Saturday , November 23 2024

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पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी, देवघर एयरपोर्ट पर रुके रहे, दिल्ली वापसी में देरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण उन्हें देवघर हवाई अड्डे पर कुछ देर के लिए रुकना पड़ा। इस वजह से पीएम मोदी के दिल्ली वापसी में कुछ देरी भी हुई है। बता दें कि चुनावी राज्य झारखंड के दौरे पर रहे पीएम मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस पर जनसभा को संबोधित किया। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी के वापसी के दौरान उनके हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आई थी।

देवघर में घोषित किया गया ‘नो फ्लाइंग जोन’
जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी को बिहार के जमुई में एक रैली को संबोधित करने के बाद भारतीय वायु सेना के विमान से नई दिल्ली लौटना था, जो देवघर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के हवाई क्षेत्र में ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वजह से विपक्ष के नेता राहुल गांधी गोड्डा में फंस गए, जहां उन्होंने एक चुनावी रैली को संबोधित किया, क्योंकि इसके बाद उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। हालांकि, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने राहुल गांधी को गलत तरीके से निशाना बनाया।

बिहार के जमुई में बिरसा मुंडा को किया नमन
इससे पहले पीएम मोदी ने बिहार के जमुई जिले में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर आदिवासी क्रांति के नायक बिरसा मुंडा को नमन किया था। बता दें कि ये कार्यक्रम उनकी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। जनजातीय गौरव दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने नृत्य कलाकारों के साथ बातचीत की और पारंपरिक ढोल पर हाथ भी आजमाया।

कई विकास परियोजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास
इस अवसर पर उन्हें आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की मूर्ति भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल 6,640 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। उन्होंने इस अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।

अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, ‘राष्ट्र बोध’ के लिए इस महिला का योगदान अतुलनीय

अनेक कारणों से लंबे समय में समाज में यह मान्यता स्थापित हो गई है कि भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका कमजोर थी। वे अशिक्षित थीं और घर-परिवार हो या शासन-प्रशासन, उनका स्थान महत्त्वपूर्ण नहीं था और उन्हें कोई अधिकार हासिल नहीं था। लेकिन भारत के इतिहास में ऐसी अनेक महिलाएं हुई हैं जो इस प्रचलित अवधारणा का खंडन करती हैं। जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर समाज में न केवल सम्मान हासिल किया, बल्कि देश और समाज के उत्थान में इतनी महान भूमिका अदा की, जिसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता डॉ. कृष्ण गोपाल ने ये बातें अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्मशती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।

डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के लंबे असर के कारण लोगों के अंदर स्व का भाव कमजोर हो गया। आक्रांताओं के कारण समाज की कोई महिला सुरक्षित नहीं रही। इससे लोगों का स्वाभिमान कमजोर हो गया। माता अहिल्याबाई होल्कर ने इस बात को समझा और यह भी समझा कि राष्ट्र को मजबूत करने के लिए लोगों में स्वाभिमान की भावना भरना आवश्यक है। यही कारण है कि उन्होंने अपने निजी कोश से उस कालखंड में 200 मंदिरों का निर्माण करवाया। इंदौर राजघराने की माता अहिल्याबाई होल्कर के इस योगदान का यह परिणाम हुआ कि लोगों में आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई।

इसी तरह विदेशी आक्रांताओं से पीड़ित समाज के बीच शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। बड़ी चतुराई से उन्होंने एक छोटा साम्राज्य स्थापित किया। 1674 में हिंदू पादशाही की स्थापना हुई। 1680 में शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई। लेकिन इस छोटे से काल खंड में ही उन्होंने जनमानस में गजब की प्रेरणा भर दी। उनकी मृत्यु के 26 साल बाद तक औरंगजेब उस छोटे से साम्राज्य लड़ता रहा और अंत में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ही उसकी मृत्यु हो गई। शिवाजी की इस पूरी शक्ति के पीछे उनकी माता जीजाबाई की प्रेरणा ही काम कर रही थी। माता जीजाबाई के इस अद्भुत योगदान को इतिहास कभी भूल नहीं सकता।

धोखाधड़ी मामले में रेमो डिसूजा की याचिका पर यूपी सरकार-कारोबारी को नोटिस, कोर्ट ने मांगा जवाब

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बॉलीवुड निर्देशक रेमो डिसूजा से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद के कारोबारी सत्येंद्र त्यागी को नोटिस जारी किया। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने राज्य सरकार और कारोबारी से जवाब मांगा है। पीठ ने आदेश दिया कि नोटिस ‘दस्ती’ तरीके से दिए जाएं।

साल 2016 में दर्ज हुआ था मामला
यह मामला साल 2016 का है, जब त्यागी ने डिसूजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि डिसूजा ने इस वादे के साथ त्यागी को अपनी आगामी फिल्म ‘अमर मस्ट डाई’ में पांच करोड़ रुपये निवेश करने के लिए राजी किया कि फिल्म रिलीज होने के बाद निवेश की गई राशि दोगुनी हो जाएगी। लेकिन इस वादे को पूरा नहीं किया गया।

प्राथमिकी में क्या आरोप लगाए गए थे
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 386 (जबरन वसूली) के तहत दर्ज की गई थी। इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि त्यागी ने अपने पैसे मांगे तो डिसूजा ने उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रसाद पुजारी से डराने-धमकाने की धमकी दी।

डिसूजा को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
इसके बाद गाजियाबाद के अतिरिक्त मुख्य मजिस्ट्रेट ने अक्तूबर 2020 में इस मामले का संज्ञान लिया। फिर डिसूजा ने उनके आदेश को चुनौती देने और कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया। हालांकि, 23 अगस्त 2023 को उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। जस्टिस राजीव मिश्रा की पीठ ने कहा कि डिसूजा ने मामले में दायर आरोपपत्र को चुनौती नहीं दी है, जिससे अदालत से उन्हें राहत मिलना मुश्किल है।

सुप्रीम कोर्ट ने डिसूचा की याचिका पर क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने आज डिसूज की याचिका पर सुनवाई की और नोटिस जारी किए। कोर्ट ने कहा, ‘नोटिस जारी किए जाएं, जो 22 नवंबर को वापस आने हैं। केवल दस्ती सेवा (हाथ से नोटिस देना) की अनुमति है।’ रेमो डिसूजा फिल्मी दुनिया के जाने माने चेहरे हैं, उन्हें कोरियोग्राफर, फिल्म निर्देशक और निर्माता के रूप में जाना जाता है। 25 वर्षों के करियर में डिसूजा ने सौ से अधिक फिल्मों की कोरियोग्राफी की है और बॉलीवुड के सबसे सफल कोरियोग्राफरों में एक के रूप में प्रसिद्धी हासिल की है।

बिहार को आज 6640 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे पीएम मोदी; जानें कितना खास है यह जमुई दौरा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर बिहार के जमुई का दौरा करेंगे। जनजातीय गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर का प्रतीक है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने बृहस्पतिवार को जमुई में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मानित करने के लिए दो जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय और दो जनजातीय अनुसंधान संस्थानों का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा जनजातीय समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पीएम-जनमन के तहत निर्मित 11,000 घरों के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।

10 एकलव्य मॉडल विद्यालयों की रखेंगे आधारशिला
प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 300 वन धन विकास केंद्र शामिल हैं। ये आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगे। साथ ही 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट और अतिरिक्त 30 यूनिट के जरिये दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की पहल की जाएगी। प्रधानमंत्री का यह दौरा जनजातीय क्षेत्रों में समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर आधारित है।

सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम
पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। बल्लोपुर मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने अपनी निगरानी में लिया है। जिला प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर विधि-व्यवस्था और सुरक्षा की लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल पर तीन हेलीपैड, जर्मन हैंगर टेंट और करीब 25,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है।

डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय; 1990 की तुलना में चार गुना ज्यादा

नई दिल्ली: डायबिटीज ने 2022 में दुनियाभर में 82.8 करोड़ लोगों को अपना शिकार बनाया। इसमें एक चौथाई भारतीय हैं। विश्व मधुमेह दिवस पर जारी लैंसेट की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2022 में भारत में करीब 21.2 करोड़ लोग इससे पीड़ित थे। एनसीडी-आरआईएससी के मुताबिक, साल 1990 के आंकड़ों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों की संख्या चार गुना अधिक बढ़ी है। इसमें कम उम्र के लोगों के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़त हुई है।

युवाओं की बढ़ती संख्या
दुनियाभर में 30 और उससे अधिक उम्र के 44.5 करोड़ युवा ऐसे हैं, जो डायबिटीज से ग्रसित होने के बाद उचित उपचार नहीं करवा पा रहे हैं। अध्ययन के अनुसार 2022 में दुनियाभर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लगभग 82.8 करोड़ लोग टाइप1 और टाइप2 डायबिटीज से पीड़ित थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले अनुमान लगाया था कि लगभग 42.2 करोड़ लोगों को पुरानी बीनारी के कारण इलाज न मिलने के कारण इसके आंकड़े बढ़े हैं।

अध्यान में हुआ खुलासा
अध्ययन में कहा गया है कि 1990 के बाद से डायबिटीज की वैश्विक दर लगभग 7 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गई है। इसमें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में डायबिटीज के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।

भारत के डाटा पर उठे सवाल…
लैंसेट की रिपोर्ट में भारत में 21 करोड़ से अधिक मधुमेह रोगी होने के दावे पर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। दरअसल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया अध्ययन के अनुसार भारत में 2023 में 10.1 करोड़ मधुमेह रोगी ही हैं। आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार प्री डायबिटीक लोगों की संख्या 13 करोड़ से अधिक है।

बिहार में सबसे कम तो मेघालय में पड़े सर्वाधिक वोट, 31 विधानसभा सीटों पर 50 से 90 फीसदी मतदान

नई दिल्ली: 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 50 से 90 प्रतिशत तक मतदान हुआ। बिहार में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया। मेघालय में पश्चिमी गारो हिल्स जिले की एकमात्र गैंबेग्रे सीट पर सबसे अधिक 90.84 प्रतिशत मतदान हुआ। कर्नाटक की चन्नापटना सीट पर करीब 89 फीसदी मत पड़े।

राजस्थान की सात, पश्चिम बंगाल की छह, असम की पांच, बिहार की चार, कर्नाटक की तीन, मध्य प्रदेश की दो, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल और मेघालय की एक-एक सीट पर मतदान हुआ। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। बिहार की तरारी में सबसे कम 50.20 फीसदी वोट पड़े।

उप चुनावों में मध्य प्रदेश की दो सीटों विजयपुर में 77.42 फीसदी बुधनी में 75.05 फीसदी मतदान हुआ। राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिनमें रामगढ़ में 75.27 फीसदी मतदान हुआ। चौरासी में 68.55 फीसदी की खिनवांसार में 71.04 फीसदी मत पड़े। सलूंबर में 67.01 फीसदी देवली उनियारा में 60.61 फीसदी, झुंझुनू में 65.80 फीसदी, और दोसा में 55.63 मतदान हुआ। कर्नाटक उपचुनाव में तीन विधानसभा क्षेत्र में करीब 77 फीसदी मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल की 6 विधानसभा सीटों पर करीब 59.29 फीसदी मतदान हुआ। असम की पांच विधानसभा सीटों पर 64 फीसदी कुल मतदान दर्ज किया गया।

चुनाव ड्यूटी से गायब आईपीएस अफसर किशन सहाय निलंबित
निर्वाचन आयोग ने राजस्थान कैडर के आईपीएसअधिकारी किशन सहाय को झारखंड में चुनाव ड्यूटी से गायब रहने पर निलंबित कर दिया। किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार के पद पर राजस्थान पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं।

सिक्किम में दो सीटों पर निर्विरोध जीते उम्मीदवार
सिक्किम की दो विधानसभा सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए। सोरेंग चाकुंग चौक सीट से आदित्य गोली और सिंघीथांग से सतीश चंद्र राय निर्विरोध विजय घोषित हो गए।

AIMIM को मिल रहा मुसलमानों का भारी समर्थन, लोगों का मानना- पार्टी उनकी समस्याओं पर देती है ध्यान

औरंगाबाद: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है। इस बीच एक सीट अपनी ओर खासा ध्यान खींच रही है। वो है- राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक औरंगाबाद। राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो शुरू में यह कांग्रेस का गढ़ रहा, लेकिन 1999 आते-आते शिवसेना ने यहां अपना पैर जमा लिया और उसके बाद 2019 के चुनाव में यहां सियासी समीकरण बदले। जनता ने अपना रुख बदला और सीट एआईएमआईएम के हवाले चली गई। चुनावी माहौल के बीच जानकारी सामने आई है कि यहां एआईएमआईएम को मुसलमानों का भारी समर्थन मिल रहा है।

महाराष्ट्र में विपक्ष तो औरंगाबाद में एआईएमआईएम को समर्थन
औरंगाबाद में 50 वर्षीय ऑटो ड्राइवर जमीर शेख अपनी पसंद को लेकर काफी स्पष्ट हैं। वह महाराष्ट्र में विपक्षी एमवीए यानी महाविकास अघाड़ी को सत्ता में देखना चाहते हैं और अपने औरंगाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम को समर्थन देना चाहते हैं।

यहां बड़ी संख्या में रहते हैं मुस्लिम समुदाय के लोग
निजाम शासित इस क्षेत्र की राजधानी रहे इस क्षेत्र में मुस्लिम बड़ी सख्या में रहते हैं। ऐसे में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को इनका काफी समर्थन मिल रहा है। इसका कारण यह है कि ओवैसी की एआईएमआईएम पूरे राज्य में इस समुदाय की आवाज बनकर उभरने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा कर रहा है।

288 सदस्यीय विधानसभा की 16 सीटों में से दो सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है, जो अब आधिकारिक तौर पर छत्रपति संभाजी नगर के नाम से जानी जाती हैं। लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे पूर्व सांसद इम्तियाज जलील औरंगाबाद पूर्व से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि औरंगाबाद सेंट्रल से इसके उम्मीदवार नासिर सिद्दीकी हैं।

हमने हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ा तो क्या…: साजिद
पार्टी के जिला अध्यक्ष और बिल्डर समीर साजिद ने मुस्लिम वोटों में विभाजन के बारे में पूछे गए सवालों को खारिज कर दिया, जिससे सत्तारूढ़ ‘महायुति’ को मदद मिली है, जबकि लोकसभा चुनाव में उनके एकजुट होने से महा विकास अघाड़ी को बड़ी जीत हासिल करने में मदद मिली थी। उन्होंने कहा, ‘हमने हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ा। क्या कांग्रेस जीत गई।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एआईएमआईएम 2019 में 52 सीटों के मुकाबले इस बार केवल 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

CJI खन्ना ने मामलों के आवंटन के लिए नया रोस्टर किया जारी, पहली 3 अदालतों में PIL पर होगी सुनवाई

नई दिल्ली भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने 16 पीठों के लिए नए मामलों के आवंटन के लिए एक ताजा रोस्टर जारी किया है। इसमें यह तय किया गया है कि सीजेआई और दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों द्वारा अध्यक्षता वाली पहली तीन अदालतें पत्र याचिकाओं और पीआईएल की सुनवाई करेंगी। यह रोस्टर 11 नवंबर से प्रभावी हो गया है।

ताजा याचिकाओं पर दो वरिष्ठ न्यायाधीश करेंगे सुनवाई
दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच नागरिकों द्वारा शीर्ष अदालत में लिखे गए पत्रों से आई ताजा याचिकाओं और नए सार्वजनिक हित याचिकाओं (पीआईएल) की सुनवाई करेगी।

इन मामलों पर भी न्यायाधीश वाली पीठ करेगी विचार
पत्र याचिकाओं और जनहित याचिकाओं के अलावा, प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ अधिकतम मुद्दों पर विषयवार विचार करेगी, जिनमें सामाजिक न्याय से संबंधित मामले, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित विवाद और सांसदों और विधायकों के चुनाव से संबंधित अन्य मामले, बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले और मध्यस्थता के मामले शामिल हैं।

पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने बदली थी प्रथा
पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित सभी पीठों को जनहित याचिकाएं आवंटित करते थे। मगर, पूर्व प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस प्रथा को बंद कर दिया था। विषयवार मामलों का आवंटन 16 वरिष्ठ न्यायाधीशों को किया गया है जो पीठों की अध्यक्षता करेंगे।

दिल्ली में प्रदूषण पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई 18 नवंबर को, याचिकाकर्ता ने कहा- लोग गंभीर स्थिति में

नई दिल्ली:  दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 18 नवंबर को सुनवाई होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र अपराजिता सिंह की ओर से दायर याचिका पर गौर करते हुए न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने पीठ से कहा कि कल से लोग गंभीर स्थिति में हैं। इससे बचने के लिए अदालत ने सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को इस बारे में सूचित कर दिया है और उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

दिल्ली समेत एनसीआर में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जिस तरह से उत्तर भारत में पराली जलाने के मामले दिख रहे हैं, उसके हिसाब से फिलवक्त इसमें बड़े पैमाने पर कमी आने का अंदेशा नहीं है। राजधानी के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे अक्षरधाम मंदिर और आस-पास के इलाकों में धुंध की मोटी परत छा गई है।

श्रीरंगपटना जामा मस्जिद में चल रहे मदरसा पर विवाद, केंद्र की उच्च न्यायालय से अपील- इसे खाली कराएं

बंगलूरू: कर्नाटक की प्रसिद्ध श्रीरंगपटना जामा मस्जिद फिर से विवादों में फंस गई है। दरअसल एक जनहित याचिका में ऐतिहासिक श्रीरंगपटना जामा मस्जिद को संरक्षित स्थल बताते हुए उसमें संचालित हो रहे मदरसा को बंद कराने और मस्जिद परिसर को खाली कराने की मांग की है। इस याचिका पर केंद्र सरकार ने भी कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपील की है कि वे कर्नाटक सरकार को मदरसा खाली कराने का निर्देश दें। वहीं जनहित याचिका का विरोध करते हुए वक्फ बोर्ड ने मस्जिद को अपनी संपत्ति बताया है और वहां मदरसा गतिविधियों के संचालन के अपने अधिकार का बचाव किया है।

केंद्र सरकार ने दी ये दलील
दरअसल अभिषेक गौड़ा नाम के एक व्यक्ति ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में अभिषेक गौड़ा ने श्रीरंगपटना जामा मस्जिद में अवैध रूप से मदरसा संचालित होने का आरोप लगाया और अदालत से इसे बंद कराने की मांग की। यह याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिजर जनरल के अरविंद कामथ अदालत में पेश हुए। अरविंद कामथ ने तर्क दिया कि जामा मस्जिद को साल 1951 में संरक्षित स्मारक के रूप में नामित किया गया था। ऐसे में वहां मदरसा संचालन अवैध है। कामथ ने उच्च न्यायालय से अपील की कि वे कर्नाटक सरकार और मांड्या जिला प्रशासन को मदरसा खाली कराने का निर्देश दें।

वक्फ बोर्ड ने कहा कि संपत्ति हमारी
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड के वकील भी पेश रहे। उन्होंने अपने बचाव में केंद्र सरकार के अनुरोध का विरोध किया। कर्नाटक सरकार और वक्फ बोर्ड के वकीलों का कहना है कि साल 1963 में वक्फ बोर्ड को इस संपत्ति के मालिक के रूप में मान्यता दी गई थी। ऐसे में वहां मदरसा का संचालन पूरी तरह से वैध है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 20 नवंबर तक टाल दी।

पहले भी हो चुका है विवाद
श्रीरंगपटना जामा मस्जिद को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया गया था कि श्रीरंगपटना में स्थित जामा मस्जिद का वर्तमान ढांचा टीपू सुल्तान ने मूडाला बगीलू अंजनेया स्वामी मदिर की जगह पर किया था। यह याचिका बजरंग सेना नामक संगठन ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उक्त मंदिर को टीपू सुल्तान ने आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था और फिर यहां जामा मस्जिद का निर्माण कराया था।