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सीएम योगी बोले- रामगोपाल को राम मंदिर अच्छा नहीं लगेगा, ये तो आतंकवादियों को जेल से छुड़ाते थे

उत्तर प्रदेश के एटा में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। यहां उन्होंने फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। सीएम की सभा अलीगंज विधानसभा क्षेत्र के डीएवी मैदान में हुई। इस दौरान सीएम ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

सीएम ने कहा कि जो पहले गरीबों की जमीनों पर कब्जा करते थे, बेटियों के लिए परेशानी बनते थे। व्यापारियों के लिए मुसीबत बनते थे। आज उनके गले में तख्ती देखकर अच्छा लगता है न। कहा कि रामगोपाल यादव को राम मंदिर अच्छा नहीं लगेगा ये लोग तो आतंकवादियों को जेल से छुड़ाते थे।

कहा कि सपा को नौजवानों की चिंता नहीं थी, बेटियों की चिंता नहीं थी, व्यापारियों की चिंता नहीं थी। इन्हें आतंकवादियों की चिंता थी। 2012 में सरकार बनने के बाद सबसे पहले आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने का निर्णय दिया था। कहा कि लोगों को विकास और सुरक्षा पर विश्वास हुआ है। अब किसी की जमीन पर कब्जा नहीं होता है।

सीएम ने कहा कि मोदी की यही गांरटी है कि गुलामी की आदत से छुटकारा दिलाना है, लोगों की विरासत को सहेजना है। सभी लोग आपनमा काम करें। लोगों की सुरक्षा और विकास का काम लखनऊ और दिल्ली की सरकार देख लेगी।
कहा कि आज विश्व में भारत का परचन लहरा रहा है। गरीब कल्याणकारी योजनाओंं को जनता के बीच पहुंचाया जा रहा है। कहा कि भारत सरियत और जिहाद से नहीं चलेगा। भारत बाबा साहेब के संविधान से चलेगा। कहा कि बाब साहेब के समय में लोग भूखों मरते थे, आज सभी को फ्री राशन मिलता है। कहा कि आज हर परिवार को आयुष्मान भारत के कार्ड से पांच लाख तक का फ्री इलाज मिलता है। इसके अलावा जिसके पास यह कार्ड नहीं है वह मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक या खुद सरकार को पत्र लिखे, यदि वह इलाज नहीं करा पा रहा तो सरकार उसका इलाज कराती है।

‘जरा भी गलती की तो ये राममंदिर पर बाबरी नाम का ताला लगा देंगे’, रामगोपाल के बयान पर भड़के अमित शाह

लखीमपुर :   केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लखीमपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। सपा नेता रामगोपाल यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि ये राम मंदिर को बेकार बताते हैं। जरा भी गलती की तो ये राम मंदिर पर बाबरी नाम का ताला लगाने का काम करेंगे। शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब सपा की सरकार थी। गुंडई चलती थी। जमीनों पर कब्जे होते थे। होली दिवाली के दिन बिजली नहीं आती थी और रमजान में 24 घंटे बिजली रहती थी।

 

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा वाले झूठा प्रचार कर भाजपा और मोदी को बदनाम कर रहे हैं। यह कह रहे हैं कि मोदी को 400 सीटें दोगे तो आरक्षण चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अंदर कांग्रेस को बहुमत मिला। वहां पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को काटकर मुसलमानों को पांच प्रतिशत आरक्षण दे दिया। पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को काटने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया। गृहमंत्री ने संविधान विरोधी मुस्लिम आरक्षण को समाप्त करने की बात कही।

राहुल गांधी पर साधा निशाना
गृहमंत्री ने कहा कि राहुल बाबा कहते हैं एक झटके में गरीबी मिटा देंगे। आपकी दादी ने एक झटके आपातकाल लगाया। पिताजी ने एक झटके में तीन तलाक इंट्रोड्यूज किया। आपकी पार्टी ने झटके में पिछड़े वर्ग का आरक्षण छीनने का काम किया। गृहमंत्री ने अपने संबोधन में सीएए का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा। कहा कि राहुल बाबा कहते हैं कि हम सीएए हटा देंगे। अरे राहुल बाबा… आपकी नानी भी ऊपर से आ जाएं तो सीएए नहीं हटेगा। विपक्षी गठबंधन पर कहा कि इनके पास तो प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी ही नहीं है। इनके पास न नेता है, न नियत है और न नीति है। सिर्फ परिवारवाद है।

सपा, कांग्रेस और बसपा का सूपड़ा साफ- शाह
उन्होंने कहा कि तीसरे चरण का चुनाव हो गया है। मोदी 190 सीटें पार कर गए हैं। चौथे चरण में और मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। सपा, कांग्रेस और बसपा का सूपड़ा साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है। तीन करोड़ गरीब बहनों को लखपति बनाने का चुनाव है। चार लाख गरीबों को घर देना का चुनाव है। लोगों को समृद्धि बनाने का चुनाव है। शाह ने छोटी काशी, संकटा देवी मंदिर, देवकली मंदिर समेत अन्य मंदिरों को नमन किया। उन्होंने दिवंगत भाजपा कार्यकर्ता सर्वेश वर्मा को श्रद्धांजलि दी।

इस साल दर्ज हुआ इतिहास का सबसे गर्म अप्रैल, जलवायु परिवर्तन से हर साल 38 लाख करोड़ रु. घाटे की आशंका

 नई दिल्ली:यूरोप की जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस का कहना है कि अप्रैल 2024 अब तक का सबसे गर्म महीना रिकॉर्ड किया गया है। अप्रैल 2024 में जबरदस्त गर्मी रही और इस दौरान दुनियाभर में बाढ़, सूखा, बारिश जैसी आपदाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। यह लगातार 11वां महीना है, जिसमें रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया। तापमान में वृद्धि की वजह अल नीनो प्रभाव और जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है।

बढ़ रहा औसत तापमान
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में औसत तापमान 15.03 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि 1850-1900 में पूर्व औद्योगिक काल के तापमान की तुलना में 1.58 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वहीं 1991-2020 की तुलना में अप्रैल 2024 का औसत तापमान 0.67 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। इससे पहले अप्रैल 2016 में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था, लेकिन अप्रैल 2024 ने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। कॉपरनिकस क्लाइमेंट एजेंसी के निदेशक कार्लो बूनोटेम्पो ने बताया कि इस साल की शुरुआत में अल नीनो प्रभाव चरम पर था, लेकिन अब पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह का तापमान वापस सामान्य होने की तरफ बढ़ रहा है, इसके बावजूद अभी भी समुद्र की सतह का तापमान बढ़ा हुआ है, जिसके असर से ही माना जा रहा है कि अप्रैल 2024 में रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया।

एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वैश्विक तापमान बीते 12 महीनों में सबसे उच्चतम दर्ज किया गया और यह औद्योगिक काल (1850-1900) से पूर्व की तुलना में 1.61 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। दुनियाभर के देशों को औसत वैश्विक तापमान में औद्योगिक काल से पहले के तापमान की तुलना में तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने की कोशिश करनी चाहिए, वरना इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

ऑटो चालक की बेटी GCC स्कूल टॉपर, बोली- चाहिए ऐसी दुनिया, जहां माता-पिता को न देखना पड़े प्राइस टैग

चेन्नई : ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) के सरकारी स्कूलों में 578 अंकों के साथ 12वीं कक्षा में शीर्ष पर ही ऑटो चालक की बेटी पूनगोधाई का सपना सीए बनने का है। फिलहाल, एक कमरे में चार लोगों के साथ रहने वाली पूनगोधाई अपने लिए एक ऐसा जहां चाहती हैं, जहां उसके माता-पिता को किसी चीज का प्राइस टैग देखकर उसे खरीदने के बारे में सोचना न पड़े। पेरम्बूर जीसीसी स्कूल की छात्रा पूनगोधाई धाराप्रवाह अंग्रेजी में बोलते हुए कहती हैं कि आगे चलकर वे बीकॉम और सीए करना चाहती हैं।

माता-पिता के अलावा घर में एक बहन है, जो फिलहाल बी फार्मा की पढ़ाई कर रही है। एक कमरे के घर में पढ़ने-लिखने, उठने-बैठने हर चीज के लिए मुश्किल होती है। लेकिन, तमाम संघर्षों के बीच वह और उसकी बहन पढ़ने पर पूरा जोर देते हैं, ताकि उन्हें जिंदगी भर ऐसे हालात मे नहीं रहना पड़े। अपने सपनों को पूरा करने के साथ ही वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उनके इलाके कोडुंगैयुर के ज्यादा से ज्यादा बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करें।

केरल में बढ़ा वेस्ट नाइल बुखार का खतरा! तीन जिलों में अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने जारी कीं गाइडलाइंस

नई दिल्ली: केरल के तीन जिलों में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर जिलों में वेस्ट नाइल बुखार फैलने की सूचना दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बचाव के दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। पिछले सप्ताह केरल में स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने मानसून से पूर्व साफ-सफाई आदि गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।

साथ ही जिला चिकित्सा के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए थे कि वे अपनी गतिविधियों में तेजी लाएं। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे स्थानीय सरकारी निकायों के साथ मिलकर काम करें। जिला वेक्टर नियंत्रण इकाई द्वारा कई जगहों से नमूने एकत्र किए गए हैं। सभी नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने जागरुकता कार्यक्रम भी चलाने के लिए कहा है।

केरल के कई जिलों में वेस्ट नाइल बुखार के मरीजों देखे गए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने केरल के मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर जिलों में अभी अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने साथ ही सभी से अनुरोध किया है कि वे बुखार के लक्षण नजर आते ही तुरंत इलाज करवाएं। या आस-पड़ोस में किसी में भी लक्षण दिखते हैं तो उस व्यक्ति को तुरंत इलाज करवाने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रकोप से बचने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह डेंगू के समान है। अभी चिंता की या घबराहट की आवश्यकता नहीं है। अब तक हॉट स्पॉट नहीं हैं। कोझिकोड के जिला कलेक्टर स्नेहिल कुमार सिंह न बताया कि अब तक सिर्फ पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार ठीक हो गए हैं, एक का इलाज चल रहा है।

ये बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैलती है। अगर समय पर मरीज का ट्रीटमेंट न हो तो ये बुखार एन्सेफलाइटिस का कारण भी बन सकता है। इस वजह से ब्रेन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। गंभीर मामलों में ये बीमारी मौत का कारण भी बन सकती है। बताया जा रहा है, कि वेस्ट नाइल संक्रमण के मुख्य लक्षण सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और याददाश्त कमजोर होना हैं। मंत्री ने कहा कि चूंकि वेस्ट नाइल वायरस के इलाज के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए लक्षणों का उपचार और रोकथाम जरूरी है।

ऐसे करें बचाव
स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ उपाय बताते हुए कहा की शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी और ‘रिपेलेंट’ का इस्तमाल करें। अगर फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से इलाज कराएं। अपने घर और आसपास की जगह को साफ रखें।

पित्रोदा के बयान से बैकफुट पर आई कांग्रेस, जयराम रमेश बोले- दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बयान

नई दिल्ली: सैम पित्रोदा द्वारा भारतीयों की तुलना चीनी-अफ्रीकी लोगों से करने वाले बयान पर कांग्रेस बैकफुट पर दिखाई दे रही है। यही वजह है कि सैम पित्रोदा का बयान सामने आते ही पार्टी ने पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता को बताने के लिए जिन उपमाओं का इस्तेमाल किया है, वे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से पूरी तरह असहमत है और इनसे किनारा करती है।’

विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने भी बयान से किया किनारा
शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने पित्रोदा के बयान पर कहा कि ‘मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं, लेकिन क्या वे घोषणापत्र समिति के सदस्य हैं? क्या कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं? क्या वे देश में रहते हैं? वे विदेश में रहते हैं। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके मुद्दे को देश का मुद्दा बनाया जा रहा है। एक तरफ देश के मुद्दे हैं और दूसरी तरफ सैम पित्रोदा ने अमेरिका में क्या कहा। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते और न ही ये कोई मुद्दा है और न ही ये देश पित्रोदा के बयान पर प्रतिक्रिया देना चाहता है।’

डीएमके नेता टीकेएस एलानगोवन ने पित्रोदा के बयान पर कहा कि ‘हम सब साथ है। यहां कई धर्म, संस्कृति, भाषाएं हैं, लेकिन हमने कभी भारत के लोगों में भेद नहीं किया। यह हमारा बयान नहीं है। हम भाषा और संस्कृति की समानता की बात करते हैं और ये मानते हैं कि भारत के हर राज्य में रहने वाले लोग समान हैं। हो सकता है कि वे (पित्रोदा) अपनी बात को सही तरीके से समझा नहीं पाए।’ आप नेता संजय सिंह ने कहा कि ‘सैम पित्रोदा के बयान का विपक्षी गठबंधन का कोई नेता समर्थन नहीं करता है।’

‘निजी पार्टी के अनुबंध बिना कारण रद्द नहीं…’; कलकत्ता हाईकोर्ट के खिलाफ अपील पर शीर्ष अदालत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निजी कंपनी या पार्टी से जुड़े अनुबंध को रद्द करने के मामले में अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि प्राइवेट पार्टियों के अनुबंध कारण बताए बिना रद्द नहीं किए जाने चाहिए। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि बिना कोई कारण बताए किसी अनुबंध को कैसे समाप्त किया जा सकता है? इस टिप्पणी के साथ अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, एक निजी पार्टी अनुबंध हासिल करने के बाद रिटर्न पाने की आशा के साथ निवेश करता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि निवेश के बाद रिटर्न की आशा करना भी उचित है। अनुबंध रद्द करने के मामले में शीर्ष अदालत की जिस तीन जजों की पीठ में सुनवाई हो रही है, इसमें चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। मामले से जुड़े तथ्यों का जिक्र करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, हाईकोर्ट के आदेश में अनुबंध रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। सभी पक्षकारों की दलीलों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा, शीर्ष अदालत इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख रही है।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 25 मई, 2023 को पारित आदेश में एकल न्यायाधीश का फैसला बरकरार रखा था। हाईकोर्ट ने सुबोध कुमार सिंह राठौड़ के फर्म को आवंटित अनुबंध को रद्द करने की मंजूरी दी थी। कंपनी को कोलकाता में ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाईपास पर दो अंडरपास के रखरखाव का ठेका मिला था।

‘अंबानी-अदाणी से कितना माल उठाया ‘शहजादे’ घोषित करें’, पीएम ने पूछा- रातों-रात गाली देना क्यों बंद किया?

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि पिछले पांच सालों से सुबह उठते ही ‘अंबानी और अदाणी के नाम की माला जपने वाले कांग्रेस के शहजादे’ ने उनसे ‘कितना माल उठाया’ है जो लोकसभा चुनाव घोषित होते ही उन्होंने उन्हें ‘गाली देना’ बंद कर दिया। उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल का नाम लिए बगैर ‘दाल में कुछ काला’ होने की आशंका जताई कि कोई न कोई ‘चोरी का माल टेम्पो भर-भर के ‘आपने पाया है’ और उन्हें देश को इसका जवाब देना पड़ेगा। हैदराबाद से करीब 150 किलोमीटर दूर वेमुलावाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने यह दावा भी किया कि देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के बाद कांग्रेस और उसके ‘इंडी’ गठबंधन के घटक दलों का तीसरा ‘फ्यूज’ उड़ गया है।

उन्होंने कहा कि मतदान के चार चरण शेष हैं और जनता के आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) जीत की ओर बढ़ रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘आपने देखा होगा। कि कांग्रेस के शहजादे (राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए) पिछले पांच साल से सुबह उठते ही माला जपना शुरु करते थे। लेकिन जब से उनका राफेल वाला मामला ग्राउंडड हो गया तब से एक नई माला जपना शुरु किया। पांच साल से एक ही माला जपते थे। पांच उद्योगपति… फिर धीरे-धीरे कहने लगे… अंबानी, अदाणी… पांच साल से… लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है इन्होंने अंबानी अदाणी को गाली देना बंद कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जरा ये शहजादे घोषित करे कि इस चुनाव में अंबानी अदाणी से कितना माल उठाया है? काले धन के कितने बोरे भर के रुपये मारे हैं? क्या टेम्पो भर के नोट कांग्रेस के लिए पहुंचे हैं क्या? क्या सौदा हुआ है कि आपने रातों-रात अंबानी, अदाणी को गाली देना बंद कर दिया? जरूर दाल में कुछ काला है। पांच साल तक अंबानी, अदाणी को गाली दी और रातों रात गालियां बंद हो गई। मतलब कोई न कोई चोरी का माल टेम्पो भर-भर के आपने पाया है। ये जवाब देना पड़ेगा देश को।’’

मोदी सरकार पर हमला करने के लिए कांग्रेस, प्रधानमंत्री मोदी पर व्यवसायी गौतम अदाणी और मुकेश अंबानी सहित देश के शीर्ष पांच उद्योगपतियों का पक्ष लेने का आरोप लगाती रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘‘तीसरे चरण के चुनाव के बाद कांग्रेस और ‘इंडी’ गठबंधन का तीसरा फ्यूज उड़ गया है।’’

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी।

आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।

दोनों हाथ खो चुके इस शख्स को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, 10 साल की उम्र में हुआ था हादसा

चेन्नई:अगर कोई व्यक्ति कुछ करने की ठान ले, तो उसे संसाधन या पूरी तरह से शारीरिक स्वस्थ्य होने की जरूरत नहीं है। वह अपनी कमियों के साथ भी उस काम को पूरा कर सकता है। ऐसी ही एक मिसाल चेन्नई के एक दिव्यांग ने पेश की है। दरअसल, 30 साल के तानसेन ने दोनों हाथ न होने के बावजूद ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लिया है।

एक बिजली से जुड़ी दुर्घटना में दोनों हाथ खो दिए
तानसेन ने छोटी सी उम्र में ही एक बिजली से जुड़ी दुर्घटना में दोनों हाथ खो दिए थे। हाथ खोने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी कार को पैरों से चलाकर ड्राइविंग लाइसेंस भी हासिल कर लिया। वह दिव्यांग होते हुए भी ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाले तमिलनाडु के पहले शख्स बन गए हैं। उन्हें इस साल 22 अप्रैल को अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिला। उन्होंने पेरम्बूर में अपनी पढ़ाई पूरी की और फिलहाल एलएलएम कर रहे हैं।

इनसे मिली प्रेरणा
तानसेन में लाइसेंस पाने की इच्छा तब जगी, जब उन्होंने मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति विक्रम अग्निहोत्री के बारे में सुना। दरअसल, अग्निहोत्री के भी दोनों हाथ नहीं थे। इसके बावजूद सालों पहले उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। वहीं, केरल की एक महिला जिलुमोल मैरिएट थॉमस भी लाइसेंस पा चुकी है। इन सब उदाहरणों से तानसेन को प्रेरणा मिली।

10 साल की उम्र में हुआ था हादसा
तानसेन ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, ‘जब मैं 10 साल का था तो मेरे साथ एक दुर्घटना हुई। इससे मैंने दोनों हाथ खो दिए। मैंने अपनी डिग्री पूरी कर ली है। जब मैं 18 साल का हुआ तो मेरे सभी दोस्तों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल गए। उस समय मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि मैं लाइसेंस नहीं ले सका या कार नहीं चला सका। तब मैंने सोचा कि लाइसेंस पाना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैंने मध्य प्रदेश के अग्निहोत्री के बारे में खबर सुनी, उनसे भारत में बिना हाथों के लाइसेंस पाने के लिए मुझे प्रेरणा मिली। हाल ही में केरल में एक लड़की को भी लाइसेंस मिला।