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स्वास्थ्य का रखें ध्यान-भावी पीढ़ी के चेहरे पर रहे मुस्कान

बकेवर,इटावा। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत जनता कॉलेज बकेवर में रक्त परीक्षण शिविर में संतुलित आहार व एनीमिया के प्रति लोगो को जागरूक किया गया है।

जनता कॉलेज बकेवर में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत बुधवार को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया गया | इस अवसर पर विद्यालय में छात्र व छात्राओं के लिए रक्त परीक्षण शिविर व संतुलित आहार व एनीमिया जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। इसमें 66 किशोर – किशोरियों के स्वास्थ्य का परिक्षण किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ०भीमराव अंबेडकर जिला अस्पताल की आहार विशेषज्ञ डॉ० अर्चना सिंह ने कहा किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखना चाहिए,उन्होंने कहा कि संतुलित आहार में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, खनिज तत्व,विटामिन , वसा युक्त भोज्य पदार्थों का सही समायोजन लेने से हम स्वस्थ भी रहते हैं साथ ही बीमारियों से भी बचते हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाएं और लड़कियां हमेशा अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती इसीलिए उन्हें समय-समय पर हीमोग्लोबिन की जांच करानी चाहिए क्योंकि एनीमिया से बचाव के लिए समय पर जांच जरूरी है।
उन्होंने बताया राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पताल में निशुल्क आयरन,कैल्शियम,एल्बेंडाजोल की गोलियां मुफ्त प्रदान की जा रही हैं । डॉ०सिंह ने बताया लेकिन आयरन और कैल्शियम की गोलियां साथ में कभी न लें। यदि आयरन की गोली रात में लें तो कैल्शियम की गोली सुबह लें और आयरन की गोली को पानी अधिक मात्रा में लें जिससे मुंह का स्वाद कसैला ना हो।
डॉ०मिथलेश सिंह (महेवा सीएचसी)ने बताया किशोर और किशोरियों में खून की कमी होने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है | इससे बचने के लिए समय-समय पर आप सभी छात्र छात्राएं अपने पास के स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर जांच अवश्य करवाएं। उन्होंने बताया कि एनीमिया का अर्थ है शरीर में खून की कमी होना हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 ग्राम प्रति लीटर तथा महिलाओं में 11 से 14 ग्राम प्रति लीटर के बीच होनी चाहिए। एनीमिया की पहचान हीमोग्लोबिन लेवल से जांच की जाती है। इसको तीन भागों में बांटा गया है पहला हीमोग्लोबिन लेवल 12 ग्राम प्रति लीटर से ज्यादा है तो एनीमिया नहीं माना जाता 7 से 10 ग्राम हीमोग्लोबिन होने से इसे मॉडरेट एनीमिया कहते हैं, अगर से कम है तो उसे सीवियर एनीमिया माना जाता है।
जनता कॉलेज के प्राचार्य डॉ०राजेश त्रिपाठी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में जिस तरह की वातावरण में परिवर्तन हो रहे हैं।
पोषण की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है। उन्होंने हीमोग्लोबिन की रसायनिक संरचना पर भी विस्तृत जानकारी दीगई। कार्यक्रम का सफल संचालन अश्वनी कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया कार्यक्रम में संयोजक की भूमिका में डॉ०नलिनी शुक्ला,डॉ०ज्योति भदौरिया रही। कार्यक्रम में.अतुल बीएन चतुर्वेदी, डॉ०अभिषेक मौर्य,डॉ०इंदु वाला,डॉ० ललित गुप्ता,डॉ०योगेश शुक्ला,डॉ०नवीन अवस्थी डॉ०प्रकाश दुबे,डॉ०प्रीति पांडे उपस्थित रहे।