दिबियापुर। ट्रेन ठहराव को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकृष्ण पिछड़ा का मौन आमरण अनशन जारी है अनशन के सात दिन बीत जाने के बाद भी कोई रेलवे का उच्चाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा वही श्रीकृष्ण पिछड़ा के समर्थन में सामाजिक संस्था विचित्र पहल, जन जागृति मंच की महिलाएं अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद समर्थन में उतर आए अनशनकारियों का कहना है कि बिना ट्रेन ठहराव के अनशन खत्म नहीं होगा ।दिबियापुर के फफूंद रेलवे स्टेशन पर कोविड संक्रमण काल में कई यात्री गाड़ियों का निरस्त किया गया स्टॉपेज फिर से बहाल कराने तथा कुछ अन्य ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर 5 सितंबर से चल रहा सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकृष्ण पिछड़ा का मौन आमरण अनशन लगातार सातवें दिन भी जारी रहा। सातवे दिन भी रेलवे का अधिकारी नही आया,जिससे लोगो में आक्रोश है । वही डाक्टर लगातार मौन अनशन पर बैठे श्री कृष्ण पिछड़ा का चेक अप भी कर रहे है। उनके समर्थन में विचित्र पहल औरैया के आनंद नाथ गुप्ता संस्था के पदाधिकारियों के साथ समर्थन दिया। जबकि जागृति महिला मंडल मंच की ममता चक के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाएं अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के संरक्षक राजेश कुमार अग्निहोत्री ,जिलाध्यक्ष ब्रजकिशोर तिवारी पहुंच गये और धरने पर बैठे रहे। वही महिलाओ ने स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन भी दिया। उधर गायत्री शक्तिपीठ उमरी में श्री कृष्ण पिछड़ा के लिए स्वास्थ्य लाभ हेतु आहुतियां डाली।
समाजसेवी अन्नू पाल भी भूख हड़ताल पर बैठे है। सामाजिक कार्यकर्ता श्री कृष्ण पिछड़ा ने बताया था कि कोरोना काल मे लोकल ट्रेनों के अलावा मुरी एक्सप्रेस, तूफान एक्सप्रेस वे लिंक देहरादून एक्सप्रेस का ठहराव बन्द कर दिया गया है। जबकि कोरोना से पहले रेलवे अधिकारियों ने के ग्रेड के इस स्टेशन पर जोधपुर हावड़ा, आगरा वाली इंटरसिटी इटावा की जगह फफुंद से चलाने व प्रमुख ट्रेनों के ठहराव के आश्वासन के साथ ही फफूंद स्टेशन का नाम दिबियापुर करने का आश्वासन दिया था। अब रेलवे अधिकारी अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। उधर उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के डीआरएम ने भी समाजसेवी पंकज तिवारी के ट्वीट करने पर उन्होंने भी अनशन को संज्ञान में लेकर अधिकारियो को निर्देश करने का निर्देश दिया है ।