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खेल

नए साल में ट्रेन से दिल्ली टू श्रीनगर सफर के लिए रहे तैयार, जाने वंदे भारत का रूट,किराया और टाइमिंग

नई दिल्ली: नए साल 2025 से कश्मीर घूमना आसान होने जा रहा है। भारतीय रेलवे इसे पर्यटकों के लिए आसान बनाने जा रहा है। क्योंकि देश के सबसे चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण कटरा से श्रीनगर के बीच की टी-1 टनल (सुरंग) में आई अड़चनों को दूर कर दिया गया है। जल्द ही ट्रेन रूट पर रेल सेवा शुरु हो जाएगी। ऐसे में दिल्ली और कन्याकुमारी अब सीधे श्रीनगर सीधे जुड़ जाएगा। जानकारी के मुताबिक, रेलवे का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट को 31 दिसंबर तक पूरा करने का है, ताकि जनवरी में इस रूट पर दिल्ली से सीधी ट्रेन चल सकें। रेलवे नई दिल्ली से श्रीनगर के बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की शुरुआत करने विचार कर रहा है। गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी इस प्रोजेक्ट शुभारंभ कर सकते है। इसे लेकर पीएमओ से चर्चा की जा रही है।

इन शहरों से गुजरेगी, इतना होगा किराया
जानकारी के अनुसार, इस वंदे भारत ट्रेन का स्टाप अंबाला कैंट, लुधियाना, जम्मू तवी और श्री माता वैष्णो देवी कटरा जैसे प्रमुख स्टेशनों तक ही सीमित होगा। नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 13 घंटे से भी कम समय में 800 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी। शाम 7 बजे नई दिल्ली से रवाना होकर सुबह 8 बजे श्रीनगर पहुँचेगी। वंदे भारत स्लीपर में हर वर्ग के यात्रियों के लिए किराया निर्धारित किया गया है। थर्ड एसी में 2,000 रुपए, सेकंड एसी में 2,500 रुपये और फर्स्ट क्लास के लिए 3,000 रुपये किराया निर्धारित किया गया है।

ट्रेन में यात्रियों को मिलेगी ये सुविधाएं
यात्रियों के आराम को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन को डिजाइन किया गया है। ट्रेन में आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसमें अपग्रेडेड बर्थ, बेहतर रोशनी और जलवायु-नियंत्रित वातावरण शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वंदे भारत स्लीपर की शुरुआत से जम्मू और कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल यह ट्रेन नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच चलेगी लेकिन इस सेवा का विस्तार बाद में बारामुला तक करने की भी योजना है। इस विस्तार से उत्तरी कश्मीर में कनेक्टिविटी और बेहतर होगी, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी।

पीवी सिंधु से मनु भाकर तक, मिलिए देश की 9 मशहूर महिला खिलाड़ियों से

नवरात्रि के पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक माता दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना होती है। इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्तूबर से शुरू हो रही है और 12 अक्टूबर तक चलेगी। इस त्योहार को माता शक्ति और भक्ति को समर्पित किया गया है। इस मौके पर हम आपको देश की ऐसी 9 महिला खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जो राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।

नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व तो होता ही है साथ ही ये त्योहार नारी शक्ति का भी प्रतीक है। नवरात्रि के आखिरी दिनों में लोग कन्याओं को भोजन कराते हैं और उन्हें दान देते हैं। कन्या पूजन के जरिए नारी शक्ति के सम्मान का संदेश दिया जाता है। माता दुर्गा के सभी स्वरूप पराक्रम और उनकी शक्तियों को दर्शाता है। देश में ऐसी कई नारी शक्तियां हैं जिन्होंने राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन किया है। चलिए आपको नवरात्रि के शुभ अवसर पर ऐसी 9 महिला खिलाड़ियों के बारे में आपको बताते हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम ऊंचा किया है।

मैरी कॉम

मैरी कॉम एक ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया है और वह 1-2 नहीं 6 बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं। 2001 में बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखने वाली मैरी कॉम ने 2012 में लंदन ओलंपिक खेलों में निकोला एडम्स को हराकर ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर साबित कर दिया कि वह एक महिला कुछ भी कर सकती है।

साइना नेहवाल

साइना नेहवाल ऐसी पहली भारतीय बैडमिंटन प्लेयर हैं, जिन्होंने ओलंपिक मेडल जीता और इंडियन बैडमिंटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। नेहवाल ने 24 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं। वह ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और विश्व जूनियर चैंपियनशिप में कम से एक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं।

पीवी सिंधु

पीवी सिंधु ने 19 साल की उम्र में 2013 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में पदक हासिल किया और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। साथ ही उन्होंने 2016 में रियो 2016 और टोक्यो 2020 ओलंपिक में पदक जीते हैं। रियो में उन्होंने रजत पदक और टोक्यो में कांस्य पदक जीता था। टोक्यो में कांस्य पदक जीतने के बाद वह दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

मिताली राज

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाली महिला खिलाड़ियों में महिला क्रिकेटर मिताली राज का नाम भी शामिल है। उन्होंने रूढ़ियों को तोड़ते हुए साबित किया कि कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता नहीं रोक सकती।

मनु भाकर

भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया। निशानेबाजी में एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली वह भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।

पिछले कुछ समय से रहे बीमार, अब तैयारियों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते एचएस प्रणय

भारत का ओलंपिक में बैडमिंटन में प्रदर्शन सराहनीय रहा है और इससे हमेशा देश को पदक की उम्मीद रहती है। महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने रियो और टोक्यो में पदक जीते थे और इस बार में बैडमिंटन में पदक की आस रहेगी। पुरुष सिंगल्स वर्ग में चुनौती पेश करने वाले एचएस प्रणय पिछले कुछ समय से बीमार रहे जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा था। प्रणय अपने कोच तथा पूर्व खिलाड़ी आरएमवी गुरुसाईदत्त की देखरेख में खेल की गति को बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।

चोट और बीमारियों से जूझते रहे प्रणय
प्रणय पिछले कुछ समय के लगातार बीमारियों की चपेट में रहे हैं। थॉमस कप विजेता की के इस अहम सदस्य को पेट की गंभीर बीमारी के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा था। इसके बाद पीठ की चोट ने उन्हें परेशान किया और फिर चिकनगुनिया के कारण उन्हें एक सप्ताह तक विश्राम करना पड़ा। विश्व चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीतने के बाद प्रणय को दूसरी बार पेट की उस तरह की गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा जो उन्होंने अतीत में झेला था। यह बीमारी इतनी गंभीर थी कि वह कुछ भी खा नहीं पा रहे थे। इस बीमारी के कारण वह लगभग छह महीने तक खेल से दूर रहे।वह इसके बावजूद दो प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे।

गुरुसाईदत्त ने कहा, ऑस्ट्रेलिया ओपन के बाद हमने जो तैयारियां शुरू की थी, वे सही रास्ते पर हैं, हम सही रास्ते पर है। इस यात्रा में प्रणय के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि भले ही वह संघर्ष कर रहा था लेकिन अभ्यास में कोई कोताही नहीं बरत रहा था और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा था। उसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा इसलिए को बनाये रखना आसान नहीं था।’’

उन्होंने कहा, वह उस तरह का खिलाड़ी है जो बड़े मौकों पर दमदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। उसने पिछले तीन-चार वर्षों में कई बार ऐसा किया है। एक कोच के रूप में मुझे और राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को उन पर भरोसा है। हम कुछ नया तरीका आजमाना चाहते थे। पिछले तीन-चार टूर्नामेंटों के आधार पर गोपी सर का मानना है कि उसे लंबी अवधि के मैच खेलने होंगे। हमने इस पहलू पर काम किया।

वानखेड़े में सम्मान समारोह के बाद खूब नाचे रोहित-विराट और बाकी खिलाड़ी, लैप ऑफ ऑनर भी लिया

टी20 विश्व कप 2024 चैंपियन बनने के बाद भारतीय टीम का दिल्ली और फिर मुंबई में जोरदार स्वागत हुआ। विक्ट्री परेड के बाद भारतीय टीम सीधे वानखेड़े स्टेडियम पहुंची। यहां टीम इंडिया को 125 करोड़ रुपये का चेक थमाया गया। इस इनाम की घोषणा बीसीसीआई सचिव जय शाह ने विश्व कप जीतने के एक दिन बाद ही कर दी थी। अब पूरी टीम को इसका चेक सौंप दिया गया है।

समारोह के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने स्टेडियम में लैप ऑफ ऑनर लिया और फैंस का आभार जताया। इतना ही नहीं आखिर में भारतीय खिलाड़ियों ने स्टेडियम में ही जमकर डांस किया। इस दौरान विराट कोहली और रोहित शर्मा भी स्टेडियम में बज रहे गानों पर डांस करते दिखे।

लैप ऑफ ऑनर लेते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने ऑटोग्राफ की हुई गेंद को फैंस को दिए। खिलाड़ियों ने गेंद दर्शक दीर्घा में फेंकी। हालांकि, सबसे बढ़िया पल तो थोड़ी देर बाद आया, जब टीम को लैप ऑफ ऑनर में लीड कर रहे विराट और रोहित अचानक स्टेडियम में बज रही धुन पर नाचने लगे। इसके बाद पूरी टीम ने इन दोनों को जॉइन किया। इसका वीडियो भी सामने आया है।

रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने मरीन ड्राइव से ओपन टॉप बस परेड की शुरुआत की। बड़ी संख्या में फैंस भारत की सफलता की धुन पर झूम उठे और टी20 विश्व कप विजेता टीम के आगमन का जश्न मनाया। परेड के दौरान, खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित ट्रॉफी को हवा में ऊंचा उठाते हुए और अपने प्रशंसकों के समर्थन की सराहना करते हुए देखा गया।

प्रशंसकों का प्यार तब साफ नजर आ रहा था जब उनमें से कुछ पेड़ पर चढ़ गए और टीम के लिए चीयर कर रहे थे क्योंकि बस उनके पास से गुजर रही थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), सचिव जय शाह और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला भी जश्न में शामिल हुए और बस में खिलाड़ियों के साथ भी देखे गए।

कोच फुल्टन ने दिया हॉकी टीम को गुरूमंत्र, बोले- अपने खेल पर फोकस करें, ओलंपिक पर नहीं..

पेरिस ओलंपिक की शुरुआत में अब 20 दिन का समय शेष है। इससे पहले भारतीय हॉकी टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलना है। मुकाबले से पहले टीम के कोच क्रेग फुल्टन ने खिलाड़ियों को गुरूमंत्र दिया है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक का दबाव लिए बगैर फिलहाल न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच पर फोकस रखें।

फुल्टन ने कहा, “मैं जानता हूं कि टोक्यो ओलंपिक के कांस्य के बाद अपेक्षायें बढी है लेकिन हकीकत यह है कि टीम ने अच्छी प्रगति की है। लंदन ओलंपिक (2012) में 12वें, रियो (2016 ) में आठवें स्थान से तोक्यो (2020) में तीसरे स्थान पर रहने तक टीम काफी आगे बढ़ गई है। मेरा मंत्र स्पष्ट है कि खेल पर फोकस करें, ओलंपिक पर नहीं। यह हॉकी का ही मैच है और नियम भी बदले नहीं हैं।”भारत में 2018 विश्व कप जीतने वाली बेल्जियम टीम के सहायक कोच रहे फुल्टन को ओलंपिक की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला लेकिन उन्हें कोई मलाल नहीं है। वह पिछले साल अप्रैल में भारतीय टीम से जुड़े थे।

उन्होंने कहा, “आम तौर पर एक ओलंपिक से दूसरे ओलंपिक तक का समय मिलता है लेकिन यह कोई बहाना नहीं है। हमने मेरे आने के तीन महीने के भीतर एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतकर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। टीम आत्मविश्वास से भरी है और अच्छा खेल रही है।”

एफआईएच प्रो लीग में भारत के सातवें स्थान पर रहने या विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर खिसकने से फुल्टन चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “प्रो लीग में हम कुछ मैचों में अच्छा नहीं खेल सके लेकिन उसमें मकसद ओलंपिक के लिये टीम चयन था और काफी बदलाव किये गए। लेकिन सातवें स्थान पर रहने और जीतने वाली टीम में दस अंक का ही अंतर था यानी यह काफी करीबी था हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ नहीं खेले। यही वजह है कि रैंकिंग में भी गिरावट आई ।लेकिन इससे मैं परेशान नहीं हूं।”

प्रियांशु राजावत ने किया उलटफेर, डेनमार्क के इस खिलाड़ी को हराकर कनाडा ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे

भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रियांशु राजावत ने बड़ा उलटफेर करते हुए दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसेन को हराया। राजावत ने एंटोनसेन को हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। राजावत शानदार लय में दिख रहे हैं और उन्होंने अपना प्रदर्शन इस शीर्ष वरीय खिलाड़ी के खिलाफ भी जारी रखा और कनाडा ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।

विश्व में 39वें नंबर के खिलाड़ी राजावत ने एक घंटे 19 मिनट तक चले क्वार्टर फाइनल मैच में एंटोनसेन को 21-11, 17-21, 21-19 से हराया। यह पहला अवसर है जब इस 22 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने शीर्ष 10 में शामिल किसी खिलाड़ी को हराया। राजावत दूसरी बार विश्व टूर सुपर 500 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचे हैं जहां उनका सामना फ्रांस के अलेक्स लेनियर से होगा। राजावत ने अच्छी शुरुआत की तथा पहले गेम में एक समय वह 7-4 से आगे थे। एंटोनसेन ने हालांकि जल्द ही स्कोर 9–9 से बराबर कर दिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार पांच अंक बनाए। एंटोनसेन ने फिर वापसी की कोशिश की, लेकिन राजावत ने लगातार सात अंक बनाकर पहला गेम अपने नाम कर दिया।

एंटोनसेन ने दूसरे गेम में जबरदस्त वापसी की, लेकिन राजावत ने उन्हें कड़ी चुनौती दी। एक समय स्कोर 17-17 तक बराबरी पर था लेकिन डेनमार्क के खिलाड़ी ने लगातार चार अंक बनाकर मैच को निर्णायक गेम तक खींच दिया। तीसरे गेम में राजावत एक समय 5-1 से आगे थे लेकिन एंटोनसेन इंटरवल तक 11-10 मामूली बढ़त हासिल करने में सफल रहे। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों ने एक दूसरे को कड़ी चुनौती दी, लेकिन राजावत ने 19-19 के स्कोर पर लगातार दो अंक बनाकर मैच अपने नाम कर दिया। राजावत ने इससे पहले भी अपने से बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को हराया था। उन्होंने डेनमार्क के विश्व में 24वें नंबर के खिलाड़ी रासमस गेम्के और 33वें स्थान पर काबिज जापान के ताकुमा ओबैयाशी को पराजित करके क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।

भारत की इस महिला एथलीट को नाडा ने निलंबित किया, डोप जांच में रही थीं विफल

राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने राष्ट्रीय अतंर राज्यीय चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली भारत की शीर्ष महिला 400 मीटर धाविका दीपांशी को डोप जांच में विफल होने के कारण निलंबित किया। 21 साल की दीपांशी ने शुक्रवार को पंचकुला में महिलाओं के 400 मीटर फाइनल में किरण पहल (50.92 सेकेंड) के बाद 52.01 सेकेंड के समय से दूसरा स्थान हासिल किया था।

टूर्नामेंट के दौरान लिए गए डोप नमूने में ‘एनाबोलिक स्टेरायड’ मिला है। ये नमूने 27 जून को (हीट रेस के बाद या सेमीफाइनल में) लिए गए थे। 27 से 30 जून तक हुए राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में यह पहला डोप पॉजिटिव मामला सामने आया है जो पेरिस ओलंपिक के लिए अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी था। दीपांशी राष्ट्रीय शिविर में ट्रेनिंग नहीं करतीं।

ओलंपियंस से मिले पीएम मोदी, बोले- देश का गौरव बढ़ाएंगे भारतीय खिलाड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्वास जताया कि ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ी देश को गौरवान्वित करेंगे और 140 करोड़ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

भारत पेरिस ओलंपिक के लिए लगभग 120 खिलाड़ियों का दल भेज रहा है और उसे उम्मीद है कि इस बार वे तोक्यो ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। भारत ने तोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीते थे जिनमें नीरज चोपड़ा का भाला फेंक में जीता गया स्वर्ण पदक भी शामिल है।

प्रधानमंत्री ने ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के एक बड़े दल से मिलने के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘ओलंपिक के लिए पेरिस जा रहे हमारे दल से बातचीत की। मुझे विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और भारत को गौरवान्वित करेंगे। उनकी जीवन यात्रा और सफलता 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीद बंधाती है।’’

भारतीय खिलाड़ियों के दल के साथ खेल मंत्री मनसुख मांडविया, खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा भी थीं। पीएम मोदी ने नीरज चोपड़ा, मुक्केबाज निकहत जरीन और ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु से वर्चुअल बातचीत भी की।

भारतीय टीम के कोच जीवनजोत के बेटे का शानदार प्रदर्शन, कनाडा के लिए जीता स्वर्ण पदक

भारतीय कंपाउंड तीरंदाजी टीम के कोच जीवनजोत सिंह तेजा के पुत्र हरकुंवर सिंह तेजा ने कनाडा के लिए पैन अमेरिकन यूथ तीरंदाजी चैंपियनशिप में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीता है। जीवनजोत वही तीरंदाजी कोच हैं, जिन्होंने उपेक्षाओं से दुखी होकर भारत छोड़ दिया था। अंतिम क्षणों में द्रोणाचार्य अवॉर्ड से नाम काटे जाने के चलते वह पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला की नौकरी छोड़ परिवार समेत कनाडा में चले गए थे।

2020 में बेटे को सिखाना शुरू की तीरंदाजी
जीवनजोत के मुताबिक उन्होंने प्रण लिया था कि जो सम्मान उन्हें नहीं मिला वह अपने बेटे के जरिए हासिल करेंगे। उन्होंने कनाडा में ही 2020 में बेटे को तीरंदाजी सिखाना शुरू किया, लेकिन भारत का मोह वह नहीं छोड़ पा रहे थे। हांगझोऊ एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण जीतने वाली ज्योति सुरेखा और अन्य शिष्यों के दबाव में वह द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए आवेदन करते रहे। उनके शिष्यों का प्यार रंग लाया और जिस द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए 2018 में उनका नाम चयनित होने के बावजूद काटा गया, 2022 में उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया। जीवनजोत ने इसके बाद भारत आने का फैसला लिया। वह इस वक्त भारतीय कंपाउंड तीरंदाजी टीम के कोच हैं।

भारत में आकर तैयारी की
जीवनजोत के मुताबिक बेटा कनाडा में ही शिक्षा अर्जित कर रहा है, लेकिन तीरंदाजी सीखने के लिए उनके पास यहां आता है। पैन अमेरिकन चैंपियनशिप के लिए वह उनके पास यहां तीन माह रहकर गया। यहां उन्होंने उसे तैयारी कराई, जिसका नतीजा यह निकला कि हरकुंवर ने अंडर-15 कंपाउंड ओपन वर्ग के मुकाबले में 720 में से 682 का स्कोर कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। फाइनल में हरकुंवर ने कोलंबिया के अल्मारियो फ्लोरेस जुआन एस्तेबान को 145-140 से पराजित किया। जीवनजोत इसी माह कोरिया में होने जा रहे विश्वकप में भारतीय टीम के साथ बतौर कोच जा रहे हैं।

शूटिंग में मनु-विजयवीर का जलवा, 25 मीटर पिस्टल ओलंपिक चयन ट्रायल स्पर्धा में जीते

ओलंपियन मनु भाकर और पेरिस ओलंपिक कोटा विजेता विजयवीर सिद्धू ने चौथे और आखिरी ओलंपिक चयन ट्रायल (ओएसटी) में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा जीत ली। मध्यप्रदेश राज्य निशानेबाजी में मनु ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल ओएसटी टी4 फाइनल में विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला 42 स्कोर किया। वहीं, विजयवीर ने पुरूषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल ओएसटी टी4 में फाइनल में 34 स्कोर किया।

मनु ने ट्रायल में पूरा दबदबा बनाए रखा। अभिंद्या पाटिल (35) दूसरे और सिमरनप्रीत कौर बरार (30) तीसरे स्थान पर रहीं। ईशा सिंह और रिदम सांगवान चौथे और पांचवें स्थान पर रहीं। पुरूषों की रैपिड फायर स्पर्धा में विजयवीर ने पांच शॉट की दूसरी सीरीज के बाद बढ़त बना ली थी। उन्होंने आठवीं और आखिरी सीरिज तक बढ़त बनाए रखी। अनीश भानवाला दूसरे और आदर्श सिंह तीसरे स्थान पर रहे। अंकुर गोयल चौथे और भावेश शेखावत पांचवें स्थान पर रहे।