Thursday , November 21 2024

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भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने तस्वीर खिंचवाते समय व्यक्ति को मारी लात, वीडियो हो रहा वायरल

मुंबई:  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भाजपा नेता तस्वीर खिंचवाने के दौरान फ्रेम में आने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को लात मारते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को लेकर विवाद हो गया। हालांकि, बाद में उस व्यक्ति ने दावा किया कि वह दानवे का दोस्त है और वह केवल उनकी शर्ट ठीक करने की कोशिश कर रहा था।

महाराष्ट्र के जालना में घटी घटना
भाजपा के वरिष्ठ नेता 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूरे महाराष्ट्र में प्रचार कर रहे हैं। जालना जिले के भोकरदान में सोमवार को हुई कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दानवे ने शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर से मुलाकात की। इस दौरान दानवे उनके साथ तस्वीर खिंचवा रहे थे कि तभी एक व्यक्ति ने फोटो फ्रेम में आने की कोशिश की।

वीडियो में एक व्यक्ति फ्रेम में आता हुआ दिखाई दे रहा है और दानवे उसे अपने दाहिने पैर से लात मारते हुए और दूर जाने के लिए इशारा करते हुए देखे जा सकते हैं। हालांकि जिस व्यक्ति को लात मारी गई, उसने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि वह भाजपा के वरिष्ठ नेता दानवे का दोस्त है। उसने कहा, ‘मैं रावसाहेब दानवे का करीबी दोस्त हूं और हमारी दोस्ती 30 साल पुरानी है। जो खबर वायरल हुई है वह गलत है। मैं तो बस दानवे की शर्ट ठीक करने की कोशिश कर रहा था।’

उद्धव ठाकरे बोले- फुटबॉल खेलना चाहिए था
शिवसेना-उद्धव बाला साहेब ठाकरे (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘रावसाहेब को फुटबॉल खेलना चाहिए था। पिछले दो वर्ष में भाजपा कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं मिला, इसलिए अगर वे फिर से भाजपा को वोट देना चाहते हैं, तो उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।’

AIMIM नेता जलील का भाजपा पर हमला, कहा- चुनाव में वोट जिहाद जैसा कुछ नहीं, यह सिर्फ कोरी बयानबाजी

मुंबई:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट से एआईएमआईएम के प्रत्याशी विधायक इम्तियाज जलील ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव में वोट जिहाद जैसा कुछ भी नहीं है। यह सिर्फ भाजपा की कोरी बयानबाजी है। उन्होंने कहा कि भाजपा एआईएमआईएम जैसी छोटी पार्टी से डरी हुई है।

पूर्व सांसद ने औरंगाबाद के लोगों से कहा कि उनको यह तय करना होगा कि वोटों से भाजपा, शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फायदा न पहुंचे। सत्तारूढ़ पक्ष की ओर से खेले गए हिंदू-मुस्लिम कार्ड से छत्रपति संभाजीनगर में कोई अशांति पैदा नहीं होगी।

एआईएमआईएम के नेता जलील ने कहा कि कोई वोट जिहाद नहीं है। भाजपा को यह पसंद है, इसलिए जब भी कोई चुनाव होते हैं, तो वह इन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। अपनी दुकान चलाने के लिए वह तीन तलाक, पाकिस्तान, मंदिर, मस्जिद, हिजाब जैसे मुद्दे उठाते हैं। अब जब उनके पास यहां अपने काम दिखाने के लिए कुछ नहीं है तो वे ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।

जलील ने यह भी कहा कि भाजपा कहती है कि बटोगे तो कटोगे। मुझे अब समझ आ रहा है कि देवेंद्र फडणवीस हमारी जैसी छोटी पार्टी से इतना डरते क्यों हैं। उनका पूरा भाषण हमारे खिलाफ होता है।

भाजपा नहीं बताती कि राज्य के लिए क्या किया?
जलील ने कहा कि भाजपा कभी नहीं बताती है कि उन्होंने राज्य के लिए क्या किया या वे क्या कर रहे हैं? वे हमारे नेता ओवैसी को सपने में देखते हैं। इससे साफ है कि चुनाव लड़ रहीं सभी पार्टियां कमजोर हैं और उनकी लड़ाई हमारे खिलाफ है। भाजपा ने 28 मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया है और यहां तक कि वह उनके प्रचार वाहन का खर्च भी वहन कर रही है। भाजपा नेताओं को लगता है मतदाता बंटे हुए हैं, लेकिन यह उसका भ्रम है। जब लोग वोट देने जाएंगे तो एआईएमआईएम को पसंद करेंगे।

हम नहीं चाहते भाजपा जीते
2019 के मुकाबले कम सीटों पर एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने पर जलील ने कहा कि काफी सोचने के बाद यह फैसला किया गया, क्योंकि वे नहीं चाहते कि भाजपा जीते। हमने उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है जहां हमारे पास मजबूत उम्मीदवार हैं। जलील ने मराठा समुदाय का समर्थन मिलने का भरोसा जताया।

जमीर अहमद ने कुमारस्वामी से मांगी माफी, डीके शिवकुमार बोले- दोनों दोस्त हैं, BJP पैदा कर रही विवाद

11 नवंबर को अपने पूर्व सहयोगी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर विवादित टिप्पणी करने वाले कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री बी. जेड जमीर अहमद खान ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और बताया कि उन्होंने क्यों केंद्रीय मंत्री पर ऐसी टिप्पणी की थी। अपने सफाई में कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि, वो उन्हें प्यार से कालिया कहते हैं, पहले जब दोनों नेता जेडीएस थे, क्योंकि वो भी उनको प्यार से कुल्ला (बौना) कहते थे। जमीर अहमद खान ने कहा, ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने एच डी कुमारस्वामी को कालिया कहा हो।

एचडी कुमारस्वामी के करीबी थे जमीर अहमद खान
कांग्रेस नेता ने अपने सफाई में बार-बार यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि उन्होंने पहले भी कुमारस्वामी को इस तरह से संबोधित किया था, जब उनके बीच अच्छी बॉन्डिंग थी, और यह पहली बार नहीं है। मंत्री जमीर अहमद खान पहले जेडी(एस) में थे, और उन्हें एचडी कुमारस्वामी का करीबी सहयोगी माना जाता था, जो उस समय मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके थे।

किसी को तकलीफ हुई तो मैं माफी मांगता हूं- जमीर अहमद
जमीर अहमद खान ने कहा, अगर मैंने उन्हें पहली बार इस तरह के शब्द का इस्तेमाल करके बुलाया होता, तो मैं माफी मांगता, प्यार से वे मुझे ‘कुल्ला’ (बौना) कहते थे, मैं उन्हें करियाना (काला भाई) कहता था। अगर फिर भी उन्हें या किसी को इससे तकलीफ हुई है, तो मैं माफी मांगता हूं।

विधानसभा उपचुनाव पर नहीं पड़ेगा असर?
मैसूर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा- मैं उन्हें शुरू से ही प्यार से ऐसे बुलाता था, आज से नहीं। वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बयानों का चन्नपटना में विधानसभा उपचुनावों पर असर पड़ेगा, इस पर मंत्री ने कहा: ‘इसका असर क्यों पड़ेगा? मैंने पहली बार इस तरह से नहीं बुलाया है। जब कुमारस्वामी और मैं करीब थे, तो हम दोनों एक-दूसरे पर प्यार से कई टिप्पणियां करते थे। अगर जेडी(एस) कार्यकर्ताओं को इससे तकलीफ हुई है, तो मैं माफी मांगता हूं। बता दें कि इस मामले में जेडी(एस) और भाजपा ने मांग की थी कि कांग्रेस सरकार खान को उनके ‘नस्लवादी अपशब्द’ के लिए मंत्रिमंडल से बर्खास्त करे।

डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का भाजपा पर बड़ा आरोप
वहीं इस मामले में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि दोनों नेता काफी अच्छे दोस्त हैं, क्या कुमारस्वामी ने इस पर कोई बयान दिया है? इस मामले में भाजपा के लोग सिर्फ विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं…जमीर अहमद खान कुमारस्वामी के लिए अहम व्यक्ति थे।

11 संदिग्ध कुकी विद्रोहियों को मार गिराए जाने के बाद हालात तनावपूर्ण, जिरीबाम में निषेधाज्ञा लागू

इंफाल:  मणिपुर में पिछले साल भड़की हिंसा के बाद तनाव लगातार बरकरार है। राज्य के जिरीबाम में आज सुबह स्थिति शांत, लेकिन काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। संवेदनशील स्थानों पर पुलिसकर्मी गश्त लगा रहे हैं। दरअसल, कल सुरक्षा बलों ने कम से कम 11 संदिग्ध कुकी विद्रोहियों को मार गिराया था।

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने इलाके में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है जबकि लापता लोगों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र के कुकी-जो बहुल इलाकों में मंगलवार सुबह पांच बजे से बंद का आह्वान किया गया है।

उन्होंने बताया कि असम की सीमा से लगे इस जिले में स्थित सीआरपीएफ की चौकी पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस वर्दी पहने संदिग्धों ने हमला किया। हमला के जवाब में फायरिंग में कम से कम 11 कुकी संदिग्ध मारे गए जबकि दूसरी तरफ सीआरपीएफ के भी दो जवान घायल हुए हैं। घायल जवान में एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद इंफाल घाटी में कई स्थानों से ताजा हिंसा की सूचना मिली है, जहां दोनों पक्षों के सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी हुई।

पहाड़ी क्षेत्रों में बंद का आह्वान
कुकी-जो काउंसिल ने सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त करने के लिए मंगलवार को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बंद का आह्वान किया।

मुठभेड़ 40-45 मिनट तक चली
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में भारी गोलीबारी शुरू हो गई और 11 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ 40-45 मिनट तक चली, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया। उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए अभियान जारी है और असम राइफल्स, सीआरपीएफ तथा पुलिस की अतिरिक्त बलों की टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है। सोमवार शाम को इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों के विभिन्न गांवों से हिंसक झड़पों की सूचना मिली।

रिलीफ कैंप और पुलिस चौकी को निशाना बनाने की कोशिश
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ व पुलिस की संयुक्त टीम के साथ कुकी विद्रोहियों का मुठभेड़ तब शुरू हुआ जब विद्रोहियों ने जिरीबाम में एक पुलिस स्टेशन पर दो तरफ से हमला बोल दिया। पुलिस स्टेशन के बगल में बने रिलीफ कैंप को भी विद्रोहियों ने निशाना बनाने की कोशिश की। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी हमला शुरू कर दिया।

वडोदरा में आईओसीएल रिफाइनरी में विस्फोट के बाद लगी आग में दो लोगों की मौत, घायल का इलाज जारी

गुजरात के वडोदरा में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) रिफाइनरी के भंडारण टैंक में सोमवार को विस्फोट होने के बाद आग लग गई। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। आईओसीएल ने ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोपहर के करीब साढ़े तीन बजे भंडारण टैंक में आग लगने की सूचना मिली। एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार दोपहर रिफाइनरी के बेंजीन भंडारण टैंक में विस्फोट के साथ आग लग गई जो बाद में आसपास के दो अन्य टैंकों तक फैल गई।

दो लोगों की मौत
जवाहर नगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ए बी मोरी ने बताया कि मंगलवार को आग पर काबू पा लिया गया। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान धीमंत मकवाना और शैलेश मकवाना के तौर पर की गई है। आईओएसएल के एक अधिकारी इस हादसे में घायल भी हुए हैं। उनका प्राइवेट अस्पताल में इलाज जारी है। हालांकि, उनकी स्थिति फिलहाल ठीक है।

आईओएसएल ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, “दोपहर के साढ़े तीन बजे बेंजीन भंडारण टैंक में आग लगी। आग पर काबू पाने के लिए वॉटर स्प्रिंकलर सिस्टम को सक्रिय किया गया। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।” सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) डीजे चावड़ा ने इस घटना पर सोमवार की शाम को मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि आग आसपास के भंडारण टेंकों तक फैल गई।

पुलिस-जिला प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद
इस घटना को लेकर सामने आये वीडियो में रिफाइनरी से घना धुंआ उठता नजर आ रहा है जिसे कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है। रिफाइनरी से कई कर्मियों को बाहर निकाला गया। वीडियो में उन्हें आईओसीएल परिसर से बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। इस घटना के बाद पुलिस, जिला प्रशासन के अधिकारी और आईओसीएल के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे।

आजम खां के परिजनों से की मुलाकात, कहा- सरकार आने पर झूठे केस किए जाएंगे खत्म

रामपुर:समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर पहुंचकर आजम खां के परिवार से मुलाकात की। उनके साथ रामपुर के सांसद मोहिब्बुल्लाह भी मौजूद रहे। अखिलेश और मोहिब्बुल्लाह ने आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा से करीब आधे घंटे तक बातचीत की।

मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि सपा हमेशा से संविधान बचाने की लड़ाई लड़ती आई है और आगे भी लड़ती रहेगी। अखिलेश ने आजम खां और उनके परिवार के साथ हो रहे अन्याय का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आजम पर जो भी झूठे केस दर्ज किए गए हैं, सपा सरकार आने पर उन मामलों को खत्म किया जाएगा।

उन्होंने न्यायालय से उम्मीद जताई कि आजम खां को जल्द ही इंसाफ मिलेगा। जब आजम खां पर दर्ज कई मामलों में सपा के रवैये पर सवाल किया गया, तो अखिलेश ने स्पष्ट किया कि सपा ने अपनी पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी है।

उन्होंने कहा कि भगवान जानता है, सपा जानती है, कोर्ट जानता है कि हम लोगों ने कितनी मेहनत की है। हम लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में प्रज्ज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज; दिल्ली दंगे मामले में गुलफिशा फातिमा को भी झटका

नई दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके अलावा एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। मामला 2020 में हुए दिल्ली दंगों से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट से 25 नवंबर को उनकी याचिका पर सुनवाई करने को कहा।

पूर्व सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना को झटका
सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्ज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका खारिज की और कहा कि रेवन्ना बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति हैं। रेवन्ना के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है और शुरुआती शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 नहीं थी। पीठ ने कहा कि वह रेवन्ना को जमानत देने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के 21 अक्तूबर के आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण एवं उत्पीड़न के चार मामलों की जांच कर रहे कर्नाटक के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अगस्त में 2,144 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था।

छात्र कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीछे बड़ी साजिश के मामले में छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में चार साल और सात महीने से हिरासत में है। फातिमा सहित कई अन्य लोगों पर आतंकवाद रोधी कानून- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिन पर दंगों के मुख्य षड्यंत्रकारी होने का आरोप है। इन दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।

CJI संजीव खन्ना ने न्यायिक कार्यवाही शुरू की
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के पहले दिन सोमवार को न्यायिक कार्यवाही शुरू की और शुभकामनाएं देने के लिए वकीलों को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति खन्ना को 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर मौजूद थे। दोपहर बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार के साथ अदालत कक्ष संख्या एक में एकत्रित हुए वकीलों से प्रधान न्यायाधीश ने कहा, धन्यवाद।

सार्वजनिक परीक्षा में हासिल किए गए अंक RTI के निजी जानकारी नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणी

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और उम्मीदवारों की तरफ से हासिल किया गया अंक निजी जानकारी नहीं हैं, और उनका खुलासा निजता के किसी भी अनुचित आक्रमण के बराबर नहीं होगा। जस्टिस एमएस सोनक और जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि ऐसी जानकारी को रोकने से संदेह बना रहता है, जो सार्वजनिक प्राधिकरणों और सार्वजनिक भर्ती प्रक्रियाओं के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ नहीं है।

अभ्यर्थी ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका
पीठ ने ओंकार कलमनकर की तरफ से दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें पुणे जिला न्यायालय में जूनियर क्लर्क के पद के लिए 2018 में परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की तरफ से हासिल किए गए अंकों का विवरण मांगा गया था। बता दें कि कलमनकर भी परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। अदालत ने संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ता को लिखित परीक्षा, मराठी और अंग्रेजी टाइपिंग टेस्ट और साक्षात्कार में चयनित उम्मीदवारों की तरफ से हासिल अंकों को छह हफ्ते के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मामला पुणे की जिला अदालत में जूनियर क्लर्क के पद के लिए चयन प्रक्रिया से संबंधित है, जिसके लिए सार्वजनिक विज्ञापन के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

सार्वजनिक प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए- कोर्ट
अदालत ने कहा, इस अर्थ में, यह सार्वजनिक प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। ऐसी चयन प्रक्रिया में उम्मीदवारों की तरफ से हासिल किए गए अंकों को सामान्य रूप से व्यक्तिगत जानकारी नहीं माना जा सकता है, जिसके प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है। पीठ ने नोट किया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों ने केवल ऐसी व्यक्तिगत जानकारी को छूट दी है, जिसके प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है।

EAM जयशंकर बोले- हमारा दृष्टिकोण लेन-देन वाला नहीं, इसका उद्देश्य लंबी साझेदारी बनाना

मुंबई:  सोमवार को भारत के वैश्विक दृष्टिकोण पर विस्तार से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह ‘लेन-देन वाला’ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य अन्य देशों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी विकसित करना है। बता दें कि विदेश मंत्री भारत-रूस व्यापार मंच पर भाषण दे रहे थे, जहां उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए 10 मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।

‘हमारे पास मजबूत अभिसरण का एक लंबा इतिहास’
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जैसे-जैसे दुनिया अधिक बहु-ध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है, समय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए सहयोग के उचित तरीके तैयार करना आवश्यक हो जाता है। जयशंकर ने कहा, हमारे पास मजबूत अभिसरण का एक लंबा इतिहास है और गहरी दोस्ती हमें दोनों कारकों का सबसे अच्छा उपयोग करने की अनुमति देती है। दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं, यह भी एक महत्वपूर्ण विचार है। भारत के बीच साझेदारी, जिसकी आने वाले कई दशकों तक 8 प्रतिशत की विकास दर है, और रूस जो एक प्रमुख प्राकृतिक संसाधन प्रदाता और एक प्रमुख प्रौद्योगिकी नेता है, उन दोनों और दुनिया के लिए अच्छी सेवा होगी।

पुतिन ने भारत को बताया था स्वाभाविक सहयोगी
इससे पहले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वल्दाई डिस्कशन क्लब में भारत को रूस का एक स्वाभाविक सहयोगी कहा था। विदेश मंत्री ने कहा कि 10 प्रमुख विकास हैं जिन पर दोनों देशों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विदेश मंत्री ने 2030 तक भारत और रूस के बीच व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने और इसके साथ ही भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ व्यापार को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने का आह्वान किया। विदेश मंत्री ने रूसी सुदूर पूर्व में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया, जिस पर इस साल मॉस्को में वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान भी चर्चा की गई। उन्होंने रिश्ते के एक और महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला, जो अंततः राष्ट्रीय मुद्रा निपटान के साथ एक बेहतर व्यापार संतुलन बनाना है।

बिहार में उपचुनाव स्थगित कराने की मांग वाली याचिका खारिज, जानें प्रशांत किशोर की पार्टी ने क्या दी थी दलील

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशांत किशोर की पार्टी की तरफ से बिहार विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव को स्थगित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने कहा कि तय हो चुके उपचुनावों में दखल देने के लिए अब काफी देर हो चुकी है।

बिहार में 13 नवंबर को चार सीटों पर वोटिंग होनी है। इनमें रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज की सीटें शामिल हैं।प्रशांत किशोर की पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका डाल कर कहा था कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में धार्मिक आयोजनों का हवाला देकर चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया था। हालांकि, बिहार में छठ पूजा के बावजूद ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया गया।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा से अहम कोई और त्योहार नहीं है। इसके बावजूद चुनाव की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने इसे नीतिगत मामला बताते हुए कहा कि अदालतों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। कोर्ट ने पाया कि यह सभी इंतजाम बिहार उपचुनाव के लिए किए गए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि बाकी राजनीतिक दलों को दिक्कत नहीं है। सिर्फ आपकी पार्टी को समस्या है। आप एक नया राजनीतिक दल हैं। आपको यह टेढ़ी-मेढ़ी समस्या को जानना होगा।