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खेल

Tokyo Olympics: अंतिम 16 में पहुंची भारतीय तीरबाज़ दीपिका कुमारी, 6-0 से दर्ज़ की जीत

भारत के स्टार निशानेबाज प्रवीण जाधव को टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की तीरंदाजी स्पर्धा में हार का सामना करना पड़ा। राउंड ऑफ 32 में कमाल का प्रदर्शन करने वाले जाधव को अंतिम 16 में दुनिया के नंबर 1 तीरंदाज अमेरिका के ब्रेडी एलिसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।

दीपिका कुमारी भूटान की करमा को हराकर अंतिम 16 में पहुंच गई हैं। उन्होंने राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में 6-0 से जीत दर्ज की।प्रवीण जाधव अंतिम 16 में फ्लॉप रहे और दुनिया के नंबर 1 तीरंदाज अमरीका के ब्रेडी एलिसन के हाथों 0-6 से हार गए।

इसी के साथ ही उनका सफर भी समाप्त हो गया है। हालांकि इससे पहले प्रवीण जाधव ने वर्ल्ड नम्बर 2 रूस के Bazarzhapov Galsan को 6-0 से हराया था।

भारत के अनुभवी तीरंदाज तरुणदीप राय बढ़त का फायदा उठाने में नाकाम रहे और तोक्यो ओलंपिक खेलों में पुरुषों के व्यक्तिगत वर्ग के दूसरे दौर में अपने से कम रैंकिंग के इजराइली खिलाड़ी इताय शैनी से ‘शूट ऑफ’ में 5-6 से हार गए।

खेल जगत में दौड़ी शोक की लहर, भारत के इस महान बैडमिंटन खिलाड़ी का अकस्मित हुआ निधन

भारत के पूर्व महान बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर का निधन हो गया है। उन्होंने 88 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। नंदू भारत के पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे जिन्होंने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था। यह उपलब्धि उन्होंने साल 1956 में हासिल की थी। उनके निधन के बाद खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई।

वहीं उनके बेटे गौरव ने बताया कि वह पिछले तीन महीने से बीमार थे, जिसके बाद बीमारी के कारण ही उनका निधन हुआ, हम उस वक्त उनके साथ ही थे। महाराष्ट्र के सांगली में जन्में नाटेकर अपने समय में सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक थे, साथ ही वह दूनिया के पूर्व नंबर तीन के खिलाड़ी थे।

पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ” श्री नंदू नाटेकर का भारत के खेल इतिहास में एक अहम स्थान है। वो एक बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ी और एक महान गुरु थे, उनकी सफलता नए एथलीटों को प्रेरित करती रहती है। उनके निधन से दुखी हूं, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ओम शांति!”

अपने बैडमिंटन करियर में नंदू नाटेकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। इसके अलावा उन्होंने 6 बार नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीता था। साल 1961 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया। यह अवॉर्ड पाने वाले वह भारत के पहले बैडमिेंटन खिलाड़ी थे।

 

Tokyo Olympic में भारत को पहला पदक दिलाने वाली मीराबाई चानू को दो करोड़ रुपये भेट करेगी भारतीय रेलवे

टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की तरफ से पहला पदक हासिल करने वाली मीराबाई चानू सोमवार को स्वदेश लौट आईं। एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत हुआ और उन्हें सम्मानित भी किया गया। वतन वापसी के बाद से मीराबाई को रोज सम्मानित किया जा रहा है।

केंद्रीय रेल मंत्री ने मीराबाई की जमकर सराहना की और उन्हें देश का गर्व और भारतीय रेलवे का सम्मान बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मीराबाई ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से करोड़ों भारतीयों को प्रेरित करने का काम किया है।

मीराबाई चानू ने महिलाओं की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा के 49 किग्रा भारवर्ग में रजत पदक जीता था। इसके लिए उन्होंने 202 किलो का कुल भार उठाया। चानू ने स्नैच राउंड में 87 किलो जबकि क्लीन एंड जर्क में 115 किलो का भार उठाया था।

खेल मंत्रालय से भी मिला सम्मान रेल मंत्री से पहले खेल मंत्रालय की ओर से भी मीराबाई चानू को सम्मानित किया गया। उनके सम्मान में खेल मंत्रालय की ओर से कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

ओलंपिक खेलों के दौरान उठा महिला खिलाड़ियों के कवरेज का मुद्दा, लैंगिक समानता को लेकर संस्था ने कहा ये…

ओलंपिक खेलों के दौरान लैंगिक समानता की निगरानी के लिए जापान में बनाई गई संस्था ने खेलों के कवरेज के दौरान महिला खिलाड़ियों के प्रति जारी भेदभाव पर एतराज जाहिर किया है।

इस संस्था की प्रमुख नाओको इमोतो ने सोमवार को कहा- ‘जब खेलों की बात आती है, तो महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह से भरा नजरिया दिखने लगता है।’ इमोतो खुद भी पहले तैराक रह चुकी हैं।

इमोतो ने आरोप लगाया है कि जापानी मीडिया न सिर्फ महिला एथलीटों के प्रति भेदभाव बरत रहा है, बल्कि वह उन्हें पुरुष खिलाड़ियों जितनी गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा- ‘कई चैनल महिला खिलाड़ियों को ‘महिला’, लड़की, पत्नी या मां के रूप में ही पेश करते हैं।’ टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान लैंगिक समानता को खास महत्त्व दिया गया है।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इमोतो ने यह साफ जिक्र नहीं किया कि जापान का कौन सा टीवी चैनल लैंगिक भेदभाव वाली भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन इसके पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि आम तौर पर जापानी मीडिया पुरुष और महिला खिलाड़ियों का कवरेज अलग-अलग नजरिए के साथ करता है।

Sri Lanka vs India: इन 11 खिलाड़ियों पर लगेगा दांव, यहाँ देखें T20I श्रृंखला का दूसरा मुकाबला

श्रीलंका बनाम भारतीय टीम के बीच जारी तीन मैचों की T20I श्रृंखला का दूसरा मुकाबला मंगलवार यानी आज कोलंबो (Colombo) स्थित आर प्रेमदास स्टेडियम  में खेला जाएगा.

आज नजरें सैमसन पर होगी जिनसे काफी उम्मीदें हैं लेकिन उन्हें जब भी भारतीय जर्सी में खेलने का मौका मिला तो वे इन उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे. सैमसन को शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी के पर्याप्त मौके मिले लेकिन इसके बावजूद वह आठ मैचों में 13.75 की औसत से ही रन बना पाए.

सामने आ रहे प्रतिभावान खिलाड़ियों को देखते हुए सैमसन की राह इस प्रदर्शन के साथ आसान नहीं होने वाली. प्रदर्शन के आधार पर ऋषभ पंत ने सैमसन को काफी पीछे छोड़ दिया है जबकि ईशान किशन ने भी सीमित मौके मिलने पर प्रभावी प्रदर्शन किया है.

इस मुकाबले में टॉस के लिए दोनों टीमों के कप्तान भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे मैदान में आएंगे, वहीं मैच का लाइव प्रसारण आधे घंटे बाद यानी रात आठ बजे से किया जाएगा.

देश में क्रिकेट प्रेमी इस मुकाबले का लाइव प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क के चैनलों पर देख सकेंगे. इस नेटवर्क पर हिंदी और इंग्लिश कमेंट्री के साथ आपको मैच देखने को मिलेगा, वहीं मैच की लाइव स्ट्रीमिंग सोनी लिव एप पर देखने को मिलेगी.

13 साल और 330 दिन की उम्र में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाली निशिया मोमोजी आखिर कौन हैं ?

जापान की 13 साल की निशिया मोमोजी ओलंपिक के इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की एथलीटों में से एक बन गई हैं. निशिया ने स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग कम्पटिशन में ये कारनामा किया है.

उन्होंने 1936 के ओलंपिक खेलों में 13 साल और 268 दिन की उम्र में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच दिया था. निशिया स्केटबोर्डिंग कम्पटिशन में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी भी बन गई हैं.

निशिया ने 13 साल और 330 दिन की उम्र में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने की उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने 15.26 के स्कोर के साथ ये खिताब जीता. ब्राजील की 13 वर्षीय रयासा लील ने 14.64 के स्कोर के साथ इस इवेंट का सिल्वर मेडल अपने नाम किया.

ब्राजील की रयासा लील ने इस इवेंट का सिल्वर मेडल जीता हैं. रयासा की उम्र इस वक्त 13 साल 203 दिन हैं. अगर वो गोल्ड मेडल जीतने में सफल हो जाती तो मार्जरी गेस्ट्रिंग को पीछे छोड़ ओलंपिक के इतिहास में सबसे कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने वाली एथलीट बन जाती.

Tokyo Olympics 2020: भारत को गोल्ड मैडल दिला सकती हैं Mirabai Chanu, यहाँ जानिए कैसे

भारत की 26 वर्षीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने  को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में वेटलिफ्टिंग में देश के लिए पहला सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.

टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए मीराबाई चानू ने कुल 202 किलो (स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा) वजन प्रतियोगिता में अपने चार सफल प्रयासों के दौरान उठाया. वहीं, चीन की होउ जिहुई (Hou Hou Zhihui) ने 210 किलोग्राम उठाकर गोल्ड मेडल जीता और नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया.

महामारी की वजह से ओलंपिक खेलों में कई बड़े बदलाव नज़र आएंगे. खिलाड़ियों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए बेहद सख्त बायो बबल बनाए गया है. इतना ही नहीं टोक्यो ओलंपिक मैदान पर बिना दर्शकों के ही खेले जा रहे हैं.

महामारी ने हालांकि खिलाड़ियों की मुश्किलों को काफी बढ़ा दिया है. कोरोना महामारी की वजह से खिलाड़ियों को हर दिन कोविड 19 टेस्ट से गुजरना होगा. बिना कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट से किसी भी खिलाड़ी को मैदान पर एंट्री नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं अगर कोई खिलाड़ी फाइनल में पहुंच गया है और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो उसे मेडल की रेस से पीछे हटना पड़ेगा.

Tokyo Olympics 2020: तीसरे राउंड में ऑस्ट्रिया की सोफिया पोलकानोवा से हारी मनिका बत्रा

 विश्व रैंकिंग में 62वें नंबर की मनिका बत्रा का टोक्यो ओलिंपिक में सफर समाप्त हो गया है।तीसरे दौर में उन्हें ऑस्ट्रिया की सोफिया पोलकानोवा से 0-4 से हार का सामना करना पड़ा। वह यूक्रेन की 20वीं वरीयता प्राप्त मारग्रेट पेसोत्सका को हराकर तीसरे दौर में पहुंची थी।

मनिका तीसरे राउंड में ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी सोफिया पोलकानोवा के हाथों हारीं। मनिका 63वीं रैंकिंग की खिलाड़ी हैं जबकि पोलकानोवा 17वें रैंक की। सोफिया ने उन्हें 4-0 (11-8, 11-2, 11-5 और 11-7) से शिकस्त दी।

मनिका बत्रा का टोक्यो ओलिंपिक का सफर इसी के साथ खत्म हो गया। वह तीसरे राउंड में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। लेकिन इसके आगे नहीं बढ़ पाईं।

मनिका से पहले आज सुतीर्था मुखर्जी भी दूसरे राउंड में अपना मैच हार गईं थी। मनिका की हार के साथ ही टेबल टेनिस के महिला सिंगल्स वर्ग में भारत बाहर हो गया है।

वहीं अचंता शरथ कमल ने पदक की आस बरकरार रखी है। वह पुर्तगाल के टियागो अपोलोनिया को मेंस सिंगल इवेंट में हराकर तीसरे दौर में प्रवेश कर गए हैं।

टोक्यो ओलंपिक 2020: भारत के लिए आई बुरी खबर, सानिया मिर्जा-अंकिता रैना पहले राउंड में हुई बाहर

जापान की राजधानी टोक्यो में आज से ओलंपिक खेलों का आगाज हो गया है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था. लेकिन एक साल बाद देरी से ही कोविड 19 महामारी में ओलंपिक खेल खेले जा रहे हैं.

बैडमिंटन में भारत की 2016 रियो खेलों की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने अपने महिला एकल के पहले दौर के मैच में इजरायल की केन्सिया पोलिकारपोवा को 21-7 21-10 से हराया।सिंधु ने आसानी से आत्मविश्वास से जीत हासिल की और देने वाली को पदक की उम्मीद दी।

इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक 2020 के तीसरे दिन में भारतीय निशानेबाजों मनु भाकर (रैंक 12) और यशस्विनी सिंह देसवाल (रैंक 13) ने निराश किया क्योंकि वे महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। पुरुष वर्ग में दिव्यांश सिंह पंवार भी 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भाग लेंगे।

महामारी की वजह से ओलंपिक खेलों में कई बड़े बदलाव नज़र आएंगे. खिलाड़ियों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए बेहद सख्त बायो बबल बनाए गया है. इतना ही नहीं टोक्यो ओलंपिक मैदान पर बिना दर्शकों के ही खेले जा रहे हैं.

टोक्यो ओलंपिक 2020: टूटा हरियाणा का शूटिंग में मेडल जीतने का सपना, मनु भाकर को मिली हार

टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से महिला 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालिफिकेशन राउंड में मनु भाकर और यशस्विनी देसवाल 10 मीटर एयर पिस्टल महिला फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहीं।

इस स्पर्धा में मनु भाकर और यशस्विनी सिंह देसवाल ने चुनौती पेश की थी, दोनों ने निशानेबाजों ने बेहतरीन शुरूआत की थी। एक समय ऐसा लगा कि दोनों शूटर अंतिम आठ में जगह बनाने में सफल हो जाएंगी, लेकिन ऐसा हो न सका।

भारतीय महिला निशानेबाज मुकाबले में लगातार पिछड़ती रहीं और बाद में टॉप 8 में जगह बनाने से चूक गईं।महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में दोनों ही खिलाड़ी फाइनल के लिए जगह नहीं बना पाईं। हालांकि मनु भाकर ने अच्छी शुरुआत की।

हीना सिद्ध् ने कहा, उन सभी लोगों के लिए जो यह निर्णय लेने के लिए तत्पर हैं कि मनु दबाव के आगे झुक गईं। मुझे अभी विस्तार से पता चला कि उसके उपकरणों का क्या हुआ और उसने कितना समय गंवाया। वह दबाव के आगे नहीं झुकी और वह इसके लिए उठीं। 34 मिनट से भी कम समय में 575 का स्कोर देना उनकी बड़ी उपलब्धि है।

मनु भाकर 574 अंकों के साथ 12वें और यशस्विनी सिंह 574 अंकों के साथ 13वें नंबर पर रहीं। इसके साथ ही महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई। कुल मिलाकर इसे भारत की निराशाजनक शुरूआत कही जाएगी।