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छत्तीसगढ़ के व्यवसायी की जमानत याचिका सुनवाई 3 को; महादेव सट्टेबाजी एप मामले में लगाई अर्जी

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के व्यवसायी सुनील दम्मानी की जमानत याचिका पर 3 अक्टूबर को सुनवाई करने पर सहमति जताई। सुनील दम्मानी को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल अगस्त में अवैध जुआ महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से जेल में बंद व्यवसायी के वकील ने आग्रह किया कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।

दम्मानी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल 13 महीने से अधिक समय से जेल में हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम आमतौर पर किसी निश्चित दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामलों को नहीं छोड़ते हैं, लेकिन यह जमानत याचिका है। हम इस पर गुरुवार को सुनवाई करेंगे। पिछले साल 23 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव एप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित संलिप्तता के लिए दम्मानी के साथ तीन अन्य को गिरफ्तार किया था।

10 लोगों की संपत्तियों की तलाशी भी ली थी
केंद्रीय जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा सहित 10 लोगों की संपत्तियों की तलाशी भी ली थी। मामले में दम्मानी के अलावा उनके भाई अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक चंद्र भूषण वर्मा और रायपुर निवासी सतीश चंद्राकर को भी गिरफ्तार किया गया था। ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला दुर्ग जिले के मोहन नगर पुलिस स्टेशन में अवैध जुआ ऐप ‘महादेव’ के खिलाफ 2022 में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है।

ईडी के आरोप
ईडी के मुताबिक, दम्मानी बंधुओं की एक ज्वैलरी शॉप और एक पेट्रोल पंप है और कथित तौर पर हवाला लेन-देन में उनकी भूमिका थी। एएसआई वर्मा ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे पैसे लिए और संदेह है कि उसने अन्य पुलिस अधिकारियों को भी पैसे दिए।