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देश

कल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के बीच होगी परिसंपत्ति की बैठक

उत्तराखंड में पिछले 21 सालों से परिसंपत्ति विवाद लटका हुआ है. तकरीबन 20 हजार करोड़ की संपत्ति उत्तर प्रदेश के अधीन हैं, जिससे उत्तराखंड को बड़ा नुकसान हो रहा है. राज्य गठन के बाद से अब तक ये विवाद कोई भी सरकार सुलझा नहीं पाई.

17 नवंबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के बीच परिसंपत्ति को लेकर फैसला होने की उम्मीद है. हालांकि, यह उम्मीद इससे पहले भी कई बार जग चुकी है लेकिन यह विवाद आज तक नहीं सुलझ पाया.

उसके रॉयल्टी उत्तर प्रदेश को जाती है. राजस्व के नुकसान के साथ-साथ उत्तराखंड को भूमि और संपत्तियों का भी बड़ा नुकसान है. दोनों प्रदेशों में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद भी यह मामला आज तक नहीं सुलझ पाया.

उत्तराखंड सिंचाई विभाग की करीब 13,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि, 4,000 से अधिक भवनों पर अभी भी उत्तर प्रदेश का ही कब्जा बरकरार है.  हरिद्वार का भीमगौड़ा बैराज, बनबसा का लोहियाहैड बैराज, कालागढ़ का रामगंगा बैराज अभी भी यूपी के कब्जे में है. टिहरी डैम पर अभी भी उत्तर प्रदेश का मालिकाना हक है.

शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर राजस्थान की सरकार बनाएगी नई नीति, CM गहलोत ने कहा ये…

राजस्थान में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर नई नीति बनाई जाएगी. इस बात का एलान राज्य के सीएम और शिक्षा मंत्री ने जयपुर में शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान किया.

शिक्षकों को संबोधित करने के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कई बार हमने सुना है कि ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं? उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये सही बात है या नहीं.

ट्रांसफर के लिए पैसे देने के सवाल पर शिक्षकों के हां कहने पर सीएम गहलोत ने कहा, “दुख की बात है कि शिक्षक को पैसे देकर ट्रांसफर करवाना पड़ता है. मैं समझता हूं कि कोई ऐसी पॉलिसी बन जाए ताकि आपको पता हो कि आपका ट्रांसफर होगा तो 2 साल लगेंगे ही लगेंगे. मुझे तीन साल लगेंगे, मुझे चार साल लगेंगे. सबको मालूम रहे कि न पैसे चलेंगे और न विधायक को आप तंगे करेंगे.”

सम्मान समारोह के बाद सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा, “पुरस्कृत शिक्षकों को हार्दिक बधाई. शिक्षक समाज निर्माता हैं, उनका आव्हान है कि वे बच्चों में बचपन से ही संस्कार डालें. शिक्षा के साथ संस्कार का बेहद महत्व है, बच्चों को अपनी संस्कृति एवं संस्कारों से कभी दूर नही होने दें. कोविड-19 के कठिन समय में शिक्षकों का योगदान सराहनीय है.”

UP Elelction 2022 क्या यूपी की सत्ता में हो पाएगी असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM की एंट्री, जरुर देखें

उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly Election 2022) का चुनाव अगले साल होना है. हैदराबाद से अपनी राजनीति शुरू करने वाली आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) (AIMIM) भी यूपी में ताल ठोक रही है.

इसके प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि उनकी पार्टी यूपी में 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस चुनाव में एमआईएम को 5 लाख 61 हजार 91 वोट या 2.71 फीसदी वोट मिले थे. एमआईएम ने 2017 में यूपी विधानसभा का चुनाव 38 सीटों पर लड़ा था. लेकिन 37 सीटों पर उसकी जमानत तब्त हो गई थी. एमआईएम को 2 लाख 4 हजार 142 वोट मिले थे. एमआईएम ने ज्यादातर पश्चिम उत्तर प्रदेश की मुस्लिमबहुल सीटों पर चुनाव लड़ा था.

तेलंगाना के बाद एमआईएम को सबसे अधिक सफलता महाराष्ट्र में मिली. एमआईएम ने 2014 का महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव 24 सीटों पर लड़ा था. उसे 2 सीटों पर जीत मिली थी. और 14 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. एमआईएम पर 4 लाख 89 हजार 614 मतदाताओं ने विस्वास जताया था. वहीं 2019 का विधानसभा चुनाव एमआईएम ने 44 सीटों पर लड़ा. इस बार भी उसे केवल 2 ही सीटें मिलीं. लेकिन उसके वोट बढ़कर 7 लाख 37 हजार 888 हो गए.

बिहार: ‘जनता दरबार’ में इस युवक की परेशानी सुनकर सीएम नीतीश कुमार भी रह गए सन्न…

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ‘जनता दरबार’ दरबार लगाया. इस दौरान कई फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंचे जिसका मुख्यमंत्री ने समाधान करने का प्रयास किया.

जनता दरबार में बिजली बिल की समस्या को लेकर गोपालगंज से आए एक युवक की शिकायत सुनकर चौंक उठे. दरअसल, युवक का कहना था कि उसने 2013 में बिजली का कनेक्‍शन लिया था.

कनेक्शन लेने के बाद से ही बिजली बिल का भुगतान किया जाता रहा है. इसके बाद भी अचानक एक महीने का 80 हजार रुपये से अधिक का बिल भेज दिया गया है.

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार यह बात सुनकर सन्न रह गए. सीएम ने संबंधित अधिकारी को फोन लगाकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि जब 2013 में बिजली कनेक्‍शन दिया गया तो मीटर रीडिंग क्‍यों नहीं हुई? यह तो है.

इसके बाद पूरी जानकारी लेकर इस मामले को देखने के लिए कहा. ऐसी ही कई समस्या को लेकर लोग समोवार को पहुंचे थे जिसके समाधान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रयास किया.

 

 

 

यूपी इलेक्शन 2021: ‘सबसे बड़े लड़इया योगी’ होगा बीजेपी का मुख्य चुनावी गीत, ओमकारा फिल्म से हैं प्रेरित

उत्तर प्रदेश में चंद महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव का प्रचार सीएम योगी आदित्यनाथ पर केंद्रित होगा।मुख्य चुनावी गीत ओमकारा फिल्म के गाने से प्रेरित ‘सबसे बड़े लड़इया योगी’ होगा।

योगी की छवि को निखारने के लिए फिलहाल कई अन्य चुनावी गीतों पर मंथन जारी है।’सबसे बड़े लड़इया’ को मुख्य चुनावी गीत इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि यह पहले ही लोकप्रिय हो चुका है और सोशल मीडिया पर वायरल है। पार्टी के रणनीतिकार बताते हैं कि इस जिंगल से पार्टी योगी के संदर्भ में जो संदेश देना चाहती है, इसमें वह सब कुछ है।

 सूत्रों के मुताबिक ब्लॉक स्तर पर भी दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं-नेताओं को जोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंकने के लिए कहा गया है। ऐसा होने पर विपक्ष के कमजोर होने का संदेश जाएगा।

काशी मंथन में शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मतदाताओं को इस चुनाव का महत्व समझाने का निर्देश दिया। उन्होंनै कहा कि मतदाताओं को बताएं कि भाजपा के लिए यह चुनाव जीतना भारत के हित में है।

शासन-प्रशासन में समग्र सुधार के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, 77 मंत्रियों के बनाए 8 समूह

मोदी सरकार (Modi Government) शासन को लेकर व्यावहारिक दृष्टिकोण पैदा करने के लिये युवा पेशेवरों को इसमें शामिल करने, सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों से सुझाव लेने और परियोजना निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने की योजना बना रही है. इसके अलावा आठ अलग-अलग समूह अन्य विभिन्न कदमों की निगरानी करेंगे. इन समूहों में समूचे मंत्रिपरिषद से सदस्य शामिल होंगे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

पहले सत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मंडाविया ने व्यक्तिगत दक्षता पर प्रस्तुतियां दीं, दूसरे का नेतृत्व पीयूष गोयल और गजेंद्र शेखावत ने किया, प्रस्तुति देने वाले अन्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी (कार्य और हितधारक), अनुराग सिंह ठाकुर (पार्टी समन्वय और प्रभावी संचार) और प्रल्हाद जोशी (संसदीय कार्य मंत्री ) थे.

आखिरी बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को भी विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. ये सभी बैठकें मुख्य रूप से मोदी सरकार की दक्षता और वितरण प्रणाली में सुधार पर केंद्रित थीं. समूहों का गठन उस दिशा में एक और कदम है, जो मोटे तौर पर मंत्रियों को अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण बनाकर शासन में समग्र सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

क्रिप्टो बाजार को नियंत्रित करने के लिए आज कई बड़े फैसले ले सकते हैं पीएम मोदी, डाले एक नजर

क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में भी इसमें निवेश करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही, जिस वजह से अब मोदी सरकार इसे गंभीरता से ले रही है।

 अब दो दिन बाद सोमवार को इस पर फिर से पीएम बैठक करेंगे। जिसमें रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल रहेंगे। सरकार पहले ही इस मुद्दे पर दुनियाभर के विशेषज्ञों से परामर्श कर चुकी है।

क्रिप्टो बाजार अनियंत्रित है। साथ ही इसका पूरा हिसाब भी सरकार के पास नहीं रहता, जिस वजह से चिताएं बढ़ गई हैं। भारत में भी बहुत से डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जहां पर क्रिप्टो को आसानी से खरीदा और बेचा जा रहा है। इसके मुनाफे पर टैक्स भी नहीं लग रहा।

क्रिप्टो करेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है, जो आपके डिजिटल वॉलेट में रहती है। आम रुपये की तरह आप इसे नोट या सिक्के के रूप में नहीं रख सकते हैं। ये पूरी तरह से ऑनलाइन है।टेरर फंडिंड, काला धन और फिरौती में भी इसका काफी इस्तेमाल हो रहा है।

उत्तराखंड: कांग्रेस के महारथी हरीश रावत को घेराबंदी करने के लिए BJP ने बनाया ये खतरनाक प्लान

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रथ के महारथी हरीश रावत को घेराबंदी करने के लिए भाजपा ने चक्रव्यूह तैयार कर लिया है। भाजपा के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब संगठन का हर बड़ा और छोटा नेता हरीश रावत पर वार करने को तैयार है।

 कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और अरविंद पांडेय ने हरीश रावत को निशाने पर रखकर कांग्रेस पर वार किया। शुक्रवार को उनियाल ने खनन को लेकर हरीश रावत पर हमला बोला और शनिवार को उन्होंने सरकारी नौकरियों को लेकर हरीश पर निशाना साधा।
शाह ने स्टिंग के जो तार छेड़े हैं, उस पर भाजपा नेता ऐसा राग अलापने वाले हैं, जो कांग्रेस को असहज कर सकता है। शायद ही एक बार फिर डेनिस शराब को लेकर भी उन्हें भाजपा नेता टारगेट करेंगे। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, हरीश रावत की घेराबंदी तेज होती जाएगी।आरोप लगाया कि हरीश रावत अपने कार्यकाल में राज्य में तुष्टीकरण की फसल खड़ी कर दी। शायद इसी वजह से जनता ने उन्हें सबक सिखाया। अब चुनाव नजदीक हैं तो बाबा केदारनाथ व बदरीनाथ की शरण में जाने लगे हैं।

भगत ने कहा, हरीश रावत कैमरे पर यह कहते सुनाई दिए कि जो करना है कर लो, मैंने आंख मूंद रखी है। हरीश रावत बताएं कि उन्होंने किसे लूटने के लिए कहा और कितनी रकम वसूली।

पंजाब विधानसभा चुनाव में नजर आएंगी सोनू सूद की बहन मालविका सच्चर, प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया एलान

अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सच्चर पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। यह एलान खुद अभिनेता सोनू सूद ने रविवार को मोगा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। हालांकि वह किस पार्टी से चुनाव मैदान में उतरेंगी, इसका खुलासा अभी नहीं किया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनू सूद ने स्पष्ट किया कि वे राजनीति में नहीं उतरेंगे। सोनू सूद हाल ही में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात कर चुके हैं।

सोनू सूद ने प्रेसवार्ता में कहा कि अभी मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने जा रहा हूं। बहन का मन है तो वह मोगा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। हालांकि किस पार्टी से लड़ेंगी, यह तय नहीं हैं। समय आने पर इसका खुलासा कर दिया जाएगा।

सोनू सूद ने कहा कि नेता अपने घोषणा पत्र के साथ एक एग्रीमेंट भी करें। एग्रीमेंट के मुताबिक समय पर वादों को पूरा न करने पर इस्तीफा देने की व्यवस्था होनी चाहिए।

Akhilesh Yadav ने BJP पर किया जमकर हमला कहा-“इस सरकार ने न केवल प्रदेश को बर्बाद किया है, बल्कि…”

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्‍यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला करते हुए कहा कि इस सरकार ने न केवल प्रदेश को बर्बाद किया है, बल्कि किसानों को भी कुचला है और महंगाई बढ़ाई है. यादव ने कहा कि ‘भाजपा ने ‘जैम’ भेजा तो हम उनके लिए ‘बटर’ भेज रहे हैं.’

शाह ने रविवार को अखिलेश यादव के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी एक जैम (जे ए एम पोर्टल) लाये हैं, ताकि भ्रष्टाचार विहीन खरीदी हो सके, उसमें ‘जे’ का मतलब है जनधन बैंक अकाउंट, ‘ए’ का मतलब है आधार कार्ड और ‘एम’ का मतलब है हर आदमी को मोबाइल.

शाह ने सपा पर व्यंग्य करते हुए कहा था, ”गुजरात में जब इस बारे में मैंने बोला तो सपा के एक नेता बोले, ‘हम भी जैम लाये हैं.’ मैंने पता कराया कि इनका जैम क्या है, तो पता चला समाजवादी जैम का मतलब है- ‘जे’ से जिन्ना, ‘ए’ से आजम खान और ‘एम’ से मुख्तार अंसारी. अब आप बताइये आपको भाजपा का जैम चाहिये या समाजवादी पार्टी का.”