ताजमहल को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल हुई याचिका,
याचिका में एएसआई से ताजमहल परिसर के अंदर 20 से अधिक कमरों के दरवाजे खोलने की मांग,
हाईकोर्ट से सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने की मांग,
मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल के अंदर छिपी मूर्ति और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने का निर्देश देने की भी मांग,
याचिका में तर्क दिया गया है कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है,
जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था,
याचिका में दलील दी गई है कई इतिहासकारों ने भी इस बात का समर्थन किया है,
याचिका में कहा गया है कि 4 मंजिली इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं,
जो अस्थाई रूप से बंद है दावा किया जा रहा है कि उन कमरों में भगवान शिव का मंदिर है,
याचिकाकर्ता डॉ रजनीश सिंह ने दाखिल की है याचिका,
याची ने बीजेपी अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का किया है दावा,
अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दाखिल हुई है याचिका,
कहा गया है कि ताजमहल प्राचीन स्मारक है और स्मारक के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं,
इसके बारे में सही और पूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को जनता के सामने लाना चाहिए।