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इस साल जमकर बरसेंगे बादल, ला नीना प्रभाव के चलते सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून

 नई दिल्ली: भारत में इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। ला नीना प्रभाव के चलते इस साल देश में मानसून अच्छा रहेगा। अगस्त-सितंबर में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।

सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने बताया कि साल 1951 से लेकर 2023 तक का डाटा देखने से पता चलता है कि देश में नौ बार मानसून सामान्य से बेहतर रहा है। ला नीना प्रभाव के चलते ही ऐसा हुआ। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि ‘1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार, हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पेश किया है। इस सामान्य के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक पूरे देश की कुल वर्षा का औसत 87 सेमी होगा।’ देश में चार महीनों तक (जून से सितंबर तक) सामान्य से ज्यादा बारिश होगी और 106 प्रतिशत तक होगी। जलवायु विज्ञानियों का कहना है कि बारिश के दिनों में कमी आ रही है, जबकि भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके चलते ही बाढ़ और सूखे की समस्या देखने को मिल रही है।

अल नीनो प्रभाव के चलते बीते साल कम हुई बारिश
अभी देश में अल नीनो प्रभाव का असर है, लेकिन अगस्त-सितंबर में इसके ला नीना प्रभाव में बदलने का अनुमान है। उत्तरी गोलार्द्ध में बर्फबारी भी कम हुई है और ये परिस्थिति भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के पक्ष में है। अल नीनो प्रभाव के चलते साल 2023 में भारत में 820 मिमी बारिश हुई थी, जो कि सामान्य से कम थी। यह दीर्घ अवधि के औसत 868.6 मिमी से भी कम थी। साल 2023 से पहले चार वर्षों में मानसून के दौरान भारत में सामान्य और सामान्य से बेहतर बारिश दर्ज की गई थी।

अल नीनो प्रभाव में मध्य प्रशांत महासागर की सतह का पानी गर्म होता है, इसके चलते मानसूनी हवाएं कमजोर होती हैं और भारत में सूखे के हालात पैदा होते हैं। ला नीना प्रभाव में पूर्व से पश्चिम की तरफ हवाएं तेज हो जाती हैं, जिससे समुद्र की सतह का गर्म पानी पश्चिम की तरफ चला जाता है। इसके चलते समुद्र का ठंडा पानी ऊपर सतह पर आ जाता है, जिससे पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है।

विस्थापितों ने की वोटिंग सुविधा देने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई याचिका, बताई ये वजह

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, याचिका में मांग की गई थी कि सर्वोच्च अदालत चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश दे कि वे जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए 18,000 लोगों के लिए लोकसभा चुनाव में मतदान की व्यवस्था करे। जिन राज्यों में विस्थापित लोग रह रहे हैं, वहां-वहां चुनाव आयोग विशेष मतदान केंद्र स्थापित करे। बता दें, मणिपुर में दो लोकसभा सीट है, जहां दो चरणों में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होना है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन सदस्यीय पीठ ने मणिपुर निवासी नौलक खामसुअनथांग सहित अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत के हस्तक्षेप के कारण मणिपुर में लोकसभा चुनाव कराने में बाधाएं आ सकती हैं।आपने अंतिम समय में याचिका दायर की है। ऐसे में क्या ही किया जा सकता है। हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

विधायकों ने चुनाव आयोग के सामने रखी थी यह बात
वहीं, कुकी और मैतेई समूहों के नेताओं ने चुनाव आयोग के साथ भी यह मुद्दा उठाया था। जिन लोगों ने राज्य के बाहर शरण ली है, उनका कहना है कि अगर मतदान की व्यवस्था नहीं हो सकती है तो उन्हें डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए। मणिपुर के कुकी समुदाय से जुड़े दस विधायकों ने इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग से कहा था कि राज्य के बाहर रह रहे विस्थापित लोगों को वहां से मतदान करने की अनुमति दी जाए, जहां वो रह रहे हैं। उधर, एक मैतेई समूह ने भी इस बारे में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि राज्य के बाहर रहने वाले मणिपुर के मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र की व्यवस्था की जाए। समूह से जुड़े लोगों ने कहा कि राज्य के बाहर रहने वाले मतदाताओं के लिए महंगी उड़ानें लेना असंभव है और सड़क यात्रा पूरी तरह से असुरक्षित है।

कुकी समुदाय की मांगे स्पष्ट है- लहैनीलम
इसके अलावा, चुराचांदपुर जिले में एक राहत शिविर में समन्वयक कुकी लहैनीलम ने कहा कि हमारी मांग स्पष्ट है। हम कुकी समुदाय के लिए एक अलग प्रशासन चाहते हैं। वर्षों से विकास केवल घाटी में हुआ है, लेकिन हमारे क्षेत्रों में ऐसा नहीं हुआ। पिछले साल हुई हिंसा के बाद से हम एक साथ नहीं रह सकते, जिसकी कोई संभावना ही नहीं है। चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों दोनों पक्षों के बीच कोई आदान-प्रदान नहीं हो रहा है।

मणिपुर में हुई हिंसा का यह है कारण
राज्य में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या करीब 60 प्रतिशत है। ये समुदाय इंफाल घाटी और उसके आसपास के इलाकों में बसा हुआ है। समुदाय का कहना रहा है कि राज्य में म्यांमार और बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, मौजूदा कानून के तहत उन्हें राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है। यही वजह है कि मैतेई समुदाय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें जनजातीय वर्ग में शामिल करने की गुहार लगाई थी। अदालत में याचिकाकर्ता ने कहा कि 1949 में मणिपुर की रियासत के भारत संघ में विलय से पहले मैतेई समुदाय को एक जनजाति के रूप में मान्यता थी। इसी याचिका पर बीती 19 अप्रैल को हाईकोर्ट ने अपना फैसले सुनाया। इसमें कहा गया कि सरकार को मैतेई समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया। अब इसी फैसले के विरोध में मणिपुर में हिंसा हो रही है।

एक्साइज पॉलिसी मामले में BRS नेता कविता को झटका, कोर्ट ने 23 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में भेजा

BRS नेता के. कविता को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनकी रिमांड खत्म होने पर आज कोर्ट के सामने पेश किया गया था। उन्हें हाल ही में एक्साइज पॉलिसी मामले में CBI द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट से निकलते वक्त BRS नेता के. कविता ने कहा कि यह CBI की हिरासत नहीं है, यह भाजपा की हिरासत है। भाजपा बाहर जो बोल रही है, अंदर से CBI वही पूछ रही है, बार-बार 2 साल मांग रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है।

रायबरेली-अमेठी में गांधी परिवार को कोई रियायत नहीं देगी बसपा, दोनों ही जगह प्रत्याशी तय, घोषणा जल्द

सुल्तानपुर: देश की बहुचर्चित रायबरेली और अमेठी सीट पर यदि गांधी परिवार के सदस्य राहुल गांधी या प्रियंका गांधी चुनाव लड़ते हैं तो भी बसपा उनके साथ कोई रियायत नहीं करेगी। बसपा वहां से मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। रविवार को सुल्तानपुर आए बसपा के मुख्य सेक्टर प्रभारी पूर्व सांसद घनश्याम खरवार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों सीटों पर प्रत्याशी तय हो गए हैं, जिनका जल्द ही ऐलान हो जाएगा।

रायबरेली में कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतर रही हैं। ऐसे में यहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चाएं हैं। वहीं, अमेठी सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने अभी किसी नाम का ऐलान नहीं किया है किंतु कांग्रेस नेता दावा करते हैं कि यहां पर राहुल गांधी ही चुनाव लड़ेंगे।

इसके साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी तक दोनों सीटों पर प्रत्याशी न घोषित करने वाली बसपा यहां गांधी परिवार को वॉकओवर दे सकती है किंतु बसपा में अयोध्या, देवीपाटन, आजमगढ़ और वाराणसी के मुख्य सेक्टर प्रभारी पूर्व सांसद घनश्याम चंद्र खरवार ऐसी किसी संभावना से इन्कार करते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों की सरकारें देखी हैं।

दोनों ने ही हमारे समाज को लूटा है। किसी ने गरीबों और किसानों के लिए काम नहीं किया है। एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन से बसपा की विचारधारा बिल्कुल अलग है। इसलिए पार्टी सभी 80 सीटों पर मजबूत प्रत्याशी तय कर चुकी है जिन्हें लड़ाया जा रहा है और बसपा भारी जीत हासिल करने जा रही है।

भारत माता की जय बोलने के लिए विधायक ने खरगे से मांगी अनुमति, भाजपा ने कसा तंज

बंगलूरू: कर्नाटक में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सावदी ने कलबुर्गी की चुनावी रैली में भारत माता की जय बोलने से पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अनुमति मांगी। वायरल वीडियो में सावदी कहते हैं, मुझे उम्मीद है कि खरगे साहब गलत अर्थ नहीं निकालेंगे। मैं ‘बोलो भारत माता की जय’ कहूंगा, आप सभी को यह दोहराना होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजेंद्र ने तंज कसा कि विपक्षी दल में देशभक्ति करना भी अपराध है। इस पर सफाई देनी पड़ती है।

राजीव चंद्रशेखर ने तिरुवनंतपुरम की अर्थव्यवस्था को बताया दिवालिया, थरूर ने दी बुद्धिमान बनने की नसीहत

तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच में कड़ी टक्कर है। यहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां भाजपा ने केरल की अर्थव्यवस्था को लेकर मौजूदा सरकार को घेरा। वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भाजपा के राजीव चंद्रशेखर को बुद्धिमान बनने की नसीहत दे डाली। बता दें, कांग्रेस की ओर से तिरुवनंतपुरम से उम्मीदवार शशि थरूर हैं, जबकि भाजपा ने यहां से राजीव चंद्रशेखर को चुनावी मैदान में उतारा है।

पीएम मोदी की वजह से हर राज्य को 1100 फीसदी पीने का पानी मिला
केंद्रीय मंत्री और तिरुवनंतपुरम से भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘विशेष रूप से तिरुवनंतपुरम और सामान्य रूप से केरल आज एक दिवालिया अर्थव्यवस्था है जहां लोग समय पर मूल पेंशन और वेतन प्राप्त करने में असमर्थ हैं। लोगों के पास घर और पीने का पानी नहीं है। पीएम मोदी की वजह से हर राज्य को 100 फीसदी या करीब 100 फीसदी पीने का पानी मिला है। केरल उन कुछ राज्यों में से एक है, जहां 50 प्रतिशत ही पीने के पानी का पहुंच पा रहा है। पिनराई विजयन सरकार उनकी तुलना में पानी मुहैया कराने में सक्षम नहीं हैं।’

पिछले 15 वर्षों में शायद ही त्रिवेंद्रम आए होंगे
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा, ‘एक सांसद जो कुछ भी कर सकता है, मैंने उससे ज्यादा किया है। मैंने ऐसे काम किए हैं जो कोई सांसद नहीं कर पाया है, जैसे कि यूएई वाणिज्य दूतावास को यहां लाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का उपयोग करना। मैं टेक्नोपार्क में उन कंपनियों को आकर्षित करने में सक्षम हूं जो पहले टेक्नोपार्क में काम नहीं कर रही थीं। मैंने कई चीजें की हैं और मुझे अपने रिकॉर्ड पर गर्व है। 66 पृष्ठों की एक रिपोर्ट है जिसे मैंने मलयालम और अंग्रेजी में लोगों के समक्ष रखा है। दुर्भाग्य से, सज्जन (राजीव चंद्रशेखर) के पास स्पष्ट रूप से इसे पढ़ने का धैर्य या ज्ञान नहीं है और वह पिछले 15 वर्षों में शायद ही त्रिवेंद्रम आए होंगे। मैं उनकी अज्ञानता के लिए उन्हें दोष नहीं दे सकता, लेकिन बुद्धिमान बनो।

भाजपा ने घोषणापत्र को बताया जनता की आकांक्षाओं का संकल्प पत्र, विपक्ष बोला- BJP ने संविधान को नष्ट किया

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने आज अपना घोषणापत्र जारी किया है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 27 वरिष्ठ नेताओं की एक समिति ने घोषणापत्र तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में भाजपा का घोषणापत्र जारी किया गया। भाजपा के घोषणापत्र में मुफ्त राशन, मुफ्त बिजली की योजना, तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की योजना, पेपर लीक नियंत्रण के लिए कानून, गरीब को पक्का घर देने की योजना समेत अन्य कई मुद्दों पर भी बात की गई। पार्टी द्वारा घोषणापत्र जारी करने के बाद कई पार्टियों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा के नेताओं ने बताया जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति का ये संकल्प पत्र
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि भारत को विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की संकल्पना पर आधारित 14 नए संकल्पों के साथ गरीब, युवा, महिलाएं और किसान पर आधारित भाजपा ने अपना ‘संकल्प पत्र’ जारी कर दिया है। उन्होंने आगे कहा, “ये संकल्प पत्र देश की महत्वाकांक्षा है, जो देश का महत्वाकांक्षा है वही मोदी का मिशन है। मैं इसके लिए पीएम मोदी समेत सभी को धन्यवाद करता हूं। यह ‘संकल्प पत्र’ देश के सभी नागरिकों को एक ‘मोदी की गारंटी’ है।”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति का ये संकल्प पत्र है। उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री के आह्वान पर 15 लाख से ज्यादा सुझाव आए हैं। सही अर्थों में ये जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए संकल्प पत्र है। इसमें समाज के हर वर्ग का कल्याण निहित है। मैं समझता हूं कि सारा देश इसका स्वागत करेगा।”

भाजपा के चुनावी घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ जारी होने के बाद पार्टी के नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने इसे बहुत बढ़िया संकल्प पत्र बताया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पूरा देश पीएम मोदी के साथ है। जीतेंगे मोदी, आएंगे मोदी और छाएंगे मोदी।”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, संकल्प पत्र’ जारी करने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “आज डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर हम अपना संकल्प पत्र जारी किए हैं और देश के सामने अपनी बात रखी है जिसके लिए मैं बीजपी अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देना चाहूंगा। हम कोई संकल्प लेते हैं तो उसे लागू भी करते हैं।” दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “भाजपा का संकल्प पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को सीधा और स्पष्ट संदेश है कि भारत अब विकसित भारत बनने जा रहा है। ये क्रांतिकारी कदम हैं, जिसका लाभ हर देशवासी को मिलने वाला है।”

सेना ने किया टैंक रोधी मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण, डीआरडीओ की एक और सफलता

भारतीय सेना ने स्वदेश निर्मित ‘मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम’ या टैंक रोधी मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण शनिवार को राजस्थान में किया गया। देश में ही मेक इन इंडिया अभियान के तहत बने इस मिसाइल सिस्टम को कहीं भी ले जाया जा सकता है। सफल परीक्षण के बाद अब टैंक रोधी मिसाइल सिस्टम के सेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है।

डीआरडीओ ने किया विकसित
अधिकारियों ने बताया कि इस हथियार प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। इस प्रणाली में एमपीएटीजीएम, लॉन्चर, लक्ष्य प्राप्ति उपकरण और एक अग्नि नियंत्रण इकाई शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टैंक रोधी मिसाइल सिस्टम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की प्रशंसा की और इसे आधुनिक प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्म-निर्भरता हासिल करने की ओर महत्वपूर्ण कदम बताया।

रक्षा मंत्रालय ने की तारीफ
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि उच्च श्रेष्ठता के साथ प्रौद्योगिकी को साबित करने के उद्देश्य से एमपीएटीजी हथियार प्रणाली का कई बार विभिन्न उड़ान परिस्थितियों में मूल्यांकन किया गया। ‘इस हथियार प्रणाली का 13 अप्रैल को पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया गया। मिसाइल का प्रदर्शन उल्लेखनीय पाया गया है।’ गौरतलब है कि यह टैंक रोधी मिसाइल सिस्टम दिन और रात, दोनों वक्त इस्तेमाल किया जा सकता है। डीआरडीओ अध्यक्ष समीर वी कामत ने इस परीक्षण से जुड़े दलों को बधाई दी।

भर्ती घोटाले में ईडी का नया कदम, कर्नाटक के राज्यपाल और लोकायुक्त को लिखा पत्र

डेयरी सहकारी कंपनी ‘केओएमयूएल’ में पिछले साल भर्ती प्रक्रिया में हुई धांधली मामले में अब नया मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के राज्यपाल और लोकायुक्त को पत्र लिखा है। उसने कोलार-चिक्काबल्लापुरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (केओएमयूएल) में भर्ती प्रक्रिया में व्यवस्थित धांधली की प्राथमिकी दर्ज करने और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

यह है मामला
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोलार जिले की मालूर विधानसभा सीट से 61 वर्षीय विधायक और उनसे जुड़े लोगों पर केंद्रीय एजेंसी ने आठ जनवरी को केओएमयूएल के लिए कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं और 150 करोड़ रुपये कीमत की सरकारी जमीन के अवैध आवंटन की धन शोधन जांच के तहत छापेमारी की थी। उस समय ईडी ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक कांग्रेस विधायक नानजेगौड़ा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने साक्षात्कार प्रक्रिया में पूरी तरह से हेरफेर करके और रिश्वत के बदले में कुछ राजनेताओं द्वारा नौकरियों के लिए सिफारिश किए गए 30 उम्मीदवारों को डेयरी सहकारी केओएमयूएल में समायोजित किया।

ईडी ने लगाए यह आरोप
ईडी के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया के दौरान पहले एक लिखित परीक्षा (85 प्रतिशत वेटेज) होती, उसके बाद एक भर्ती समिति द्वारा इंटरव्यू (15 प्रतिशत वेटेज) कराया जाता था। इस समिति की अध्यक्षता केओएमयूएल के अध्यक्ष नानजेगौड़ा, केओएमयूएल बोर्ड के एक निदेशक के एन नागराज, सहकारी विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार लिंगाराजू ने की थी।

ईडी का कहना है कि पिछले साल दिसंबर में 320 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए चुना गया था। बाद में 75 चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची को केओएमयूएल बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया था। एजेंसी का आरोप है कि नतीजा जारी किए बिना इन उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था।

एक दिन पहले भेजे सबूत
सूत्रों ने कहा कि ईडी ने सबूतों को पिछले एक दिन पहले कर्नाटक के राज्यपाल और मंगलौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्य लोकायुक्त प्रतिष्ठान के साथ प्राथमिकी दर्ज करने और स्वतंत्र जांच कराने के लिए साझा किया था।

‘विपक्ष ने फूट की वजह से अपनी ताकत खो दी’, अमर्त्य सेन ने कांग्रेस को दी ये सलाह

कोलकाता: मशहूर अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि भारत में विपक्ष ने फूट के कारण अपनी अधिकांश ताकत खो दी है। सेन ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस में कई संगठनात्मक समस्याएं हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। एक इंटरव्यू में अमर्त्य सेन ने कहा कि जातीय जनगणना पर विचार किया जा सकता है, लेकिन उनका मानना है कि भारत को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और लैंगिक समानता के माध्यम से वंचितों को अधिक सशक्त करने की जरूरत है।

‘विपक्ष ने अपनी ताकत खो दी है’
नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि उन्हें भारत जैसे लोकतांत्रिक देश का नागरिक होने पर गर्व है, लेकिन देश की लोकतांत्रिक प्रकृति को आगे बढ़ाने के लिए कठिन मेहनत करने की जरूरत है। विपक्षी गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ज्यादा लोकप्रियता हासिल करने में नाकाम रहा क्योंकि जदयू और रालोद जैसे उसके महत्वपूर्ण सहयोगी अलग हो गए। भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्ष के पास क्या कमी है, इस पर अमर्त्य सेन ने कहा कि ‘विपक्ष ने फूट के कारण अपनी अधिकांश ताकत खो दी है, एकता से उसे और अधिक ताकत मिलती।’

सेन ने कांग्रेस को लेकर कहा कि, ‘कांग्रेस में कई संगठनात्मक समस्याएं हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। पार्टी के महान इतिहास से उसे प्रेरणा लेनी चाहिए।’ सेन ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की। सेन ने दावा किया कि निरक्षरता और लैंगिक असमानता के चलते भारत में गरीबों के लिए तरक्की करना कठिन हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासक वर्ग अमीरों के हितों का ध्यान रखता है।

‘संविधान बदलने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा’
विपक्ष के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा सत्ता में लौटने पर संविधान बदल सकती है, इस पर सेन ने कहा कि देश का संविधान बदलने से सरकार के ‘एकल धर्म केंद्रित’ होने के अलावा कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इससे आम नागरिकों को कोई फायदा नहीं होगा। विपक्ष के जाति जनगणना को चुनावी मुद्दा बनाने पर सेन ने कहा कि भारत को अपने वंचित वर्गों के लिए अधिक सशक्तीकरण की आवश्यकता है।