इटावा। इटावा में प्रधानी के उपचुनाव में पोलिंग बूथ पर जमकर बवाल हुआ। विवाद होते ही चुनाव अधिकारी पोलिंग बूथ से निकलर भाग गये। जिस कारण चुनाव रद्द हो गया। घटना के बाद दो थानों के फोर्स के साथ सीओ मौके पर पहुंचे,और घायलों को उपचार के लिए भेजा।
प्रधानी के चुनाव के दौरान दो उम्मीदवारों के बीच मारपीट हो गई। बवाल बढ़ने पर सीओ सैफई व बसरेहर थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। मारपीट में दोनों पक्ष की पांच महिलाएं घायल हुई हैं। मारपीट होते ही चुनाव अधिकारी मौेके से भाग खड़े हुए,जिस कारण चुनाव को रद्द कर दिया गया।
*पोलिंग बूथ के अंदर हुआ बवाल*
प्रधान मंगल सिंह की कुछ दिनों पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद से ग्राम पंचायत में प्रधान का पद खाली चल रहा था। बसरेहर विकास खंड के अधिकारी शुक्रवार को पंचायत के सदस्यों में से किसी एक को प्रधान बनाने के लिए चुनाव करवा रहे थे। इसी दौरान पंचायत घर में बनाए गए पोलिंग बूथ के अंदर उम्मीदवार रानी देवी और प्रधान रहे मंगल सिंह की पत्नी अमरवती के बीच विवाद हो गया। देखते देखते विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के समर्थक आमने-सामने आगए और मारपीट शुरू कर दी।
*गाली गलौंज के बाद बढ़ा बवाल*
चुनाव अधिकारी बसरेहर एडीओ पंचायत वीरेंद्र कुमार अपनी टीम के सदस्यों के साथ भाग खड़े हुए। ग्रामीणों की सूचना पर सीओ सैफई नागेंद्र चौबे बसरेहर और चौबिया थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्ष के लोगों को समझाकर शांत कराया। रानी देवी ने बताया कि सभी सदस्य उनके साथ हैं और उन्हीं के पक्ष में वोट कर रहे थे। तभी अमरवती मतदान करने पहुंची और बेवजह गाली-गलौज करने लगीं। गाली देने से मना करने पर दूसरे पक्ष ने मारपीट कर दी। वहीं मृतक प्रधान मंगल सिंह के बेटे विशाल ने बताया कि जैसे उनकी मां अमरवती पोलिंग बूथ के अंदर मतदान करने के लिए गईं तो दूसरे पक्ष ने कुर्सी उठाकर मां पर हमला कर दिया। इसी पर विवाद बढ़ा।
*मारपीट में पांच महिलाएं हुईं घायल*
चुनाव के दौरान हुई मारपीट में सरोज कुमारी पत्नी अरविंद कुमार का सिर फट गया। तो वहीं शांति देवी पत्नी हरेंद्र पाल,अमरावती,शशि प्रभा और उनकी ननंद डगली देवी घायल हो गई। सभी को पुलिस ने अस्पताल भेजा। सैफई क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत अतिरिक्त पुलिस फोर्स को भी मौके पर बुला लिया। साथ ही महिला सिपाहियों को गांव में चप्पे-चप्पे पर तैनात कर और झगड़े की स्थिति को कंट्रोल किया। इसके बाद अधिकारियों को चुनाव करने लिए बुलाया गया लेकिन वह चुनाव करवाने नहीं आए।