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हेल्थ

गर्मियों में शरीर को Dehydrate रखने के लिए पानी की जगह करें इन ड्रिंक का सेवन

अगर हम कहें कि आपको पानी पीने का सही तरीका नहीं पता है तो आप सोचेंगे कि भई अब इसमें क्या रॉकेट साइंस है। पानी की बॉटल खोली और गट-गट करके पी लिया।

लेकिन क्या ये पानी पीने का सही तरीका है? क्या आपको पानी पीने का सही समय और सही मात्रा के बारे में पूरी जानकारी है? अगर नहीं तो ये खबर आपके लिए ही है क्योंकि गलत तरीके से पानी पीने से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं .

हम कभी इस साधारण सी बात पर ध्यान भी नहीं देते हैं।तो आज जानें, पानी पीने का सही तरीका क्या है ताकि आप कभी ना पड़ें बीमार।

खीरे में भरपूर मात्रा में विटामिन के, पोटैशियम, और मैग्नीशियम होता है. फाइबर और पानी से भरपूर खीरा आपको कब्ज से भी बचाता है. साथ ही इसे खाने से लंबे समय तक प्यास नहीं लगती.

तरबूज में 70 प्रतिशत से ज़्यादा पानी होता है. सिर्फ पानी ही नहीं इसमें विटामिन सी, विटामिन ए और मैग्नीशियम जैसे काफी पोषक तत्व होते हैं. इसे खाने से वजन भी नहीं बढ़ता और पेट भी भर जाता है.

संतरे में काफी मात्रा में पोटैशियम होता है. इसमें करीब 90% पानी होता है. ऐसे में गर्मी में जब भी आपको अपने शरीर में पानी की कमी लगे, तो संतरा आपको फायदा पहुंचा सकता है.

गर्मी के मौसम में फ्रूट्स और सब्जियों को ताज़ा बनाए रखने के लिए आजमाएं ये उपाए

अकसर गर्मी के दिनों में सब्जियां और फल जल्दी खराब हो जाते हैं. आप जब भी मार्केट  से फल और सब्जी लाते हैं तो उन्हें भरकर रख देते हैं. कुछ ही दिनों में वह सड़ने लग जाती हैं. ऐसे में हमारे पास उन्हें फेकने के अलावा कोई चारा नहीं होता है.

 

गर्मी के मौसम में दूध के जल्‍दी खराब होने का खतरा रहता है. दूध के साथ बहुत समस्या होती है कि थोड़ी गर्मी में भी ध्यान न दिया जाए तो खराब हो जाता है, इसलिए दूध को दिन में कई बार उबालें, इससे यह खराब नहीं होगा. साथ ही इसे ऐसी जगह रखें, जहां हवा आती हो.

रोजाना सब्जी-फल लाने का आपके पास वक्त नहीं होता है तो आप पूरे हफ्ते की सब्जी और फल एकसाथ ले आते हैं.गर्मियों में अगर दही फ्रिज से बाहर रखें तो यह जल्दी खराब हो जाता है. ऐसे में दही को बैक्टीरिया से बचाने के लिए इसमें दो या तीन चम्मच शहद मिलाकर रखने से यह जल्‍दी खराब नहीं होगी.
हरी सब्जियों को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जी को ‘टिशयू पेपर’ (tissue paper) या ‘किचन रोल’ (kitchen roll) में कवर करके फ्रिज (fridge) में स्टोर करें. इसे कसकर चिपकने वाली प्लासटिक (plastic) में भी कवर कर के रख सकते हैं. यह पत्तियों पर नमी को जमने से रोकता है, जिससे उन्हें ताजा रखने में मदद मिल सकती है.

प्‍याज और लहसुन हमारे रोजमर्रा किचन में काम आने वाली चीजें हैं. ऐसे में ये जल्‍दी खराब न हों इसके लिए इन्‍हें हवादार जगह पर रखें. साथ ही इन्‍हें धूप से भी बचाए रखें. इससे आप इन्‍हें लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं.

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर केसर आपकी आँखों की रोशनी के लिए हैं लाभदायक

केसर के सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं. जी दरअसल केसर का आयुर्वेदिक गुण, कई छोटी-छोटी बीमारियों को ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है. ऐसे में आयुर्वेद में केसर के अनेक गुण बताए गए हैं.यह एंटी-फंगल के तौर पर भी काम करता है। केसर को चेहरे पर लगाने से डेड स्किन हट जाती है और साफ और चमकदार त्वचा सामने आती है।

अगर छोटे बच्चे को सर्दी-जुकाम हो, तो इसके लिए बच्चे को दूध में मिलाकर केसर देना चाहिए. अदरक के रस में केसर और हींग को मिलाकर बच्चे या बड़े की छाती पर लगाने से लाभ मिलता है.

अगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे या चोट के निशान हैं तो 5-6 तुलसी के पत्तों को मसलकर उसमें दो चुटकी केसर मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद धो दें। इससे चेहरे के मार्क्स हट जाएंगे।

आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 10 केसर के रेशे दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है.असली चंदन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और सिर दर्द नहीं होता है.

अजवाइन के साथ केसर मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है. जी दरअसल केसर का सेवन करने से हृदय संबंधी रोग दूर होते हैं.

Hydrotherapy की मदद से आप भी पा सकते हैं इन सभी बिमारियों से छुटकारा

पानी हम सभी की एक महती और अनिवार्य आवश्यकता है। कहते भी तो हैं कि ‘बिन पानी सब सूनʼ। पानी से न सिर्फ हमारी प्यास बुझती है बल्कि पानी हमारे शरीर के लिए भी उपयोगी होता है। क्या आप जानते हैं कि पानी उपचार पद्धति  का एक माध्यम होता है? इस थेरेपी को हाइड्रोथेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। उपचार के इस तरीके के द्वारा अनेक शारीरिक समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है, कैसे? आइये जानते हैं।

वाटर थैरेपी में बहुत कुछ खास नहीं होता है, बस इस थैरेपी में आपको अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीना होता है। जब आप ये थैरेपी लेते हैं तो आपको लगभग 10 से 15 गिलास पानी रोज पीना होता है। दरअसल पानी आपके शरीर के हर भाग में मौजूद होता है और यह आपको बहुत हेल्दी रखता है और कई तरीकों से आपकी हेल्प भी करता है।

इस थैरेपी में आपको अधिक से अधिक पानी पीते हुए लगभग 3 से चार लीटर पानी पीना होता है, क्योंकि आपके शरीर को करीब डेढ़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है और अधिक मात्रा में पानी आपके शरीर से बाहर निकल जाता है।

• पैरों में पसीना ज़्यादा आता हो तो उन्हें पांच मिनट गर्म पानी में और फिर ठंडे पानी में रखें। इसके बाद अच्छे से पैरों को सुखा दें। इस क्रिया को हफ्तेभर तक दोहराएं आपकी समस्या जल्द ही ठीक हो जायेगी।
• दमा का दौरा उठने पर मरीज़ के हाथ और पैरों को गर्म पानी में डुबोकर रखें। दमे का दौरा पड़ने पर गर्म पानी पिलाना भी अच्छा होता है।
• नकसीर फूटने पर नाक में ठंडे पानी के छीटें मारना चाहिए। साथ ही सिर पर ठंडा पानी डालें या फिर ठंडे पानी की पट्टियां रखें।
• 1 लीटर पानी में 10-20 ग्राम जीरे का पाउडर मिलाकर अच्छे से उसे उबाल लें। जब पानी की तीन चौथाई मात्रा ही बचे तो तब इसे ठंडा करके छान लें। इस जल को पीने से गर्भाशय के सारे रोगों में बहुत राहत मिलती है। इसके अलावा समस्त स्त्री रोगों में भी बहुत लाभ होता है।

गर्मी के मौसम में डाइट में इन चीजों को शामिल करके आप भी खुदको बनाए हेल्थी

जैसे-जैसे तापमान अत्यधिक होता है, थकान, थकावट और निर्जलीकरण की संभावना रहती है। ग्रीष्मकाल में स्वास्थय के लिए ठंडा नींबू पानी या स्वस्थ फलों के रस से बेहतर क्या होता सकता है?, कूल पेय न केवल आपको हाइड्रेटेड रहने में भरपूर मदद करते हैं

बल्कि आहार लाभ भी देते हैं। लेकिन प्यास बुझाने के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण पेय है। वहीं कई अन्य स्वस्थ और स्वादिष्ट पेय पदार्थ हैं जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। कुछ ऐसे ही पेय यहां दिये है-

 

गर्मी को मात देने के लिए अपनी डाइट में घिया, खीरा, टिंडा, तरबूज, खरबूज जैसे रसीले फूड का इस्तेमाल करें. ये फूड तासीर में ठंडे होते हैं और सेहत के लिए फायदेमंद भी होते हैं.

शरीर में पानी की कमी से मिनरल्स और विटामिन्स का लेवल कम हो जाता है. पोषक तत्वों के कम होने से चक्कर और कमजोरी का एहसास हो सकता है. अपनी डाइट में ज्यादा पानी की मात्रा वाले फूड का इस्तेमाल करें.

गर्मी में हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है. भूख का लगना कम हो जाता है. इसलिए हमें हल्का भोजन करना चाहिए. तला, प्रोसेस्ड भोजन, घी, मक्खन, खाने से परहेज करें क्योंकि ये पेट के लिए भी भारी होते हैं.

नाशपाती का जूस पीने से कब्ज की समस्या से आपको मिलेगा छुटकारा

ऑफिस और घर के बीच संतुलन बनाने में आ रही हैं परेशानी तो इन बातों का रखें ध्यान

क्या आप घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच खुद को मानसिक रूप से बीमार समझ रहे हैं? क्या आपका हमेशा सिर भारी-भारी सा रहता है? अगर हां, तो इस स्थिति में आप क्या करते हैं? हम में से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो घर और ऑफिस के काम के चलते सिर भारी होने पर पेन किलर का सहारा लेते हैं।

विजुअलाइजेशन और सहयोग समाधान प्रदाता, बारको द्वारा वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, 77 प्रतिशत भारतीयों के लिए घर से काम करना बोरिंग हो गया है तो वहीं 49 प्रतिशत लोग ऑफिस की लाइफ को मिस कर रहे हैं.

दुनिया भर के 1,750 कर्मचारियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, भारत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों को शामिल किया है. सर्वे में पाया गया कि वैश्विक स्तर पर केवल 15 प्रतिशत कर्मचारी कोरोना के जाने के बाद भी घर से काम करना जारी रखना चाहते हैं.

अगर आप मानसिक रूप से मजबूत रहना चाहते हैं, तो कभी भी अपने परिवार और फ्रेंड्स से बात करना ना बंद करें। अगर आप काम में अधिक व्यस्त हैं, तो कुछ घंटे का समय निकालकर अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बात करें।

अपने मन की इच्छाओं और बातों को शेयर करें। इससे आप मानसिक रूप से मजबूत होंगे। अगर आपको कोई बात लंबे समय से सता रही है, तो उसका हल ढूंढे। हल ढूंढने के लिए अपने परिवार और दोस्तों की भी मदद ले सकते हैं।

 

मेटाबॉलिज्म की क्रिया को शुरू करने में सुबह-सुबह ग्रीन टी का सेवन करना हैं बेहद मददगार

हम सभी जानते हैं कि ग्रीन टी के ढेर सारे फायदे हैं जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं. सिर्फ आपकी सेहत ही नहीं, यह आपकी त्वचा और बालों को भी बेहतर बना सकती है. इसलिए, यह कई लोगों के लिए एक पसंदीदा बन गया है.

हम में से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि ग्रीन टी का सेवन सुबह-सुबह करने से यह हमारे लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। मेटाबॉलिज्म की क्रिया को शुरू करने में ग्रीन टी मददगार है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

लेकिन, आपको इसके लाभों को प्रभावित करने के लिए एक निश्चित तरीका होना चाहिए. इससे पहले कि आप एक कप ग्रीन टी पिएं, क्या आप जानते हैं कि दिन में कई बार ऐसा होता है कि आपको ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए?

अगर आप खाली पेट सुबह-सुबह ग्रीन टी पीते हैं, तो इसमें मौजूद मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स हमारे शरीर के गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन बढ़ाने लगता है, जिसके कारण आपको पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है।

अगर आप अनिद्रा की शिकायत से परेशान हैं। तो सोने से पहले ग्रीन टी का सेवन करने से बचें। हालांकि, ग्रीन टी में दिमाग को शांत करने का गुण मौजूद होता है। लेकिन सोने से पहले इसका सेवन आपकी नींद में बाधा उत्पन्न करता है। क्योंकि ग्रीन टी में कैफीन होता है, जो मेलाटोनिन हार्मोन को रिलीज करने में बाधा उत्पन्न करता है।

Intermittent Fasting रखेगी आपके दिल को स्वस्थ यहाँ जानिए इससे होने वाले कुछ लाभ

आंतरायिक उपवास (आईएफ) एक संशोधित खाने का दृष्टिकोण है जो उपवास के लाभों को दोहराने के लिए चाहता है, लेकिन अधिक मध्यम और प्राप्त करने योग्य प्रोटोकॉल के साथ। यदि आपकी कमर से अधिक लाभ होता है; यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने, सूजन को कम करने और आपके दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

 

फास्टिंग के दौरान कॉफी पीने आपके लिए अच्छा है. इसमें कम कैलोरी होती है. इसलिए डाइटिशन आपको ब्लैक कॉफी पीने की सलाह देते हैं. ब्लैक कॉफी में 2 से 3 कैलोरी काउंट होता है. इसमें मिनरल और प्रोटीन की मात्रा कम होती है. कॉफी पीने की वजह से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है.

तो आंतरायिक उपवास के दौरान कॉफी ठीक है? जवाब है, यह निर्भर करता है।यह वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति रुक-रुक कर उपवास क्यों कर रहा है। उनके लक्ष्य क्या हैं? क्या वे इसे वजन घटाने या दीर्घायु और एंटी-एजिंग उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं?

अगर आप दिन भर में 2 से 3 कप कॉफी पीते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म और वेट लॉस पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालता है. इसलिए ब्लैक कॉफी पीना फायदेमंद है.

कॉफी कम कैलोरी इनटेक ड्रिंक है. यह आपकी भूख को भी शांत रखता है. रोजाना 2 से 3 कप ब्लैक कॉफी पीना ठीक है. लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा कॉफी पीते है तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.

 

खानपान की ये छोटी छोटी आदतें कर सकती हैं आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोग अब अपने सेहत से समझौता नहीं करना चाहते हैं. खासतौर से लोग अब इम्यूनिटी बढ़ाने को लेकर तरह-तरह के नुस्खे आजमाने लगे हैं. लेकिन इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छे खान-पान के अलावा आपको ये भी जानना जरूरी है कि कौन सा खाना और खाने की कौन सी आदतें आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती हैं.

भाग नियंत्रण की कुंजी है- ज्यादातर लोगों का मानना है कि उनका वजन इसलिए बढ़ता है क्योंकि खाना जारी रखते हैं. हालांकि, खाने का दोष नहीं बल्कि खराब समय पर भोजन और बड़ा हिस्सा जिम्मेदार है. आपको आदर्श रूप में पूरे दिन छह छोटे भोजन इस्तेमाल करना चाहिए और अपने भाग को छोटा रखना चाहिए.

प्रोटीन की सही मात्रा खाएं- लोग अक्सर इतने ज्यादा कैलोरी की सही मात्रा खाने के बारे में केंद्रित होते हैं कि शरीर के लिए जरूरी सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक यानी प्रोटीन को ध्यान में रखना भूल जाते हैं.  इसलिए आपके बाल, स्किन और संपूर्ण शरीर स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है.

अपनी कैलोरी पर ध्यान दें- ज्यादा लोग कैलोरी कम करनेवाली डाइट का पालन वजन में के उद्देश्य से करते हैं. उन्हें पीनेवाली कैलोरी पर ध्यान देना याद नहीं रहता. हालांकि, शुगर की थोड़ी मात्रा का सेवन करना ठीक है, लेकिन ज्यादा मिश्रित शुगर का इस्तेमाल वजन बढ़ा सकता है, ब्लड शुगर लेवल में छेड़छाड़ कर सकता है और कई बीमारियों में योगदान भी कर सकता है.