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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में लोक सेवा आयोग ने युवाओं के लिए निकाली नौकरी, देखें आवेदन प्रक्रिया

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने सहायक अभियोजन अधिकारी के रिक्त पदों पर आवेदन मांगे है।

महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं 

पद का नाम- सहायक अभियोजन अधिकारी

कुल पद – 63

अंतिम तिथि- 23 -08- 2021

स्थान- देहरादून

आयु सीमा

उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 42 वर्ष मान्य होगी, आरक्षित वर्ग को विभाग आयु सीमा में छूट देगा।

योग्यत

उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री और अनुभव भी होना चाहिए।चयन प्रक्रिया उम्मीदवार का लिखित परीक्षा के आधार पर होगा।

कैसे करें आवेदन

उम्मीदवार आवेदन पत्र के निर्धारित प्रारूप पर दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां और आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को आवेदन पत्र भरते समय सभी सूचनाओं और विवरणों को ध्यान से भरने का अनुरोध किया जाता है।

Covid Update: देश में फिर बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का रिकॉर्ड, एक दिन में आए 44,643 नए मामले

छह अगस्त भारत में कोरोना वायरस के एक दिन में 44,643 नए मामले आने से संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 3,18,56,757 पर पहुंच गयी वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार तीसरे दिन वृद्धि देखी गयी है।

मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 का पता लगाने के लिए 16,40,287 नमूनों की जांच की गयी और इसी के साथ अभी तक महामारी का पता लगाने के लिए देश में हुए कुल नमूनों की जांच की संख्या 47,65,33,650 हो गयी है।

आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण की दैनिक दर 2.72 प्रतिशत है। पिछले 11 दिनों से यह तीन प्रतिशत से कम रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.41 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3,10,15,844 हो गयी है और मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। अभी तक देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत कोविड-19 रोधी टीके की 49.53 करोड़ खुराक दी गयी है।

संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

उत्तराखंड: इन 6 जिलों में अगले 24 घंटे होगी लगातार बारिश, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

उत्तराखंड की राजधानी समेत राज्य के छह ज़िलों में गुरुवार दिन तक भारी बारिश के आसार हैं इसलिए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए आपदा प्रबंधन व राहत कार्यों से जुड़े कई विभागों को अलर्ट किया है. देहरादून में डीएम ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, पौड़ी और टिहरी ज़िलों में गुरुवार तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.  इधर, कुमाऊं और गढ़वाल के इलाकों में सामान्य बारिश की भविष्यवाणी है जबकि कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई.

खास तौर से राज्य के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के चलते बार बार मलबा आने से रास्तों का बंद या अवरुद्ध होना समस्या बना हुआ है. कर्णप्रयाग में ये हालात हैं, तो देहरादून और मसूरी के बीच गलोगी धार के पास भी मलबे के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बताई गई. इबद्रीनाथ हाईवे पर चट्टान से भारी मलबा और बोल्डर सड़क पर आने से मंगलवार को बैनाकुली के पास करीब 3 घंटे रास्ता ठप रहा.

उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी को पूरे हुए 30 दिन, कांग्रेस बोली-“इन 30 दिनों में सरकार ने सिर्फ घोषणाएं की हैं”

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार को 30 दिन पूरे हो गए हैं. पुष्कर सिंह धामी ने चार जुलाई को उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. धामी सरकार को 30 दिन पूरी होने पर विपक्षी दल कांग्रेस ने निशाना साधा है.

कांग्रेस ने कहा कि ये 30 दिन सिर्फ घोषणाओं के दिन रहे, धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. कांग्रेस ने धामी सरकार को घेरते हुए कहा कि घोषणाएं करके प्रदेश आगे नहीं बढ़ता इसके लिए धरातल पर काम करना जरूरी है.

सीएम धामी ने बताया कि उनकी सरकार ने इन 30 दिनों में क्या-क्या फैसले लिए. इन 30 दिनों में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जहां एक ओर नौकरशाही में बड़े बदलाव किये. वहीं प्रदेश की कई विकास योजनाओं का शुभारंभ भी किया. ए

संवेदनशील एवं त्वरित सेवाएं प्रदान करना,युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना, वैश्विक महामारी कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण एवं आमजनमानस की सुविधा हेतु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं सुलभ किया जाना

उत्तराखंड सहित इन राज्य में लंबी छुट्टी के बाद खुले 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, लेकिन सामने आई ये बड़ी चुनौती

उत्तराखंड में आधी अधूरी तैयारी के साथ आज से नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुल गए हैं। छात्र-छात्राओं को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूलों में प्रवेश दिया गया। वहीं कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही बैठने की व्यवस्था की गई है।

हरिद्वार में पहले दिन बच्चों की संख्या सीमित रही। ज्यादातर सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कम छात्र-छात्राएं आएं। हालांकि, सरकारी स्कूलों की अपेक्षा निजी स्कूलों की स्थिति फिर भी सही रही। बच्चों के स्कूल में आने का कोई दबाव न होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है।

शिक्षा सचिव ने निर्देश दिए थे कि बोर्डिंग एवं डे-बोर्डिंग स्कूलों में आवासीय परिसर में निवास करने वाले छात्र-छात्राओं एवं स्कूल स्टाफ को अधिकतम 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी जरूरी होगी। इसके बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

जबकि बोर्डिंग एवं डे बोर्डिंग स्कूलों के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षक, कर्मचारी, मैट्रन, आवासीय परिसर के समस्त स्टाफ एवं स्कूल में अन्य सेवाओं से जुड़े हुए समस्त कर्मचारियों की वैक्सीनेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। लेकिन अभी तक शत प्रतिशत शिक्षकों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है।

कल से खुल जाएंगे उत्तराखंड में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी स्कूल, सरकार ने सुनाया ये फरमान…

उत्तराखंड में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल दो अगस्त को और कक्षा छठीं से आठवीं के 16 अगस्त को फिर से खुलेंगे। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की। राज्य में स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद है।

आदेश के अनुसार सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे अपने परिसर को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें और प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज करने के बाद ही छात्रों को प्रवेश दें।

इसमें कहा गया है कि कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। स्कूलों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है जो छात्रों की ओर से कोविड के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करेगा और किसी भी उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करेगा।

आदेश में कहा गया है कि यदि स्कूल परिसर में किसी को बुखार, खांसी या सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो नोडल अधिकारी स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य के परामर्श से तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करेगा।

Covid-19 LIVE: पिछले 24 घंटों में सामने आए संक्रमण के 41,831 नए केस, 541 मरीज़ों की मौत

देश में कोरोना  संक्रमित मरीजों की संख्‍या में पिछले दिन की तुलना में भले ही खास इजाफा न हुआ हो लेकिन आज भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्‍या 40 हजार के पार रही है. कोरोना से सबसे ज्‍यादा प्रभावित इस समय केरल दिखाई पड़ रहा है.

पिछले 24 घंटों में 593 मरीजों की मौत हुई है, जिससे मरने वालों का कुल आंकड़ा बढ़कर 4,23,810 पर पहुंच गया है. देश में इस वक्त कोरोना के एक्टिव मामले 408920 है, जो कुल मामलों का 1.29 फीसदी है. वहीं रिकवरी रेट बढ़कर 97.37 फीसदी तक पहुंच गया है.

पिछले 24 घंटों में 37,291 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं और अब कुल रिकवर हुए मामलों की संख्या 3,07,81,263 हो गई है. कोरोना का वीकली पॉजिटिविटी रेट इस वक्त 2.42 फीसदी है.

केरल में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय  की ओर से रविवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 41 हजार 831 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 541 मरीजों की मौत हुई है.

UK Board Result: उत्तराखंड बोर्ड ने घोषित किया 10वीं-12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें मोबाइल पर चेक

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE), नैनीताल ने उत्तराखंड बोर्ड कक्षा 10, 12 के नतीजे घोषित कर दिया है। हाईस्कूल के रिजल्ट में 93.09 फीसदी और इंटर में 99.56 फीसदी छात्र सफल हुए हैं।

कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था। पिछले रिजल्ट के आधार पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षाफल जारी किया गया है। इस साल 12वीं में  1.24 लाख और दसवीं में 1.48 छात्र छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

खास बात यह है कि इस साल सभी छात्रों को पास किया जाएगा। यह पहला मौका होगा जब बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र फेल नहीं होगायूपीबीएसई यूके बोर्ड हाईस्कूल और इंटर के छात्र अब अपना रिजल्ट उत्तराखंड बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ubse.uk.gov.in के साथ ही  देख सकते हैं।

वहीं हाईस्कूल परीक्षा के लिए 148347 स्टूडेंट्स ने पंजीकरण कराया था जिसमें 147725 छात्रों ने भाग लिया और परिणाम में कुल 99.09 फीसदी छात्रों को सफल घोषित किया गया।

हाईस्कूल में बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 98.86 रहा जबकि बालकों का सफलता प्रतिशत 99.30 रहा।रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड हो चुके हैं, छात्र यहां नीचे दिए डायरेक्ट लिंक से भी अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं-

इस राज्य में सरकार को सता रही बच्चों की पढ़ाई की चिंता, क्या स्कूल खोलने का फैसला होगा सही ?

सरकार की ओर से दो अगस्त से स्कूल खोले जाने की घोषणा के बाद अभिभावकों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। किसी ने बच्चों को स्कूल भेजने से साफ इनकार किया तो किसी ने कोविड गाइडलाइन के तहत स्कूल खोले जाने का समर्थन किया।

सरकार का फैसला कुछ हद तक सही है। बच्चों की पढ़ाई बीते साल से बहुत प्रभावित हुई है, लेकिन सरकार को इस बात पर भी मंथन करना चाहिए कि बच्चों को भी जल्द से जल्द कैसे वैक्सीन लगाई जा सके। कहीं ऐसा न हो कि तीसरी लहर से पहले सरकार का यह फैसला गलत हो जाए।

उनका कहना है कि बच्चों की जान खतरे में नहीं डाली जा सकती है, लेकिन इस तरह घर पर रहने से बच्चों की पढ़ाई भी संकट में है।बच्चों की पढ़ाई की चिंतित है, लेकिन मैं अपने बच्चे को बिल्कुल नहीं भेज सकती। मेरे लिए मेरा बच्चा पहले है.

वो भी जब हम तीसरी लहर के आने को लेकर चिंतित हैं।  गाइडलाइन का कितना पालन किया जा रहा है। क्लास में पूरा समय मास्क के साथ बैठना बच्चों के लिए बहुत मुश्किल है।

 

देश में नहीं थम रहा कोरोना का आतंक, 24 घंटे में आए 44,230 नए मामले व 555 लोगों की मौत

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 44,230 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,15,72,344 हो गई। वहीं, 555 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,23,217 हो गई।

संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए।  देश में पिछले 24 घंटे में जिन 555 लोगों की संक्रमण से मौत हुई, उनमें से महाराष्ट्र के 190 और केरल के 128 लोग थे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में लगातार तीसरे दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई।  मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.38 प्रतिशत है।

आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 46,46,50,723 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 18,16,277 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 2.44 प्रतिशत है।

महाराष्ट्र के 1,32,335 लोग, कर्नाटक के 36,491 लोग, तमिलनाडु के 34,023 लोग, दिल्ली के 25,049 लोग, उत्तर प्रदेश के 22,755 लोग, पश्चिम बंगाल के 18,123 लोग और पंजाब के 16,290 लोग थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं।