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दिन में 14 घंटे खुलेगा राम का दरबार, डेढ़ लाख लोगों को मिल सकेंगे रोजाना दर्शन

रामजन्मभूमि में राममंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर का उद्घाटन होने के बाद हर रोज मंदिर करीब 12 से 14 घंटा खोला जाएगा। इस दौरान करीब 1. 50 लाख भक्त हर रोज राममंदिर के दरबार में हाजिरी लगा सकेंगें। राममंदिर का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाना है। आखिरी चरण दिसंबर 2025 में पूरा होगा। ट्रस्ट के अनुसार पीएम समय-समय पर मंदिर निर्माण की प्रगति जानते रहते हैं।

 

तीन मंजिला राममंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अनुमान है कि मंदिर बनने के बाद हर रोज करीब एक से डेढ़ लाख भक्त दर्शन को पहुंचेंगे। मंदिर हर रोज 12 से 14 घंटा खोला जाएगा ऐसी योजना है। हर भक्त को गर्भगृह में 20 सेंकेड ही दर्शन को मिल सकेंगे। भीड़ नियंत्रण को लेकर अभी से रूपरेखा बनने लगी है। राममंदिर में प्रशिक्षित पुजारियों की तैनाती की जाएगी।

ट्रस्ट के अनुसार राममंदिर का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला दिसंबर 2023 में पूरा होगा। इसमें ग्राउंड फ्लोर का निर्माण होगा और वहां भगवान स्थापित हो जाएंगे। दूसरा चरण में मंदिर निर्माण पूरा होगा। इसे दिसंबर 2024 तक कर लिया जाएगा। तीसरा और आखिरी चरण दिसंबर 2025 में पूरा होगा। इसमें पूरे मंदिर परिसर का निर्माण होना है, जिसमें अन्य महत्वपूर्ण भवन और मंदिर भी शामिल हैं।

प्राणप्रतिष्ठा समारोह में पीएम का आना तय

ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामजन्मभूमि में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा की जिम्मेदारी साधु-संत निभाएंगे। हालांकि, अभी प्राण-प्रतिष्ठा की कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन ये कार्यक्रम 10 दिन चलेगा। भगवान राम नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से ही विराजेंगे। प्राण प्रतिष्ठा की जो अंतिम तिथि साधु-संत निर्धारित करेंगे, उस दिन प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहेंगे। ट्रस्ट ने उनसे इसका अनुरोध किया है। अभी पीएमओ से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने ट्रस्ट की ओर से पीएम को आमंत्रित करने के लिए निवेदन पत्र भेजा है। उनकी व्यस्तता को देखते हुए उनसे ही तारीख तय करने का अनुरोध किया गया है।

जल्द ट्रस्ट के अधीन होगा रामकथा संग्रहालय

राममंदिर में भगवान राम और रामायण का संग्रहालय बनना है। पहले इसका निर्माण 77 एकड़ के परिसर में ही करने की योजना था लेकिन परिसर के बाहर यूपी सरकार का रामायण संग्रहालय है। ट्रस्ट ने यूपी सरकार से अनुरोध किया कि वो पूरा-पूरा संग्रहालय यथावत ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दें। अतिशीघ्र ट्रस्ट और यूपी सरकार के बीच संग्रहालय के ट्रांसफर का एग्रीमेंट होगा।