Saturday , November 23 2024

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‘सड़क दुर्घटना के बाद बाइक सवार ने मुझ पर हमला किया’, पायल मुखर्जी ने महिला सुरक्षा पर उठाए सवाल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की अभिनेत्री पायल मुखर्जी ने आरोप लगाया कि कोलकाता में एक मामूली सड़क दुर्घटना के बाद एक बाइक सवार ने उनपर हमला किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह एक दुर्घटनाग्रस्त कार के भीतर बैठी दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद एक बाइक सवार उनके पास आया और उन्हें कार से बाहर निकलने के लिए कहा। पुलिस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह एक सड़क यातायात दुर्घटना थी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पायल ने कहा, “मैंने अपनी सुरक्षा के डर से बाहर आने से इनकार दिया। उस व्यक्ति ने कार की खिड़की पर मुक्का मारा, जिससे खिड़की का शीशा टूट गया और मेरे हाथ में भी चोट लग गई।” हालांकि, व्यक्ति ने अभिनेत्री के आरोप पर जवाब देते हुए बताया कि पायल की कार उसकी बाइक से आगे निकल गई थी और इस घटना के लिए वह पुलिस से मांफी मांगता है।

इंस्टाग्राम में साझा किए गए वीडियो में पायल ने कहा, “मुझे नहीं मालूम कि हम कहां खड़े हैं। अगर शाम के समय भीड़भाड़ वाली सड़क किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो यह वास्तविक स्थिति का उदाहरण है। और ऐसा महिला सुरक्षा के मुद्दे पर शहर भर में निकाली गई रैलियों के बीच हो रहा है।” उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति के बावजूद कोलकाता में महिलाओं के लिए कोई सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। पायल ने कहा, “मैं यह सोचकर कांप उठती हूं कि अगर यह घटना किसी सुनसान इलाके में घटी होती तो मेरा क्या होता।” एक अन्य वीडियो में अभिनेत्री पायल मुखर्जी ने दुर्घटना में शामिल बाइक को दिखाया और पूछा, “क्या इसमें कोई क्षति दिख रहा

महिला सुरक्षा के मुद्दे पर फिर घिरी ममता सरकार; अभिनेत्री पायल मुखर्जी पर हमले के बाद भाजपा ने उठाए सवाल

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल की अभिनेत्री पायल मुखर्जी पर कोलकाता में हमला किया गया। उन्होंने एक वीडियो के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर इसकी जानकारी दी। इस वीडियो में पायल रोते हुए सड़क दुरघटना के बाद अपने ऊपर हुए हमले के बारे में बता रही है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद एक बाइक सवार उसकी कार के सामने आया और उसे बाहर निकले के लिए कहने लगा। जब वह बाहर नहीं निकली तो उस व्यक्ति ने कार की खिड़की पर मुक्का मारा, जिससे खिड़की का शीशा टूट गया और पायल के हाथ में चोट लग गई। हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो को देखने के तुरंत बाद ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरप्तार कर लिया।

अभिनेत्री पर हुए हमले ने एक बार फिर बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दिया है। अभिनेत्री पायल मुखर्जी पर हमला तब हुआ, जब राज्य में पहले से ही कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर बवाल जारी है। महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले के बाद इस घटना ने बंगाल की सियासत को और हवा दे दी है। भाजपा ने महिला सुरक्षा को लेकर एकबार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को घेरा। भाजपा के नेताओं का कहना है कि बंगाल अब महिलाओं के लिए नरक बन चुका है। यहां महिलाएं, बहन और बेटियां सुरक्षित नहीं है।

भाजपा नेताओं ने ममता सरकार को घेरा
बंगाल में भाजपा नेता दिलीप घोष ने अभिनेत्री पायल मुखर्जी पर हुए हमले की निंदा करते ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल घटना पर इतने बवाल होने के बाद बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इतने विरोध के बाद भी बइस राज्य में नर्सों, डॉक्टरों, अभिनेत्रियों और स्कूली छात्रों के साथ यही हो रहा है। दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाया।

भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा, “पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है। यहां लोग अपराध करने से नहीं डरते हैं, क्योंकि ममता बनर्जी अपराधियों को शह दे रही हैं। साथ ही वह अपने कार्यों से यह बता रही हैं कि वह अपराधियों के साथ है।” उन्होंने आगे कहा, “जब कोलकाता के दक्षिणी एवेन्यू जैसे पॉश इलाके में कार में तोड़फोड़ और महिलाओं पर हमले हो सकते हैं तो सोचिए ग्रामीण इलाकों का क्या हाल होगा।” पायल मुखर्जी लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए सबके सामने सच्चाई लेकर आईं, इसके लिए उनका धन्यवाद।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ममता सरकार को घेरा। तथागत रॉय ने कहा कि कोलकाता के पॉश इलाके में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

क्या विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा पर मंडरा रहा संकट? दावा- शरद पवार के संपर्क में कई BJP नेता

मुंबई:  महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा को घरेलू मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है। महायुति में अजित पवार को शामिल करने से यह परेशानी बढ़ी है। भाजपा के कई स्थापित नेता एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार के संपर्क में है और विधानसभा चुनाव में तुरही (एनसीपी, एसपी का चुनाव चिन्ह) की तैयारी में जुटे हैं। इससे उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की टेंशन बढ़ गई है।

सत्ताधारी गठबंधन महायुति के कारण करीब एक दर्जन सीटों पर भाजपा के नेता पशोपेश में हैं। वे चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन तीन दलों के बीच सीटों के बंटवारे में जिनका पत्ता कट सकता है। ऐसे लोग महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के संपर्क में हैं। इसकी शुरुआत कोल्हापुर से हो सकती है, जहां उपमुख्यमंत्री फडणवीस के बेहद करीबी भाजपा नेता समरजीत घाटगे पाटिल जल्द ही शरद पवार खेमें में जा सकते हैं। वे कागल सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

कागल में एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ और समरजीत घाटगे अरसे से एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। महायुति में होने के कारण इस सीट पर मंत्री हसन मुश्रीफ की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुश्रीफ की उम्मीदवारी पहले ही घोषित कर दी हैं। इससे स्थानीय भाजपा नेता नाराज हैं।

सूत्रों का कहना है कि घाटगे पाटिल एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के संपर्क में हैं। उन्होंने 23 अगस्त को शाहू सहकारी चीनी मिल में अपने समर्थकों का सम्मेलन बुलाया है जिसमें वह नई राजनीतिक पारी खेलने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, उपमुख्यमंत्री फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उन्हें मनाने की कोशिश शुरू की है। वहीं, कोल्हापुर ग्रामीण के भाजपा अध्यक्ष राहुल देसाई ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। देसाई राधानगरी भुदरगड विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस सीट से प्रकाश आबिटकर शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक हैं और उनकी दावेदारी अधिक मजबूत है।

‘BNSS की धारा 479 विचाराधीन कैदियों पर पूर्वव्यापी रूप से होगी लागू’, सुप्रीम कोर्ट से केंद्र

 नई दिल्ली:  केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 479 देश भर में विचाराधीन कैदियों पर पूर्वव्यापी रूप से लागू होगी। बता दें, यह धारा विचाराधीन कैदी को हिरासत में रखने की अधिकतम अवधि से संबंधित है।

बीएनएसएस की धारा 479 सभी विचाराधीन कैदियों पर लागू होगी
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए की जगह लेने वाले बीएनएसएस की धारा 479 सभी विचाराधीन कैदियों पर लागू होगी। पीठ ने कहा कि भले ही अपराध एक जुलाई, 2024 से पहले दर्ज किया गया हो, लेकिन यह सभी विचाराधीन कैदियों पर लागू होगी।

बीएनएसएस, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय शक्ति अधिनियम एक जुलाई को प्रभाव में आए हैं। इन्होंने क्रमशः ब्रिटिश युग की दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली।

यथासंभव तेजी से उठाए जाने चाहिए
शीर्ष अदालत ने इस दलील पर संज्ञान लिया और देशभर के विचाराधीन कैदियों को निर्देश दिया कि प्रावधान की उपधारा में उल्लिखित एक तिहाई अवधि पूरी होने पर संबंधित अदालतों के माध्यम से अपने आवेदनों पर कार्रवाई करें। पीठ ने कहा कि कदम यथासंभव तेजी से उठाए जाने चाहिए। बेहतर होगा कि तीन महीने के भीतर इस कदम को उठाया जाए।

इस मामले में न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने इससे पहले पीठ से कहा था कि विचाराधीन कैदी को अधिकतम अवधि तक हिरासत में रखने से संबंधित धारा 479 को जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत है और इससे जेलों में भीड़भाड़ से निपटने में मदद मिलेगी। शीर्ष अदालत अक्तूबर 2021 से जेलों में भीड़भाड़ के मुद्दे की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है, जब उसने समस्या का स्वत: संज्ञान लिया था।

विधानसभा में हंगामे को पर जिग्नेश को सदन से बाहर निकाला गया, गृह मंत्री से लाइव बहस की कर रहे थे मांग

अहमदाबाद: गुजरात कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवाणी को विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन बहस दौरान हंगामा करने और वेल में प्रवेश करने के लिए स्पीकर शंकर चौधरी के निर्देश पर सदन से बाहर निकाल दिया गया। स्पीकर के आदेश के बाद सार्जेंटों ने बिना बल प्रयोग किए मेवाणी को बाहर कर दिया। गुजरात पुलिस द्वारा ड्रग्स की जब्ती पर एक बहस के दौरान मेवानी खड़े हो गए और ट्रेजरी बेंच के पास आकर चिल्लाने लगे।

जिग्नेश मेवाणी गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष हैं। वह तुरंत वेल में जाकर राज्य गृह मंत्री हर्ष संघवी को राजकोट अग्निकांड, मोरबी ब्रिज हादसा और वडोदरा में नाव पलटने की घटना पर लाइव टेलीविजन पर बहन करने की चुनौती दी। स्पीकर ने संसद की मर्यादा बनाए रखने का अनुरोध किया, लेकिन मेवाणी बार-बार बहस की मांग करने लगे।

स्पीकर ने मेवाणी के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने इस तरह के कृत्य से संविधान का अपमान किया है। भाजपा विधायक रमनलाल वोरा, जीतू वघानी और मंत्री रुशिकेश पटेल ने मेवाणी के व्यवहार को अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि मेवाणी केवल प्रचार में रुचि रखते हैं। माहौल शांत होने पर राज्य गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सदन को बताया कि पुलिस ने पिछले 15 दिनों में गुजरात तट के किनारे 850 करोड़ रुपये की दवाएं (ड्रग्स) बरामद की हैं। बता दें कि पिछले एक साल में पुलिस ने अवैध नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल 431 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मुडा मामले पर चर्चा के लिए दिल्ली पहुंचे सिद्धारमैया-शिवकुमार, कांग्रेस आलाकमान के साथ करेंगे बैठक

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे, ताकि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कर सकें। सूत्रों के मुताबिक इन बैठकों का मुख्य मकसद अगले हफ्ते हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के लिए रणनीति तैयार करना है। सुनवाई कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाले पर होगी।

मुडा मामला सिद्धारमैया के लिए एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इस मामले में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी पार्वती पर अवैध जमीन सौदों के आरोप लगे हैं। आरोप है कि पार्वती ने 3.16 एकड़ जमीन के बदले 14 भूखंड हासिल किए। ये भूखंड मुडा से अवैध रूप से हासिल किए गए थे।

वहीं, सियासी दबाव बढ़ाते हुए कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने हाल ही में भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दी है। तबसे मुख्यमंत्री की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली की बैठकों में कर्नाटक के भाजपा नेताओं के खिलाफ लंबित भ्रष्टाचार के मामलों पर भी चर्चा होगी। संभावना है कि कांग्रेस नेतृत्व राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए रणनीति तैयार कर सकता है।

सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ राज्य के कई प्रमुख मंत्री भी दिल्ली आए हैं। जिनमें गृह मंत्री जी. परमेश्वर, सामाजिक कल्याण मंत्री एच.सी, महादेवप्पा और अल्पसंख्यक एवं आवास मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान, विधान पार्षद के. गोविंदराजू और बिजली मंत्री के.जे. जॉर्ज शामिल हैं।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर PM मोदी ने दी शुभकामनाएं, कहा- हमने भविष्य से जुड़े फैसले लिए

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दी। इस खास मौके पर उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई भविष्य से जुड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार और भी अहम कदम उठाएगी। पीएम मोदी ने पिछले साल ही राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को बधाई दी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की सभी को शुभकामनाएं। हम अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने देश की उपलब्धियों को गर्व से याद करते हैं। यह हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सराहना करने का भी दिन है।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई भविष्य से जुड़े फैसले लिए हैं।”

केंद्रीय मंत्रियों ने इसरो की सफलता को याद किया
पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भारत के चंद्र मिशन को सफल बनाने में चार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि अपने मंत्रालय के तहत सीपीएसई ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर PM मोदी ने दी शुभकामनाएं, कहा- हमने भविष्य से जुड़े फैसले लिए

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दी। इस खास मौके पर उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई भविष्य से जुड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार और भी अहम कदम उठाएगी। पीएम मोदी ने पिछले साल ही राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को बधाई दी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की सभी को शुभकामनाएं। हम अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने देश की उपलब्धियों को गर्व से याद करते हैं। यह हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सराहना करने का भी दिन है।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई भविष्य से जुड़े फैसले लिए हैं।”

केंद्रीय मंत्रियों ने इसरो की सफलता को याद किया
पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भारत के चंद्र मिशन को सफल बनाने में चार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि अपने मंत्रालय के तहत सीपीएसई ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

त्रिपुरा में बाढ़-भूस्खनल से बुरा हाल; सेना ने बचाई 330 लोगों की जान, केंद्र ने दी 40 करोड़ की मदद

अगरतला: त्रिपुरा राज्य इन दिनों भीषण बाढ़ से प्रभावित है। हालात को देखते हुए सेना और एनडीआरएफ के जवानों को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। सेना ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि उन्होंने त्रिपुरा में 330 से ज्यादा लोगों को बचाया है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई है। त्रिपुरा में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 22 लोगों की मौत हुई है। कई लोग अभी भी लापता हैं। बाढ़ के चलते 65 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और ये लोग 450 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

सेना त्रिपुरा में चला रही ऑपरेशन जल राहत
सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में भारतीय सेना ने लिखा कि ‘त्रिपुरा में ऑपरेशन जल राहत के तहत राहत और बचाव अभियान के दौरान 330 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। असम राइफल्स के 21 सेक्टर मुख्यालय के तहत आने वाली 18 असम राइफल्स की दो टुकड़ियों को बाढ़ प्रभावित अमरपुर, भामपुर, बिशलगढ़ और रामनगर में तैनात किया गया है। सात नागरिकों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।’

केंद्र सरकार ने किए 40 करोड़ रुपये मंजूर
केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित त्रिपुरा की मदद के लिए 40 करोड़ रुपये जारी करने का एलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान में कहा कि त्रिपुरा में हमारे भाई-बहन इस कठिन समय में मोदी सरकार को अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा पाएंगे। गृह मंत्री ने ये भी कहा कि राज्य सरकार की मदद के लिए एनडीआरएफ की 11 टीमें, सेना की तीन टुकड़ियां, वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर त्रिपुरा में तैनात किए गए हैं।

त्रिपुरा में बाढ़-भूस्खनल से बुरा हाल; सेना ने बचाई 330 लोगों की जान, केंद्र ने दी 40 करोड़ की मदद

अगरतला: त्रिपुरा राज्य इन दिनों भीषण बाढ़ से प्रभावित है। हालात को देखते हुए सेना और एनडीआरएफ के जवानों को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। सेना ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि उन्होंने त्रिपुरा में 330 से ज्यादा लोगों को बचाया है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई है। त्रिपुरा में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 22 लोगों की मौत हुई है। कई लोग अभी भी लापता हैं। बाढ़ के चलते 65 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और ये लोग 450 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

सेना त्रिपुरा में चला रही ऑपरेशन जल राहत
सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में भारतीय सेना ने लिखा कि ‘त्रिपुरा में ऑपरेशन जल राहत के तहत राहत और बचाव अभियान के दौरान 330 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। असम राइफल्स के 21 सेक्टर मुख्यालय के तहत आने वाली 18 असम राइफल्स की दो टुकड़ियों को बाढ़ प्रभावित अमरपुर, भामपुर, बिशलगढ़ और रामनगर में तैनात किया गया है। सात नागरिकों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।’

केंद्र सरकार ने किए 40 करोड़ रुपये मंजूर
केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित त्रिपुरा की मदद के लिए 40 करोड़ रुपये जारी करने का एलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान में कहा कि त्रिपुरा में हमारे भाई-बहन इस कठिन समय में मोदी सरकार को अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा पाएंगे। गृह मंत्री ने ये भी कहा कि राज्य सरकार की मदद के लिए एनडीआरएफ की 11 टीमें, सेना की तीन टुकड़ियां, वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर त्रिपुरा में तैनात किए गए हैं।