है।
जर्मनी में रहने वाली नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा अनीता बोस-फाफ ने फोन पर वहां से को बताया, मैं फैसले से बहुत खुश हूं। यह (इंडिया गेट) बहुत अच्छा स्थान है। मुझे निश्चित रूप से खुशी है कि उनकी प्रतिमा को इतने प्रमुख स्थान पर लगाया जाएगा। मुझे आश्चर्य है कि यह अब अचानक हुआ।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने नेताजी की प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित किए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। हालांकि पार्टी ने यह भी कहा कि इस घोषणा का लक्ष्य गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को मंजूरी नहीं दिए जाने से पैदा विवाद को थामना है ।

पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इन जिलों के डीएम के साथ की बैठक व दिया ये सख्त निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 22 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कई जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) से बात की। बैठक के बाद पीएम मोदी ने सभी डीएम को संबोधित भी किया।

इस दौरान पीएम मोदी ने जिले में होने वाली समस्याओं से अवगत करवाया। पीएम ने कहा कि एक तरफ बजट बढ़ता रहा, योजनाएं बनती रहीं, आंकड़ों में आर्थिक विकास भी होता रहा, लेकिन फिर भी आजादी के 75 साल बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए।

पीएम मोदी ने कहा कि आज आकांक्षी जिले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से आज आकांक्षी जिले गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो काम हुआ है वो बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय है। पिछले चार सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है। जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस पर कसा तंज़ कहा-“राहुल और प्रियंका में इतना आत्मविश्वास…”

गोवा और उत्तर प्रदेश में एकला चलो नीति को लेकर एक बार फिर से शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मेरी कई बार बात हुई लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा।

इतना आत्मविश्वास उनके पास कहां से आ रहा है मुझे ये नहीं समझ आता। अगर ऐसा है तो उनसे आत्मविश्वास उधार लेना पड़ेगा। कांग्रेस लगता है कि वे अकेले बहुमत के साथ जीत जाएंगे।

पार्टी के विधायकों ने इसे सामूहिक रूप से छोड़ दिया है। प्रमुख राजनीतिक दलें शिवसेना और एनसीपी ने कांग्रेस को उसके कठिन समय में समर्थन देने की पेशकश की थी। लेकिन मुझे नहीं पता कि कांग्रेस क्या सोच रही है।

राउत ने कहा कि हमने गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडुराव, सीएलपी नेता दिगंबर कामत और गोवा कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोडनकर के साथ एक दौर की चर्चा की थी और हमने एक प्रस्ताव रखा था कि कांग्रेस 40 विधानसभा सीटों में से 30 पर चुनाव लड़े और अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दें।