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कंपनी के एक और निदेशक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, FIR में नहीं था नाम

मुंबई:  महाराष्ट्र के डोंबिवली में पिछले हफ्ते कैमिकल फैक्टरी विस्फोट मामले में पुलिस ने कंपनी के एक और निदेशक को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अबतक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पिछले हफ्ते 23 मई को अमुदान कैमिकल फैक्टरी में बॉयलर फटने से हुए विस्फोट का प्रभाव इतना खतरनाक था, कि इससे घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और आसपास के सड़कों और बिजली के खंभों को भी नुकसान पहुंचा। इस घटना के बाद पुलिस ने अमुदान कैमिकल फैक्टरी के निदेशक 38 वर्षीय मलय मेहता को गिरफ्तार किया था।

मंगलवार को पुलिस ने केमिकल फैक्टरी के एक अन्य निदेशक 35 वर्षीय स्नेहा मेहता को गिरफ्तार किया। दरअसल, स्नेहा, मलय की पत्नी है। स्नेहा से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को उसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। हालांकि, एफआईआर में स्नेहा का नाम शामिल था।

अधिकारी ने बताया कि हादसे के बाद एक जांच दल ने मुंबई में स्थित मेहता के आवास की तलाशी ली। वहां से उन्हें कुछ दस्तावेज मिले, जो कि जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मंगलवार को कहा कि घटना की जांच के लिए उद्योग, श्रम और पर्यावरण विभागों के प्रमुख सचीवों की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। उन्हें तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। राज्य के श्रम मंत्री सुरेश खड़े ने बताया कि नई दिल्ली की एक विशेषज्ञ टीम भी विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए जांच करेगी। इस हादसे में लापता श्रमिकों को ढूंढने का प्रयास जारी है।

बंगाल से लौटे चुनाव अधिकारियों ने बताई चुनौतियों से भरी कहानी, शौचालय तक करने पड़े साफ

कोलकाता:  देशभर में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। चुनाव आयोग लगातार आम नागरिकों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए वह नए-नए पैंतरे आजमा रहा है। हालांकि, इन सबके बीच मतदान अधिकारियों का साहस काबिल-ए-तारीफ है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में चुनाव कराने के दौरान मतदान अधिकारियों को ऐसे मतदाताओं का सामना करना पड़ा, जो मृत लोगों की जगह वोट डालने पहुंच गए थे। इतना ही नहीं, स्कूलों के अंधेरे गलियारों में जाने, बांध की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने से लेकर उपेक्षित शौचालयों को साफ करने तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

कहा जा सकता है कि यह लोकतंत्र को एक अटूट प्रतिबद्धता के साथ बनाए रखने का प्रयास है, जिसे चुनाव अधिकारी अपने रास्ते में आने वाली कई बाधाओं के बावजूद हासिल करने का प्रयास करते हैं। यह अधिकारी कठिन चुनौतियों के बावजूद यह सुनिश्चित करते हैं कि देश में संसदीय चुनाव कराने की एक विशाल और जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक समाप्त हो।

अधिकारियों ने साझा कीं कहानियां
देश में लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से छह चरण समाप्त हो चुके हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पश्चिम बंगाल में कुछ मतदान अधिकारियों से बात की जो अपने गढ़ लौट आए। अधिकारियों ने अपनी दिलचस्प कहानियां साझा कीं।

सुंदर दृश्य का उठाया लुत्फ
दुर्गापुर के एक स्कूल शिक्षक अरूप करमाकर उन लोगों में से एक हैं, जिनकी चुनाव में ड्यूटी पड़ी थी। उन्होंने चुनाव के दौरान हुए अपने अनुभव के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘मेरी ड्यूटी आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बाराबनी विधानसभा क्षेत्र के एक स्कूल में बने केंद्र पर थी। मतदान केंद्र पर पहुंचने पर मैं और पूरी टीम हैरान रह गई थी। आसपास की पहाड़ियों और मैथन बांध के चारों ओर एक विशाल जलाशय से घिरा दृश्य बेहद खूबसूरत था। हमें किसी भी राजनीतिक पार्टी के समर्थकों या कार्यकर्ताओं की ओर से कोई परेशानी नहीं हुई।’

मतदान के दिन सुबह उन्होंने जलाशय के पानी में डुबकी भी लगाई। करमाकर ने देखा कि शाम को स्कूल के बगल में एक खेत में लगभग 50 गायों का झुंड इकट्ठा हो गया था। यह गाय इस जगह को अपना नियमित आश्रय मानती थीं। हालांकि, झुंड सुबह गायब हो गया था। उन्होंने कहा कि सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन इस बीच एक मृत शख्स वोट डालने आ गया। इससे स्थिती थोड़ी गंभीर हो गई।

वोट डालने मृत शख्स पहुंचा
करमाकर ने बताया, ‘एक व्यक्ति मतदान केंद्र आया और दावा किया कि उसका नाम मृतकों की सूची में है, लेकिन वह जिंदा है और वोट डालना चाहता है। इस पर पहले हम सभी चौंक गए फिर बूथ पर मौजूद सभी राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंटों ने पुष्टि की कि वह व्यक्ति सच में वही है, जो उसने होने का दावा किया था। उसके पास अपनी पहचान साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज थे और सत्यापन के बाद उसे मतदान करने की अनुमति दी गई।’

राहुल बोले, ‘गर्मी है काफी’, और उड़ेल लिया भरे हुए पानी का बोतल सिर पर

देवरिया : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देवरिया में युवाओं के सामने बेरोजगारी पर सवाल खड़ा किया। सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन 30 लाख नौकरियां सरकार में आते ही युवाओं के हवाले कर देगी। बेरोजगार युवाओं के बैंक एकाउंट में महीने के साल के एक लाख रुपये, खटाखट, खटाखट खटाटक आ जाएंगे। इसी के साथ गर्मी अधिक होने की बात का जिक्र किया। पानी की बोतल से थोड़ा पानी पीने के बाद बोतल उल्टी कर पानी सिर पर गिरा लिया। फिर कहा, गर्मी बहुत है।

कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से BRS ने गंवाए 15 निकाय; ग्रेटर हैदराबाद की मेयर ने भी छोड़ा साथ

हैदराबाद:  तेलंगाना में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बीआरएस को एक और बड़ा झटका लगा है। बीआरएस ने अविश्वास प्रस्ताव और इस्तीफे के कारण 15 नगर निकाय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद गंवा दिए हैं। शहरी निकाय में कांग्रेस को महत्वपूर्ण पद मिलने के कारण कांग्रेस के और मजबूत होने की उम्मीद है। 2020 में हुए निकाय चुनाव में बीआरएस ने 120 नगरपालिकाओं में से 107 पर जीत हासिल की थी।

बीआरएस को सबसे बड़ा तब लगा, जब ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की मेयर विजया लक्ष्मी आर गडवाल और उनकी डिप्टी मोठे श्रीलता शोबन रेड्डी ने बीआरएस छोड़कर दो माह पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था। गडवाल मार्च में ही कांग्रेस में शामिल हुईं थी। वहीं उनके पिता केशव राव, जो बीआरएस से राज्यसभा सांसद थे, वे भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। आविश्वास प्रस्ताव का सिलसिला फरवरी में शुरू हुआ, कांग्रेस नेता बुर्री श्रीनिवास जब नलगोंडा नगर पालिका के अध्यक्ष के रूप में चुने गए।

2025 में होंगे निकाय चुनाव
हालांकि, कई नगर निकायों में बीआरएस ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को बरकरार रखा। वर्तमान में नगर पालिकाओं की कुल संख्या 129 है, जबकि जीएचएमसी सहित 13 नगर निगम हैं। जनवरी 2025 में नगर निगम के चुनाव होने हैं

जानें कौन हैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी
रेवंत रेड्डी का जन्म 8 नवंबर 1967 को अविभाजित आंध्र प्रदेश में नगरकुर्नूल के कोंडारेड्डी पल्ली नामक स्थान पर हुआ था। रेवंत के पिता का नाम अनुमुला नरसिम्हा रेड्डी और माता का नाम अनुमुला रामचंद्रम्मा है। उन्होंने हैदराबाद में ए.वी. कॉलेज (ओस्मानिया विश्विद्यालय) से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। पिछले विधानसभा की हार के बाद रेवंत ने 2019 लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई। रेवंत तेलंगाना में कांग्रेस के उन तीन लोकसभा सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने 2019 में चुनाव जीता था।

मल्काजगिरि सीट से उतरे कांग्रेस उम्मीदवार ने टीआरएस के एम राजशेखर रेड्डी को करीबी मुकाबले में 10 हजार से ज्यादा मतों से हराया। जून 2021 में रेवंत को बड़ी जिम्मेदारी मिली, जब कांग्रेस ने उन्हें अपनी तेलंगना प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बना दिया। इस विधानसभा चुनाव में रेवंत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के सामने चुनाव लड़े। यह मुकाबला कामारेड्डी विधानसभा सीट पर था। यहां रेवंत और केसीआर दोनों को भाजपा उम्मीदवार से हार झेलनी पड़ी। हालांकि, रेवंत ने दूसरी सीट कोडांगल से चुनाव जीत लिया।

‘अब CM के हाथों पर भी नियंत्रण कर रहे पूर्व नौकरशाह’, पटनायक-पांडियन के इस वीडियो पर हिमंत का कटाक्ष

नई दिल्ली:  देश भर में जहां लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, वहीं ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे है। ओडिशा के मुख्यमंत्री के करीबी और पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन के खिलाफ भाजपा अधिकतर आक्रमक रहती है। इस बीच भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए पांडियन पर पर निशाना साधा है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंगलवार को असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक वीडियो साझा किया। वीडियो में ओडिशा सीएम एक सभा को संबोधित कर रहे हैं। सीएम पटनायक के बगल में पांडियन भी खड़े हैं। वीडियो में सीएम का हाथ काफी कांप रहा है, जिसे पांडियन संभाल रहे हैं। इसी पर हिमंत ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि यह वीडियो बहुत परेशान करने वाला है। पांडियन सीएम पटनायक के हाथों को नियंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं यह सोच कर ही कांप उठता हूं कि तमिलनाडु का एक पूर्व नौकरशाह किस तरह से ओडिशा के भविष्य पर नियंत्रण कर रहा है। भाजपा राज्य के लोगों को ओडिशा की बागडोर वापस देने के लिए प्रतिबद्ध है।

पटनायक ने दी प्रतिक्रिया
पटनायक ने सरमा के तंज पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा गैर-मुद्दों को मुद्दा बनाने के लिए जानी जाती है। वह अब उनके हाथ हिलाने पर चर्चा कर रही है। यह निश्चित रूप से काम नहीं करेगा। पटनायक ने बीजेपी पर उनके स्वास्थ्य के बारे में झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ झूठ बोल सकती है। आप देख सकते हैं, मेरा स्वास्थ्य बहुत अच्छा है। मैं लगभग एक महीने से पूरे राज्य में प्रचार कर रहा हूं। वहीं, पांडियन ने भी बीजेपी नेताओं के बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

पहले भी लगा चुके हैं आरोप
इससे पहले, हिमंत और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया था कि सीएम नवीन पटनायक को उनके करीबियों ने कैद कर रखा है।ओडिशा की भाजपा ईकाई ने राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव से अपील की कि वे सीएम पटनायक को कैद से छुड़ाएं।

नाबालिग आरोपी के पिता और दादा की पुलिस हिरासत बढ़ाई गई, पुणे की कोर्ट का फैसला

पुणे:  पुणे की एक कोर्ट ने मंगलवार को पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल एक किशोर के पिता को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। कार्रवाई परिवार के चालक के कथित अपहरण और बंधक बनाने के मामले में की गई है। अदालत ने इसी मामले में आरोपी किशोर के दादा की पुलिस हिरासत भी 31 मई तक बढ़ा दी। दोनों आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ए.ए. पांडे के समक्ष पेश किया गया। दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या बंधक बनाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुणे शहर के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई की सुबह कथित तौर पर नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्श कार की चपेट में आने से दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। पुलिस का दावा है कि हादसे के वक्त किशोर नशे में था। नाबालिग के पिता और रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल (50) किशोर न्याय अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं।

पुलिस ने आरोप लगाया है कि विशाल अग्रवाल और उनके पिता सुरेंद्र अग्रवाल (77) ने अपने चालक को पैसे का लालच और धमकी देकर दुर्घटना की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने के लिए दबाव डाला। इस सिलसिले में सुरेंद्र अग्रवाल को 25 मई को गिरफ्तार किया गया और फिर अदालत ने उन्हें 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

30 मई को चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कन्याकुमारी जाएंगे पीएम मोदी, रॉक मेमोरियल में लगाएंगे ध्यान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के समाप्त होने के बाद कन्याकुमारी का दौरा करेंगे। यहां वे स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए स्मारक रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे। भाजपा नेताओं ने मंगलवार को बताया कि वह 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे। माना जाता है कि यहां विवेकानंद को ‘भारत माता’ के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी। प्रधानमंत्री ने 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में इसी तरह का ध्यान लगाया था।

पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी में स्थान चुनने का पीएम मोदी का फैसला देश के लिए विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करने की उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। देश में आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होना है। चुनाव के लिए प्रचार अभियान चुनाव से दो दिन पहले समाप्त हो जाता है। नतीजे चार जून को आएंगे।

उन्होंने बताया कि जिस चट्टान पर प्रधानमंत्री ध्यान करेंगे, उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था और यह भिक्षु के जीवन में गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ के समान ही महत्व रखता है। पूरे देश में घूमने के बाद विवेकानन्द यहीं पहुंचे थे और तीन दिनों तक ध्यान किया था। उन्होंने यहां विकसित भारत का सपना देखा था।

‘रेमल से बेपरवाह TMC ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ा’, अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी पर निशाना

कोलकाता :    पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार चक्रवाती तूफान रेमल के लिए पहले से तैयार नहीं थी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया गया।

‘टीएमसी सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया’
मुर्शिदाबाद में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि टीएमसी सरकार लोकसभा चुनाव में व्यस्त रही और रेमल से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए पहले से पर्याप्त तैयारियां नहीं कीं। उन्होंने कहा कि पूरा पश्चिम बंगाल जानता है कि ममता बनर्जी लोगों की मदद के लिए कभी तैयार नहीं रहतीं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जिस समय तूफान से प्रभावित लोगों को मदद की जरूरत थी, उस समय राज्य सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया।

रेमल तूफान का पश्चिम बंगाल में दिखा बड़ा असर
बता दें कि चक्रवाती तूफान रेमल ने पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में रविवार रात को असर डाला था और इससे वहां काफी नुकसान हुआ। राज्य सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि चक्रवाती तूफान की वजह से 2,07,060 लोगों को विस्थापित किया गया। इसके अलावा 29,500 घरों को इस तूफान से नुकसान पहुंचा है। मुख्य रूप से तटीय क्षेत्रों में इस तूफान ने तबाही मचाई है।

CBI ने शाहजहां शेख पर लगाईं आपराधिक साजिश-हत्या की कोशिश की धाराएं; चार्जशीट में सात लोगों के नाम

कोलकाता:  संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों से घिरे टीएमसी के निष्कासित नेता शाहजहां शेख की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल सीबीआई ने शाहजहां शेख, उनके भाई और पांच अन्य लोगों पर आपराधिक साजिश और हत्या की कोशिश करने की धाराएं लगाईं हैं।

सीबीआई ने आरोप पत्र में क्या बताया?
सीबीआई ने 5 जनवरी को संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हुए हमले के मामले में यह धाराएं लगाईं हैं। सीबीआई ने संदेशखाली मामले में बशीरहाट की विशेष अदालत के समक्ष सोमवार को पहला आरोप पत्र दाखिल किया। केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि जिस समय प्रवर्तन निदेशालय की टीम शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने जा रही थी, उस समय करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने टीम को घेर लिया। ईडी की टीम करोड़ों के राशन घोटाले मामले में शेख के घर छापा मारने जा रही थी। सीबीआई ने बताया कि ईडी की टीम शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने भी गई थी। दरअसल, राशन घोटाला मामले में शेख का पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिय मलिक के साथ सांठ-गांठ थी।

आरोप पत्र में सात लोगों के नाम
सीबीआई के आरोप पत्र में शाहजहां शेख, उनके भाई आलमगीर, उनके साथी जियाउद्दीन मुल्ला, मुजफ्फर मुल्ला और दीदारबख्श मुल्ला समेत सात लोगों का नाम शामिल किया गया है। आरोप पत्र में सीबीआई का कहना है कि सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत धाराएं लगाईं गईं हैं। बता दें संदेशखाली की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं।

घर में मिले खून की होगी DNA जांच? दावा- नहर से शरीर के हिस्से मिलना मुश्किल

कोलकाता :बांग्लादेश की सत्तारूढ़ पार्टी के लापता सांसद अनवारुल अजीम अनार की कोलकाता में हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अजीम इलाज के लिए भारत आए थे। इसके बाद से 18 मई से अजीम लापता थे। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने अजीम की हत्या की पुष्टि की थी। इस मामले में अब पुलिस एक घर में मिले खून के नमूनों का डीएनए परीक्षण कर सकती है। इसके बाद अनवारुल अजीम अनार के परिजनों में से किसी एक के खून के नमूने का मिलान कराया जा सकता है। पुलिस का कहना है कि इससे पुष्टि हो सकेगी कि सांसद की हत्या इसी घर में की गई थी।

एक घर से मिले हैं रक्त के नमूने
पुलिस को शक है कि जिस दौरान बांग्लादेशी सांसद लापता बताए जा रहे थे, उस दौरान इसी घर में उनकी हत्या की गई। इसके बाद उनके शरीर के टुकड़ों को नहर में फेंका गया। जांच में जुटे एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि अगर सांसद अजीम के शरीर के हिस्से नहीं मिले तो डीएनए परीक्षण के रूप में आखिरी विकल्प बचता है। रक्त के नमूनों का डीएनए परीक्षण के बाद सासंद के परिजनों में से एक किसी के रक्त से नमूने से इसका मिलान कराया जा सकता है।

पुलिस का दावा- नहर से शरीर के हिस्से मिलना मुश्किल
बता दें कि ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा के तीन अधिकारी इस मामले की जांच के लिए कोलकाता आए हैं। इस टीम के नेतृत्व जासूसी शाखा के प्रमुख मोहम्मद हारून राशिद कर रहे हैं। उधर कोलकाता पुलिस की आपदा प्रबंधन विभाग की टीम बागजोला नहर में खोजी अभियान चलाया, ताकि सांसद के शरीर के हिस्सों का पता लगाया जा सके। पुलिस का कहना है कि हाल ही में रेमल चक्रवात की वजह से कोलकाता में भारी बारिश हुई है और ऐसे में शरीर के हिस्सों का पता लगाना मुश्किल काम हो सकता है।

एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि अनवारुल अजीम के शरीर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा गया। इस बात की आशंका है कि शरीर के टुकड़ों को जलीय जीव खा गए होंगे। पुलिस ने आगे बताया कि नहर के बहाव में सांसद के शरीर के हिस्सों के बह जाने की संभावना है। वारदात में इस्तेमाल हथियार और शरीर के टुकड़ों की खोज के लिए मौके पर तैराकों को तैनात किया गया है। इस बात की संभावना भी है कि जिस घर में सांसद की हत्या की गई, उसके शौचालय में रक्त को बहाया गया है। पुलिस ने बताया कि शौचालय के पाइप की जांच की जा रही है।