नरेंद्र वर्मा
जुर्माना की 50 प्रतिशत धनराशि मृतक शशि यादव के आश्रितों को दी जाएगी।
फिरोजाबाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0 9 एवं विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) जितेन्द्र सिंह ने हत्या एवं गम्भीर चोटें पहुॅचाने वाले चार आरोपियों को दस-दस वर्ष का कठोर कारावास एवं प्रत्येक को अडतीस हजार रूपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर प्रत्येक को तीन वर्ष आठ माह का अतिरिक्त कारावास की सजा से दण्डित किया। जुर्माने की धनराशि का 50 प्रतिशत मृतक शशि यादव के आश्रितों को दिये जाने का आदेश पारित किया गया। जेल में बिताई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी और सभी सजाऐं साथ- साथ चलेंगी।
मामला थाना जसराना से जुड़ा है। वादी रामपाल सिंह ने रिपोर्ट लिखाते हुए कहा है कि उसकी जसराना क्षेत्र में निवर्तमान विधायक रामवीर सिंह व जसराना ब्लाक प्रमुख ईनाम सिंह यादव से चुनावों को लेकर राजनैतिक रंजिश चल रही है। दिनांक 05 नोवम्बर 2007 को प्रार्थी अपने साथ वीरपाल सिंह प्रधान, अपने मित्र शशि यादव, ड्राइवर बबलू के साथ सुबह लगभग 09.30 बजे अपनी गाड़ी से दबरई गये थे। दोपहर लगभग दो बजे एडीओ पंचायत जसराना रामदास ने प्रार्थी के मोबाइल पर फोन किया और कहा कि आप ब्लाॅक कार्यालय से कुछ जरूरी कागजात ले गए हैं, मैं आपके खिलाफ रिपोर्ट लिखाने जा रहा हॅू। एडीओ रामदास ने कहा कि आप तुरन्त आइए। प्रार्थी लगभग ढाई बजे ब्लाॅक पर पहुॅचा ही था कि रामवीर, ईनाम सिंह ने एडीओ रामदास से साजिश कर लगाए लोगों में से रामराज ने मेरे मित्र शशि यादव को राइफल से गोली मारी जिससे वह वहीं ढेर हो गया। हृदेश व दिलीप ने मेरे रिश्तेदार व पड़ोसी वीरपाल के गोली मार दी जिससे वह वहीं पर गिर गया। प्रार्थी रामपाल सिंह दीवार के सहारे बचकर भागने लगा तो आगे से घेरकर प्रदीप व अनिल ने रायफल से गोली मार दी, जो प्रार्थी की जाॅघ के ऊपर हिस्से में लगी। उक्त लोग हम लोगों को मरा समझ कर हथियार लहराते हुए और फायर करते हुए ब्लाॅक परिसर से चले गये। मेरे ड्रायवर बबलू व धर्मेन्द्र प्रार्थी को घायल अवस्था में गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल ले गए।
पुलिस ने अभियोग दर्ज कर विवेचना उपरान्त सभी आरोपियों के विरूद्व आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। मुकदमें की सुनवाई एवं निस्तारण अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0 9 एवं विशेष न्यायाधीश (एमएलए/एमपी कोर्ट) जितेन्द्र सिंह की न्यायालय में की गयी। न्यायालय ने आरोप लगाया और अभियुक्तगण ने आरोप से इन्कार करते हुए सत्र परीक्षण की माॅग की। आरोपी रामदास व ईनाम सिंह की दौरान ए मुकदमा मृत्यु हो गयी जिनके विरूद्व कार्यवाही उपशमित की गयी एवं आरोपी रामवीर सिंह व प्रदीप कुमार की पत्रावली प्रथक कर शेष चार आरोपी दिलीप, अनिल पुत्रगण रामराज सिंह, रामराज सिंह पुत्र डालचन्द्र निवासीगण भैंडी एवं हृदेश कुमार पुत्र रघुराम सिंह निवासी मचन थाना जसराना फिरोजाबाद के मुकदमें का विचारण किया गया। न्यायालय में चैदह गवाहों के ब्यान दर्ज किये गये। शासन की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शीलेन्द्र प्रताप चैहान ने केस को साबित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीरें पेश की।
न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह ने पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य एवं गवाहों के ब्यानों का गहनता से अध्यन करने के बाद चार आरोपियों को दोषी पाते हुए खुले न्यायालय में सजा सुनायी।