Saturday , November 23 2024

अध्यात्म

यहाँ जानिए आखिर कैसा रहेगा आज आपका दिन, जरुर देखिए अपना राशिफल

मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
नौकरी कर रहे लोगो को अन्य क्षेत्रो से अच्छे ऑफर आयेंगे. ऐसे में किसी भी अवसर को हाथ से ना जाने दे और उनके बारे में अच्छे से जांच-पड़ताल करे. नयी नौकरी भी लग सकती है जो भविष्य में आपका मार्ग प्रशस्त करेगी.

वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
यदि आपका कॉलेज में किसी के साथ विवाद चल रहा है तो उनके द्वारा आपकी छवि को नुकसान पहुँचाने का कार्य किया जायेगा. ऐसे में पहले से ही सतर्क रहे और किसी को भला-बुरा कहने से बचे.पूजा-पाठ में मन लगेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. थकान रहेगी. परिवार एवं समाज में आपके कामों को महत्व एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा

मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
यदि आप विवाहित है तो पार्टनर का भरपूर सहयोग मिलेगा. उनके द्वारा आपकी हर काम में सहायता की जाएगी जिस कारण दोनों के बीच आपसी प्रेम में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी. रिश्तो में गर्माहट बनी रहेगी.आवास संबंधी समस्या का समाधान संभव है. आवेश में कोई कार्य नहीं करें.

कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) यदि आपको जल्दी क्रोध आता है या चिडचिडे स्वभाव के है तो आज उसमे थोड़ा परिवर्तन लेकर आये क्योंकि आपके इस स्वभाव की वजह से रिश्तो में दूरियां आ जाएगी और काम पर भी असर पड़ेगा.

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
यदि नौकरी करते है तो संभल कर काम करें क्योंकि आपको लेकर राजनीति हो सकती है जिससे आपकी छवि को नुकसान पहुंचेगा. सभी के साथ आपसी मेलजोल बनाकर रखें. ऑफिस की राजनीति से जितना हो सके दूर रहने का प्रयास करे.

कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
यदि आप किसी से प्रेम करते है और कुछ समय से उनसे यह कहने का प्रयास कर रहे है तो आज का दिन उसके लिए उत्तम है. इसलिये बिना कुछ ज्यादा सोचे सच्चे दिल से उन्हें अपने मन की बात कह दे. सकारात्मक परिणाम मिलेंगे.

तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन पारिवारिक जीवन के लिए अच्छा रहेगा. आपका अपने बच्चों के प्रति प्रेम बढ़ेगा और आप उनके साथ कही बाहर घूमने जाने का मन बना सकते है.कम प्रयास से काम बनेंगे. धनार्जन होगा. प्रतिष्ठा बढ़ेगी. स्वास्थ्य कमजोर रहेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा.

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

यदि पैसा कही निवेश किया हुआ है या किसी को उधार दिया हुआ है तो वहां से हानि उठानी पड़ सकती है. हालाँकि व्यापार में कुछ लाभ संभव है.जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा. कानूनी बाधा दूर होगी. रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा.

धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपके परिवार के ऊपर शनि देव की दृष्टि भारी है जिस कारण कलेश होने की संभावना है. आपकी कही कोई बात किसी को इतनी बुरी लग सकती है कि घर में लड़ाई-झगड़ा हो सकता है.घर-परिवार की चिंता रहेगी. विवाद को बढ़ावा न दें. स्वास्थ्य कमजोर रहेगा.

मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
माता-पिता का आपके प्रति प्रेम बढ़ेगा तथा वे आपके लिए कुछ नया करने का प्रयास करेंगे. आप भी उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखे और उनकी कोई इच्छा है तो उसे पूर्ण करे.

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आप कोई नया बिज़नेस करने का विचार कर सकते है. हालाँकि कुछ भी नया शुरू करने से पहले अपनों से बड़ो के साथ एक बार परामर्श अवश्य कर ले ताकि बाद में कोई समस्या ना हो. जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं. घर-परिवार की चिंता रहेगी.

मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
पड़ोसियों के साथ कुछ बातो को लेकर अनबन होगी लेकिन आपसी समझ से वह जल्दी ही सुलझ भी जाएगी. बिज़नेस में तो लाभ होगा लेकिन उसके मुकाबले खर्चा भी बढ़ जाएगा.

यहाँ जानिए आखिर कैसा रहेगा आज आपका दिन, जरुर देखें अपना राशिफल

मेष: कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे पारिवारिक प्रतिष्ठा प्रभावित हो. संतान के दायित्व की पूर्ति होगी. रिश्तों में मधुरता आएगी. शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता मिलेगी.

वृष: भावनाओं में उतार-चढ़ाव और जीवन में बदलाव महसूस कर सकते हैं. किसी बात की ज्यादा चिंता न करें तो यही आपके लिए अच्छा रहेगा. साथ काम करने वाले लोग मददगार रहेंगे.

मिथुन: मांगलिक या सांस्कृतिक उत्सव में हिस्सेदारी रहेगी. संतान के दायित्व की पूर्ति होगी. शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता मिलेगी. पारिवारिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी.

कर्क: जीविका के क्षेत्र में प्रगति होगी. शासन सत्ता का सहयोग रहेगा. पारिवारिक जीवन सुखमय होगा. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. व्यावसायिक स्तर पर सफलता मिलेगी.

सिंह: व्यावसायिक प्रयास फलीभूत होंगे. रिश्तों में मधुरता आएगी. पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति होगी. रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी.

कन्या: कोई व्हीकल खरीदने का मूड भी बन सकता है. आज आप ज्यादा ही संवेदनशील हो सकते हैं. बिजनेस और कार्यक्षेत्र से जुड़ी यात्राएं हो सकती हैं. पुरानी मेहनत का फल मिल सकता है. थोड़ा समय जरूर लगेगा. .

तुला: यात्रा देशाटन की स्थिति सुखद होगी, लेकिन सचेत रहें. कुछ घरेलू और कुछ व्यावसायिक परेशानी से गुजरना पड़ सकता है. बुद्धि कौशल से किया गया कार्य संपन्न होगा.

वृश्चिक: चंद्रमा की स्थिति आपकी राशि के लिए अच्छी हो सकती है. कम से कम समय में बहुत से काम निपटाने की कोशिश करेंगे. कार्यक्षेत्र में सफलता के योग बन रहे हैं. कोई अच्छी खबर भी आज आपको मिल सकती है.

धनु: गृह उपयोगी वस्तुओं में वृद्धि होगी. शासन सत्ता का सहयोग रहेगा. पारिवारिक दायित्व की पूर्ति होगी. उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी. रिश्तों में मधुरता आएगी.

मकर: यात्रा देशाटन की स्थिति सुखद होगी, लेकिन सचेत रहें. रुका हुआ कार्य संपन्न होगा. सामाजिक कार्यों में रुचि लेंगे. उच्च अधिकारी या पिता का सहयोग मिलेगा.

कुंभ: पारिवारिक तनाव से गुजर सकते हैं. आर्थिक मामलों में जोखिम न उठाएं. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. व्यर्थ की उलझनें रहेंगी. वाणी पर संयम रखना हितकर होगा.

मीन: व्यावसायिक मामलों में प्रगति होगी. यात्रा देशाटन की स्थिति सुखद होगी, लेकिन सचेत रहें. किसी कार्य के संपन्न होने से आपके प्रभाव तथा वर्चस्व में वृद्धि होगी.

नारद ने भगवान से पूछा की आपकी माया क्या है

  1. एक छोटी-सी कहानी, फिर हम दूसरा श्लोक लें।
    सुना है मैंने, नारद के जीवन में एक कहानी है। यह जगत माया
    है, यह जगत माया है—बड़े-बड़े ज्ञानियों से नारद ने सुना है। फिर
    स्वयं भगवान से जाकर उन्होंने पूछा कि मेरी समझ में नहीं आता;
    जो है, वह माया कैसे हो सकता है? जो है, वह है। वह माया कैसे
    हो सकता है? उसके इलूजरी, उसके माया होने का क्या मतलब
    है? धूप तपती है तेज, आकाश में सूरज है, दोपहर है। भगवान ने
    कहा कि मुझे बड़ी प्यास लगी है—फिर पीछे समझाऊं-थोड़ा
    पानी लिया
    नारद पानी लेने गए। गांव में प्रवेश किया। दोपहर है, लोग
    अपने घरों में सो रहे हैं। एक दरवाजे पर दस्तक दी। एक युवती
    बाहर आई। नारद भूल गए भगवान को। कोई भी भूल जाए।
    जिसको सदा याद किया जा सकता है, उसको याद करने की इतनी
    जल्दी भी क्या है। भूल गए। और जब भगवान को ही भूल गए,
    तो उनकी प्यास का क्या सवाल रहा। किसलिए आए थे, याद न
    रहा। लड़की को देखते रहे; मोहित हो गए। निवेदन किया कि मैं
    विवाह का प्रस्ताव लेकर आया हूं। पिता बाहर थे। उस लड़की ने
    कहा, पिता को आ जाने दें, तब तक आप विश्राम करें।
    विश्राम किया। पिता आए। राजी हो गए। विवाह हो गया। फिर
    चली कहानी। बच्चे हुए, चार-छह बच्चे पैदा हो गए। काफी वक्त
    लगा। पिता मर भी गया, ससुर मर भी गए। बूढ़े हो गए नारद।
    पत्नी भी बूढ़ी हो गई, बच्चों की लाइन लग गई। बाढ़ आ गई। वर्षा
    के दिन हैं। गांव डूब गया। अब अपने पत्नी-बच्चों को बचाकर
    किसी तरह बाढ़ पार कर रहे हैं। बूढ़े हैं, शक्ति नहीं है पास। बड़ी
    मुश्किल में पड़ गए हैं। पत्नी को बचाते हैं, तो बच्चे बहे जाते हैं;
    बच्चों को बचाते हैं, तो पत्नी बही जाती है। बाढ़ है तेज और सबको
    बचाने में सब बह जाते हैं। नारद अकेले थके-मांदे तट पर जाकर
    लगते हैं। आंखें बंद हैं, आंसू बह रहे हैं। और कोई पूछता है कि
    उठो; बड़ी देर लगा दी; सूरज ढलने के करीब हो गया और हम
    प्यासे ही बैठे हैं। पानी अब तक नहीं लाए?
    नारद ने आंख खोली; देखा, भगवान खड़े हैं। उन्होंने कहा,
    अरे, मैं तो भूल ही गया। मगर इस बीच तो बहुत कुछ हो गया।
    आप कहते हैं, अभी सिर्फ सूरज ढल रहा है? उन्होंने कहा, सूरज
    ही ढल रहा है। चारों तरफ देखा, बाढ़ का कोई पता नहीं है। पूछा,
    बच्चे-पत्नी? भगवान ने कहा, कैसे बच्चे, कैसी पत्नी? कोई
    सपना तो नहीं देखते थे? भगवान ने कहा कि तुम पूछते थे कि जो
    है, वह माया कैसे हो सकता है? जो है, वह माया नहीं है। लेकिन
    जो है, उसे समय के माध्यम से देखने से वह सब माया हो जाता
    है। और जो है, उसे समय के अतिरिक्त, समय का अतिक्रमण
    करके देखने से वह सब सत्य हो जाता है। संसार समय के माध्यम
    से देखा गया सत्य है। सत्य समय-शून्य माध्यम से देखा गया
    संसार है।यह जो घटना घटी है, यह घटना आंतरिक है और समय की
    परिधि के बाहर है।
    ओशो गीता दर्शन

आज का दिन इन 5 राशियों के लिए रहेगा मंगलमय, देखें अपना राशिफल

मेष- जाँब को लेकर एक असमंजस बन सकता है।अपने काम में कमी मत होने दें। आज व्यवसाय में संघर्ष रहेगा। हेल्थ के प्रति कोई भी लापरवाही परेशान कर सकती है। लाल रंग शुभ है। गाय को गुड़ खिलाएं।

वृष- आज जाँब में कार्यों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। धन का आगमन होगा। किसी नयी कार्य योजना का विस्तार देंगे। नीला रंग शुभ है। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।

मिथुन- छात्रों को सफलता की प्राप्ति होगी। बड़े भाई का सहयोग मिलेगा। नीला रंग शुभ है। मूंग का दान करें। श्री सूक्त का पाठ करें।

कर्क- जाँब को लेकर हर्ष रहेगा। गुरु व चन्द्रमा गोचर के कारण व्यवसाय में सफलता की प्राप्ति होगी। पीला रंग शुभ है। गृह निर्माण सम्बन्धित कोई रुका कार्य पूर्ण होगा। गेहूं का दान करें।

सिंह- सूर्य यश व प्रतिष्ठा में वृद्धि करेंगे। कर्क राशि के मित्र की सहायता से कई कार्य बनेंगे। पिता आशीर्वाद लें।पीला रंग शुभ है। मसूर की दाल का दान करें।

कन्या- आज जाँब को लेकर प्रसन्न रहेंगे। मित्रों व उच्चाधिकारियों के सहयोग से खुश रहेंगे। ससुराल पक्ष से लाभ प्राप्त होगा। श्री सूक्त का पाठ करें। नीला रंग शुभ है।

तुला- आज त्वरित निर्णय लेने में जल्दबाजी से बचें। व्यवसाय में वृद्धि के लिए कनकधारास्तोत्र का पाठ करना बेहतर होगा। नीला रंग शुभ है। छात्रों के लिए आज लाभप्रद दिवस है।

वृश्चिक- मैनेजमेंट फील्ड के जातक जाँब चेंज करने का विचार बनाएंगे। धन की प्राप्ति से खुश रहेंगे। लाल रंग शुभ है। अन्न का दान करें। अरण्यकाण्ड का पाठ करें।

धनु- आज परिवार में किसी बात को लेकर तनाव से बचें।अपने आत्मबल को बनाए रखें। सफेद रंग शुभ है। अन्न का दान करें। कहीं जाने का निर्णय सोच समझकर ही लें।

मकर- आज शनि व चन्द्र गोचर राजनीति में सफल करेंगे ।व्यवसाय को नई सकारात्मक दिशा देंगे। बीपी व शुगर समस्या दे सकते हैं। नीला रंग शुभ है।

कुम्भ- आज गृह निर्माण सम्बन्धित कार्य हो सकता है। आर्थिक सुख लाभप्रद है। नीला रंग शुभ है। सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। तिल का दान करें।

मीन- आज गुरु व चन्द्रमा प्रत्येक कार्यों में सफलता दिलाएंगे। अपने आपको विवादों से दूर रखें। लाल रंग शुभ है। व्यवसाय में शुभ लाभ है। श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें।

सत्य घटना जैक बर्म दुखी आदमी कुछ क्षणों में 6 करोड रुपए का मालिक हो गया

एक घटना सुनी है। वास्तविक घटना है। उन्नीस सौ
उनचास में एक आदमी, जिसका नाम जैक वर्म, समुद्र के तट पर
अमेरिका में बैठा था। हारा-थका, जुआरी है, सब हार चुका है,
आत्महत्या की सोच रहा है। ऐसा बैठा-बैठा उठाकर कंकड़ पानी
में फेंकने लगा। रेत के घरघूले बनाने लगा। बड़ा बेचैन है, कुछ
करने को चाहिए।
ऐसा रेत में हाथ डाला, तो एक बोतल दबी हुई हाथ में आ गई।
उत्सुकतावश बोतल खींच ली। देखा, तो बोतल बंद है और भीतर
एक कागज का टुकड़ा है। खोली, तो कागज के टुकड़े में बड़ी
हैरानी में पड़ गया, समझा कि किसी ने मजाक किया है—कागज
के टुकड़े में लिखा है कि मेरी संपदा के तुम आधे अधिकारी नियुक्त
किए जाते हो। मेरा वकील-उसका पता दिया है—इससे मिलो।
बारह करोड़ रुपए मैं छोड़कर मर रही हूं। के होंगे, आधे तुम्हारे। किसी महिला अलेक्जेंड्रा के दस्तखत हैं।
सोचा कि जरूर किसी ने मजाक किया है। ऐसे ही बोतल डाल
दी, बैठा रहा। लेकिन फिर यह भी हुआ कि पता नहीं, इस दुनिया
में अघट भी घटता है। हर्ज भी क्या है; फोन करके पूछ लिया जाए
इस आदमी को। क्योंकि वकील तो लंदन में है।
फोन किया रात। वकील ने कहा कि ठीक है, मजाक नहीं है।
वह महिला अलेक्जेंड्रा, थोड़ी विक्षिप्त स्वभाव की थी। और
जीवनभर उसने ऐसे ही जीया। मरते वक्त जब मैंने उससे पूछा कि
तू संपत्ति का क्या कर जा रही है? तो उसने कहा कि जिस तरह मैं
जीयी हूं, पानी में हवा के झोंकों में बहती हुई, ऐसी ही मेरी संपत्ति
पानी में बहती हुई किसी को मिलेगी। ऐसे मैं किसी का नाम नहीं
लिख जाती। यह बोतल उसने बंद की और थेम्स नदी में डाली,
लंदन में।
बारह साल लग गए उस बोतल को पहुंचने में अमेरिका के
सागर तट पर, पर पहुंच गई। एक आदमी को मिल भी गई। वह
आदमी छः करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक भी हो गया। ये जो
बारह करोड़ रुपए हैं, ये सिंगर मशीन के जो मालिक हैं, उनकी ही
वह वसीयतदार थी महिला। वह तो मर चुकी है। उसे कभी पता भी
न चलेगा, किसको मिले। लेकिन उसने एक अच्छा मजाक किया।
वह जीवनभर भी ऐसे ही जीयी। उसने विवाह भी किया, तो ऐसे
ही। वह जाकर एक होटल के बाहर खड़ी हो गई। करोड़पति महिला
थी। उसने कहा, जो आदमी होटल से बाहर निकलेगा, पहला
आदमी, उससे विवाह का निवेदन करूंगी। और उसने उसी से
। विवाह किया। वह आदमी राजी हो गया, क्योंकि इतनी बड़ी
करोड़पति महिला। वह एक वेटर था होटल का, जो बाहर निकल
रहा था।
लेकिन तुम कहोगे, यह पागल थी। लेकिन तुम्हारी जिंदगी में
कुछ इससे ज्यादा भिन्न घटनाएं है? अगर गौर से देखोगे, तो बहुत
भिन्न न पाओगे।
ओशो गीता दर्शन

जानिए आखिर कैसा रहेगा आज आपका दिन, जरुर देखें अपना राशिफल

मेष: कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे पारिवारिक प्रतिष्ठा प्रभावित हो. संतान के दायित्व की पूर्ति होगी. रिश्तों में मधुरता आएगी. शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता मिलेगी.

वृष: भावनाओं में उतार-चढ़ाव और जीवन में बदलाव महसूस कर सकते हैं. किसी बात की ज्यादा चिंता न करें तो यही आपके लिए अच्छा रहेगा. साथ काम करने वाले लोग मददगार रहेंगे.

मिथुन: मांगलिक या सांस्कृतिक उत्सव में हिस्सेदारी रहेगी. संतान के दायित्व की पूर्ति होगी. शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता मिलेगी. पारिवारिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी.

कर्क: जीविका के क्षेत्र में प्रगति होगी. शासन सत्ता का सहयोग रहेगा. पारिवारिक जीवन सुखमय होगा. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. व्यावसायिक स्तर पर सफलता मिलेगी.

सिंह: व्यावसायिक प्रयास फलीभूत होंगे. रिश्तों में मधुरता आएगी. पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति होगी. रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी.

कन्या: कोई व्हीकल खरीदने का मूड भी बन सकता है. आज आप ज्यादा ही संवेदनशील हो सकते हैं. बिजनेस और कार्यक्षेत्र से जुड़ी यात्राएं हो सकती हैं. पुरानी मेहनत का फल मिल सकता है. थोड़ा समय जरूर लगेगा. .

तुला: यात्रा देशाटन की स्थिति सुखद होगी, लेकिन सचेत रहें. कुछ घरेलू और कुछ व्यावसायिक परेशानी से गुजरना पड़ सकता है. बुद्धि कौशल से किया गया कार्य संपन्न होगा.

वृश्चिक: चंद्रमा की स्थिति आपकी राशि के लिए अच्छी हो सकती है. कम से कम समय में बहुत से काम निपटाने की कोशिश करेंगे. कार्यक्षेत्र में सफलता के योग बन रहे हैं. कोई अच्छी खबर भी आज आपको मिल सकती है.

धनु: गृह उपयोगी वस्तुओं में वृद्धि होगी. शासन सत्ता का सहयोग रहेगा. पारिवारिक दायित्व की पूर्ति होगी. उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी. रिश्तों में मधुरता आएगी.

मकर: यात्रा देशाटन की स्थिति सुखद होगी, लेकिन सचेत रहें. रुका हुआ कार्य संपन्न होगा. सामाजिक कार्यों में रुचि लेंगे. उच्च अधिकारी या पिता का सहयोग मिलेगा.

कुंभ: पारिवारिक तनाव से गुजर सकते हैं. आर्थिक मामलों में जोखिम न उठाएं. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. व्यर्थ की उलझनें रहेंगी. वाणी पर संयम रखना हितकर होगा.

मीन: व्यावसायिक मामलों में प्रगति होगी. यात्रा देशाटन की स्थिति सुखद होगी, लेकिन सचेत रहें. किसी कार्य के संपन्न होने से आपके प्रभाव तथा वर्चस्व में वृद्धि होगी.

क्या वैश्या भी गंगा को उल्टा बहा शक्ति है बिंदुमती गंगा नदी की धारा को उल्टा बहा दिया

एक बड़ी अनूठी कहानी है, अशोक के जीवन में घटी। कहनामुश्किल है कि कहां तक सच है। लेकिन बड़ी गहरी सचाई की
खबर देती है।एक संध्या, वर्षा के दिन हैं, पाटलीपुत्र में, पटना में अशोक गंगा
के किनारे खड़ा है। भयंकर बाढ़ आई है गंगा में। सीमाएं तोड़कर
गंगा बह रही है। बड़ा विराट उसका रूप है; भयंकर तांडव करता
उसका रूप है। न मालूम कितने गांव बहा ले गई। न मालूम कितने
खेतों को विनष्ट कर दिया; कितने पशु-पक्षी बहते चले जा रहे हैं।
अशोक खड़ा है अपने आमात्यों, अपने मंत्रियों के साथ। और
उसने कहा कि क्या यह संभव है, क्या कोई ऐसा उपाय है कि गंगा
उलटी बह सके? ऐसा अचानक उसको खयाल उठ आया कि क्या
कोई रास्ता है कि गंगा उलटी बह सके स्रोत की तरफ? आमात्यों ने
कहा, असंभव। और अगर चेष्टा भी की जाए, तो अति कठिन है।
एक वेश्या भी अशोक के साथ गंगा के किनारे आ गई है। वह
नगर की सब से बड़ी वेश्या है। उन दिनों में वेश्याएं भी बड़ी
सम्मानित होती थीं। वह नगरवधू है। उस वेश्या का नाम था,
बिंदुमति। वह हंसने लगी और उसने कहा कि अगर आप आज्ञा दें,
तो मैं इसे उलटा बहा सकती हूं।
अशोक चौंका। उसने कहा कि क्या ढंग है? क्या मार्ग है इसको
उलटा बहाने का? तेरे पास ऐसी कौन-सी कला है? तो उस वेश्या
ने कहा, मेरी निजता का सत्य।
बड़ी अनूठी कहानी है। उसने कहा, मेरी निजता का सत्य, मेरे
जीवन का सत्य मेरी सामर्थ्य है। मैंने उसका कभी उपयोग नहीं
किया। बड़ी ऊर्जा मेरे जीवन के सत्य की मेरे भीतर पड़ी है। अगर
आप कहें, तो यह गंगा उलटी बहेगी, मेरे कहने से बहेगी। इसका
मुझे पक्का भरोसा है। क्योंकि मैं अपने सत्य से कभी भी नहीं डिगी।
सम्राट को भरोसा न आया, पर उसने कहा, देखें। वेश्या ने
आंखें बंद कीं; और कहानी कहती है कि गंगा उलटी बहने लगी।
सम्राट तो चरणों पर गिर पड़ा वेश्या के। और उसने कहा, बिंद हमें तो कभी पता ही न चला कि तू वेश्या के अतिरिक्त भी कुछ
और है। यह राज, यह रहस्य तूने कहां सीखा? यह तो बड़े सिद्ध
पुरुष भी नहीं कर सकते हैं।
वेश्या ने कहा, मुझे सिद्ध पुरुषों का कोई पता नहीं। मैं तो सिर्फ
एक सिद्ध वेश्या हूं। और वहीं मेरे जीवन का सत्य है।
क्या है तेरे जीवन का सत्य, तू खोलकर कह, अशोक ने कहा।
उसने कहा, मेरे जीवन का सत्य इतना है कि मैं जानती हूं, वेश्या
होना ही मेरे जीवन की शैली है, वही मेरी नियति है। अन्यथा मैने
कभी कुछ और होना नहीं चाहा। अन्यथा की चाह ही मैंने कभी
अपने भीतर नहीं आने दी। मैं समग्र हूं; मैं सिर से लेकर पैर तक
वेश्या हूं। मेरा रो-रोआं वेश्या है। और मैंने वेश्या के धर्म से
कभी अपने को च्युत नहीं किया।
अशोक ने पूछा, क्या है वेश्या का धर्म? पागल, मैंने कभी सुना
नहीं कि वेश्या का भी कोई धर्म होता है। हम तो वेश्या को अधार्मिक
बहुआजगहथा. औहो गए:न के लिअठारहर अंतर्यात्क्या अंतगीता का
समझते हैं। और यही मैं मानता था कि तू कितनी ही सुंदर हो, लेकिन
तेरे भीतर एक गहरी कुरूपता है। क्योंकि तू शरीर को बेच रही है,
सौंदर्य को बेच रही है। इससे क्षुद्र तो कोई व्यवसाय नहीं!
वेश्या ने कहा, व्यवसाय क्षुद्र और बड़े नहीं होते, व्यवसायी पर
सब निर्भर करता है। मेरे जीवन का सत्य यह है कि मेरे गुरु ने,
जिसने मुझे वेश्या होने की शिक्षा और दीक्षा दी, उसने मुझे कहा कि
एक सूत्र भर को सम्हाले रखना, तो तेरा मोक्ष कभी तुझसे छिन नहीं
सकता। और वह सूत्र यह है कि चाहे धनी
चाहे शूद्र आए, चाहे ब्राह्मण आए; चाहे सुंदर पुरुष आए, चाहे
कुरूप पुरुष आए; चाहे जवान, चाहे बूढ़ा; कोढ़ी आए, -ओशोआए,चाहे गरीब आए;आए; जो भी तुझे पैसे दे, तू पैसे पर ध्यान रखना और व्यक्तियोंके साथ समान व्यवहार करना। न तो तू कोढ़ी को और रोगी घृणा करना, न सुंदर को प्रेम करना। वह वेश्या का काम नहीं है।
तू तटस्थ रहना। तेरा काम है पैसा ले लेना। बस, बात खतम हो गई। तेरा ध्यान पैसे पर रहे। ब्राह्मण आए, तो तू अतिशय भाव से
उसके पैर मत छूना। और शूद्र आए, तो तू उसे इनकार मत करना।
तेरा काम है पैसा। वेश्या का ध्यान पैसे पर। बाकी कोई भी आए,
तू सम-भाव रखना। वही तेरा सम्यकत्व है, वही तेरा सत्य है।
और मैंने उसे सम्हाला है। मैंने न तो कभी किसी के प्रति प्रेम
किया, लगाव दिखाया, आसक्ति बनाई, मोह किया, नहीं। न मैंने
‘कभी किसी को घृणा की, जुगुप्सा की, नहीं। मैंदूर तटस्थ खड़ी
रही हूं।
तब तो वेश्या भी संन्यस्त हो जाती है। कृष्ण ठीक कहते है।
स्वधर्मे निधनं श्रेय
ओशो गीता दर्शन

 

सप्ताह के पहले दिन इन 5 राशि वालों के खुलेंगे भाग्य, देखिए अपना राशिफल

मेष राशि: आज का दिन आपके लिए बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। कार्यक्षेत्र में ध्यान से काम करें, वरना सीनियर की डांट-फटकार लग सकती है.

वृषभ राशि: वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा है।जीवनसाथी के साथ समय बिताएंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। व्यापार में भी लाभ होने की संभावना है।

मिथुन राशि: आज आपको संभलकर चलने की सलाह देते हैं।  वहीं कार्यक्षेत्र में शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

कर्क राशि: प्रेम जीवन में आज आपको आनंद आएगा। प्रियतम के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। दोनों साथ मिलकर शॉपिंग भी कर सकते हैं। वाहनसुख प्राप्त होगा। भागीदारों के साथ सम्बंध अच्छे रहेंगे।

सिंह राशि: आज आपके सुखों में वृद्धि होगी। आज घर में सुख-शांति का वातावरण बने रहने से आपकी प्रसन्नता में वृद्घि होगी। कार्यालय में सहकर्मियों के साथ सहकारपूर्वक कार्य कर सकेंगे। कार्य में यश की प्राप्ति होगी।

कन्या राशि: आज आपको प्रयास करने से सफलता मिल सकती है। आर्थिक आयोजन के लिए अनुकूल दिन होने से आपका परिश्रम फलदायी सिद्ध होगा। छोटे भाई-बहनों की मदद करेंगे।

तुला राशि: आज आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। घरवालों का साथ पाकर दिल को सुकून महसूस होगा। घर के छोटे बच्चों के साथ मौज मस्ती करके अच्छा लगेगा।

वृश्चिक राशि: आज का दिन नए कार्यो का प्रारंभ करने के लिए शुभ है। नौकरी, व्यापार तथा दैनिक हर कार्य में अनुकूल परिस्थिति रहने से मन मे प्रसन्नता बनी रहेगी। भाई-बंधुओं से लाभ तथा सहकार मिलेगा। आर्थिक लाभ के योग हैं।

धनु राशि: धन अधिक खर्च हो सकता है। आर्थिक नुकसान के भी संकेत हैं।  पारिवारिक वातावरण बिगड़ सकता है। कार्य में असफलता मन में असंतोष तथा निराशा जगाएगी। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति ध्यान दें।

मकर राशि: आप का दिन शुभ फलदायी है। नए कार्य के प्रारंभ के लिए दिन अच्छा है। परिवार के सदस्यों तथा मित्रो के साथ भोजन का अवसर प्राप्त होगा। धनलाभ होगा, फिर भी अधिक खर्च न हो जाए इसका ध्यान रखें।

कुंभ राशि: कार्य क्षेत्र परिस्थितियां आज आपके अनुकूल दिखाई देंगी।  ता वहीं बिजनेस करते हैं तो आज आपको अच्छे लाभ प्राप्त होंगे जिसे देखकर मन प्रफुल्लित होगा।

मीन राशि: धार्मिक कार्य के लिए दिन शुभ है। परिजनों के साथ किसी धार्मिक स्थान के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। भाग्य भी आपके पक्ष में दिखाई दे रहा है। कोशिश मात्र से ही सफलता मिलने की प्रबल संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

यहाँ जानिए आखिर कैसा रहेगा आज आपका दिन, देखिए अपना राशिफल

मेष- खान-पान लिमिट में रखना चाहिए, क्योंकि सितारा पेट में गड़बड़ी रखने वाला, मौसम के एक्सपोइपर से भी बचाव रखें, नुक्सान का भी डर।

वृष- अर्थ तथा कारोबारी दशा अच्छी, कोशिशों में कामयाबी मिलेगी, मगर पूरा जोर लगाना ठीक रहेगा, पति-पत्नी एक दूसरे के साथ नाराज दिखेंगे।

मिथुन- कमजोर मनोबल तथा डरे-डरे मन के कारण आप किसी भी काम को हाथ में लोने से बचेंगे, मगर आम हालात पहले जैसे बने रहेंगे।

कर्क- गलत तथा बेकारण कामों की तरफ भटकते अपने मन पर जब्त रखें, वैसे कोई भी नया यत्न हाथ में न लें, अर्थ दशा भी ठीकठाक रहेगी।

सिंह- जमीनी जायदादी तथा अदालती कामों के लिए यत्न बेकार सिद्ध होंगे, बड़े लोग भी आपकी किसी बात को लापरवाही के साथ सुनेंगे।

कन्या- मित्र, सज्जन साथी तथा बड़े लोग आपकी बात बेध्यानी के साथ सुनेंगे, कामकाजी भागदौड़ भी बेनतीजा सिद्ध होगी।

तुला- ध्यान रखें कि किसी कारोबारी प्रोग्राम को निपटाते समय आपकी कोई पेमैंट न कहीं फंस जाए, कामकाजी टूर भी न करें।

वृश्चिक- व्यापारिक तथा कामकाजी कामों की दशा ठीकठाक, जो भी काम करें, यत्न करें, भरपूर जोर लगाकर करें, मन पर गलत सोच प्रभावी रहेगी।

धनु- लेन-देन के काम अटैंटिव रह कर करें, ताकि आपकी कोई पेमैंट न किसी के नीचें फंस जाए, खर्चों का भी जोर बना रहेगा।

मकर- व्यापार कारोबार में लाभ यत्न करने पर कोई कामकाजी समस्या ऊी हट सकती है, वैस हर फ्रंट पर आप हावी प्रभावी विजयी रहेंगे।

कुंभ- चूंकि सरकारी कामों के लिए सितारा कमजोर है, इसलिए कोई भी सरकारी काम मैच्योर न हो सकेगा, नुकसान का भी डर।

मीन- मन पर गलत तथा नैगेटिव सोच प्रभावी रहेगी, इसलिए ध्यान रखें कि आप से कोई गलत फैसला न हो जाए, मगर आम हालात पहले जैसे बने रहेंगे।

जहां एक मन है वहां जीवन का सब कुछ है शांत भी है सुख भी है आनंद भी है और जहां एक मन है वहां सब कुछ है

जहां एक मन है वहां जीवन का सब कुछ है शांत भी है सुख भी है आनंद भी है और जहां एक मन है वहां सब कुछ हैऔर जहां एक मन है, वहां जीवन का सब कुछ है-शांति भी,
सुख भी, आनंद भी। जहां एक मन है, वहां सब कुछ है-शक्ति
भी, संगीत भी, सौंदर्य भी। जहां एक मन है, उस एक मन के पीछे
जीवन में जो भी है, वह सब चला आता है। और जहां अनेक मन
हैं, तो पास में भी जो है, वह भी सव बिखर जाता है और खो जाता
है। लेकिन हम सब पारे की तरह हैं-खंड-खंड, टूटे हुए, बिखरे
हुए। खुद ही इतने खंडों में टूटे हैं, कि कैसे शांति हो सकती है!
जोसुआ लिएवमेन ने अपने संस्मरण लिखे हैं। संस्मरण की
किताब को जो नाम दिया है, वह बहुत अच्छा है। और किताब के
पहले ही हिस्से में उसने जो उल्लेख किया है, वह कीमती है। कहा
कि जवान था, विश्वविद्यालय से पढ़कर लौटा था, तो मेरे मन में
हुआ कि अब जीवन का एक नक्शा बना लूं कि जीवन में क्या-क्या
पाना है! स्वभावतः, जीवन का एक नक्शा हो, तो जीवन को
सुव्यवस्थित चलाया जा सके।
तो उसने एक फेहरिस्त बनाई। उस फेहरिस्त में लिखा कि धन
चाहिए, सुंदर पत्नी चाहिए, यश चाहिए, सम्मान चाहिए, सदाचार बनाना है।
चाहिए…। कोई बीस-बाइस बातों की फेहरिस्त तैयार की। उसमें
जो आदमी चाह सकता है। जो भी चाह चाह सकती
सब आ गया,है, वह सब आ गया। जो भी विषय की मांग हो सकती है, वह सबआ गया। जो भी कामना निर्मित कर सकती है, वे सब सपने आगए। पर न मालूम, पूरी फेहरिस्त को बार-बार पढ़ता है, कि इसमें
और कुछ तो नहीं जोड़ा जाना है; क्योंकि वह जीवनभर का नक्शा
सब खोज लेता है, कुछ जोड़ने को बचता नहीं। सब आ गया,
फिर भी, समथिंग इज़ मिसिंग। कुछ ऐसा लगता है कि कोई कड़ी
खो रही है। क्यों लगता है ऐसा? क्योंकि रात सोते वक्त उसने
सोचा कि मैं देखू कि सब मुझे समझ लो कि मिल गया, जो-जो
मैंने फेहरिस्त पर लिखा है, सब मिल गया हो जाएगा सब ठीक?
तो मन खाली-खाली लगता है। मन में ऐसा उत्तर नहीं आता
आश्वासन से भरा, निश्चय से भरा, कि हां, यह सब मिल जाए,
जो फेहरिस्त पर लिखा है, तो बस, सब मिल जाएगा। नहीं, ऐसा
निश्चय नहीं आता; ऐसी निश्चयात्मक लहर नहीं आती भीतर।
तो गांव में एक बूढ़े फकीर के पास वह गया। उसने कहा कि
इस गांव में सबसे ज्यादा बूढ़े तुम हो, सबसे ज्यादा जिंदगी तुमने
देखी है। और तुमने जिंदगी गृहस्थ की ही नहीं देखी, संन्यासी की
भी देखी है। तुमसे बड़ा अनुभवी कोई भी नहीं है। तो मैं यह
फेहरिस्त लाया हूं, जरा इसमें कुछ जोड़ना हो तो बता दो
उस बूढ़े ने पूरी फेहरिस्त पढ़ी, फिर वह हंसा और उसने कलम
उठाकर वह पूरी फेहरिस्त काट दी। और पूरी फेहरिस्त के ऊपर
बड़े-बड़े अक्षरों में तीन शब्द लिख दिए, पीस आफ माइंड, मन
की शांति। उसने कहा, बाकी ये सब तुम फिक्र छोड़ो; तुम यह एक
चीज पा लो, तो यह बाकी सब मिल सकता है। और यदि तुमने
बाकी सब भी पा लिया, तो भी ये जो तीन शब्द मैंने लिखे, ये तुम्हें
कभी मिलने वाले नहीं हैं। और आखिर में निर्णय यही होगा कि यह
पीस आफ माइंड, यह मन की शांति मिली या नहीं!
तो लिएबमेन ने अपनी आत्मकथा लिखी है, उसको नाम दिया
है, पीस आफ माइंड। किताब को नाम दिया, मन की शांति। और
लिखा कि उस दिन तो मुझे लगा कि यह बूढ़े ने सब फेहरिस्त खराब
कर दी। कितनी मेहनत से बनाकर लाया हूं और इस आदमी ने सब
काट-पीट कर दिया। जंची नहीं बात कुछ उसकी। लेकिन जिंदगी
के अंत में लिएबमेन कहता है कि आज मैं जानता हूं कि उस बूढ़े
ने फेहरिस्त काटी थी, तो ठीक ही किया था। उसने फाड़कर क्यों न

फेंक दी! बेकार। आज जीवन के अंत में वे ही तीन शब्द पास घूम
रहे हैं। काश, उस दिन मैं समझ जाता कि मन की शांति ही सब
कुछ है, तो शायद आज तक पाया भी जा सकता था। लेकिन
जिंदगी उसी फेहरिस्त को परा करने में बीत जाती है सबकी।
ओशो
गीता दर्शन