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देश

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी। आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।

सतर्कता अदालत से CM विजयन की बेटी को मिली राहत, कोर्ट की निगरानी में जांच की याचिका खारिज

तिरुवनंतपुरम: सतर्कता अदालत से कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनादन को झटका लगा है। उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक निजी खनन कंपनी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी टी वीणा की बंद हो चुकी आईटी कंपनी के बीच कथित वित्तीय लेनदेन की अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई थी।

यह दी थी याचिका
कुझालनादन ने विशेष सतर्कता अदालत का रुख किया था। उन्होंने कहा था कि सतर्कता विभाग ने कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) और वीणा की कंपनी एक्सलॉजिक के बीच वित्तीय लेनदेन की जांच करने से इनकार कर दिया है।

अदालत की निगरानी में जांच की मांग
पिछले महीने जब अदालत को अपना फैसला सुनाना था, तो कुझालनादन ने एक नई मांग रखी की अदालत की निगरानी में जांच की जाए। इससे अदालत नाराज हो गई, जिसने उनसे पूछा कि क्या उन्हें यकीन है कि मामले में उनका पक्ष क्या है। तब कुझालनादन ने कहा कि वह और सबूत प्रस्तुत करेंगे।अदालत ने उनकी नई मांग पर विचार करने का फैसला किया।

अदालत ने याचिका खारिज कर दी
कांग्रेस विधायक द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों पर विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी। इस बीच, कुझालनादन ने कहा कि कहा, ‘चूंकि मैं पेशे से एक वकील हूं, इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या मैं अपील के लिए जाऊंगा। मुझे अभी तक फैसले की प्रति नहीं मिली है और इसे पढ़ने के बाद, मैं जवाब दूंगा। जैसा कि मैंने पहले कहा, मैं भागने वाला नहीं हूं।’

कुल 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान होने पर मामला सामने आया
केरल में एक निजी खनिज कंपनी और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी टी वीणा और उनकी आईटी फर्म के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन को लेकर पिछले साल विवाद छिड़ गया था। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी का सत्तारूढ़ माकपा के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के शीर्ष नेताओं के साथ लेनदेन हुआ।

‘आप दिलीप घोष को जिता दो, गुंडो को हम सीधा कर देंगे’, दुर्गापुर में अमित शाह ने टीएमसी को घेरा

कोलकाता: तीसरे चरण के मतदान से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में चुनाव प्रचार किया। दुर्गापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर तंज करते हुए कहा कि टीएमसी के गुंडे यहं की गरीब मजदूरों की मजदूरी की उगाही करके भतीजे को देते हैं।

रैली में भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष का समर्थन करते हुए अमित शाह ने कहा, “एक बार यहां से दिलीप घोष को जिता दो, इन गुंडों को हम सीधा कर देंगे।” उन्होंने टीएमसी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “ये लोग कटमनी चलाते हैं, घुसपैठ कराकर अपना वोट बैंक बनाते हैं। ममता दीदी, आपको शर्म आनी चाहिए, सरहदी राज्य में आप घुसपैठ को बढ़ावा देती हो और घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बनाती हो।”

सोमवार को हुगली में बस विस्फोट पर अमित शाह ने कहा कि बंगाल में भ्रष्टाचार और चुनावी हिंसा आम हो चुकी है। ममता बनर्जी डराना चाहती है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों को तैनात किया है। अमित शाह ने लोगों से से कहा कि उन्हें ममता बनर्जी से डरने की कोई जरूरत नहीं है।

संदेशखाली मामले में फिर एक बार ममता सरकार को घेरा
संदेशखाली मुद्दे पर अमित शाह ने फिर एक बार ममता सरकार को घेरा। उन्होंने टीएमसी पर धर्म के आधार पर सैकड़ों महिलाओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने कहा, “ममता बनर्जी संदेशखाली के अपराधियों को पकड़ने को तैयार नहीं थीं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी जांच नहीं की, तो हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपी।” उन्होंने बंगाल की सीएम से कहा, “आपको शर्म आनी चाहिए, आप महिला मुख्यमंत्री हो और आपकी नाक के नीचे सैकड़ों माताओं-बहनों पर अत्याचार हुआ, लेकिन आपके पेट का पानी नहीं हिला।” अमित शाह ने आगे कहा कि संदेशखाली में जिसने अत्याचार किया है, वो अगर पाताल में भी छिप जाए तो भी हम उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा देंगे।

विपक्षी नेताओं के हालिया बयान पर भड़की भाजपा, कहा- देश के विकास को रोकने का प्रयास कर रही बाहरी शक्तियां

लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा ने इंडी गठबंधन दल के नेताओं पर निशाना साधा। भाजपा ने विपक्षी नेताओं द्वारा हाल ही में दिए गए बयानों को लेकर कहा कि यह देश के हित के खिलाफ है। भाजपा ने विपक्ष पर पाकिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाया और देशद्रोहियों से जनता को सावधान रहने के लिए कहा।

विपक्षी नेताओं के बयान पर साधा निशाना
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि यह सिर्फ भाजपा को बदनाम करने की साजिश है। यह आरोप निराधार हैं। त्रिवेदी ने विपक्षी नेताओं के अन्य आरोपों का भी हवाला दिया, जिसमें पाकिस्तानी नेता फवाद चौधरी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं और फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार होने के बारे में बता रहे हैं। त्रिवेदी ने कहा कि अब्दुल्ला का बयान काफी चौंकाने वाला है। कांग्रेस नेता शशि थरूर के बांग्लादेशी अखबार में छपे कॉलम का हवाला देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव भारत में हो रहे हैं और कांग्रेस नेता विदेशी जमीन पर जनमत तैयार कर रहे हैं।

जनता से देश के भीतर छिपे गद्दारों से सावधान रहने को कहा
विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सभी घटनाक्रम सिर्फ एक संयोग नहीं है बल्कि जानबूझकर किया गया एक खतरनाक प्रयोग है। उन्होंने जनता से देश के भीतर छिपे गद्दारों से सावधान रहने को कहा। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की बाहरी शक्तियां आत्मविश्वासी भारत के उदय को रोकने का प्रयास कर रही हैं।

आतंकवादी हमले को लेकर चरणजीत सिंह चन्नी का बयान
पुंछ पर वायुसेना के वाहन पर हुए हमले को लेकर चरणजीत सिंह ने हाल ही में मीडिया से बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि जब इलेक्शन आते हैं तो ऐसे स्टंट खेले जाते हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि ये तैयार करके हमले करवाए जाते हैं। भाजपा को जिताने का स्टंट होता है, इसमें सच्चाई नहीं होती। लोगों को मरवाने और लोगों की लाशों पर खेलना ये भाजपा को आता है। वहीं एक दिन पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से जुड़े एक सवाल के जवाब पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। उसके पास परमाणु हथियार हैं।

मुंबई दंगा मामले में निर्देशों का पालन न होने पर कोर्ट नाराज, कहा- रिपोर्ट दाखिल करे राज्य सरकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि 1992 में मुंबई दंगों में लापता लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए जारी किए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। इससे पहले 4 नवंबर 2022 को मामले में कुछ निर्देश दिए थे लेकिन इनका पालन नहीं किया जा रहा था। इस पर न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्ज्वल भुयान की पीठ ने नाराजगी जताई है।

महाराष्ट्र के डीजीपी और गृह विभाग को दिए निर्देश
शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक और राज्य के गृह विभाग से जस्टिस बी एन श्रीकृष्णा आयोग की सिफारिशों पर गौर करने को कहा है। यह भी निर्देश दिया है कि इसे लेकर 19 जुलाई से पहले एक अनुपालन रिपोर्ट भी दाखिल करें। इस मामले में एक स्वत: संज्ञान वाली याचिका पर अब 26 जुलाई को अगली सुनवाई होगी।

जल्द से जल्द हो स्पेशल सेल का गठन- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुंबई दंगों की परिस्थितियों, घटनाओं, कारणों और तमाम पहलुओं की जांच के लिए, 25 जनवरी 1993 को राज्य सरकार द्वारा न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया था। 2022 में श्रीकृष्णा आयोग की सिफारिशों को राज्य सरकार ने स्वीकार किया था। इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर 97 मामलों की निष्क्रिय फाइलों का विवरण बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार इन मामलों में लापता हुए आरोपियों का पता लगाने के लिए जल्द से जल्द एक स्पेशल सेल का गठन करें, ताकि मुकदमे पर आगे की कार्यवाही की जाए।

अदालत में दाखिल करें रिपोर्ट- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया है कि मुंबई दंगों में लापता हुए 168 लोगों की जानकारी को लेकर एक रिपोर्ट अदालत में दाखिल करें। बता दें कि मार्च 2020 में महाराष्ट्र के गृह विभाग ने अदालत में एक हलफनामा दिया था। इसमें बताया गया था कि मुंबई दंगों के दौरान 900 लोगों की मौत हुई थी और 168 लोग लापता हो गए थे। 168 लापता लोगों में से 60 लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया गया है।

एसआईटी ने बंगलूरू में घटनास्थल का किया निरीक्षण; एचडी रेवन्ना के आवास पर कार्रवाई

बंगलूरू:  एक महिला के कथित अपहरण और अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने के मामले में जद (एस) विधायक एचडी रेवन्ना के खिलाफ मामले की जांच तेज हो गई है। विशेष जांच टीम (SIT) ने सोमवार को बंगलूरू के बसवनगुड़ी स्थित उनके आवास का दौरा किया। इस दौरान टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। रेवन्ना परिवार की अनुपस्थिति में एसआईटी टीम ने उनके वकील गोपाल को घटनास्थल पर बुलाया। दो दिन पहले ही एसआईटी ने हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित विधायक के घर का भी निरीक्षण किया था।

सवालों के घेरे में CAPF डॉक्टर, 60 अनफिट युवकों को किया मेडिकली फिट, MHA ने दिए जांच के आदेश

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सिपाही पद के लिए संपन्न हुई भर्ती प्रक्रिया, सवालों के घेरे में है। हैरानी की बात ये है कि मेडिकल जांच में 60 अनफिट उम्मीदवारों को फिट बता दिया गया। ज्वाइनिंग के वक्त हुए मेडिकल में यह मामला खुल गया। मामले की प्रारंभिक जांच हुई। सीएपीएफ के एडीजी मेडिकल ने इस मामले को सही पाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजी। सीआरपीएफ सहित कई बलों के डॉक्टर रडार पर आ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के आदेश जारी कर दिए।

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, यह मामला सिपाही जीडी भर्ती 2018 से जुड़ा है। उस भर्ती में 60 उम्मीदवार ऐसे थे, जो मेडिकल आधार पर अनफिट थे, लेकिन जांच में उन्हें फिट दिखाया गया। इनमें से 17 युवाओं का मेडिकल सीआरपीएफ के डाक्टरों ने किया था। खास बात है कि 17 में से सात उम्मीदवारों का चयन सीआरपीएफ के लिए हुआ था। बाकी उम्मीदवारों को दूसरे बल अलॉट किए गए थे। इस मेडिकल प्रकिया को संपन्न कराने के मकसद से सीआरपीएफ के 16 मेडिकल अफसर/सीएमओ की ड्यूटी लगाई गई। इनके द्वारा मेडिकल जांच में फिट बताए गए उम्मीदवार, ज्वाइनिंग के वक्त अनफिट मिले। मेडिकल अफसर, सीनियर मेडिकल अफसर/सीएमओ, सीआरपीएफ के समूह केंद्र ‘जीसी’ पुणे और नागपुर सहित कई दूसरे ग्रुप सेंटरों पर कार्यरत थे।

जैसे डॉ. सुशील कुमार, एसएमओ जीसी पुणे, ने युवराज गोकुल का मेडिकल किया था। आठ फरवरी 2020 को हुई विस्तृत चिकित्सा परीक्षा (डीएमई) में उसे फिट दिखाया गया। मार्च 2021 के दौरान ज्वाइनिंग के वक्त जब दोबारा से मेडिकल हुआ तो उसमें युवराज गोकुल, अनफिट मिले। यह मेडिकल प्रक्रिया सीआरपीएफ जीसी नागपुर में संपन्न हुई थी। वह युवक ‘स्कोलियोसिस ऑफ थोरेसिक स्पाइन’, जो एक स्थायी बीमारी समझी जाती है, से पीड़ित था। इसके बावजूद ‘विस्तृत चिकित्सा परीक्षा’ में उसे अनफिट घोषित नहीं किया गया।

दूसरा केस भी डॉ. सुशील कुमार से जुड़ा है। उन्होंने 11 जनवरी 2020 को वाघमारे केतन भीकू का मेडिकल किया था। बाद में ज्वाइनिंग के वक्त यह उम्मीदवार भी अनफिट पाया गया। अनफिट होने का कारण, ‘सिंडेक्टली ऑफ मिडल एंड रिंग फिंगर ऑफ बोथ हैंड्स’ था। इसे भी एक तरह की स्थायी बीमारी माना जाता है।

तीसरा केस, जीसी पुणे में डॉ. संतोष कुमार ‘एमओ’ से जुड़ा है। उन्होंने हम्बार्डे पवन कुमार बिभिशान का मेडिकल किया था। उम्मीदवार को मेडिकल प्रक्रिया में फिट दिखाया गया, लेकिन जीसी सीआरपीएफ नागपुर में ज्वाइनिंग के दौरान उसे अनफिट बता दिया गया। उसे ‘सिंडेक्टली ऑफ टोज ऑफ बोथ फुट’ की बीमारी थी। इसे भी स्थायी बीमारी माना जाता है।

आतंकवाद का हुआ सफाया, अब देश में पटाखा भी फूटने पर पाकिस्तान देता सफाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को उन्नाव के भगवंतनगर में चुनावी जनसभा करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सिद्धपीठ मां चंडिका देवी को नमन किया, कलम और तलवार की धरती को प्रणाम करते हुए प्रथम स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों, क्रांतिकारियों और सहित्यकारों को नमन करते हुए भाषण शुरुआत की। सीएम ने सरकार की योजनाएं गिनाईं, वहीं विपक्षी दलों पर हमला भी बोला।

सपा पर हमला करते हुए कहा कि सपा सरकार में नौजवानों के हाथ में तमंचा होता था, हमारी सरकार में टेबलेट है। सरकार सौ प्रतिशत रोजगार देने जा रही है। दस साल में हुए बदलावों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि भारत को वैश्विक सम्मान मिला, देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। हमने आतंकवाद और नक्सलवाद की कमर तोड़ी है। गरीब कल्याण की योजनाओं की तो गिनती ही नहीं है।

कहा कि मोदी जी ने आतंकवाद का खात्मा कर दिया। आज हमारे देश में पटाखा भी फट जाए तो पाकिस्तान सामने आकर सफाई देता है कि मेरा हाथ नहीं है। अयोध्या में राम मंदिर पर आतंकी हमला हुआ, आतंकवादी के मुकदमों को समाजवादी ने वापस लिया था। इंडिया गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि भगवान राम के सब द्रोही हैं और जो राम का विरोधी वो हमारा विरोधी है। सपा और कांग्रेस का इतिहास ही है राम का विरोध करना, लोगों से कहा कि सपा-कांग्रेस पर कभी विश्वास नहीं करना। मोदी जी के नेतृव में आपने नया भारत देखा। यह चुनाव विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाने का चुनाव है।

अखिलेश यादव ने भाजपा से पूछे 100 से ज्यादा सवाल, बिना जांच क्यों लगवाया अवाम को कोरोना का टीका

लखनऊ:  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर भाजपा से सौ से ज्यादा सवाल पूछे हैं। इन्हें जनता के सच्चे सवाल बताते हुए पूछा है कि बिना जांच-परीक्षण के कोरोना का जानलेवा टीका जनता को क्यों लगवाया। राजनीतिक विरोधियों को कारागार में मारने की साजिशों को अंजाम देने का आरोप भी लगाया है। साथ ही यह भी पूछा है कि हाथरस में दलित की बेटी के बलात्कार व मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का हक क्यों छीना।

अखिलेश ने पूछा है कि भाजपा ने अपने नेताओं से बार-बार संविधान बदलने की बात क्यों कहलवाई। पुरानी पेंशन योजना बंद करके कर्मचारियों का हक क्यों मारा। इन सवालों के जरिये सफाई कर्मियों के सीवर में मरने का मामला उठाया है तो महंगाई को लेकर भी पर भाजपा पर हमला बोला है।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि उसने किसानों को एमएसपी को लेकर असत्य क्यों बोला। लघु उद्योगों के लिए कारगर कदम क्यों नहीं उठाया। बैंकों का कर्ज हड़पने वालों को विदेश क्यों भागने दिया। सीसीटीवी कैमरे के सामने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली क्यों होने दी। लेटरल इंट्री के नाम पर विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर अपनी विचारधारा के लोग क्यों भर्ती किए।

देश के वैज्ञानिकों ने खोजी सस्ती तकनीक, सीरो सर्वे में मिलेगी मदद; खसरे का पता लगाएगी

आबादी में खसरे के प्रसार का पता लगाने के लिए देश के वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक खोजी है। यह तकनीक सस्ती होने के साथ ही 99 फीसदी तक असरदार है। वैज्ञानिकों ने जीवित वायरस का उपयोग करके इसजांच तकनीक की खोज की है जो लोगों में एंटीबॉडी की पहचान करने में सक्षम है। यह तकनीक कुछ दिनों बाद देश में होने वाले राष्ट्रीय सीरो सर्वे में मददगार होगी।

जानकारी के अनुसार, पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने खसरे का पता लगाने के लिए एक स्वदेशी खसरा रोधी आईजीएम एलिसा परीक्षण विकसित किया है। इंसानों के सीरम में मौजूद एंटीबॉडी से बीमारी के फैलाव का आकलन किया जा सकता है।

एनआईवी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि खसरे के वायरस से फॉर्मेलिन निष्क्रिय एंटीजन का उपयोग करके यह तकनीक विकसित की है जिसका इस्तेमाल मरीज की त्वचा पर दाने दिखाई देने के बाद भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खसरा और रूबेला उन्मूलन मिशन के तहत 2026 तक खसरा के मामले प्रति 10 लाख की आबादी पर एक से नीचे ले जाने का लक्ष्य रखा है जो मौजूदा समय में करीब चार है।

डब्ल्यूएचओ भी गंभीर
नवंबर 2023 में जारी रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जानकारी दी है कि साल 2022 में भारत में अनुमानित 11 लाख बच्चों को खसरे के टीके की पहली खुराक नहीं मिली जिससे भारत उन 10 देशों में शामिल हो गया, जहां महामारी के बाद भी खसरे के टीकाकरण में सबसे ज्यादा अंतर है।

एक से छह हजार में उपलब्ध
बाजार में यह जांच किट एक से लेकर छह हजार रुपये तक में उपलब्ध है। आगामी दिनों में आईसीएमआर की यह किट 200 से 250 रुपये तक में मिल सकती है। दरअसल खसरा संक्रमण छोटे बच्चों के लिए गंभीर और घातक भी हो सकता है। आईसीएमआर ने जांच किट के उत्पादन को लेकर देश के निजी कंपनियों से आवेदन मांगा है। कानूनी तौर पर एमओयू होने के बाद किट के परीक्षण में एनआईवी वैज्ञानिकों की टीम सहायता करेगी। यह प्रक्रिया दो चरणों में होगी जिसकी पूरी जानकारी आईसीएमआर ने आवेदन के साथ उपलब्ध कराई है।