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देश

पीएम मोदी ने अपने लखनऊ दौरे पर किया न्यू अर्बन कानक्लेव कार्यक्रम का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लखनऊ में देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘न्यू अर्बन इंडिया’ थीम के साथ केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय व नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

सोमवार को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया कि ‘न्यू अर्बन इंडिया’थीम पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सम्मिलित होंगे। राजनाथ सिंह सोमवार को ही लखनऊ आ गए।

प्रधानमंत्री सभी जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत चयनित 75 हजार लाभाॢथयों को चाभी वितरण कर उनसे संवाद भी करेंगे। इसके अलावा, मोदी जनपद लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, गाजियाबाद और वाराणसी के लिए 75 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का फ्लैग आफ भी करेंगे।

लखीमपुर खीरी कांड की सुप्रीम कोर्ट ने करी निंदा कहा-“हमने कृषि कानूनों पर रोक लगाईं फिर सड़कों पर…”

सुप्रीम कोर्ट ने  लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है। अदालत ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होते हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत से पूछा कि जब हमने तीन कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगा रखी है, फिर सड़कों पर प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं? किसान महापंचायत के वकील ने कहा कि उन्होंने किसी सड़क को ब्लॉक नहीं कर रखा है। इसपर बेंच ने कहा कि कोई एक पक्ष अदालत पहुंच गया तो प्रदर्शन का क्या मतलब है? सरकार ने आश्वासन दिया है कि वे इसे लागू नहीं करेंगे फिर प्रदर्शन क्यों जारी है?

सुप्रीम कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के कारण दिल्ली से नोएडा के बीच सड़कों की नाकेबंदी के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया। दरअसल इस याचिका में इन किसान संगठनों से भी पक्षकार बनने के लिए कहा गया है।

लखीमपुर खीरी कांड: रात भर की मेहनत के बाद योगी सरकार के इन कदमों से रुकी हिंसा की चिंगारी

आरंभ जैसा अप्रत्याशित था, वैसा ही अनपेक्षित अंत भी रहा। कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में चल रहा प्रदर्शन इतना हिंसक होकर आठ लोगों की मौत का कारण बनेगा, यह किसी को आभास नहीं था।

भरोसा इस पर भी नहीं होगा कि तमाम अदृश्य कारणों से भड़की चिंगारी यूं देखते ही देखते ठंडी भी हो जाएगी।  किसानों के घावों पर सीएम योगी ने दवा लगाई और दोपहर होते-होते प्रदेश में फिर सुकून, फिर शांति।

लखीमपुर खीरी में रविवार को उपद्रव में किसान और भाजपा समर्थकों की मौत ने प्रदेश भर में सनसनी फैला दी। चूंकि, कृषि कानून विरोधी आंदोलन को विधानसभा चुनाव से पहले हवा देने की भरपूर कोशिश विपक्ष ने की है उस वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी में नहीं थे। सीतापुर में कार्यक्रम के बाद गोरखपुर पहुंचे थे। वहीं रात्रि प्रवास प्रस्तावित था, लेकिन इधर हालात खराब थे और उधर मौसम।

कृषि कानून विरोधी आंदोलन के अगुआ राकेश टिकैत का लखीमपुर कूच यह अंदेशा खड़ा कर रहा था कि अब यह मुद्दा तूल पकड़ेगा। मगर, नाराज किसानों से बातचीत के लिए सशक्त माध्यम तलाश रहे सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर में टिकैत ही वह व्यक्ति थे, जिनकी बात किसान आसान से मान सकते हैं।

लखीमपुर खीरी की घटना पर छत्तीसगढ़ के पूर्व CM ने भूपेश बघेल की सरकार को घेरा कहा ये…

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना को छत्तीसगढ़ के पूर्वमुख्यमंत्री रमन सिंह ने राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि लखीमपुर की घटना पर जो राजनीति हो रही है, वो दुःखद है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणाएं कर दी हैं.

उन्होंने रहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री वहां जा रहे हैं, लेकिन सिलगेर की घटना पर ना तो प्रियंका गईं, ना भूपेश बघेल गए. उस समय इनकी संवेदना कहां मर गई थी?

कांग्रेस में मचे घमासान पर बीजेपी नेता ने कहा कि मैं चाहूंगा जो होना है, जल्दी हो जाए, ताकि सरकार विकास कार्यों पर ध्यान दे, विधायकों को इन्होंने ही भेजा. कोई विधायक चार्टर प्लेन से कैसे आना-जाना कर सकता है? सरकार इनसे नहीं संभल रही है.

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश के जवाब पर कहा कि आदिवासियों के लिए इस भाव से अगर बात करेंगे तो समझ में आता है कि आदिवासियों की चिंता, केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए है.

लखीमपुर कांड पर शिवसेना का हमला,”यह राम राज्य है क्या? शाहरुख के बेटे का केस इतना अहम है ?”

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खेरी में केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी किसानों की मौत के बाद बीजेपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने जिले को सील कर दिया है.

संजय राउत ने कहा, ” प्रियंका गांधी से आपके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं. कांग्रेस से हो सकते हैं. लेकिन उनका गुनाह क्या है कि उन्हें बिना वारंट अरेस्ट किया गया है? वे इंदिरा गांधी की नातिन हैं .

यही राम राज्य है क्या? किसानों के साथ जो हुआ, उस पर इस सरकार को माफी मांगनी ही चाहिए. देश में अघोषित आपातकाल है. ” पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने यह कहा.

इसके अलावा शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में भी बीजेपी पर ज़ोरदार हमला किया गया है. इसमें लिखा गया है, ” महाराष्ट्र में बीजेपी के नेता मराठवाडा, विदर्भ के संकटग्रस्त किसानों से मिलने गए, उन्हें किसी ने नहीं रोका. लेकिन यूपी के किसानों की हत्या की गई. किसानों को मारना और विपक्षी नेताओं का मुंह बंद करना कैसा लोकतंत्र है? अगर केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किया गया यह अपराध किसी दूसरे राज्य (गैर भाजपा शासित) में घटा होता तो बीजेपी देश को सर पर उठा लेती. ”

 

लखीमपुर खीरी कांड पर राहुल गांधी की प्रियंका को सलाह कहा-“तुम पीछे नहीं हटोगी, किसानों…”

लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद मौके पर पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की उनके भाई राहुल गांधी ने हौसला अफजाई की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन आपके साहस से स्तब्ध है।

राहुल गांधी ने में ट्वीट कर कहा, “प्रियंका, मैं जानता हूँ तुम पीछे नहीं हटोगी- तुम्हारी हिम्मत से वे डर गए हैं। न्याय की इस अहिंसक लड़ाई में हम देश के अन्नदाता को जिता कर रहेंगे।”

कांग्रेस ने इससे पहले एक वीडियो ट्वीट किया था जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा को लखीमपुर खीरी जाते समय यूपी पुलिस के साथ बहस करते हुए देखा गया। पार्टी ने कहा कि प्रियंका को सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया जा रहा था।

लोगों से वहां इकट्ठा होने का आग्रह भी किया। वीडियो में प्रियंका को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “वारंट निकलो, ऑर्डर निकलो, मैं यहां से नहीं हिल रही हूं। अगर आप मुझे उस कार में डाल देंगे तो मैं आप पर अपहरण का आरोप लगाऊंगी। आरोप पुलिस के खिलाफ नहीं बल्कि आप पर होगा।”

 

लखीमपुर खीरी हिंसा केस में जान गवाने वालों के परिवार को मिला योगी सरकार का सहारा

लखीमपुर खीरी घटना को लेकर यूपी में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। लखीमपुर खीरी किसानों से मिलने निकली प्रियंका गांधी ने पूरी रात यूपी पुलिस की नींद उड़ा दी। आखिरकार सीतापुर पुलिस ने हरगांव में उन्हें सुबह 4 बजे गिरफ्तार कर लिया। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिंसाग्रस्त जिले जाने से रोक दिया गया जिसके विरोध में सपा मुखिया अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।

-पुलिस हिरासत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उपवास पर बैठ गईं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के परिवारों व अन्य किसानों से नहीं मिलूंगी, अन्न ग्रहण नही करूंगी।

-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलाई बैठक, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और आला अधिकारी भी बैठक में मौजूद, लखीमपुर की घटना समेत विभिन्न बिंदुओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे चर्चा, सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की रिपोर्ट भी तलब की थी

-शिवपाल यादव को इंजीनियरिंग कॉलेज , जानकीपुरम के पास प्रशासन ने रोका। शिवपाल यादव कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में, पुलिस लाइन ले जाया जा रहा है।

 

उत्तराखंड चुनाव से पहले राज्य के सभी निजी स्कूलों को एक बड़ा तोहफे देने की तैयारी में हैं सरकार

उत्तराखंड सरकार से मान्यता के बावजूद अनुदान से वंचित अशासकीय स्कूलों को सरकार राहत दे सकती है। सरकार ने शिक्षा निदेशालय से वित्त विहीन मान्यता वाले स्कूलों का ब्योरा तलब किया है।

सरकार ने वित्तीय सहायता ले रहे स्कूलों पर हो रहे खर्च और नए स्कूलों को आर्थिक सहायता पर होने वाले खर्च की तुलनात्मक जानकारी मांगी है।  बेसिक शिक्षा शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल ने सभी डीईओ से तत्काल अशासकीय स्कूलों पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

कोरेाना संक्रमण की वजह से सरकार ने पिछले साल नई नियुक्ति की प्रक्रिया बीच में ही स्थगित कर दिया था। संपर्क करने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भर्ती प्रक्रिया को जल्द खोलने के संकेत दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य में अब सभी स्कूल खुल चुके हैं। शिक्षकों की कमी पर सरकार गंभीर है। इस विषय में भी जल्द से जल्द निर्णय कर लिया जाएगा।

महामारी की तीसरी लहर के खतरे से पहले ही आईसीएमआर ने किया सचेत कहा-“नजरअंदाज न करे…”

देश में भले ही कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन महामारी की तीसरी लहर के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आईसीएमआर ने यात्रा संबंधी जोखिमों को कम करने के लिए देश में छुट्टियों के दौरान यात्रा करने वाले लोगों को देखते हुए राज्यों को सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए कहा है।

आईसीएमआर ने कहा, ”भारत में अभी भी एक गंभीर तीसरी लहर की संभावना के साथ इसमें शामिल जोखिमों को पहचानना और उन्हें कम करना महत्वपूर्ण है। बाहर से आने वाले लोगों, निवासियों और स्थानीय अधिकारियों के बीच जिम्मेदारी की एक साझा भावना, पूरे देश के कल्याण की रक्षा करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगी।”

अध्ययन ने कहा, ”अध्ययन एक ऐसे परिदृश्य को दर्शाता है, जहां भारत में जनसंख्या घनत्व का संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में संचरण पर अधिक प्रभाव पड़ता है। यहां, छुट्टी की अवधि तीसरी लहर को 103 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है और उस लहर में कुल घटना 43 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। ”

इसने कहा, ”सभी यात्रियों को संक्रमण में किसी भी वृद्धि की स्थिति में संपर्क ट्रेसिंग की सुविधा के लिए आगमन पर अपने संपर्क विवरण को भी पंजीकृत करना चाहिए। यात्रा करते समय, यात्रियों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की सलाह दी जानी चाहिए, जिसमें मास्क का उपयोग और सोशल डिस्‍टेंसिंग शामिल है।”

 

लखीमपुर खीरी कांड पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, कहा-“जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई…”

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर खेद जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब ऐसा कुछ होता है तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।

अदालत ने कहा, “जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है।” शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी किसान महापंचायत द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन (जिसे वह सत्याग्रह कहते हैं) करने की अनुमति मांगी गई थी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले में सोमवार को इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया और राजनेताओं को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में प्रवेश करने से रोक दिया, जहां विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल के लंबे प्रदर्शन में आठ लोग की मौत हो गई है।

इस हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से चार किसान थे। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के काफिले की एक कार प्रदर्शनकारियों के ऊपर चढ़ गई, जो केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे।