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खेल

Tokyo Olympics: इतिहास रचने से चूक गई मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, सेमीफाइनल में मिली करारी हार

मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में इतिहास रचने से चूक गईं. लवलीना को 69 किलोवर्ग के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली (Lovlina Borgohain vs Busenaz Surmeneli) ने 5-0 से हराया.

लवलीना को अब ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना होगा.23 वर्षीय लवलीना बोरगोहेन के लिए वर्ल्ड चैम्पियन तुर्की की सुरमेनेली बुसेनज के साथ ये मुकाबला आसान नहीं था.

अपनी ख्याति के ही अनुसार सुरमेनेली बुसेनज इस मुकाबलें में लवलीना पर शुरुआत से ही हावी रहीं और पहला राउंड वह 0-5 से जीत गई. पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को 10-10 अंक दिए, जबकि लवलीना बोरगोहेन को 9-9 अंक मिले.

असम की 23 वर्षीय लवलीना बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं. लवलीना की हार के साथ ही बॉक्सिंग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo 2020) में भारत की तरफ से मुक्केबाजी में सिर्फ लवलीना ही पदक जीतने में कामयाब रहीं.

टोक्यो ओलंपिक: भारत की महिला पहलवान सोनम का सफर हुआ समाप्त, पहले मुकाबले में मिली हार

भारत की महिला पहलवान सोनम को मंगलवार को 62 किग्रा महिला फ्रीस्टाइल वर्ग के अपने पहले ही मुकाबले में हार कर टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गईं। सोनम को मंगोलिया की पहलवान से मिली हार के बाद उन्हें ब्रांज मेडल की उम्मीद थी.

सोनम को इसके लिए भी निराश होना पड़ा है। सोनम को ब्रांज मेडल की फाईट के लिए मंगोलिया की पहलवान को फाइनल में पहुंचना जरूरी थी लेकिन वह अपना दूसरा मुकाबला हार गई और इसलिए सोनम गेम से बाहर हो गई हैं।

अंतिम समय तक स्कोर 2-2 था लेकिन बोलोरतुया को सेकेंड पीरियड में एक साथ हासिल दो अंकों के आधार पर विजेता घोषित किया गया। सोनम ने पहले पीरियड की समाप्ति तक 1-0 की लीड ले रखी थी। दूसरे पीरियड में भी सोनम ने एक अकं हासिल किया 2-0 की लीड हासिल कर ली।

बोलोरतुया ने हालांकि दूसरे पीरियड में एक साथ दो अंक लेकर बाजी मार ली। इसी के साथ सोनम के लिए टोक्यो ओलंपिक का सफर समाप्त हो गया।बता दें कि उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 12 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी।

उन्होंने महज 16 साल की उम्र में ओलंपिक पदक विजेता खिलाडिय़ों को चित कर भारत केसरी का खि़ताब अपने नाम किया था। 15 अप्रैल 2002 को जन्मी सोनम पहलवान ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक व सुशील कुमार को हीरो मानती हैं।

Ind vs ENG: कल से शुरू होगी दोनों टीमो के बीच Test Series व ये रहेगी भारत की प्लेयिंग 11

भारत और इंग्लैंड  के बीच 5 मैचों टेस्ट सीरीज (Test Series) का पहला मुकाबला कल से नॉटिंघम (Nottingham) में होने जा रहा है. टीम इंडिया ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

टीम इंडिया ने प्रैक्टिस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था ऐसे में टीम इंडिया का हौसला बुलंद हैं. इस साल फरवरी में जब इंग्लैंड भारत दौरे पर आई थी, तब टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज में 3-1 से मात दी थी.

सूर्यकुमार यादव  और पृथ्वी शॉ  ने कोलंबो से इंग्लैंड के लिए उड़ान भर ली है. सूर्यकुमार ने ट्वीट कर इंग्लैंड रवाना होने की जानकारी फैन्स के साथ शेयर की. उन्होंने अपनी तस्वीर के साथ लिखा-अगला पड़ाव इंग्लैंड, भगवान का शुक्रिया!. दोनों बल्लेबाजों को तीन दिन पहले ही श्रीलंका से रवाना होना था. लेकिन वीजा से जुड़े दस्तावेज तैयार नहीं होने की वजह से उन्हें श्रीलंका में ही रूकना पड़ा.

टेस्ट सीरीज से पहले टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल पहले टेस्ट से बाहर हो गए हैं. ऐसे में कप्तान विराट कोहली के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई हैं कि रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग कौन करेगा? एक नजर इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारत इन खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतर सकता हैं.

Tokyo Olympics: सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को मिली करारी हार के बाद पीएम मोदी ने कहा ये…

विश्व चैंपियन बेल्जियम ने आख़िरी क्वॉर्टर में चैम्पियनों वाला प्रदर्शन करके भारत को 5-2 से हराकर लगातर दूसरे ओलंपिक के फ़ाइनल में स्थान बना लिया. अब उनके सामने विश्व चैम्पियन रहने के साथ ओलंपिक चैम्पियन बनने का भी मौक़ा है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘हार-जीत जीवन का हिस्सा है. टोक्यो ओलंपिक में हमारी पुरुष हॉकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है. टीम को अगले मैच और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं. भारत को अपने खिलाड़ियों पर गर्व है.

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को सेमीफाइनल में 5-2 से बेल्जियम से हार झेलनी पड़ी. इसके साथ ही बेल्जियम फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई, जबकि भारतीय टीम का ओलिंपिक गोल्ड का इंतजार एक और ओलिंपिक के लिए बढ़ गया.

पांच साल पहले रियो ओलंपिक में वह पहली बार फ़ाइनल में पहुंची थी. पर उस समय अर्जेंटीना ने उसके सपने को तोड़ दिया था. अब वह ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के विजेता से खेलकर चैम्पियन बनने का प्रयास करेगी.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले श्रीलंका टीम के ये खिलाड़ी कर सकते हैं संन्यास का ऐलान

श्रीलंका क्रिकेट में उथल-पुथल का दौर जारी है और यह समस्या जल्द सुलझती नहीं दिख रही है। नई ग्रेडिंग प्रणाली की शुरूआत ने मामले को और खराब कर दिया है। नए पॉइंट-बेस्ड ग्रेडिंग सिस्टम के तहत खिलाड़ियों को उनकी फिटनेस, अनुभव, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट दिया जा रहा है।

32 या 33 की उम्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की नहीं होती।  क्योंकि कई बार देखा जाता है कि ये किसी भी खिलाड़ी का पीक समय होता है, लेकिन इस उम्र में श्रीलंका के क्रिकेटर संन्यास ले रहे हैं, वो भी किसी एक फॉर्मेट से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ही।

इसुरु उदाना ने संन्यास के बाद जो बयान जारी किया था। उसमें उन्होंने कहा था, “मेरा मानना है कि मेरे लिए अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए जगह बनाने का समय आ गया है।” उदाना महज 33 साल के हैं और उनमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है। ऐसे में कई लोग मानते हैं कि संन्यास का निर्णय नई प्रणाली के कारण लिया गया है।

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रीलंका के एक और प्रमुख तेज गेंदबाज के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला से पहले संन्यास लेने की संभावना है। निरोशन डिकवेला उन तीन खिलाड़ियों में से हैं जिन्हें इंग्लैंड दौरे में बायो-सिक्योर बबल को तोड़ने का दोषी पाया गया था।

ये तीनों क्रिकेटर कुछ समय के लिए राष्ट्रीय टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं। इसलिए उनमें से किसी का भी रिटायरमेंट श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका होगा। हालांकि इस हंगामे के बीच हाल ही में श्रीलंकाई टीम को जश्न मनाने की एक बड़ी वजह मिली।

Tokyo Olympics: भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, एक गोल से पहली बार सेमीफाइनल में किया प्रवेश

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में सेमीफाइनल (Semifinal) में अपनी जगह पक्की करने के साथ ही भारतीय महिला हॉकी टीम (India Women Hockey team) ने इतिहास रच दिया है। सेमीफाइनल में पहुंचकर टीम ने मेडल की उम्मीद को बरकरार रखा है, क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया (Australia) को हराकर जीत हासिल करने पर कोई कोई खुशी है जिसके बाद देश की शेरनियों को हर कोई बधाई दे रहा है।

भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो में इतिहास रचते हुए पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। टीम ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया यह इतिहास रचा है। बता दें कि इस टीम का यह सिर्फ तीसरा ओलंपिक है।

भारत की ओर से एकमात्र गोल करने वाली भारत के पंजाब की गुरजीत कौर ने किया है। ड्रैग फ्लिकर के तौर पर खेलने वाली गुरजीत कौर ने इसी के साथ अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है।

आपकों बतां दें कि गुरजीत कौर का हाॅकी से रिश्ता इतना आसान नही हैं उन्होंने इसे अपना करियर बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया है। आईए जानते हैं उनके बारे में-

महिला हॉकी टीम के पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद भारतीय खेल समुदाय ने इसे देश की हॉकी के लिये स्वर्णिम पल करार दिया। भारतीय पुरुष टीम के 49 वर्ष बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद सोमवार को महिला टीम ने आस्ट्रेलिया की विश्व में नंबर दो टीम को 1-0 से हराकर अंतिम चार में जगह बनायी।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न को लेकर अभी-अभी आई बुरी खबर, फैंस कर रहे जल्द ठीक होने की कामना

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न द हंड्रेड टूर्नामेंट के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. शेन वॉर्न इस टूर्नामेंट में लंदन स्पिरिट टीम के मुख्य कोच हैं. वॉर्न इस द हंड्रेड टूर्नामेंट के दूसरे हेड कोच हैं जो जांच में कोरोना पॉजिटिव आए हैं.

वॉर्न ने रविवार को लॉर्ड्स में सदर्न ब्रेव के खिलाफ मैच से पहले अस्वस्थ होने की शिकायत की थी. इसके बाद उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट (लेटरल फ़्लो टेस्ट) किया गया था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. फिलहाल वो आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.

लंदन स्प्रिट क्लब ने अपने बयान में कहा, “रविवार सुबह अस्वस्थ महसूस करने के बाद शेन का शुरुआती परीक्षण कराया गया जो कि पॉजिटिव आया है. उन्हें टीम के अन्य सदस्यों और सहयोगी स्टाफ से अलग आइसोलेट कर दिया गया है. उनकी पीसीआर जांच के परिणाम का इंतजार है.”

साथ ही बयान में कहा गया है कि, “टीम प्रबंधन के एक दूसरे सदस्य का परीक्षण भी पॉजिटिव आया है और उन्हें भी आइसोलेट कर दिया गया है. अब तक टीम का कोई भी खिलाड़ी इस से प्रभावित नहीं पाया गया है.”

टोक्यो ओलंपिक: क्वार्टरफाइनल में हारे बॉक्सर सतीश कुमार, जीत लिया रणदीप हुड्डा का दिल

बॉक्सर सतीश कुमार रविवार को भले ही मेंस सुपरहैवीवेट क्वार्टरफाइनल में हार गए हों, लेकिन उन्होंने दुनियाभर के खिलाड़ियों का दिल जीत लिया। अपनी फाइटिंग स्पिरिट से जग जीतने वाले सतीश कुमार आंख के पास टांके लगने के बावजूद योद्धा की तरह लड़ते रहे।

सतीश कुमार उस समय नहीं जानते थे कि बॉक्सिंग क्या होती है, हां लेकिन उन्होंने यह जरूर सुना था कि बॉक्सिंग WWE की तरह होती है, अंडरटेकर और जॉन सीना के बारे में सुना था।

कोच के समझाने पर सतीश ने बॉक्सिंग करने का फैसला किया था। कोचों ने उनकी ऊंचाई के आधार पर उन्हें चुना था और और उस दिन से उन्होंने बॉक्सिंग करना शुरू किया था।

आईपीएस पंकज नैन ने ट्वीट किया, ओह एक चट्टान की तरह! आखिरी लड़ाई में चोट लगने के कारण उन्होंने चेहरे पर कई टांके लगाकर रिंग में प्रवेश किया। फिर भी विश्व नंबर एक के खिलाफ एक चैंपियन की तरह लड़े। जीत या हार चैंपियन तय नहीं करती- इच्छा और दृढ़ संकल्प करते हैं।

सतीश कुमार (Satish Kumar Wife) की शादी सविता कुमार से हुई है और उनके 2 बच्चे हैं।एक के बाद एक मुक्के खाने के बावजूद सतीश पूरे गेम तक जबर्दस्त तरीके से लड़ते रहे, अंतत: उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

ओलंपिक इतिहास में अपना नाम सूचीबद्ध करने वाली एम्मा मैककॉन आखिर कौन हैं जिन्होंने जीते 7 पदक

एम्मा मैककॉन ने रविवार को ओलंपिक इतिहास में अपना नाम सूचीबद्ध किया, जब ऑस्ट्रेलिया ने टोक्यो एक्वेटिक्स सेंटर में महिलाओं की 4×100 मीटर रिले स्वर्ण पदक को सुरक्षित करने के लिए दो बार के गत चैंपियन, संयुक्त राज्य अमेरिका को हरा दिया।

एक करीबी दौड़ में, कायली मैककेन, चेल्सी होजेस, एम्मा मैककेन, केट कैंपबेल की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 3: 51.60 के एक नए ओलंपिक रिकॉर्ड समय के साथ दौड़ जीती, संयुक्त राज्य अमेरिका को दूसरे स्थान पर धकेल दिया।

टोक्यो 2020 ओलंपिक में मैककॉन का यह सातवां पदक था, एक ऐसी उपलब्धि जो किसी अन्य महिला तैराक ने कभी किसी एक खेल में नहीं बनाई। 1952 में पूर्वी जर्मन क्रिस्टिन ओटो के छह पदकों को पछाड़ दिया था, जिसे बाद में 2008 में अमेरिकी नताली कफलिन ने मैच किया था।

आपको बता दें कि इससे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका की महान तैराकी केटी लेडेकी ने महिलाओं की 800 मीटर फ्रीस्टाइल में पोडियम में शीर्ष पर रहने के बाद रिकॉर्ड छठा व्यक्तिगत स्वर्ण और अपने करियर का 10वां ओलंपिक पदक जीता था। ऑस्ट्रेलिया के एरियन टिटमस ने रजत और इटली की सिमोना क्वाडरेला ने कांस्य पदक जीता।

Tokyo Olympic: उम्र की सीमाओं को तोड़ते हुए इन खिलाडियों ने जीता मैडल व रच दिया इतिहास

कोरोना वायरस  के साए और तमाम विरोधों के बीच आखिरकार टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) का आगाज 23 जुलाई से हुआ. इन खेलों को शुरू हुए अब हफ्ते भर का वक्त हो चुका है.

कुवैत के अब्दुल्ला अल-रशीदीने बीते हफ्ते स्कीट शूटिंग में कुवैत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. पहली नजर में यह किसी के लिए भी ओलंपिक मेडल जीतने भर की खबर हो सकती है.

स्केटबोर्डिंग ने पहली बार टोक्यो गेम्स के जरिए ओलंपिक में एंट्री की और पहली ही इस खेल में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन हुए. जापान की मोमिजी निशिया  ने वुमेंस स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग इवेंट में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा.

सीरिया की हेंड जाज़ा (Hend Zaza) महज 12 साल की उम्र में ओलंपिक का हिस्सा बनीं. वो टेबल टेनिस के महिला सिंगल्स में उतरी थीं. हालांकि, जाज़ा पहले ही मैच में 39 साल की ऑस्ट्रिया की खिलाड़ी ल्यू जिया से हारकर बाहर हो गईं.

ईरान के निशानेबाज जावेद फोरोगी (Javad Foroughi) ओलंपिक की तैयारियों को छोड़कर लोगों की इस वायरस से जान बचाने में लगे थे और इसके बाद जब टोक्यो पहुंचे, तो यहां भी इतिहास रच दिया.