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आठ वर्ष पुराने पनामा पेपर्स मामले में 27 लोगों के खिलाफ आज से ट्रायल, इनपर हैं टैक्स चोरी के आरोप

‘पनामा पेपर्स’ के खुलासे में जिन लोगों पर कर चोरी के आरोप लगे उनमें से 27 के खिलापु मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सोमवार यानी 8 मार्च से मुकदमा चलेगा। पनामा पेपर्स के जरिए खुलासा किया गया था कि दुनिया के कितने अमीर लोगों ने ऑफशोर अकाउंट्स (विदेशों में पैसे जमा करने के लिए उपयोग में लाए गए खाते) में अपनी संपत्ति जमा कर रखी है।

पत्रकारों के एक समूह की ओर से 2016 में किए गए इस खुलासे ने सरकारों को हिलाकर रख दिया था। इसमें कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के नाम भी शामिल थे। खुलासे के बाद दुनिया भर में इससे संबंधित कई जांच शुरू की गई थी। इस मामले का ट्रायल पनामा की एक अदालत में शुरू हो रहा है। पनामा की आपराधिक अदालत में जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा शुरू हो रहा है उनमें जुर्गन मोसैक और रेमन फोंसेका मोरा का भी नाम शामिल हैं, ये कर चोरी घोटाले के केंद्र में रहे और अब निष्क्रिय हो चुके एक कानूनी फर्म के संस्थापक हैं।

उनकी कंपनी मोसैक फोंसेका की ओर से लीक हुए 11.5 मिलियन फाइलों के कारण कई अरबपति, राजनेता और यहां तक कि खेल सितारों सहित कई प्रभावशाली हस्तियां जांच के घेरे में आ गईं थीं। आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडुर डेविड गुनलॉगसन को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह पता चला कि उनके परिवार के पास ऑफशोर खाते हैं।

तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद आजीवन पीएम पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पनामा पेपर्स की चपेट में आए अन्य लोगों में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी, अर्जेंटीना के तत्कालीन राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री और स्पेनिश फिल्म निर्माता पेड्रो अल्मोडोवर भी शामिल हैं।

ये फाइलें (पनामा पेपर्स से जुड़ी फाइलें) जर्मनी के एक अखबार सुएडडॉयचे साइटुंग को लीक कर दी गईं, जिसने इन्हें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के साथ साझा किया। घोटाले में पकड़े गए लोगों में से कई ने विदेशों में खाता रखने का कारण बताया था और कहा था कि उन्होंने कोई अवैध कार्य नहीं किया।