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स्वच्छता सर्वेक्षण-2021: वाराणसी बना गंगा किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर, राष्ट्रपति ने मेयर को दिया पुरस्कार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को देश में गंगा किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला है। यह लगातार दूसरी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है।

केंद्र सरकार के वार्षिक सर्वेक्षण 2020 के अनुसार गंगा किनारे बसे सबसे स्वच्छ शहरों में वाराणसी शीर्ष स्थान पर था।पीएम मोदी ने अस्सी घाट से स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। जिसके बाद से गंगा घाटों की सफाई दिन दूनी-रात चौगुनी रफ्तार से बेहतर होती चली गई। इसके चलते बनारस को यह पुरस्कार मिला है।

शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ शहर का तमगा बनारस को हासिल हुआ। यह पुरस्कार नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, महापौर मृदुला जायसवाल और अफसरों ने लिया।
अधिशासी अभियंता अजय कुमार ने बताया कि पुर्नउपयोग में खाद, कोयला और बिजली बनाने की प्रक्रिया है और जिन कचरे का पुर्नउपयोग नहीं हो पाए, उसका विज्ञान के तहत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना निपटारा किया जाता है।

स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रपति के हाथो देश के इस राज्य को मिला सबसे स्वच्छ राज्य का अवार्ड

छत्तीसगढ़ को स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे स्वच्छ राज्य की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों अवार्ड हासिल किया.

इस मौक पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “राज्य ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है तो इसका श्रेय छत्तीसगढ़ की जनता को जाता है. मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नई संस्कृति का निर्माण किया है.”

भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्यमंत्रालय द्वारा हर साल देश के समस्त शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है.

छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां पर नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला और सूखा कचरा इकट्ठा किया जाता है.

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जवानों के हाथ लगी बड़ी सफलता, Encounter में एक आतंकी ढेर

जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया है.जवानों और आतंकियों के बीच हुए मुठभेड़ में यह आतंकी मारा गया है.

इस इलाके में अन्य आतंकी भी फंसे हुए हैं. भारी संख्या में जवानों ने मिलकर इलाके की घेराबंदी कर दी है.आतंकी इलाके से निकल कर भाग न जाएं इसके लिए जवानों ने सभी रास्तों को बंद कर दिया है.

जवानों की कोशिश है कि जल्द से जल्द जिंदा या मुर्दा किसी भी हालत में छिपे हुए आतंकियों को इलाके से बाहर निकाला जाए.जैसे ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना जवानों को मिली सुरक्षाबलों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर इलाके की घेराबंदी कर दी.

जवानों की ओर से जब आतंकियों को हथियार डालने के लिए कहा गया तो फायरिंग शुरू कर दी गई. जिसके बाद मौके पर मौजूद जवानों ने मोर्चा संभाला और मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया.

 

नवजोत सिंह सिद्धू का पकिस्तान प्रेम, कहा-“इमरान खान मेरा बड़ा भाई है उसने मुझे बहुत प्यार दिया है”

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का एक बार फिर से पाकिस्तान प्रेम झलका है.कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भाई बताया है. उनका कहना है कि इमरान खान ने उन्हें बहुत प्यार दिया है.

इमरान खान ने भी नवजोत सिंह सिद्धू की करतारपुर कॉरिडोर को लेकर हाल में तारीफ की थी.पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि इमरान खान मेरा बड़ा भाई है, उसने मुझे बहुत प्यार दिया है.

इमरान खान से दोस्ती को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने ये बात उस वक्त कही है जब वो करतारपुर साहिब के दौरे पर हैं.  सिद्धू करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेकने पहुंचे हैं.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पंजाब के उपमुख्यमंत्री ओपी सैनी, कैबिनेट मंत्री राजा वडिंग, परगट सिंह, अरूणा चौधरी, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह गिलजीयां, कुलजीत सिंह जीरा समेत कई अन्य विधायक भी करतारपुर के दौरे पर हैं.

पीएम मोदी के भाषण की टाइमिंग पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान कहा-“अगर मोदी जी के दिल में चोर…”

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं. गहलोत ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी जी के दिल में चोर नहीं होता तो वो सुबह 9 बजे अपने भाषण के समय को नहीं चुनते.

गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण भी होता है तो रात को आठ बजे, जिससे लोग आराम से उनकी बातों को सुन सकें. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह 9 बजे लोग ऑफिस जाने के लिए बिजि रहते हैं.

राजस्थान में कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे और विस्तार की खबरों के बीच अशोक गहलोत का यह बयान सामने आया है. अब तक मिली खबरों के मुताबिक रविवार को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.

तीन मंत्रियों के इस्तीफे के बाद गहलोत कैबिनेट में मंत्रियों के 12 पद रिक्त हुए हैं. नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम 4 बजे आयोजित किया जाएगा.

 

पीएम मोदी द्वारा कृषि कानून की वापसी के फैसले के बाद खिल उठे उत्तराखंड के किसानों के चेहरे

गुरु पर्व पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद उत्तराखंड के किसानों ने खुशी का इजहार किया है। केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा पर रुद्रपुर में किसानों ने सरकार का आभार जताया।

इसे लेकर देहरादून जिले में डोईवाला के किसानों ने खुशी का इजहार किया है।संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष ताजेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों के लिए यह बड़ी जीत है। केंद्र सरकार को आंदोलन में शहीद हुए किसानों को शहीद का दर्जा देना चाहिए।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम का कहना है कि भारी मन से किसान कानून वापस लेने का एलान किया गया है। सालों की मेहनत के बाद कानून बनाया गया था। विरोधियों ने इसको राजनीतिक रंग दे दिया था।

अहंकार से चूर सत्ता द्वारा तीन काले कानून जो किसानों का गला घोंट रहे थे उनको वापस लेने की घोषणा की है। ये किसान भाइयों की संघर्ष की जीत है। उन शहीदों की जीत है, जिन्होंने अपने प्राण उत्सर्ग कर दिए ताकि उनको विजय हासिल हो सके।

पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून की वापसी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने बताया ‘दुर्भाग्यपूर्ण’

केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों की वापसी के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए पैनल की प्रतिक्रिया सामने आई है। पैनल के सदस्यों का कहना है कि सरकार का तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

पीएम मोदी ने शुक्रवार सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान तीनों कृषि कानून बिलों को वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इसी महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।

कहीं पर किसानों ने मिठाइयां बांटी तो कई जगहों पर जलेबी बांटकर खुशियां मनाईं। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले एक साल से ही आंदोलन कर रहे थे। अन्नदाताओं के आगे सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा, लेकिन क्या पीएम मोदी की घोषणा करने भर से कृषि कानून निरस्त हो गए? तो ऐसा नहीं है।

कानून निरस्त करने की एक संवैधानिक प्रक्रिया होती है। इसके लिए संसद में सरकार को संवैधानिक प्रक्रिया को पूरी करनी होगी। संविधान और विधि विशेषज्ञों की मानें तो सरकार को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में विधेयक लाना होगा। आखिर क्या है वह प्रक्रिया? आइए विस्तार से समझते हैं…

भाजपा सरकार के कुछ ऐसे ऐतिहासिक निर्णय जो आजतक देश में नहीं हो पाए लागू, डाले एक नजर

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कई ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए जानी जाती है।सरकार ने धारा 370 और तीन तलाक जैसे ऐसे कई क्रांतिकारी कानूनों को पास कराया जो देश की अन्य सरकारों के लिए दूरी की कौड़ी बने हुए थे, लेकिन पीएम मोदी की कुछ महत्वाकांक्षी योजनाएं ऐसी भी हैं, जो सरकार के गले की फांस बनी हुई हैं।

कृषि कानून
मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि विधेयकों को पारित करवाए जाने का कदम देश के कृषि क्षेत्र के लिए बड़े बदलावों की नींव माना जा रहा था। हालांकि, शुक्रवार को पीएम मोदी ने खुद इन कानूनों की वापसी की घोषणा कर दी। कृषि कानूनों के विरोध का आलम यह रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद इन कानूनों को लागू होने से रोक दिया। खास बात यह थी कि मोदी सरकार ने भी कोर्ट के इस कदम का विरोध नहीं किया।
जम्मू-कश्मीर
भाजपा ने सीएए और कृषि कानूनों की तरह ही अपनी महत्वाकांक्षी जम्मू-कश्मीर योजना को भी बैकसीट में धकेल दिया है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर राज्य को दो हिस्सों में तोड़ने के बाद भाजपा श्रीनगर और लेह को दिल्ली से ही नियंत्रित करने की योजना बना चुकी थी। इसके लिए लंबे समय तक कश्मीर के नेताओं को भी नजरबंद रखा गया।

सीएए-एनआरसी
भाजपा के 2014 के घोषणापत्र में यह वादा किया गया था कि उनकी सरकार देश में घुसपैठ रोकने और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर एक स्पष्ट नीति बनाएगी और इसका हल निकालेगी। 2019 के घोषणापत्र में भी इसी वादे को दोहराते हुए भाजपा ने कहा कि वह नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को भी जोर-शोर से पूरा कराएगी।

यूपी विधानसभा चुनाव: विजय संकल्प यात्रा में मतदाताओं से सीधा संवाद करने का BJP ने बनाया प्लान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी ने सभी विधानसभा सीटों से जुड़े मतदाताओं से सीधा संवाद करने के लिए विजय संकल्प यात्राएं निकालने का फैसला किया है।

जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री दो-दो क्षेत्रों में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। नड्डा 22 नवंबर को गोरखपुर और 23 को कानपुर में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उनका 22 नवंबर को रात्रि प्रवास लखनऊ में होगा।

इसके बाद दिसंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में चार विजय संकल्प यात्राओं का आयोजन होगा। यह यात्रा राज्य के छह क्षेत्रों के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगी।

सहारनपुर से आठ दिसंबर से यात्रा शुरू करने पर विमर्श हुआ। अन्य यात्राओं की रूपरेखा तय होनी बाकी है। मसलन किस क्षेत्र से यात्रा का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है।

सेना द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्ररक्षा समर्पण पर्व में आज हिस्सा लेने के लिए झाँसी का दौरा करेंगे पीएम मोदी

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर सेना द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्ररक्षा समर्पण पर्व में हिस्सा लेने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झांसी आएंगे। उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी आएंगी।

इसके अलावा आयोजन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे। इस दौरान पीएम सेना और झांसी को कई सौगातें देंगे। साथ ही एनसीसी पूर्व छात्रसंघ का शुभारंभ करेंगे।

इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी व नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह भी मौजूद रहेंगे।

इसके अलावा केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री, श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ समेत झांसी, ललितपुर और जालौन जिले के विधायक, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत 750 लोग ही मौजूद रहेंगे।