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इकदिल में प्रजापिता श्री ब्रह्मा बाबा का 53 वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया*

इकदिल में प्रजापिता श्री ब्रह्मा बाबा का 53 वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया*

*इकदिल,इटावा* प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मोहल्ला कायस्थान केन्द्र पर प्रजापिता श्री ब्रह्मा बाबा का 53 वां पुण्य स्मृति दिवस विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
*इस अवसर पर बी के साधना बहन ने कहा* कि ब्रह्मा बाबा ने जो कहा वह करके दिखाया।ब्रह्मा बाबा  का नाम पहले दादा लेखराज था 1937 में जब शिव बाबा निराकार ने प्रवेश किया तब उनका नाम पिता श्री ब्रह्मा बाबा रखा गया।बाबा सिंध हैदराबाद पाकिस्तान के रहने वाले थे। 18 जनवरी 1969 को ब्रह्मा बाबा ने शरीर छोड़ दिया। ब्रह्मा बाबा के अंतिम शब्द यही थे कि निराकारी,निर्विकारी,निरहकारी पवित्र बनो योगी बनो ज्ञान का कलश माताओं बहनों के सिर पर रखा।ब्रह्मा बाबा हीरे जवाहरात के व्यापारी थे, उनमें भक्ति भावना बहुत थी।उन्होंने 12 गुरु किये तथा वह विष्णु के पुजारी थे,ब्रह्मा बाबा को देखते ही शांति का अनुभव होता था।
कार्यक्रम के *मुख्य अतिथि समाज सेवी एवं पत्रकार डॉ.सुशील सम्राट* ने कैंडल जलाकर व पुष्पहार पहना कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और बाबाजी जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि दीवान चंद्र सोनी व अध्यक्षता अमित त्रिपाठी एडवोकेट ने की।इस मौके पर वीरेंद्र सिंह राणा,आकाश मिश्रा, आलोक दुबे,डिंपल दुबे,प्राची सक्सेना, मोहित,विपिन,आशा,कुसमा,सुमन, सुनीता,गिरिजा,मुस्कान व राधा उपस्थित रहे