Friday , October 18 2024

देश

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स के 37वें स्थापना दिवस पर देश के सभी जवानों को Amit Shah ने दी बधाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी) के 37वें स्थापना दिवस के मौके पर इसके जवानों को बधाई दी है. उन्होंने एनएसजी को विश्व स्तरीय प्रशिक्षित बल बताया, जो सभी तरह के आतंकवाद से निपट सकता है.

गृह मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘हमारे बहादुर एनएसजी कर्मियों 37वें स्थापना दिवस पर बधाई. एनएसजी एक विश्व स्तरीय प्रशिक्षित बल है, जो सभी तरह के आतंकवाद से निपट तक सकता है. .’

भारत को 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान एनएसजी जैसी फोर्स की जरूरत महसूस हुई थी (NSG Commando Details). तब सरकार को लगा था कि अगर देश में कोई विशेष फोर्स होती, तो आतंकवाद के ऐसे मामलों से आसानी से निपटा जा सकता है. फिर इस फोर्स का गठन देश के किसी भी हिस्से में आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए किया गया.

जब भारत पर 26/11 हमला हुआ था, तो होटल में बंधकों को बचाने के मिशन की जिम्मेदारी भी एनएसजी को सौंपी गई. इस फोर्स का काम राज्य पुलिस बल या फिर अर्धसैनिक बलों के काम करना नहीं है. बल्कि इसे कुछ विशेष परिस्थितियों में ही तैनात किया जाता है.

Pampore Encounter: लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उमर मुश्ताक खांडे को सुरक्षा बलों ने घेरा

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर उमर मुश्ताक खांडे जम्मू- कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में फंस गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

इसी साल फरवरी में मुश्ताक ने एक अन्य आतंकी साकिब के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया था. बाराजुल्ला इलाके में आतंकियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की थी. इस फायरिंग में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. ये दोनों जवान जम्मू कश्मीर पुलिस के थे. यह आतंकी हमला सीसीटीवी में कैद हो गया था. वहीं, ये आतंकी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे. साकिब मंजूर ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़ा है. वह श्रीनगर के बारजुला का ही रहने वाला है.

पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने ट्वीट किया कि खांडे इस साल की शुरुआत में श्रीनगर जिले के बघाट में दो पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना में कथित रूप से शामिल था। उन्होंने ट्वीट किया, ‘श्रीनगर के बघाट में दो पुलिसकर्मियों की हत्या और आतंकवाद से जुड़े अन्य अपराधों में शामिल शीर्ष 10 आतंकवादियों में शामिल लश्कर का कमांडर उमर मुस्ताक खांडे पंपोर में फंसा है।’

 

कांग्रेस पार्टी के स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही सियासी जंग पर सोनिया गांधी ने लगाया विराम!

कांग्रेस पार्टी के स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बहस पर फिलहाल सोनिया गांधी ने विराम लगा दिया है। शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ किया कि वह ही कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। लखीमपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 52 वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच अन्य नेता बैठक का हिस्सा नहीं हैं।

पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। यहां तक कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और आतंरिक मामलों पर चर्चा की जाए।

AIIMS दिल्ली में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की हालत अब स्थिर, डॉक्टर ने दी जानकारी

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अभी भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली में भर्ती हैं. बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एडमिट कराया गया था. एम्स दिल्ली के एक अधिकारी ने बताया है कि मनमोहन सिंह की हालत अब स्थिर है और उनकी सेहत में सुधार हो रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया गुरुवार सुबह एम्स गए थे और मनमोहन सिंह के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना था. स्वास्थ्य मंत्री कुछ समय मनमोहन सिंह के साथ रहे और उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी ली. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी गुरुवार को उनसे मिलने एम्स पहुंचे थे.

डॉक्टर मनमोहन सिंह बीते अप्रैल में कोरोना संक्रमित भी हो गए थे. इसके बाद उन्हें एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर मनमोहन सिंह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान दो बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं.

कोरोना महामारी के बीच आज ऐसे होगा देश में दशहरे का आयोजन, अयोध्या में शाम साढ़े पांच होगा रावण दहन

देशभर में दशहरे की खूब रौनक है। इस साल 15 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है. कोरोना महामारी के बीच मनाए जा रहे दशहरे के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. दिल्ली, लखनऊ, कानपुर समेत कई शहरों में देशभर में विजयादशमी और दशहरे की धूम है।

देश की राजधानी दिल्ली में रावण दहन का कार्यक्रम शाम छह बजे रखा गया है, जबकि लखनऊ में यह समय रात आठ बजे है. वहीं, कानपुर में नौ बजे का समय तय किया गया है। वहीं, मुंबई में इस बार कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं आयोजित किया जाएगा।  अहमदाबाद में भी सार्वजनिक स्थल पर रावण दहन करने की अनुमति नहीं है।

बिहार की राजधानी पटना में कालिदास रंगालय में रावण वध का समय शाम 4: 30 से 5:30 के बीच रखा गया है। रावण की ऊंचाई इस बार 15 फीट ही है। यह पहले 50 फीट से ऊंचा होता था,

दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय हासिल की थी, इसलिए भी इस पर्व को विजयादशमी कहा जाता है। । मां भगवती की विजया स्वरूप होने पर भी इसे विजयादशमी कहा जाता है। हिन्दुओं का यह प्रमुख त्योहार असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है।

जानिए आखिर कौन हैं 107 साल के भुलई भाई जिनसे पहली मुलाकत में Rajnath Singh हुए भावुक

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे बुज़ुर्ग कार्यकर्ताओं में एक 107 साल के श्री नारायण उर्फ़ भुलई भाई (Bhulai Bhai) से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मुलाकात की. भुलई भाई की खुशी का आलम ये कि वो बार बार कहते रहे कि ये कृष्ण सुदामा की मुलाकात है और उन्हें इस मुलाकात से ही सब कुछ मिल गया है.

राजनाथ सिंह से मिलने के बाद भुलई भाई ने बताया कि 1952 में विजयादशमी के दिन जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ जनसंघ की स्थापना हुई तभी से वे संगठन से जुड़े थे.

1977 में 26 साल की आयु में पहली बार विधायक बने राजनाथ सिंह को सदन में भुलई भाई का साथ मिला था. तब भुलई भाई दूसरी बार विधायक बन कर सदन में पहुंचे थे. भुलई भाई जनसंघ के दीपक चुनाव चिन्ह पर 1974 और 1977 में कुशीनगर जिले के नौरंगिया विधानसभा से दो बार विधायक रहे.

जनसंघ से चुनाव लड़ने के बाद जब साल 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ तो वह बीजेपी में आ गए. सक्रिय राजनीति में उतरने से पहले वह आरएसएस से जुड़े थे और देवरिया जिले के प्रचारक भी थे.

बीजेपी के ‘गुमशुदा की तलाश’ पोस्टर पर समाजवादी पार्टी ने ली चुटकी कहा-“महाराज जी कहां हो लापता ?”

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं. अभी चुनाव होने में कुछ महीने हैं. लेकिन, सियासी जंग जारी हो गई है. सोशल मीडिया पर भी एक-दूसरे की खूब खबर ली जा रही है.

इसी बीच बीजेपी के सपा मुखिया अखिलेश यादव पर किए गए हमले का समाजवादी पार्टी ने भी जवाब दिया है. सपा नेता ने पूछ लिया है महाराज जी (सीएम योगी आदित्यनाथ) कहां गायब हो गए हैं?सपा के मीडिया कंसल्टेंट आशीष यादव ने बीजेपी के पोस्टर पर जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल किए.

आशीष यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को गुमशुदा बता दिया. उनके ट्वीट में लिखा गया है- सीएम योगी आदित्यनाथ गुमशुदा हो गए हैं. काम के नाम पर सपा के कामों का फीता काटना और नाम बदलना रह गया है. मुख्यमंत्री ने अपने दायित्वों को नकार दिया है. ”

बताते चलें अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर सियासी सरगर्मी अभी से ही बढ़ गई है. अमूमन सभी पार्टियां पोस्टर जारी करके अपनी सफलता बता रही हैं तो विपक्षियों पर हमले भी कर रही हैं.

मिशन यूपी 2022: तो इस बड़ी शर्त के साथ BJP से गठबंधन करेंगे ओम प्रकाश राजभर

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी रंग भी उसी तरह से बदल रहे हैं. बीते काफी समय से बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर से बीजेपी के साथ जाने को तैयार हैं.

भागीदारी संकल्प मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लेकर हम बीजेपी के पास गए थे लेकिन BJP ने हमारी बात नहीं मानी, अब BJP ये बात मान ले तो हम उसके भी साथ जा सकते हैं.

उन्होंने का था कि वो 2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ थे, आज नहीं हैं. आज भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है और 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

भागीदारी मोर्चा में सीटों के बंटवारे पर राजभर ने कहा कि पहले साथियों को संतुष्ट करेंगे. भागीदारी संकल्प मोर्चा में सीटों का झगड़ा नहीं है. सबको बोल दिया है कि अगर एक सीट भी मिली तो रहेंगे. सपा, बसपा, कांग्रेस चाहे तो गठबंधन हो सकता. ऐसे में मोर्चे में जो सीटें मिलेंगी उसी में बांटना होगा.

उत्तराखंड की राजनीती में एक बार फिर होगा फेरबदल, यशपाल आर्य की जगह कैबिनेट में शामिल होगा नया दलित चेहरा

पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में रिक्त हुए पद पर किसी दूसरे दलित चेहरे को ही मौका दिया जा सकता है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पार्टी के कुछ दलित विधायकों ने तो दावेदारी भी पेश कर दी है। सीएम अगर यह सीट भरते हैं तो पूर्व कैबिनेट मंत्री खजान दास के साथ विधायक चंदनराम दास और सुरेश राठौर की दावेदारी सबसे प्रबल बताई जा रही है।

ऐसे में सरकार यह खाली सीट भरेगी या नहीं, इसे लेकर अभी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में रिक्त पद को भरने के पक्ष में हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा आरक्षित कोटे से मंत्री बनाने के पक्ष में है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में दलित वर्ग को इसे भुनाया जा सके।

रिक्त मंत्री पद पर काऊ की दावेदारी पुख्ता मानकर चल रहे हैं। दरअसल, यशपाल के साथ काऊ के भी कांग्रेस में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं,पर जब आर्य कांग्रेस में शामिल हुए, उस वक्त काऊ भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के साथ नजर आए। माना जा रहा है कि हाईकमान से उन्हें कोई बड़ा भरोसा दिया है। इस बीच, काऊ समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि यशपाल को कांग्रेस छोड़ने के एवज में मंत्री पद दिया गया था।

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के पंडालों में हुई तोड़फोड़ से गर्म हुए भारत के सियासी गलियारे, हुआ ये…

बांग्लादेश में कई दुर्गा पूजा के पंडालों में तोड़फोड़ होने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमा गई है।पश्चिम बंगाल की सतारूढ़ पार्टी टीएमसी के बाद अब पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाया है और पीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकतर हमले कमिला जिले में हुए हैं।

टीएमसी के नेता और प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस मामले में बांग्लादेश की सरकार से कार्रवाई करने और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। हाल के दिनों में बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव बढ़ता दिख रहा है. इसके पहले भी कुछ दिन पहले हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई थी।

शुभेंदु अधिकारी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है,” मैं आपका ध्यान बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों में मूर्तियों के साथ हुई तोड़फोड़ की ओर दिलाना चाहता हूं। कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में सनातनी समुदाय पर हमला करने को लेकर अभ्यस्त हो गई हैं। दुर्गा पूजा के दौरान जब जुलूस निकल रहा था तो कंट्टरपंथी ताकतों ने दुर्गा पूजा पंडाल और मूर्तियों को तोड़ डाला है। वर्तमान में बांग्लादेश में रहने वाले सनातनी लोगों की स्थिति बहुत ही दयनीय है।