खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी के संकेतों और वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में वृद्धि को लेकर नरम रुख अपना सकता है।
ब्याज दरों में लगातार तीन बार 0.50 प्रतिशत की वृद्धि करने के बाद अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो रही है।
घरेलू कारकों के अलावा एमपीसी अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण कर सकती है इसके बावजूद मुद्रास्फीति जनवरी से ही छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ”हमारा मानना है कि एमपीसी इस बार भी दरों में वृद्धि करेगी।यह वृद्धि 0.25 से 0.35 प्रतिशत तक ही होगी। ऐसा अनुमान है कि रेपो दर इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। आरबीआई मौद्रिक नीति तय करते वक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर प्रमुख रूप से गौर करता है।