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देश में हजार में 27 बच्चों की जान ले रहा जीवाश्म ईंधन, एक महीने से कम की आयु पर सबसे ज्यादा असर

नई दिल्ली: भारत में प्रदूषण बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। बच्चे घरों के भीतर भी सुरक्षित नहीं हैं। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध में बताया है कि देश में हर हजार शिशुओं और बच्चों में से 27 की जान खाना पकाने के लिए घरों में उपयोग होने वाला जीवाश्म ईंधन ले रहा है। इस अध्ययन नतीजे जर्नल ऑफ इकोनॉमिक बिहेवियर एंड ऑर्गनाइजेशन में प्रकाशित हुए हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है जो भारतीय घरों में खाना पकाने के लिए उपयोग होने वाले जीवाश्म ईंधन की वास्तविक लागत को उजागर करता है। यह दर्शाता है कि कैसे यह जीवाश्म ईंधन बच्चों की जान ले रहा है। अध्ययन में 1992 से 2016 के बीच पिछले 25 वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इन आंकड़ों ने घरों में उपयोग होने वाले सभी प्रकार के दूषित ईंधनों की पहचान की गई है। शोध में पता चला कि इस प्रदूषण का एक महीने से कम आयु के शिशुओं पर सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि उनके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। साथ ही यह बच्चे खाना पकाने के दौरान अपनी माताओं के करीब होते हैं।

मकान की बनावट भी ज्यादा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार
शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन में भारतीय घरों में उपयोग होने वाले 10 अलग-अलग तरह के ईंधन शामिल थे। इनमें केरोसिन से लेकर लकड़ी, कोयला, फसल अवशेष और गोबर जैसे जीवाश्म ईंधन थे। घरों के अंदर ज्यादा प्रदूषण के लिए घरों की बनावट भी काफी हद तक जिम्मेदार पाई गई। या तो मकान छोटे पाए गए या वे हवादार नहीं थे। इस वजह से भी शिशुओं पर प्रदूषण का ज्यादा असर देखा गया। इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि घरों से बाहर मौजूद प्रदूषण और फसल अपशिष्ट को कैसे जलाया जाता है।

बच्चियों पर पड़ रहा ज्यादा असर
प्रमुख शोधकर्ता अर्नब बसु ने कहा, भारतीय घरों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की मृत्यु दर कहीं ज्यादा है। इसका कारण यह नहीं है कि बच्चियां, लड़कों के मुकाबले कमजोर होती हैं, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय परिवारों में बेटों को प्राथमिकता दी जाती है। खासतौर से निम्न और निम्न मध्य वर्ग परिवारों में छोटी बच्ची को खांसी या बुखार होने पर वे उनका इलाज समय पर नहीं कराते।

मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स से लैस होंगे महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर व औरैया; रेशम विभाग ने शुरू की प्रक्रिया

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में योगी सरकार रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर कार्य कर रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार प्रदेश में रेशम उद्योग को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्लस्टरों में बड़े स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, अब सीएम योगी की मंशा अनुसार महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर व औरैया को मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स से लैस करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन रीलिंग यूनिट्स के अंतर्गत 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया रेशम विभाग ने शुरू कर दी है। इस क्रय प्रक्रिया को कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा पूरा किया जाएगा, जिसे रेशम विभाग नियुक्त करेगा। कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी को कार्यावंटन के बाद 90 दिनों के भीतर इन सभी यूनिट्स को निर्धारित जिलों में डिलिवर व इंस्टॉल करना होगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए रेशम विभाग द्वारा जो आवेदन मांगे गए हैं, उसमें मुख्यतः उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय व राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से पंजीकृत कंपनियों को वरीयता दी जाएगी।

कई खूबियों से लैस होगा मल्टी एंड रीलिंग यूनिट के बेसिन यूनिट्स
मल्टी एंड रीलिंग यूनिट में विभिन्न मशीनरी कॉम्पोनेंट्स होते हैं जो बेसिन यूनिट्स के अंतर्गत आते हैं। कुल 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया फिलहाल रेशम विभाग द्वारा पूरी की जा रही है। इन बेसिन यूनिट्स में 50 किलोग्राम कैपेसिटी वाला हॉट एयर ड्रायर, कोकून सॉर्टिंग टेबल, ब्रशिंग प्रक्रिया के लिए दो पैन टेबल्स, सर्कुलर प्रेशराइज्ड कोकून कुकिंग तथा वैक्यूम प्रीमिएशन प्री ट्रीटमेंट इक्विपमेंट से युक्त होगा। वहीं, बेसिन मल्टीएंड रीलिंग मशीन (10 एंड्स प्रति बेसिन), विंडो क्लोज्ड टाइम री-रीलिंग मशीन (5 एंड्स प्रति विंडो), स्मॉल रील पर्मिएशन सेंटर, 600 ग्राम कैपेसिटी व 0.01 ग्राम सेंसिटिविटी युक्त इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस से भी युक्त होगा। जबकि, 7.5 केवीए कैपेसिटी युक्त जेनरेटर, 100 किलोग्राम स्टीम आउटपुट प्रति घंटे की कैपेसिटी युक्त तथा आईबीआर क्वॉलिटी युक्त ब्वॉयलर तथा 100 किलोग्राम रेजिन कैपेसिटी युक्त वाटर सॉफ्टनर जैसे कॉम्पोनेंट्स से युक्त होगा। इन सभी कॉम्पोनेंट्स के जरिए रेशम उत्पादन के लिए जरूरी कोकून एक्सट्रैशन, प्रोसेसिंग और रीलिंग प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा।

90 दिन में यूनिट्स की डिलीवरी व इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को किया जाएगा पूर्ण
सीएम योगी की मंशा अनुसार महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर व औरैया में जिन मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स के क्रय, स्थापना व संचालन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है उसके लिए 180 दिन का वैलिडिटी पीरियड तय किया गया है। इन सभी यूनिट्स को कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी को कार्यावंटन के उपरांत 90 दिनों की कार्यावधि में डिलीवर व इंस्टॉल करना होगा। उल्लेखनीय है कि बतौर कॉन्ट्रैक्टर इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय व राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से पंजीकृत कंपनियों को वरीयता दी जा रही है। उन्हें अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) में भी रियायत दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

आठ साल के बच्चे को कीचड़ से भरे नाले में ढूंढ रहा था पिता, 72 घंटे बाद चार किलोमीटर गहराई में मिला शव

मौसम का कहर पूर्वोत्तर पर टूट रहा है। असम में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से लोगों का बुरा हाल है। अबतक कईयों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस बीच यहां के गुवाहाटी से एक रौंगटे खड़े देने वाला मामला सामने आया है। एक आठ साल के बच्चे का शव करीब तीन दिन बाद राजगढ़ इलाके के नाले से करीब चार किलोमीटर नीचे से बरामद किया गया।

रविवार को मिला शव
रविवार को शव मिलने के बाद गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में ले जाया गया। बाद में माता-पिता ने अपने बच्चे की पहचान की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बचाव एजेंसियों ने पहाड़ी ज्योतिनगर से चार किलोमीटर से अधिक नीचे राजगढ़ इलाके में शव बरामद किया, जहां लड़का नाले में गिर गया था। माता-पिता ने शुरू में उनके साथ साझा की गई तस्वीरों के आधार पर शव की पहचान की और बाद में अस्पताल में जाकर भी पुष्टि की।

गुरुवार की घटना
दरअसल, असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी के कुछ हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। यहां गुवाहाटी के पहाड़ी इलाके ज्योतिनगर में गुरुवार शाम को अभिनाश अपने पिता की स्कूटी से फिसलकर खुले नाले में गिर गया था। अपने बेटे को ढूंढने के लिए उन्होंने भी छलांग लगा दी थी, लेकिन कामयाब नहीं हुए। तभी से पिता हीरालाल अपने बच्चे की तलाश में जुटे थे। उन्हें बच्चे की चप्पल मिली थीं, जिन्हें पुलिस को वेरिफिकेशन के लिए सौंप दिए थे।

कपिल सिब्बल का उपराष्ट्रपति धनखड़ पर तंज, कहा- संसदीय प्रक्रियाओं का रोज अपमान कौन करता है? हम तो नहीं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने तंज किया। पी चिदंबरम के नए आपराधिक काननू पर दिए बयान पर उपराष्ट्रपति ने उनकी आलोचना की थी कि ऐ अंशकालिक लोगों ने द्वारा बनाए गए हैं। इस पर सांसद कपिल सिब्बल नाराज हुए हैं।

1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं। इसको लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि यह अकुशल लोगों ने तैयार किया था। पी चिदंबरम की इस टिप्पणी से गुस्साए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस टिप्पणी का अक्षम्य बताया। उन्होंने कहा था कि यह अपमानजनक, मानहानिकारक टिप्पणी को वापस लिया जाए। धनखड़ ने कहा कि यह संसद के लोगों का अपमान है, क्या हम लोग अकुशल हैं? उपराष्ट्रपति ने कहा था कि मेरे पास इतने मजबूत शब्द नहीं हैं कि मैं इस तरह की कहानी को फैलाए जाने और एक सांसद को अंशकालिक करार दिए जाने की निंदा कर सकूं। उन्होंने कहा कि मैं चिदंबरम इस मंच से अपील करता हूं कि कृपया सांसदों के बारे में इस अपमानजनक, मानहानिकारक और अत्यधिक अपमानजनक टिप्पणी को वापस लें। मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे।

उनके इस बयान पर राज्यसभा सांसद ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि जगदीप धनखड़ ने पी चिदंबरम के इस बयान की आलोचना की कि अंशकालिक लोगों ने तीन आपराधिक कानूनों का मसौदा तैयार किया, यह ‘संसद की बुद्धि का अक्षम्य अपमान’ है। उन्होंने कहा कि हम सभी अंशकालिक हैं धनखड़ जी!” विपक्ष के प्रमुख स्वर और स्वतंत्र राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि “और कौन दैनिक आधार पर संसदीय प्रक्रियाओं का अपमान करता है? हम तो नहीं करते।

‘TDP जल्द तेलंगाना में अपना पुराना गौरव वापस हासिल करेगी’, कार्यकर्ताओं से बोले चंद्रबाबू नायडू

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) जल्द ही तेलंगाना में भी अपना पुराना गौरव वापस हासिल करेगी। साथ ही उन्होंने पिछले साल सितंबर में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया।टीडीपी कार्यकर्ताओं से नायडू ने कहा कि पार्टी का जन्म तेलंगाना में हुआ था और जल्द ही इसका पुनर्गठन किया जाएगा।

पिछले साल से नहीं लड़ रहे कोई चुनाव
गौरतलब है, टीडीपी ने कई कारणों से पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। वहीं इस साल हुआ लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले कसानी ज्ञानेश्वर के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी वर्तमान में नेतृत्वविहीन है।

पार्टी को तेलंगाना में होना चाहिए
नायडू ने कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा, ‘टीडीपी का जन्म तेलुगू लोगों के लिए हुआ है। इसलिए पार्टी को तेलंगाना में होना चाहिए। मैं आपसे पूछ रहा हूं कि तेलंगाना की धरती पर जन्मी पार्टी को राज्य में काम करना चाहिए या नहीं? पार्टी के लिए काम करने वाले कई लोग थे। हम बहुत जल्द तेलंगाना में पार्टी का पुनर्गठन करेंगे।’

राज्य में युवाओं को प्रोत्साहित करेगी टीडीपी
उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना में पार्टी के पुराने गौरव को लाने के लिए काम करेंगे। टीडीपी राज्य में युवाओं और शिक्षित लोगों को प्रोत्साहित करेगी।

रेवंत रेड्डी से की मुलाकात
तेलंगाना के अपने समकक्ष ए रेवंत रेड्डी के साथ शनिवार को हुई बैठक के बारे में नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश में अलग-अलग दल सत्ता में हैं। यहां जब तेलुगू लोगों के हितों की बात आती है तो साथ काम करने की जरूरत है। बात दें, चंद्रबाबू नायडू और रेवंत रेड्डी ने शनिवार को यहां बैठक की और 2014 में अविभाजित आंध्र के विभाजन से संबंधित लंबित मुद्दों के समाधान के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की समितियां गठित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, ‘कल, हमने तेलंगाना सरकार के साथ चर्चा की थी। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में भी इन्हें आगे ले जाया जाएगा।’

दो दशक पहले हैदराबाद शहर के विकास में मुख्यमंत्री के रूप में अपने योगदान को याद करते हुए टीडीपी सुप्रीमो ने कहा कि जहां तक प्रति व्यक्ति आय का सवाल है, अब तेलंगाना शीर्ष स्थान पर है और 2014 में इसके और आंध्र प्रदेश के बीच अंतर 33 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि वह 2014 और 2019 के बीच सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अंतर को 27 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम थे। हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस के शासन के दौरान यह फिर से 44 प्रतिशत तक पहुंच गया।

आंध्र प्रदेश में निवेश करने की इच्छा कर रहे कई उद्योग
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कई उद्योग आंध्र प्रदेश में निवेश करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन विपक्षी वाईएसआरसीपी के रवैये से संदेह में हैं। कई बाधाओं और समस्याओं के बावजूद उन्होंने आश्वासन दिया कि वह आंध्र प्रदेश के विकास की जिम्मेदारी लेंगे।

मुंबई में पुणे जैसा हादसा, राजनेता की बीएमडब्लू कार ने बाइक को मारी टक्कर, महिला की मौत

मुंबई में पुणे जैसा कार हादसा सामने आया है। पुलिस ने बताया कि आज सुबह मुंबई के वर्ली में एक तेज रफ्तार बीएमडब्लू कार ने एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक सवार महिला की मौत हो गई। घटना के बाद कार सवार मौके से फरार हो गया। हादसे में मृत महिला का पति भी गंभीर रूप से घायल हुआ है और अभी अस्पताल में भर्ती है।

क्या है मामला
पुलिस के अनुसार, घटना सुबह करीब साढ़े पांच बजे की वर्ली के कोलीवाड़ा इलाके की है। बाइक सवार दंपति मछली खरीदने के लिए ससून डॉक गए थे, जब वे मछली पकड़कर लौट रहे थे तो उनके दोपहिया वाहन को एक तेज रफ्तार बीएमडब्लू कार ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक पलट गई और पति-पत्नी दोनों कार के बोनट पर गिर गए। खुद को बचाने की कोशिश में पति बोनट से कूदने में कामयाब रहा, लेकिन उसकी पत्नी इतनी भाग्यशाली नहीं थी। घटना के बाद मची अफरा-तफरी में आरोपी कार चालक मौके से फरार हो गया। इसके बाद घायल महिला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि पति का फिलहाल इलाज चल रहा है, साथ ही हिट-एंड-रन मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

राजनेता के नाम पर दर्ज है बीएमडब्लू कार
मुबंई पुलिस का कहना है कि जिस बीएमडब्लू कार से हादसा हुआ, वह पालघर के एक राजनीतिक दल के नेता की है और ऐसा दावा किया जा रहा है कि घटना के समय नेता का बेटा ड्राइवर के साथ कार में बैठा था। वहीं मृतक महिला की पहचान वर्ली कोलीवाड़ा निवासी कावेरी नखवा (उम्र 45) के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि घटना की जांच जारी है। गौरतलब है कि बीते दिनों पुणे में भी एक ऐसा हादसा सामने आया था, जिसमें एक लग्जरी कार सवार नाबालिग ने बाइक को टक्कर मार दी थी, जिसमें बाइक सवार दो इंजीनियर्स की मौत हो गई थी।
नांदेड़ हादसे में तीन की मौत
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में एक ऑटोरिक्शा और ट्रक के बीच टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना शनिवार दोपहर महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा के पास धर्माबाद इलाके में हुई। उन्होंने बताया कि यात्रियों और बकरियों को लेकर एक ऑटोरिक्शा धर्माबाद की ओर जा रहा था, तभी विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक से उसकी टक्कर हो गई। दुर्घटना में ऑटोरिक्शा चालक शेख मुजीब शेख बाबूमियां (44), यात्री गणेश अशोक मुरारी (21) और पीराजी लक्ष्मण अडकेकर (50) की मौत हो गई। चार घायलों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है और इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है।

भारी बारिश के बाद मुंबई लोकल ट्रेन प्रभावित, ट्रैक पर गिरा पेड़, रेल सेवाएं स्थगित

भारी बारिश के कारण ठाणे जिले के कसारा और टिटवाला स्टेशनों के बीच पेड़ गिरा गया। पेड़ गिरने के कारण से ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गईं। जिस कारण से कल्याण-कसारा मार्ग पर रेल यातायात बाधित हो गया।

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में रविवार सुबह कसारा और टिटवाला स्टेशनों के बीच ट्रेन यातायात बाधित हो गया। सुबह तकरीबन 6:30 बजे ट्रेनों के कारण अटगांव और थानसित स्टेशनों के बीच पटरियों पर मिट्टी आ गई। वाशिंद स्टेशन के पास एक पेड़ गिर गया। रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से व्यस्त कल्याण-कसारा मार्ग पर रेल यातायात बाधित हो गया। मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, “कसारा और टिटवाला के बीच ट्रेन सेवाएं अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई हैं।”

वहीं रेलवे अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब 6.30 बजे पटरियों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया। मध्य रेलवे के एक अन्य प्रवक्ता ने बताया कि ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) पोल झुक गया और वाशिंद के पास मुंबई जाने वाली पंजाब मेल ट्रेन का पेंटोग्राफ उसमें उलझ गया। रेलवे अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम चल रहा है और जल्द से जल्द पटरियों को साफ करने का प्रयास किया जा रहा है।

बारिश के कारण ट्रेनों का रूट किया परिवर्तित
वासिंद-खडावली सेक्शन में जलभराव के कारण ट्रेनों को कल्याण-लोनावाला-पुणे-मिराज-लोंडा-मडगांव मार्ग से परिवर्तित किया गया। वाशिंद और खडावली स्टेशनों के बीच पटरियों पर जलभराव की खबरें हैं। वहीं लंबी दूरी की कुछ ट्रेनों को परिवर्तित किया गया और कुछ को बीच में ही रोक दिया गया। बता दें कि उपनगरीय सेवाओं को मुंबई और ठाणे, पालघर और रायगढ़ सहित पड़ोसी क्षेत्रों की जीवन रेखा माना जाता है। मध्य रेलवे के उपनगरीय नेटवर्क पर प्रतिदिन 30 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं।

दो दशकों में उत्तर भारत के भूजल में आई 450 क्यूबिक किलोमीटर की कमी, नई रिपोर्ट ने डराया

 नई दिल्ली:  एक नए अध्ययन के अनुसार साल 2002 से लेकर 2021 के दौरान उत्तर भारत में लगभग 450 क्यूबिक किलोमीटर भूजल कम हुआ है। अध्ययन में दावा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से आने वाले वर्षों में भूजल स्तर में और भी कमी आने की आशंका है। आईआईटी गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग और पृथ्वी विज्ञान के विक्रम साराभाई चेयर प्रोफेसर और प्रमुख लेखक विमल मिश्रा ने कहा कि जितना भूजल स्तर कम हुआ है, वह भारत के सबसे बड़े जलाशय इंदिरा सागर बांध की पूरी क्षमता से लगभग 37 गुना अधिक पानी है।

बारिश में भी आई कमी
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन में कहा है कि मानसून के दौरान कम बारिश और गर्म होती सर्दी से सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ेगी और भूजल के रिचार्ज होने में कमी आएगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे उत्तर भारत में पहले से ही घट रहे भूजल संसाधनों पर और दबाव पड़ेगा। शोधकर्ताओं ने उपग्रह डेटा और अध्ययन के आधार पर पाया कि पूरे उत्तर भारत में, 1951-2021 के दौरान मानसून (जून से सितंबर) में वर्षा में 8.5 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही अध्ययन में पता चला है कि इसी अवधि में देश में सर्दियों का मौसम 0.3 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो गया है।

अध्ययन में खुलासा- भूजल संसाधनों पर दबाव और बढ़ेगा
अध्ययन में पता चला है कि शुष्क मानसून के कारण, वर्षा की कमी के चलते भूजल पर निर्भरता बढ़ी है, साथ ही गर्म सर्दियों के कारण मिट्टी शुष्क हो रही है, जिससे फिर से अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है। अध्ययन में बताया गया है कि पृथ्वी के गर्म होने के साथ भूजल में कमी जारी रह सकती है, क्योंकि भले ही जलवायु परिवर्तन के कारण अधिक वर्षा होती है, लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा चरम घटनाओं के रूप में होने का अनुमान है, इससे भूजल रिचार्ज नहीं हो पाता है। मानसून में बारिश की कमी और उसके बाद सर्दियों के गर्म होने के कारण भूजल रिचार्ज में लगभग 6-12 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।

कम नहीं हो रहीं केसीआर की मुश्किलें; आखिर BRS को छोड़ नेता क्यों थाम रहे कांग्रेस का हाथ?

के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। तेलंगाना में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद से ही में पार्टी की परेशानियां बढ़ गई हैं। बीआरएस को लगातार विधायकों और एमएलसी के दलबदल का सामना करना पड़ रहा है।

 

अभी तक इतने नेताओं ने छोड़ा साथ
विधानसभा चुनाव के बाद से अभी तक सात विधायक और छह एमएलसी पार्टी छोड़ चुके हैं। यह सभी लोग बीआरएस का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। हाल ही में केसीआर को बड़ा झटका लगा था, जब पार्टी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद के. केशव राव ने कांग्रेस का दामन थामा था। वह पहले भी कांग्रेस में ही थे, लेकिन बाद में केसीआर के साथ जाकर बीआरएस का दामन थाम लिया था।

बीआरएस के लिए यही मात्र झटका नहीं था। इसके अलावा केशव राव की बेटी और हैदराबाद की महापौर विजया लक्ष्मी आर गडवाल सहित कई अन्य नेताओं ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया है। यह लोग भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

राजनीतिक गलियारों में मजबूत बनाए रखना पार्टी के लिए कठिन
सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा भाजपा विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अपनी बढ़त को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में बीआरएस के सामने नेताओं के पलायन के बाद खुद को राजनीतिक गलियारों में मजबूत बनाए रखने की कठिन चुनौती है। केसीआर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। वह लगातार अपने बचे हुए नेताओं को आश्वासन दे रहे हैं कि पार्टी सत्ता में वापसी करेगी क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी तेजी से अपनी लोकप्रियता खो रही है।

मार्च से शुरू हुए बुरे दिन
बीआरएस पार्टी के बुरे दिन मार्च से शुरू हुए। दरअसल, खैरताबाद से पार्टी विधायक दानम नागेंद्र ने सबसे पहले पार्टी से इस्तीफा दिया। वह केसीआर का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। वहीं, इस्तीफे का सिलसिला फिलहाल शनिवार को भी जारी रहा।गडवाल से विधायक बंदला कृष्ण मोहन रेड्डी बीते दिन पार्टी को झटका देकर सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए।

विधायकों के अलावा, बीआरएस के छह एमएलसी गुरुवार देर रात सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए। वहीं, अब पार्टी के लिए बुरी खबर यह है कि कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि आने वाले दिनों में और बीआरएस विधायक सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

पिछले साल मिली थी बीआरएस को जबरदस्त हार
बीआरएस ने पिछले साल हुए चुनावों में कुल 119 विधानसभा क्षेत्रों में से 39 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 64 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी। हालांकि, सिकंदराबाद कैंटोनमेंट से बीआरएस विधायक जी लास्या नंदिता की इस साल की शुरुआत में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। कांग्रेस ने हाल ही में सिकंदराबाद कैंटोनमेंट विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। इससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 65 हो गई।

कांग्रेस ने विधान परिषद में भी बढ़ाई सदस्यों की संख्या
तेलंगाना विधानपरिषद की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में बीआरएस के पास 25 सदस्य हैं और कांग्रेस के चार सदस्य हैं। 40 सदस्यीय विधानपरिषद में चार मनोनीत सदस्य भी हैं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के दो, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीआरटीयू के एक-एक और एक निर्दलीय सदस्य भी हैं, जबकि दो सीट रिक्त हैं। रेवंत रेड्डी के गुरुवार रात राष्ट्रीय राजधानी की दो दिवसीय यात्रा से लौटने के तुरंत बाद ये सदस्य कांग्रेस में शामिल हुए, बीआरएस के छह नेताओं के कांग्रेस में शामिल हो जाने से तेलंगाना विधान परिषद में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।

अस्पताल में मरीजों की रिपोर्ट में खाने का सामान दिए जाने का मामला गरमाया; सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

मुंबई:  महाराष्ट्र से एक और बड़ी चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक मरीज की बीमारियों से संबंधित रिपोर्ट डॉक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। मगर मुंबई से जो मामला सामने आया है वह बेहद चौंकाने वाला है। यहां एक अस्पताल में इस तरह लापरवाही की गई कि मरीजों की मेडिकल रिपोर्ट को पेपर प्लेटें यानि खाने की प्लेट बना दी गईं। इसमें लोगों को खाना परोसकर दिया जा रहा है।

यह है मामला
दरअसल, यह मामला मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल बताया जा रहा है। घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अस्पताल के मरीजों की रिपोर्ट को खाने की प्लेट बना दिया गया है। इतना ही नहीं इन प्लेट पर मरीजों तक के नाम लिखे हैं। वहीं ऊपर अस्पताल का नाम भी है। मामले पर जब हंगामा मचा तो अस्पताल प्रशासन ने छह कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

पूर्व मेयर ने प्रशासन पर साधा निशाना
मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने सोशल मीडिया पर उजागर करते हुए अस्पताल प्रशासन और नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी तस्वीर भी पोस्ट की। उन्होंने एक्स पर कहा, ‘ये क्या हो रहा है? जागो प्रशासन…जिन्होंने यह किया है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।’

सोशल मीडिया यूजर ने की तारीफ
हालांकि, सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं थीं। एक यूजर का कहना है कि दस्तावेजों के बेकार होने के बाद उनको फिर से इस्तेमाल में लाना एक अच्छी पहल है।

अस्पताल की डीन ने दी सफाई
वहीं, इस पूरे मामले पर केईएम अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘ये प्लेटें मरीज की रिपोर्ट से नहीं बनाई गई थीं। ये सीटी स्कैन के पुराने फोल्डर हैं। इन्हें स्क्रैप डीलरों को दोबारा इस्तेमाल के लिए दिया गया था। हां, हमारी गलती यह है कि हमने इन स्क्रैप पेपर को देने से पहले इन्हें नष्ट नहीं किया था। यह लापरवाही कैसे हुई इसके लिए अस्पताल की तरफ से छह कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।’