टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में बैडमिंटन खिलाड़ियों ने उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए इन खेलों में हल्ला बोल दिया है. एक के बाद एक मेडल पक्के होते जा रहे हैं.
SH6 कैटेगरी में वह खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती. कृष्णा को इस बारे में तब पता चला वह महज दो साल के थे. उन्होंने खुद को पूरी तरह खेल को समर्पित कर दिया.
प्रमोद भगत और वाईएल सुहास ने देश के लिए सिल्वर मेडल पक्का किया वहीं इसके बाद कृष्णा नागर ने फाइनल में पहुंचकर इस संख्या को तीन कर दिया.
सेमीफाइनल में उनके सामने वर्ल्ड नंबर पांच की चुनौती थी. उन्होंने अपने क्रोस कोर्ट खेल के साथ ब्रिटेन के खिलाड़ी को काफी परेशान किया. उन्होंने पहला गेम 21-10, और दूसरा गेम 21-11 से जीतकर फाइनल में जगह बनाई.