Friday , October 18 2024

देश

लॉकडाउन में छूट मिलते ही वाहन उद्योग की बिक्री ने पकड़ी रफ्तार, मारुति नंबर वन पर फिर से कायम

कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमने के बाद देश में लॉकडाउन के दौरान लागू प्रतिबंध हटाए गए, जिसका असर जुलाई के महीने में ऑटो उद्योग पर दिखाई दिया।

देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने जुलाई 2021 में वाहनों की बिक्री के आंकड़े जारी किए, जिसमें कार बाजार रफ्तार भरती हुई नजर आती है।  मारुति सुजुकी एक बार फिर सबसे ज्यादा वाहनों की बिक्री करने वाली सूची में नंबर वन पर काबिज है।

Maruti Suzuki ने भारतीय कार बाजार में टॉप पर अपनी जगह बनाई हुई है, कंपनी ने रविवार को जानकारी दी कि उसने जुलाई में देश में अपने वाहनों की 1.36 लाख से अधिक इकाइयां बेची हैं। जिसके साथ करीब 21,224 इकाइयों का निर्यात किया गया है।

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने जुलाई में पिछले साल से 50.33 फीसजी ज्यादा गाड़ियों की बिक्री की है। कंपनी ने जुलाई 2020 में कुल 1 लाख 8 हजार 64 कार बेची थीं।  यहां हम आपको बता रहे हैं जुलाई में ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री की बारे में।

Honda

वहीं होंडा कार्स इंडिया ने रविवार को जुलाई महीने में घरेलू बिक्री में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी के अनुसार यह आंकड़ा एक साल पहले की अवधि में बेची गई 5,383 इकाइयों की तुलना में 6,055 इकाई है।

Skoda

इसके साथ ही चेक की वाहन निर्माता कंपनी स्कोडा की मिड साइज एसयूवी कुशाक भारत की बिक्री में गति जोड़ने में कामयाब रही और कंपनी ने पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में जुलाई के महीने में बिक्री में 234% की बढ़ोतरी की है। कुशाक को 28 जून को लॉन्च किया गया था। इस कार को लांंचिंग के बाद से अब तक 2,000 से अधिक बुकिंग हासिल ​हो चुकी हैं।

 

आज पीएम मोदी लांच करेंगे e-RUPI, अब डिजिटल पेमेंट करना होगा और भी आसान जानिए कैसे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-रुपी (e-RUPI) नाम से डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे. e-RUPI नाम के इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम को वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से तैयार किया गया है. जिसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है.

e-RUPI के फायदें

1. e-RUPI एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल भुगतान का तरीका है.

2. यह प्लेटफॉर्म कल्याणकारी योजनाओं का भुगतान करने वाले और पाने वाले लाभार्थियों को डिजिटल रूप से जोड़ता है.

3. यह कल्याणकारी योजनाओं की लाभार्थियों तक पारदर्शी डिलीवरी सुनिश्चित करता है.

4. यह क्यूआर कोड या एसएमएस पर आधारित ई-वाउचर है, जो लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है.

5. इस वाउचर को रिडीम कराने के लिए बैंक अकाउंट, इंटरनेट बैंकिंग व यूपीआई ऐप होना जरूरी नहीं है.

e-RUPI सेवाओं के प्रायोजकों को बिना किसी भौतिक इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ता है. यह यह भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए. e-RUPI प्री-पेड कार्ड है, इसलिए यह किसी मध्यस्थ की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का आश्वासन देता है.

मानसून सत्र: राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित, विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों ने किया हंगामा

संसद में मानसून सत्र का आज से तीसरा हफ्ता शुरू हो गया है. पहले 2 हफ्ते संसद के दोनों सदनों में हंगामे की वजह से कोई खास कामकाज नहीं हो सका.राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित पेगासस समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते राज्यसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित आज यानी सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने पेगासस मामले को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।

लोकसभा ने 7 घंटे के काम में आईबीसी विधेयक पारित कर दिया, जबकि दोनों सदनों में राज्यसभा में टीएमसी सांसद ने खूब हंगामा किया. शांतनु सेन को आईटी मंत्री से कागज छीनने के बाद निलंबित कर दिया गया था. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर गतिरोध का आरोप लगा रही है.

सरकार और विपक्ष के बीच का गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है ऐसे में तीसरे हफ्ते की शुरुआत एक बार फिर हंगामे के साथ ही हो सकती है. विपक्ष संसद के दोनों सदनों में पेगासस कथित जासूसी कांड और किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है.

अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को मेडिकल की परीक्षा में आरक्षण देना हो सकता हैं पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक

पीएम मोदी के मेडिकल की परीक्षा में ओबीसी और अति गरीबों को आरक्षण के कदम को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है. खुद पीएम भी इसे सामाजिक उत्थान के लिहाज से मास्टर स्ट्रोक ही मान रहे हैं.

यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव से पहले लिया गया ये फैसला कौन सी बाजी पलटने के लिए लिया गया? साथ ही सवाल ये भी कि इस आरक्षण के मास्टरकार्ड की जरूरत क्यों महसूस हुई?

तो सपाट अंदाज में ऐसे समझिए कि देश में मंडल आयोग की सिफ़ारिशों के बाद पिछड़ों को 27 फ़ीसदी आरक्षण की शुरुआत हुई थी. उसके बावजूद देश में मेडिकल पाठ्यक्रमों के अखिल भारतीय हिस्सेदारी (ऑल इंडिया कोटा) में यह आरक्षण नहीं मिल पा रहा था.

देश के सभी मेडिकल कालेजों की एमबीबीएस सीटों में 15 प्रतिशत और परास्नातक यानी एमडी/एमएस आदि सीटों में 50 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटे से भरी जाती हैं.

अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को यह लाभ नहीं मिल रहा था. उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिकल पढ़ाई के ऑल इंडिया कोटा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के रूप में -मास्टर स्ट्रोक- खेला है.

आज से भारत संभालेगा सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष की कमान, पीएम मोदी करेंगे मीटिंग की अध्यक्षता

भारत ने रविवार से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाल ली है. अगस्त 2021 में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UNSC के एक मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिध सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “75 साल में पहली बार है, जब हमारे राजनीतिक नेतृत्व ने UNSC के किसी कार्यक्रम की अध्यक्षता करने में दिलचस्पी दिखाई है. ये दिखाता है कि लीडरशिप अब फ्रंट से लीड करना चाहती है.”

संयुक्त राष्ट्र  में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि इस दौरान भारत तीन हाई लेवल मीटिंग करने जा रहा है, जिसमें समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.

उन्होंने बताया कि सुरक्षा परिषद में भारत का ये 8वां कार्यकाल है. उन्होंने बताया, “नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जो सुरक्षा परिषद की किसी मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे.

1 अगस्त से भारत ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष की कमान संभाल ली है, जो एक महीने तक रहेगी. हर महीने अंग्रेजी के लैटर के आधार पर अध्यक्षता बदलती रहती है. अब भारत को दिसंबर 2022 में फिर से अध्यक्षता करने का मौका मिलेगा. इससे पहले जून में इसकी अध्यक्षता फ्रांस के पास थी.

यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने साधा विपक्ष पर निशाना कहा, “कुछ लोगों का पर्यटन टूर शुरू हो चुका है”

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में निजी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने प्रियंका गांधी के एक ट्वीट पर बिना नाम लिए कहा कि, कुछ लोगों का पर्यटन टूर शुरू हो चुका है और वह घर में बैठकर ट्वीट करते रहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश को बंगाल और हैदराबाद मॉडल बनाने की सोचने वाले भूल जाएं, उत्तर प्रदेश अगर अब बनेगा तो मोदी और योगी मॉडल बनेगा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि, मुझे दु:ख इस बात का है कि, जब कोरोना से लोग पीड़ित हो रहे थे तो विपक्ष के बहुत सारे जो नेता हैं, वह आज विभिन्न प्रकार की जातीय उन्माद को फैलाने के लिए झूठी विभिन्न प्रकार की मनघड़ंत बातों से लोगों में आक्रोश पैदा करने का सपना देख रहे हैं.

कुछ लोग साइकिल यात्रा पर निकलने का तो कुछ लोग और प्रकार के सम्मेलन करने का जो तरीका अपना रहे हैं, उस समय वह कहां थे जब कोरोना से पूरे वर्ष हमारा प्रदेश प्रताड़ित हो रहा था, तब घरों में बैठकर एयर कंडीशन कमरों में बैठकर केवल ट्वीट करते थे.

उत्तर प्रदेश: उन्नाव में अनट्रेंड एंबुलेंस ड्राइवर बने मरीजों के लिए बड़ा खतरा, सामने आई ये तस्वीरें

उत्तर प्रदेश में 108, 102 और एएलएस एंबुलेंस सेवा के कर्मियों ने हड़ताल जारी है. इसके चलते आकस्मिक सेवा के मरीजों को अस्पताल लाने में बड़ी समस्याएं हो रही हैं.

दो दिन से जिस तरह की तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं, वो खुद ही बता रही हैं कि, ये एम्बुलेंस मरीजों के लिए जीवनदायिनी नहीं बल्कि जीवन लेने वाली बनती जा रही हैं.

हड़ताल न समाप्त करता देख उन्नाव जिला प्रशासन ने हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों से एंबुलेंस की चाबी लेकर नए ड्राइवरों को एंबुलेंस चलाने का काम दे दिया. नए ड्राइवर एंबुलेंस चलाने और मरीजों को सुविधावपूर्वक लाने ले जाने के लिए पूरी तरीके से अनट्रेंड हैं.

इन एम्बुलेंस में सिर्फ चालक ही है, दूसरा कोई ट्रेंड मेडिकल स्टाफ भी इन गाड़ियों में तैनात नहीं हुआ है. जिस कारण मरीजों को लाने और ले जाने में उनके साथ होने वाले व्यवहार की कुछ तस्वीरें पिछले दो दिनों से लगातार देखने को मिल रही हैं.

 

 

 

 

मिजोरम-असम मुद्दे पर हुई झड़प को लेकर CM हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ दर्ज़ हुई FIR पर विचार करेगी सरकार

मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो ने रविवार को कहा कि मिजोरम सरकार अंतरराज्यीय सीमा पर हालिया झड़पों को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर फिर से विचार करेगी.

30 जुलाई को हिमंत बिस्वा सरमा समेत असम पुलिस के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 26 जुलाई को असम-मिजोरम सीमा पर हुई झड़पों पर हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.

मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन नेहलिया ने उन पर हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश समेत विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है.  साथ ही उन्होंने पूछा कि एक न्यूट्रल जांच एजेंसी को इसकी जांच क्यों नहीं दी गई.

26 जुलाई को मिजोरम पुलिस के साथ हुए भीषण संघर्ष में असम पुलिस के छह जवान और एक नागरिक की मौत हो गई थी. इसके अलावा एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

डिजिटल लेनदेन के लिए ‘ई-रुपी’ की शुरुआत करेंगे पीएम मोदी, जानिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल भुगतान के लिए ‘ई-रुपी’ की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकार दी है.

पीएम मोदी की तरफ से डिजिटल पहल को बढ़ावा देने को रेखांकित करते हुए पीएमओ ने कहा कि पिछले सालों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं.

पीएमओ ने कहा कि ‘इलेक्ट्रॉनिक वाउचर’ की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी.ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है.

यूजर इसे अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त कर सकता है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.

Monsoon Session: संसद के दोनों सदनों में लगातार हो रहे हंगामे के कारण 133 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

हाल ही में संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले पेगासस नाम से एक रिपोर्ट आई, जिसमें दावा किया गया कि देश के कई जानीमानी हस्तियों के फोन की जासूसी की गई. इसको लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा हो रहा है. इसकी वजह से अब तक 133 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.

विपक्ष के हंगामे की वजह से लोकसभा में मौजूदा सत्र के दौरान सिर्फ 7 घंटे का कामकाज हुआ है, जबकि यहां 19 जुलाई से लेकर अब तक करीब 54 घंटे तक का काम हो सकता था. उधर ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में भी अब तक महज 11 घंटे का काम हुआ है.

जब संसद में किसी मुद्दे को लेकर गतिरोध पैदा होता है, तो लोकसभा संभावित 54 में से केवल 7 घंटे काम करती है, जबकि राज्यसभा संभावित 53 में से 11 घंटे काम करती है. मौजूदा मानसून सत्र में अब तक संसद को 107 घंटे काम करना था.इसका मतलब है कि टैक्स चुकाने वालों का कुल नुकसान 133 करोड़ रुपये से अधिक है.

यहां भी करीब 53 घंटे की कार्यवाही हो सकती थी. यानी हिसाब लगाया जाए तो दोनों सदनों में कुल मिलाकर अब तक कुल 89 घंटे की बर्बादी हुई है. जासूसी कांड को लेकर संसद में मोदी सरकार विपक्ष के बीच जारी तकरार के बीच सदन की कार्यवाही बाधित होने की वजह से अब तक करदाताओं के 133 करोड़ रुपए बर्बाद हो चुके हैं.