Thursday , November 21 2024

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चुनाव अधिकारियों ने चेक किया उद्धव ठाकरे का बैग, पूर्व CM ने पूछा- अफसर PM मोदी की जांच करेंगे?

मुंबई:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासत तेज हो चली है। शिवसेना नेता और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अब नया मामला उठाया है। पूर्व सीएम ने कहा कि जब वह यवतमाल में प्रचार करने गए तो यहां पर सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से पूछा कि क्या वे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बैग की जांच करेंगे?

यवतमाल के वानी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब वह हेलीकॉप्टर से वानी पहुंचे तो सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से कहा कि वे उनकी जांच करने वाले अधिकारियों की जेब और पहचान पत्र को जांचें। ठाकरे बोले कि मैं चुनाव अधिकारियों से नाराज नहीं हूं। वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मैं भी अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। उन्होंने पूछा कि जिस तरह से आपने मेरे बैग की जांच की, क्या आपने मोदी और शाह के बैग की भी जांच की?

उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बैग की जांच नहीं की जानी चाहिए? ये सब फालतू की चीजें चल रही हैं, मैं इसे लोकतांत्रिक नहीं मानता, यह लोकतंत्र नहीं है। क्योंकि लोकतंत्र में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता। यदि चुनाव अधिकारी सत्तारूढ़ गठबंधन नेताओं के बैग की जांच नहीं करते हैं, तो शिवसेना (उद्धव) और महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ता उनकी जांच करेंगे।

उन्होंने कहा कि पुलिस और चुनाव आयोग को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए क्योंकि मतदाताओं को भी यह अधिकार है कि जब सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता प्रचार के लिए आएं तो उनके बैग की भी जांच की जाए।

महाराष्ट्र में एमवीए बनाम महायुति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) से मिलकर बना विपक्षी एमवीए गठबंधन राज्य में सत्ता हासिल करना चाहता है, जो महायुति गठबंधन को चुनौती देता है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं।

भाजपा ने चुनाव आयोग से की राहुल गांधी की शिकायत, कहा- महाराष्ट्र चुनाव में झूठ बोल रहे कांग्रेस नेता

नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान संविधान को लेकर लगाए गए आरोपों पर भाजपा ने राहुल गांधी की चुनाव आयोग से शिकायत की है। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को बताया है कि राहुल गांधी महाराष्ट्र चुनाव में झूठ बोल रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। छह नवंबर को भी उन्होंने झूठ बोला है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने राज्यों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया। उन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाईं और झूठ बोला कि भाजपा संविधान को नष्ट करने वाली है। यह झूठ है। हमने आयोग से कहा है कि इसे रोका जाना चाहिए। हमने आयोग को यह भी बताया कि राहुल गांधी ऐसा करने के आदी हैं और चेतावनी और नोटिस के बाद भी वे ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मेघवाल ने कहा कि हमने राहुल गांधी के खिलाफ बीएनएस की धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

राहुल गांधी ने यह कहा था
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छह नवंबर को नागपुर में कहा था कि जब राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के लोग संविधान पर हमला करते हैं, तो वे सिर्फ इस किताब पर हमला नहीं कर रहे होते, वे भारत की आवाज पर हमला कर रहे होते हैं। हमारे संस्थान संविधान से बने हैं। अगर संविधान नहीं होगा, तो कोई चुनाव आयोग नहीं होगा। आरएसएस इस पर सीधे हमला नहीं कर सकता। अगर वे इसके खिलाफ आगे आकर लड़ेंगे, तो वे 5 मिनट में हार जाएंगे। ‘विकास’, ‘प्रगति’ और ‘अर्थव्यवस्था’, वे इन शब्दों के पीछे छिपकर हमला करने आते हैं।

महाराष्ट्र में एमवीए बनाम महायुति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) से मिलकर बना विपक्षी एमवीए गठबंधन राज्य में सत्ता हासिल करना चाहता है, जो महायुति गठबंधन को चुनौती देता है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं।

शराब की दुकानों में खरीदारों की उम्र जांच के लिए ठोस नीति की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शराब की दुकानों में खरीदारों की उम्र की जांच की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। दरअसल, याचिका में कहा गया है कि शराब खरीदने के लिए जाने वाले लोगों की उम्र की सीमा तय है और इसलिए इससे जुड़े नियम सख्ती से लागू होने चाहिए। याचिका में शराब की दुकानों में उम्र की जांच के लिए एक ठोस नीति भी बनाई जानी चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि अलग-अलग राज्यों की आबकारी नीति में उम्र को लेकर कानून हैं। इसके तहत एक तय उम्र तक लोगों का शराब लेना अवैध है। लेकिन शराब की दुकानों में इसे लेने जाने वालों की उम्र की जांच के लिए ठोस प्रणाली नहीं है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच के सामने पेश हुई इस याचिका में शराब की घर पर डिलीवरी का भी विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि इससे कम उम्र के लोगों में शराब का उपभोग करने की आदत में बढ़ोतरी होगी। एनजीओ कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंकेन ड्राइविंग के वकील ने दलील दी कि शराब की दुकानों, बार, पब, आदि में लोगों की उम्र की जांच के लिए प्रणाली या व्यवस्था नहीं है। इसलिए एक मजबूत नीति शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाओं को कम करेगी और कम उम्र के लोगों को शराब की पहुंच से दूर रखेगी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि जो लोग नाबालिगों को शराब बेचते हैं, शराब परोसते हैं या मुहैया कराते हैं, उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना या तीन महीने की जेल या दोनों के प्रावधान होने चाहिए। इस याचिका में केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उत्तरदाता बनाने की मांग की गई है।

कबाड़ बेचकर सरकार ने कमाए करोड़ों रुपये, पीएम मोदी बोले- सामूहिक प्रयास दिला सकते हैं स्थायी परिणाम

नई दिल्ली: केंद्र सरकार को तीन साल में कबाड़ बेचने से 2,364 करोड़ की कमाई हुई है। देश के अपनी तरह के सबसे बड़े विशेष अभियान 4.0 की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से स्थायी परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। इससे स्वच्छता और आर्थिक समझदारी को बढ़ावा मिलता है।

पीएम मोदी ने की सराहना
पीएम मोदी ने इस अभियान की सफलता की सराहना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सराहनीय! कुशल प्रबंधन और सक्रिय कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित कर इस प्रयास ने शानदार परिणाम हासिल किए हैं। यह दिखाता है कि सामूहिक प्रयासों से कैसे स्थायी परिणाम हासिल हो सकते हैं, जिससे स्वच्छता और आर्थिक समझदारी दोनों को बढ़ावा मिलता है। बता दें कि पीएम ने यह बात विशेष अभियान 4.0 पर केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की एक पोस्ट को टैग करते हुए कही।

कबाड़ बेचने से करोड़ो के फायदे
सरकार ने इस साल 2 से 31 अक्तूबर के बीच संपन्न स्वच्छता अभियान के दौरान कबाड़ के निपटान से 650.10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। वहीं इस मामले में सरकार को 2021-24 के बीच चलाए गए विशेष अभियानों से कबाड़ के निस्तारण से 2,364 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। कार्मिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विशेष अभियान 4.0 के तहत 5.97 लाख से अधिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाए गए।

कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी जानकारी
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता के प्रति संतृप्ति दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, भारत का अपनी तरह का सबसे बड़ा अभियान विशेष अभियान 4.0, केवल कबाड़ के निपटान से राज्य के खजाने में 2,364 करोड़ रुपये (2021 से) सहित महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त कर रहा है।

‘तुष्टीकरण की राजनीति से देश की सुरक्षा को खतरा’, अमित शाह ने मुस्लिम आरक्षण पर MVA को घेरा

जलगांव:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) पर जमकर निशाना साधा। उलमा एसोसिएशन की विपक्षी गठबंधन से हालिया मांगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की तुष्टीकरण की राजनीति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। साथ ही यह सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा रहा है।

शाह ने रविवार को जलगांव के रावेर और बुलढाणा के मलकापुर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को 10 फीसदी आरक्षण की मांग से दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के लोग प्रभावित होंगे क्योंकि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत ही है। आरक्षण में कोई भी बढ़ोतरी मौजूदा आरक्षण की कीमत पर ही होगी। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं की सत्ता की लालसा ने उन्हें हाशिये पर पड़े समुदायों के प्रति अंधा कर दिया है।

भाजपा सभी समुदायों के कल्याण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, लेकिन मुसलमानों के लिए किसी भी प्रकार के आरक्षण के सख्त खिलाफ है। जब तक भाजपा का एक भी सांसद या विधायक यहां है, हम धर्म आधारित आरक्षण का विरोध करेंगे। यह हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने अपनी तुष्टीकरण की राजनीति के कारण देश की सुरक्षा से समझौता किया है। वे वोटों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश को सुरक्षित करने का काम किया है। 10 साल तक केंद्र में सोनिया-मनमोहन की सरकार थी और पाकिस्तान से आतंकवादी आते थे, बम धमाके करते थे और आराम से चले जाते थे। कोई कुछ नहीं करता था क्योंकि इन्हें वोट बैंक का लालच था। 2014 में आपने पीएम मोदी को केंद्र की सत्ता सौंपी। उरी और पुलवामा में हमला हुआ, 10 दिन के अंदर ही पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर आतंकियों का सफाया किया।

कांग्रेस ओबीसी विरोधी पार्टी
शाह ने कहा कि कांग्रेस शुरुआत से ही ओबीसी विरोधी पार्टी रही है। काका साहेब कालेलकर ने 1955 में कहा था कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलना चाहिए। जवाहर लाल नेहरू ने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 1980 में मंडल आयोग ने कहा ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी। जब पीएम मोदी आए तो उन्होंने केंद्र की सभी संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया। पिछड़ा वर्ग को सांविधानिक दर्जा दिया।

गांव-गांव में घोषित हो गई वक्फ की संपत्ति
शाह ने कहा कि पीएम मोदी वक्फ कानून में संशोधन लेकर आए हैं। इसका भी अघाड़ी वाले विरोध कर रहे हैं। अभी-अभी कर्नाटक में गांव के गांव वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिए गए। कई मंदिर, किसानों की भूमि, उनके घर वक्फ की संपत्ति हो गई। अघाड़ी सरकार बनते ही महाराष्ट्र में भी ऐसा ही होने वाला है लेकिन आप चिंता न करो पीएम मोदी ने संसद के जरिये वक्फ कानून में संशोधन करना तय किया है।

उपचुनाव से पहले बसपा में बड़ी कार्रवाई, तीन पदाधिकारियों को पार्टी से निकाला; तीन और बड़े नेता भी रडार पर

मेरठ :विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान बहुजन समाज पार्टी में उठापटक शुरू हो गई है। पार्टी हाईकमान ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में मेरठ मंडल के प्रभारी प्रशांत गौतम, जिला प्रभारी दिनेश काजीपुर और महावीर प्रधान को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले भी तीनों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

इनके अलावा पश्चिम उप्र के तीन बड़े नेता भी पार्टी हाईकमान के रडार पर हैं। वहीं, प्रशांत गौतम का कहना है कि तीनों को पार्टी राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली के बेटे की शादी में जाने पर पार्टी से निकाला गया है।

उप्र की नौ विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होना है। बसपा ने उपचुनाव में इन सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने भी उपचुनाव में प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा के कोर वोट बैंक माने जाने वाले दलित समाज में आसपा ने भी सेंध लगानी शुरू कर दी है। बसपा के वोट बैंक को भाजपा, सपा ही नहीं बल्कि आसपा भी प्रभावित कर रही है।

बसपा अपना कोर वोट बैंक बचाने का पूरा प्रयास कर रही है। ऐसी स्थिति में हाईकमान ने मीरापुर, गाजियाबाद समेत सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए पार्टी के मंडल कोर्डिनेटर, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्षों को लगाया हुआ है। पार्टी मुखिया सभी प्रत्याशी और पदाधिकारियों की गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं। प्रतिदिन सभी की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट ली जा रही है। कौन पदाधिकारी विधानसभा उपचुनाव में कितना कार्य कर रहा है। कहीं वह चुनाव प्रचार की बजाय, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल तो नहीं है। इसकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।

चेतावनी देने पर भी नहीं हुआ कार्यशैली में सुधार : जिलाध्यक्ष
बसपा के जिलाध्यक्ष मोहित जाटव का कहना है कि हाईकमान के निर्देश पर पार्टी से निकाले गए तीनों पदाधिकारियों को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर कई बार चेतावनी दी गई। इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ। इस कारण तीनों को पार्टी हित में निष्कासित किया गया है।

अपराधियों और माफिया का प्रोडक्शन हाउस है सपा, दिन दहाड़े होती थी विधायकों की हत्या

प्रयागराज:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा का मतलब माफिया और अपराधियों का जमावड़ा। कृष्णानंद राय और राजू पाल की दिन दहाड़े हत्या हुई। माफिया अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और खान मुबारक जैसे माफिया सपा से ही जुड़े थे। सीएम योगी रविवार को फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के हनुमानगंज में कोटवां स्थित तिलक इंटर कॉलेज में भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल के समर्थन में जनसभआ को संबोधित कर रहे थे।

योगी ने कहा कि पहले जनता का पैसा सैफई घराने के पास पैसा चला जाता था। उनके कारिंदों के पास चला जाता था। यह पीडीए नहीं प्रोडक्शन हाउस है दंगाइयों का। यूपी का कोई माफिया ऐसा नहीं है जो सपा का शागिर्द न हो। माफिया अतीक और मुख्तार, खान मुबारक यह सभी सपा के प्रोडक्शन हाउस की उपज है। सपा मूल्यों के लिए स्थापित किया गया था। जिस मूल्यों के लिए सपा की स्थापना की गई थी, आज की सपा उससे भटक गई है। समाजवादी पार्टी माफिया और अपराधियों का जमावड़ा है। देख सपाई बिटिया घबराई। यही सपा का चरित्र है। अयोध्या और कन्नौज, लखनऊ और हरदोई में बेटियों के साथ रेप किया गया। बेटियों के साथ अन्याय करोगे तो जहन्नुम में पहुंचाने का कार्य करूंगा।

कांग्रेस की क्या मजबूरी है 370 की वापसी के पीछे

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने 370 की वापसी के पीाछे कांग्रेस और इंडी गठबंधन की क्या मजबूरी है। जम्मू कश्मीर की सरकार ने 370 की वापसी के लिए प्रस्ताव पास किया है। यह 370 आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए वापस किया जा रहा है। मोदी सरकार इसको कभी वापस नहीं होने देगी। पूरे देश में एक निशान और एक ही विधान रहेगा।

‘वाणिज्य-व्यवसाय से जुड़े लोगों पर व्यवस्था की मार नहीं पड़नी चाहिए’, जगदीप धनखड़ बोले

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वाणिज्य और व्यवसाय से जुड़े लोगों पर व्यवस्था की मार नहीं पड़नी चाहिए, क्योंकि वे ही नौकरी और संपत्ति के सृजनकर्ता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ का सिद्धांत कुछ व्यक्तियों के वित्तीय लाभ से अधिक महत्वपूर्ण है।

उन्होंने रविवार को एक निजी शैक्षणिक संस्थान महाराजा अग्रसेन टेक्नीकल एजुकेशन सोसाइटी के कार्यक्रम में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा इस बात की वकालत की है कि व्यापार, वाणिज्य, उद्योग से जुड़े लोगों पर व्यवस्था की मार नहीं पड़नी चाहिए। उन लोगों को समाज में सम्मान मिलना चाहिए।

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी…
उपराष्ट्रपति का मानना है कि यह वर्ग नौकरी और संपत्ति का सृजन करता है और सामाजिक सद्भाव में योगदान देता है। उन्होंने कहा, ‘वे अर्थव्यवस्था के चालक हैं। उन्होंने इस देश में समाज को कुछ वापस देने की कला सीखी है।’ उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी उद्यमियों का योगदान रहा है।

अनावश्यक आयात पर अंकुश लगे
उपराष्ट्रपति ने आर्थिक राष्ट्रवाद के सिद्धांतों का पालन करने की जरूरत पर भी जोर दिया। कहा कि विदेशी मुद्रा बचाने और स्थानीय उद्योग को फलने-फूलने में मदद करने के लिए अनावश्यक आयात पर अंकुश लगाना चाहिए।

एक दूसरे के दृष्टिकोण को समझना जरूरी: धनखड़
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें विभिन्न विचारों का सम्मान करना चाहिए और सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए दूसरे के दृष्टिकोण को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। अलग-अलग विचार पाठ्यक्रम को सही करने में मदद करते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘सहिष्णुता एक गुण है। यह हमारी सभ्यता के चरित्र में गहराई से समाया हुआ है। यह समाज में सद्भाव और समावेशिता का आधार है। यह सामाजिक सद्भाव का एक अविभाज्य पहलू है।’

एनईपी की सराहना की
नई शुरू की गई इंटर्नशिप योजना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सराहना करते हुए, धनखड़ ने कहा कि एनईपी तीन दशकों की गहन चर्चा के बाद विकसित हुई, जिसमें हजारों इनपुट शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह अनुभवात्मक शिक्षा, आलोचनात्मक चिंतन के साथ-साथ अनुसंधान के लिए उद्योग-अकादमिक साझेदारी को भी सक्षम बनाता है।

‘जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन वाम दलों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा’, TMC विधायक का दावा

कोलकाता: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर दुष्कर्म और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इस वारदात को तीन महीने पूरे हो चुके हैं। अब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने आरोप लगाया कि आरजी कर मुद्दे पर जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को राज्य में वामपंथी दलों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।

’14 अगस्त तक हमारी पार्टी आंदोलन में लोगों के साथ थी’
अशोकनगर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक नारायण गोस्वामी ने शनिवार को उत्तर 24 परगना जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के विरोध में 14 अगस्त तक उनकी पार्टी के समर्थकों सहित आम लोग गैर-राजनीतिक आंदोलन में शामिल थे।

माकपा जैसी पार्टियों ने फायदा उठाने की कोशिश की
गोस्वामी ने आरोप लगाया कि हालांकि, मुश्किल हालात का फायदा उठाने के लिए माकपा जैसी वामपंथी पार्टियां धीरे-धीरे घटनास्थल पर आ गए और बाद में अपनी अग्रिम शाखाओं को शामिल करके आंदोलन को हाईजैक करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, इसके बाद की घटनाएं- जूनियर डॉक्टरों का धरना, आमरण अनशन कार्यक्रम, ‘द्रोहो’ कार्निवल (दुर्गा पूजा कार्निवल के खिलाफ विरोध रैली), शनिवार (नौ नवंबर) की रैली, ये सभी संकेत हैं कि आंदोलन को वामपंथी दलों और उनके अग्रणी संगठनों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। दक्षिणपंथी भाजपा ने भी राज्य को अस्थिर करने की योजना में वामपंथियों के साथ हाथ मिला लिया है, जो सफल नहीं होगा।’

क्या बोले थे अनिकेत महतो?
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के प्रमुख सदस्यों में से एक अनिकेत महतो ने पहले कहा था कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को राज्य के आम लोगों का समर्थन प्राप्त है, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की गंदगी को साफ करना चाहते हैं और ‘अभया’ के लिए न्याय चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले तीन महीनों में किसी भी राजनीतिक दल को अपने आंदोलन के मंच पर नहीं बैठने दिया था। लोगों के आंदोलन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के कोई भी नेता जो कुछ भी कहें, लोगों को फैसला करने दें।’

आठ अगस्त की रात महिला के साथ दरिंदगी की वारदात
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना आठ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। उसने आठ अगस्त अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के अगले दिन नौ अगस्त की सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया, जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की वारदात की पुष्टि हुई थी।

‘चुनाव के बाद फैसला करेंगे महायुति सहयोगी…’, CM के चेहरे को लेकर शाह का बड़ा बयान

मुंबई:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को भरोसा जताया कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन पूर्व बहुमत के साथ सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला चुनाव के बाद गठबंधन के सहयोगी दल करेंगे। यह बयान उन्होंने मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र को जारी करने के बाद दिया।

‘महायुति सहयोगी मिलकर करेंगे मुख्यमंत्री का चयन’
महायुति गठबंधन के घटक दलों में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं। तीनी दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए हैं। शाह ने बताया कि चुनाव के बाद तीनों दलों के मंत्रियों की एक समिति बनाई जाएगी, जो चुनावी वादों को प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर शाह ने कहा, फिलहाल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। लेकिन चुनाव के बाद तीनों गठबंधन सहयोगी मिलकर मुख्यमंत्री का चयन करेंगे।

उद्धव ठाकरे और शरद पवार साधा निशाना
अमित शाह ने यह भी कहा कि शिवसेना और राकांपा में विभाजन इसलिए हुआ, क्योंकि उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की जगह अपने बेटे को प्राथमिकता दी और शरद पवार ने अपनी बेटी को अजित पवार की जगह तरजीह दी। इन दलों ने अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता दी। इसलिए ये दल टूट गए। अब भाजपा पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं। भाजपा परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ है।

आरक्षण को कमजोर करने के आरोप को किया खारिज
उन्होंने आरक्षण को कमजोर करने के कांग्रेस के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, यह मोदी सरकार है जिसने अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) को आरक्षण दिया है। हमने आरक्षण को मजबूत किया है। शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली हरकत तब उजागर हो गई, जब यह बात सामने आई कि (राहुल गांधी द्वारा दिखाई लाल किताब) किताब के पन्ने खाली थे। वह अब मजाक का पात्र बन गए हैं।