Sunday , November 24 2024

देश

‘संदेशखाली की बहनों के साथ जो हुआ, उससे पूरा देश गुस्से में है’, आरामबाग में TMC पर बरसे पीएम मोदी

आगामी लोकसाभा चुनावों की तारीखों के एलान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के आरामबाग से लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार का आगाज किया। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे टीएमसी दुश्मन नंबर बनाती है लेकिन मोदी उनकी गालियों से झुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि लूटने वालों को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं।

TMC नेता ने बहनों-बेटियों के साथ दुस्साहस किया- PM मोदी
संदेशखाली मामले पर पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी के नेता ने संदेशखाली में बहनों-बेटियों के साथ दुस्साहस की सारी हदें पार कर दीं। जब संदेशखाली की बहनों ने अपनी आवाज बुलंद की, ममता दीदी से मदद मांगी, तो बदले में बंगाल सरकार ने टीएमसी नेता को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा दी। यह संदेशखाली की घटनाएं शर्म की बात है।

लगभग दो माह तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था। संदेशखाली की बहनों के साथ टीएमसी ने जो किया उसे देखकर पूरा देश गुस्से में है। मुझे यह देखकर शर्म आती है कि इंडिया गठंबधन के नेता संदेशखाली अत्याचारों पर चुप हैं। यहां तक केंद्रीय एजेंसियों को भी बंगाल में काम करने की इजाजत नहीं, टीएमसी उनकी कार्यप्रणाली के खिलाफ धरने पर बैठती है।

बंगाल के विकास में टीएमसी बाधक- पीएम मोदी
टीएमसी पर तीखा हमला करते हुए जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल के विकास में टीएमसी पूरी तरह से बाधक है। टीएमसी ने राज्य के गरीबों के घर तक नहीं बनने दिए। यहां तक कि केंद्र की जनकल्याण योजनाओं को टीएमसी ने रोका। आरामबाग में आयोजित रैली में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए भ्रष्टाचारियों, परिवारवादियों और तुष्टिकरण करने वालों का साथ देना, यही एक काम बचा है और यही उनके लिए सबसे बड़ा काम है।

इंटेल के पूर्व कंट्री हेड को टक्कर मारने वाले कैब चालक का खुलासा, कहा- झपकी लगने से हुआ हादसा

नवी मुंबई में बुधवार को तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से इंटेल इंडिया के पूर्व कंट्री हेड अवतार सैनी की मौत हो गई। इस घटना के बाद कैब चालक ने पुलिस को बताया कि पूरी रात कैब चलाने के कारण उसे छपकी आ गई थी, जिस वजह से उसने वाहन से नियंत्रण खो दिया था। पुलिस ने 23 वर्षीय कैब चालक ऋषिकेश खरे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “मामले की जांच के दौरान कैब चालक ऋषिकेश खरे ने कहा कि पूरी रात गाड़ी चलाने के कारण उसे झपकी आ गई थी, जिस वजह से उसने नियंत्रण खो दिया था और उसकी कैब अवतार सैनी की साइकिल से टकरा गई।” उन्होंने आगे कहा, “आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि सैनी के रिश्तेदार विदेश में रहते हैं और वे अंतिम संस्कार के लिए भारत आ रहे हैं।”

कैब चालक खरे को खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 337 (लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालने के लिए लापरवाही से काम करके चोट पहुंचाना) और 304-ए (किसी भी तेज या लापरवाही से काम करके किसी व्यक्ति की मौत करना, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है) और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

कैसे हुई सैनी की मौत
दुर्घटना बुधवार सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर हुई जब सैनी (68) अपने साथियों के साथ नेरुल इलाके में पाम बीच रोड पर साइकिल चला रहे थे। एक तेज रफ्तार कैब ने सैनी की साइकिल को पीछे से टक्कर मार दी और चालक ने मौके से भागने की कोशिश की। उनके साथियों ने उन्हें अस्पताल ले गए जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। चेंबूर के रहने वाले सैनी ने इंटेल 386 और 486 माइक्रोप्रोसेसरों पर काम किया। उन्होंने कंपनी के पेंटियम प्रोसेसर के डिजाइन का नेतृत्व भी किया।

लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में उठा जातिगत जनगणना का मामला, सिद्धारमैया को सौंपी गई सर्वे रिपोर्ट

कर्नाटक में गुरुवार को पेश की गई जातिगत जनगणता रिपोर्ट ने राज्य राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। फिलहाल इसका डेटा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। साल 2017 में पिछली सिद्धारमैया सरकार द्वारा जारी सर्वे ने लिंगायत और वोक्कालिगा जातियों के लिए चिंता खड़ी कर दी थी, जो अब अलग होना चाहते हैं।

पहले कैबिनेट में पेश होगी रिपोर्ट फिर लिया जाएगा फैसला
2017 की सामाजिक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को जयप्रकाश हेगड़े ने गुरुवार को सीएम सिद्धारमैया को सौंपीं। ओबीसी आयोग के अध्यक्ष अपने कार्यालय के आखिरी दिन दोपहर को 2:45 बजे विधानसौधा पहुंचे। उन्होंने मीडिया को संबोधित करने से पहले सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की।

मीडिया से बात करते हुए ओबीसी आयोग के अध्यक्ष ने कहा, “हमने रिपोर्ट सौंप दी है। सीएम ने कहा कि वह इसे अगली कैबिनेट में पेश करेंगे और इसपर फैसला लेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसपर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

सूत्रों और पिछले कुछ दिनों से जारी रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जाति को सबसे अधिक आबादी वाला बताया गया है। उनके बाद मुसलमानों को रखा गया है। इसके बाद लिंगायत और फिर वोक्कालिगा को रखा गया है। इस रिपोर्ट पर लिंगायत वोक्कालिगा समूह ने कड़ा विरोध किया। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जो खुद वोक्कालिगा जाति से ताल्लुक रखते हैं, ने इससे पहले विरोध जताया था।

विरोध करने को तैयार भाजपा नेता
कर्नाटक के भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा, “यह सर्वे वैज्ञानिक नहीं है। इससे लिंगायत और वोक्कालिगा नाराज हैं। हम इसका विरोध करेंगे। हम कांग्रेस सरकार से अनुरोध करेंगे कि वे घर-घर जाकर दोबारा सर्वे करें, जिसके बाद ही हम इसे स्वीकार करेंगे।” कांग्रेस के लिंगायत और वोक्कालिगा नेताओं द्वारा इस सर्वे पर आलोचना किए जाने के बाद सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि इसपर पहले कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्वे में विसंगतियां होने से इसपर विशेषज्ञों की राय भी ली जाएगी।

आम चुनाव के लिए जालना से मनोज जरांगे को टिकट देने की मांग, VBA ने MVA को दिया नाम का प्रस्ताव

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तमाम राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। जहां एक तरफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है। वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने भी तैयारियां तेज कर दी है। इस बीच, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नाम को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति तेज हो गई है

महाराष्ट्र स्थित वंचिव बहुजन आघाडी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने लोकसभा चुनाव के लिए सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नाम को महा विकास आघाडी की बैठक में प्रस्तावित किया है। उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल को उनके गृह जिला जालना से लोकसभा टिकट देने की मांग की है।

MVA को दिया गया काम, यह उनका फैसला- उदय सामंत
वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे का नाम प्रस्तावित करने पर महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि यह काम महा विकास आघाडी (एमवीए) को दिया गया है, यह उनका फैसला है। एक बार उन्हें फैसला करने दीजिए। हम केवल मनोज जरांगे पाटिल के बारे में बात कर रहे हैं।

मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है- रोहित पवार
एनसीपी संस्थापक शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार ने कहा कि मुझे बैठक के दौरान हुई चर्चा के बारे में कुछ जानकारी नहीं है। सच बचाऊं तो मुझे वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) की मांगों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। इसमें कोई शक नहीं है कि प्रकाश आंबेडकर एक राज्य के बड़े नेता हैं।

देश में तेंदुओं का कुनबा बढ़ा, मध्य प्रदेश पहले स्थान पर, महाराष्ट्र में रहते हैं 1985 तेंदुए

भारत में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में तेंदुओं की अनुमानित आबादी चार साल में बढ़कर 2022 में 13,874 हो गई, जो कि 2018 में 12,852 थी। हालांकि, 2018-24 के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों और सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों में गुलाबी बिल्लियों की संख्या में कमी देखने को मिली है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को ‘भारत में तेंदुओं की स्थिति’ रिपोर्ट जारी की। जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक है। 2022 की गणना के अनुसार प्रदेश में 3,907 तेंदुए हैं। 2018 में यहां 3,421 से अधिक तेंदुए थे। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है। यहां गुलाबी बिल्लियों का कुनबा 2018 में 1,690 से बढ़कर 2022 में 1,985 हो गया है। वहीं कर्नाटक में तेंदुओं की संख्या बढ़कर 1,879 और तमिलनाडु में 1,070 हो गई है।

पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी थोड़ी बढ़ी है। यहां वर्ष 2018 में 8,071 के मुकाबले 2022 में 8,820 तेंदुए पाए गए हैं। जबकि शिवालिक की पहाड़ियों और सिंधु-गंगा के मैदानों में गुलाबी बिल्लियों की संख्या में गिरावट देखी गई। इन क्षेत्रों में 2022 में 1,109 तेंदुए पाए गए, जबकि 2018 में यह संख्या 1,253 थी।

तेंदुओं की संख्या प्रति वर्ष 1.08 प्रतिशत की वृद्धि
बयान में कहा गया है कि पूरे भारत में 2018 और 2022 के दौरान तेंदुओं की संख्या प्रति वर्ष 1.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, शिवालिक की पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में इनकी संख्या में प्रति वर्ष 3.4 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि मध्य भारत और पूर्वी घाट क्षेत्र में सबसे अधिक 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

‘आरोपी के लिए कोई सहानुभूति नहीं’, शाहजहां शेख पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी

संदेशखाली मामले में मुख्य आरोपी शाहजहां शेख पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कोर्ट को तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। यौन उत्पीड़न और भूमि मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके वकील को चार मार्च को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा है।

हमें आरोपी के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है- कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने उन्हें सोमवार को उसके सामने पेश होने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर शाहजहां शेख ने वकील को वकालतनामा दिया होता तो उसके ठिकाने का पता चल जाता। बता दें वकालतनामा एक दस्तावेज है जिसके द्वारा वकील को अदालत के समक्ष उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत करता है।

शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी शाहजहां शेख को राज्य पुलिस ने गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया था। शाहजहां शेख के वकील ने कहा कि उनके द्वारा की गई अग्रिम जमानत की अपील दो दिन पहले खारिज कर दी गई थी और उनके द्वारा किए गए चार अन्य आवेदन अभी भी अदालतों के समक्ष लंबित थे। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ 42 मामले लंबित है।

इंद्राणी मुखर्जी पर बनी वेब सीरीज की रिलीज का रास्ता साफ, CBI की याचिका खारिज

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुंबई के बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड और इंद्राणी मुखर्जी पर आधारित वेब-सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सीबीआई की याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी पर आधारित नेटफ्लिक्स बेव-सीरीज में अभियोजन पक्ष (सीबीआई) के खिलाफ कोई बात नहीं मिली है। अदालत के इस फैसले से सीरीज को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का रास्ता साफ हो गया है।

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सीबीआई ने शीना बोरा हत्याकांड की सुनवाई पूरी होने तक वेब-सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। पीठ ने कहा कि उसने सीरीज देखी है, लेकिन इसमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला, जिससे मुकदमे या अभियोजन पक्ष पर विपरीत प्रभाव पड़े।

‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: द बरीड ट्रुथ’ नाम की वेब-सीरीज का प्रीमियर 23 फरवरी को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर होने वाला था। लेकिन सीबीआई की याचिका पर हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते नेटफ्लिक्स को सीबीआई अधिकारियों और वकीलों के लिए सीरीज की स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित करने का निर्देश दिया था। नेटफ्लिक्स ने अदालत को सूचित किया था कि वह गुरुवार (29 फरवरी) तक सीरीज की स्ट्रीमिंग नहीं करेगा।

हिंदू मंदिरों से जुड़ा बिल विधानसभा से हुआ पारित, विधान परिषद में पास नहीं होने के बाद फिर हुआ था पेश

कर्नाटक का मंदिरों से जुड़ा एक विधेयक इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 पिछले सप्ताह विधान परिषद में पास नहीं हो सका। पुनर्विचार के लिए इसे विधानसभा भेजा गया, जिसे फिर से एक बार कर्नाटक विधानसभा ने पास कर दिया।

फिर से विधानसभा में पास किया हिंदू मंदिरों से जुड़ा विधेयक
गौरतलब है कि कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती(संशोधन) विधेयक, 2024 को अब सीधे राज्यपाल के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद जो कानून बन जाएगा। बता दें 21 फरवरी को विधानसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद यह विधेयक 23 फरवरी को विधान परिषद में पेश किया गया था, जहां ध्वनि मत से इसे विपक्ष ने खारिज कर दिया।

गुरुवार को विधानसभा में विधेयक को पेश करते हुए मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, विधेयक पहले विधानसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन परिषद में पास न हो सकता, मैं विधानसभा से अनुरोध करता हूं कि एक बार विधेयक को पारित कर दिया जाए। इसके बाद कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर यूटी खादर ने विधेयक को मतदान के लिए रखा और जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

विधानसौधा में हंगामा, विपक्षी नेता ने की पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वालों की गिरफ्तारी की मांग

कर्नाटक राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के बाद पाकिस्तान समर्थक नारे लगने का मामला बढ़ता जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन के पाकिस्तान समर्थक नारे के एक कथित वीडियो पर भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान विधानसौधा में हंगामा मच गया। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने इस मामले में नारा लगाने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी की मांग की।

भाजपा नेता आर. अशोक ने राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, “सिद्धारमैया की सरकार बंगलूरू में 500 करोड़ रुपये से अधिक पशुपालन संपत्तियां अल्पसंख्यकों को दे रही है। यह एक बड़ा घोटाला है। भाजपा विधानसौधा के भीतर और बाहर प्रदर्शन करेगी।”

क्या है मामला
गौरतलब है, कर्नाटक की चार सीटों पर हुए मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के नतीजों में तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि एक सीट भाजपा के खाते में गई। कर्नाटक में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार अजय माकन, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और जीसी चन्द्रशेखर क्रमश: 47, 46 और 46 वोटों से जीते। हालांकि, अब जीत के जश्न को लेकर अब बवाल मच गया है।

दरअसल, भाजपा ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ ही देर बाद सैयद नसीर हुसैन के समर्थकों को विधान सौध (विधानसभा) के अंदर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुना गया है।

‘मजबूरी में करना पड़ा गिरफ्तार..’, शाहजहां शेख के पकड़े जाने पर बोली भाजपा, तृणमूल पर लगाए आरोप

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली हिंसा मामले में आरोपी शाहजहां शेख को पुलिस ने गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अब इस कार्रवाई को लेकर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार को घेरा है। बंगाल में पार्टी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि भाजपा और संदेशखाली की महिलाओं के आंदोलन ने बंगाल सरकार को घुटनों पर ला दिया और इसी के चलते उन्हें मजबूरन शाहजहां शेख को गिरफ्तार करना पड़ा।

क्या बोले भाजपा नेता?
सुकांत मजूमदार ने कहा, “भाजपा के लगातार आंदोलन की वजह से यह सरकार मजबूर हुई शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने के लिए। पहले से ही यह सरकार स्वीकार ही नहीं कर रही थी कि ऐसा कुछ (संदेशखाली में) हुआ है। हमने पहले ही कहा था कि सरकार को बाध्य करेंगे, घुटनों पर ले आएंगे कि वे शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर हो जाएं। आज भाजपा के आंदोलन और संदेशखाली की माताओं-बहनों के आंदोलन की वजह से सरकार और ममता बनर्जी मजबूर हुई हैं शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के लिए।”

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “आज टीएमसी किस बात पर इतरा रही है? जब भाजपा संदेशखाली की महिलाओं की आवाज़ बनी और कोर्ट ने बार-बार फटकार लगाई तब जाकर तृणमूल ने शाहजहां शेख की गिरफ्तारी कराई। यह सिर्फ आंखों का धोखा है, यह कॉस्मेटिक है। यह प्रमाण है कि उसे राज्य द्वारा संरक्षण मिल रहा था। विधानसभा से लेकर हर जगह ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने शाहजहां शेख को क्लीनचीट दी। प्रियंका गांधी और INDI गठबंधन के अन्य नेता क्या अब इस मुद्दे पर बोलेंगे?”